चूत का भोसड़ा बन जाता है पैसा कमाने में

sexstories

Administrator
Staff member
बाबा बेलन की यह चूत उक्ति-

चूत और मुहब्बत के सिवा और भी गम है जमाने में

चूत का भोसड़ा बन जाता है पैसा कमाने में॥

इसके साथ शुरुआत करते हैं, आज के सेक्सी स्टोरी की। दोस्तों मैं हूं आजाद और आपके लिए लाया हूं, फिर से एक बार बलवाई शहर मेरठ की गलियों से एक लंड खड़ा कर देने वाली कहानी।

मैं वहां पर एक डिस्टिलरी है, त्रिवेनी के नाम से उसमें, काम करता हूं। सच तो ये है कि वहां दारु तैयार होती है, और आजकल के लौंडे जो दारु और बीयर पीते हैं, वो हमारे प्लांट में ही तैयार होती है।

खैर हम वहां पर ऐज ए कमिस्ट तैनात थे और हमारे प्रोडक्शन मैनेजर राजीव यादव से मेरी खूब पटती थी। सच तो ये है कि मेरा उनके घर आना जाना लगा रहता था। मैं अभी अविवाहीत था और एक ही कास्ट का होने के चलते राजीव सर मुझसे थोड़ा साफ्ट कार्नर रखते थे। मेरी नजर उनकी अठरह साल की नौजवान होती बेटी पर थी।

कसम से वो फूल गुलाब की थी, उसकी गांड में मस्ती हुबाब सी थी

आंखें तो उसकी शराब सी थी, पर शायद चूत में बहुत ही शबाब सी थी

कसम से उसको देख कर मेरी अश्लील शायरी फूट पड़ती थी। उससे बात नहीं हो पाती थी। मेरी उम्र भी यही पच्चीस साल की थी और मैं कम्पनी में अच्छे पोस्ट पर था। इसलिए मैं अक्सर सोचता था कि शायद वो अपनी बेटी से मेरी शादी कर दें।

खैर एक दिन उन्होंने मुझे अपने घर डिनर पर बुलाया, मैं अच्छा सूट पहन कर उनके घर पहुंचा। वो भी आज कुछ खास लग रहे थे। डायनिंग टेबल पर उनकी बेटी मेघा भी बैठी थी, वो आज महंगे फ्राकसूट में एकदम परी लग रही थी। आज मनोज जी ने परिचय करवाना गंवारा समझा

"मेघा, ये मनोज हैं, केमिस्ट हैं और बहुत ही बुद्धिमान और अच्छे लडके हैं" वो मुझे पहले ही देखती थी, चोर नजरों से और जानती थी कि मैं भी उसे देखता हूं, पर आज उसे मौका मिला था

उसने कहा " हाये, मेरा नाम मेघा है, मुझे आपसे मिलके खुशी हुई" उसकी मिश्री घोलती आवाज मेरे कानों में घुलती चली गयी। वो खुश थी। मैने डिनर अच्छे से किया और सब लोग लान में टहलने लगे। मनोज जी और उनकी बीबी एक साथ और हम और मेघा एक साथ टहलने लगे।

मुझे लग रहा था कि शायद मनोज जी ने शादी के बारे में कुछ सोच रखा हो। इसलिए उन्होंने मुझे इतना घुलने मिलने का मौका दिया था। चलते हुए मेरा हाथ उसके हाथ में छू गया, वो एकदम से सन्नाई और उसने फिर मेरी उंगली धीरे से पकड़ ली। मुझे चार सौ चालीस का झटका लगा।

मैने उसको अपनी एक उंगली दे दी। उसने धीरे से चिकोटी काटते हुए कहा "ऐसा नहीं लग रहा है कि हम दोनों ने परिचय करने में देर कर दी" मैं समझ गया था कि आग दोनों तरफ है, तो मैने कहा " बिल्कुल मुझे भी ऐसा लग रहा है" तो उसने कहा, "आज अपने गेस्ट रुम का दरवाजा खुला रखना"

चूत में भी आग थी लंड में भी कुछ बात थी।

मैं समझ गया। सब लोग अपने अपने कमरे में सोने चले गये। मैं बेसब्री से मेघा का इंतजार कर रहा था। सच तो ये है कि मेरे दिमाग में बस लंड और चूत का खेल चल रहा था। मैने अपने एंड्रायड फोन में विडियोज लगा के देखनी शुरु कर दी थी।

फिर तभी दरवाजा खुला और मेघा अंदर आयी, उसने सिटकनी चढा दी और सीधे बेड पर आकर बैठ गयी। उसकी नाईटी झीनी थी, जिससे उसके स्तन की चमक और गोरे बदन की झिलमिलाहट वैसे ही छन के आ रही थी जैसे कि बादलों के बीच चांद की रौशनी छन के आने लगती है।

मैने उसका हाथ पकड़ के चूम लिया और वो मेरे गोद में आकर बैठ गयी। उसकी गुदाज गांड मेरे लंड के ठीक उपर थी। मेरा लंड् भी अब पाजामे से बाहर आने को फड़फड़ा रहा था। मैने उसे किस किया, गोरी गोरी गाल पर लाल लाल सुर्ख होट और चमकता हुस्न।

किस करने के साथ ही, मैने उसके चूंचे टटोलने शुरु कर दिये। एकदम निर्दोष चूंचे, मस्त और कठोर। मैने उसकी नाइटी नीचे सरकाई, कंधे से नीचे और फिर उसके एक चूंचे को चूसने लगा।

दूसरे चूंचे को लेकर मसलने लगा। वो मस्त हो रही थी, उसने पैंट के उपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपनी नाईटी और मेरा पाजामा दोनों एक एक कर के उतार दिये।

मैने अपनी टीशर्ट उतारी और अब हम दोनों पूरे ही नंगे थे। मै अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता था। मैने उसको बेड के किनारे बैठाया, उसकी दोनों टांगे अलग कीं और उसके बीच बैठ कर अपने मुह को टांगो के बीच चूत पर रखा। जोर से अपने चेहरे और होटों को दबाते हुