हाई दोस्तों,
मैं कानपूर में अकेला रहता था और यही काम करता हूँ में | मेरा हर दिन काम का बोझ बड़ता रहता इसी के चक्कर में मेने एक काम वाली रख दी, उसके बारे में मेरे दोस्त ने बताया की ये गुप्त रांड में आती हे, काम के साथ साथ बिस्तर भी गर्म कर देगी | मैं बहुत खुश हुआ और उसे ऐसे ऐसे काम देता था जिससे मुझे उसके अंग देखने को मिले, जेसे पोछा मारना, कपडे धोना,झाड़ू लगाना इस किस्म के काम में जादा देता था | में हर रोज उसके चुचे देखता और उसे पता चल गया था की में क्या देखता हू | एक दिन सुबह उसके आने से पहले मैं अपना लंड निकाल के लेट गया और सोने का नाटक करने लगा और अपने उपर चद्दर डाल दी और बाजू में एक शराब की बोतल रख दी |
वो आई और मुझे उठाने लग गयी और उसने मेरे उपर से चद्दर हटाई तो उसे मेरा लंड दिख गया, उसने मेरे लंड को पेंट के अंदर डाल दिया और उठाने लग गयी पर में जान बुझ के उठ नही रहा था | उसे अब लगा की एम् पी के तल्ली हो चूका हूँ | वो फिर मेरे बगल में बैठ गयी और मेरे लंड को निकालने लग गयी और निकाल के बाद उसे चूमी और फिर उसे हिलाने लग गयी और फिर मुह में लेके चूसने लग ज्ञ, उसे लगा की में गहरी नींद में हूँ पर में तो मजा ले रहा था | वो बिच में रुक गयी तो मुझसे रहा नही गया तो मेने कह दिया रुकी क्यों चूसते रहो, तो वो झट से खड़ी हो गयी |
मेने उसे कहा आओ न पास आओ, मिलके एक दूसरे की प्यास बुझाये | वो फिर मेरे पास आई और मेरे उपर लेट के मेरे होठो को चूसने लग गयी | मैं भी उसके होठो को मस्त वाला चूसा और फिर वो उतरी और पूरी नंगी हो गयी और मुझे भी नंगा कर दिया | वो मेरे लंड को चूसने लगी और में उसके मुह को निचे से शोट दिए जा रहा था और कुछ ही देर में मैं उसके मुह में झड गया | उसके बाद वो लेट गयी और मैं उसके चुचो को चूसने लग गया और बारी बारी से एक को चूसता तो दूसरे को मसलता रहता |
दस मिनट ऐसा ही किया और फिर उसकी चुत के पास आ गया, उसकी चुत पे बाल थे मेरा मन नही था की में उसकी चुत चाटू इसीलिए मेने उसकी चुत की पंखडियो को खोल के देखा तो गीली थी, तो और भी मन नही किया | मैं उसके चुत के छेद में ऊँगली अंदर बाहर करने लग तो वो कराहने लग गयी | मैं फिर उठ के उसके चुत पे लंड सटा दिया और फिर कस के पेल दिया | वो एक दम से अहह की और फिर शांत हो गयी |
मैं लगातार उसे पेलता रहा और धीरे धीरे अपनी गती बढाता गया और वो आह ऐईईई अह्म्म्म्म ओह्ह औईईई उ उ ऊ करती रही | करीब बीस मिनट उसे उसी तरह कराहता देखा और फिर वो एक दम से झड गयी और ढीली पड गयी, उसके झड़ने के बाद मैं भी झड गया और उसकी चुत में अपना पूरा मुठ छोड़ दिया | उसके बाद मैं उसके उपर ही ढीला पड के सो गया और वो अपनी टांगो को मेरे कमर के उपर बाँध के सो गयी | उसदिन में साला उसके कारण काम पे भी नही जा पाया और दूसरे दिन बॉस के गालियाँ सुना |
मैं कानपूर में अकेला रहता था और यही काम करता हूँ में | मेरा हर दिन काम का बोझ बड़ता रहता इसी के चक्कर में मेने एक काम वाली रख दी, उसके बारे में मेरे दोस्त ने बताया की ये गुप्त रांड में आती हे, काम के साथ साथ बिस्तर भी गर्म कर देगी | मैं बहुत खुश हुआ और उसे ऐसे ऐसे काम देता था जिससे मुझे उसके अंग देखने को मिले, जेसे पोछा मारना, कपडे धोना,झाड़ू लगाना इस किस्म के काम में जादा देता था | में हर रोज उसके चुचे देखता और उसे पता चल गया था की में क्या देखता हू | एक दिन सुबह उसके आने से पहले मैं अपना लंड निकाल के लेट गया और सोने का नाटक करने लगा और अपने उपर चद्दर डाल दी और बाजू में एक शराब की बोतल रख दी |
वो आई और मुझे उठाने लग गयी और उसने मेरे उपर से चद्दर हटाई तो उसे मेरा लंड दिख गया, उसने मेरे लंड को पेंट के अंदर डाल दिया और उठाने लग गयी पर में जान बुझ के उठ नही रहा था | उसे अब लगा की एम् पी के तल्ली हो चूका हूँ | वो फिर मेरे बगल में बैठ गयी और मेरे लंड को निकालने लग गयी और निकाल के बाद उसे चूमी और फिर उसे हिलाने लग गयी और फिर मुह में लेके चूसने लग ज्ञ, उसे लगा की में गहरी नींद में हूँ पर में तो मजा ले रहा था | वो बिच में रुक गयी तो मुझसे रहा नही गया तो मेने कह दिया रुकी क्यों चूसते रहो, तो वो झट से खड़ी हो गयी |
मेने उसे कहा आओ न पास आओ, मिलके एक दूसरे की प्यास बुझाये | वो फिर मेरे पास आई और मेरे उपर लेट के मेरे होठो को चूसने लग गयी | मैं भी उसके होठो को मस्त वाला चूसा और फिर वो उतरी और पूरी नंगी हो गयी और मुझे भी नंगा कर दिया | वो मेरे लंड को चूसने लगी और में उसके मुह को निचे से शोट दिए जा रहा था और कुछ ही देर में मैं उसके मुह में झड गया | उसके बाद वो लेट गयी और मैं उसके चुचो को चूसने लग गया और बारी बारी से एक को चूसता तो दूसरे को मसलता रहता |
दस मिनट ऐसा ही किया और फिर उसकी चुत के पास आ गया, उसकी चुत पे बाल थे मेरा मन नही था की में उसकी चुत चाटू इसीलिए मेने उसकी चुत की पंखडियो को खोल के देखा तो गीली थी, तो और भी मन नही किया | मैं उसके चुत के छेद में ऊँगली अंदर बाहर करने लग तो वो कराहने लग गयी | मैं फिर उठ के उसके चुत पे लंड सटा दिया और फिर कस के पेल दिया | वो एक दम से अहह की और फिर शांत हो गयी |
मैं लगातार उसे पेलता रहा और धीरे धीरे अपनी गती बढाता गया और वो आह ऐईईई अह्म्म्म्म ओह्ह औईईई उ उ ऊ करती रही | करीब बीस मिनट उसे उसी तरह कराहता देखा और फिर वो एक दम से झड गयी और ढीली पड गयी, उसके झड़ने के बाद मैं भी झड गया और उसकी चुत में अपना पूरा मुठ छोड़ दिया | उसके बाद मैं उसके उपर ही ढीला पड के सो गया और वो अपनी टांगो को मेरे कमर के उपर बाँध के सो गयी | उसदिन में साला उसके कारण काम पे भी नही जा पाया और दूसरे दिन बॉस के गालियाँ सुना |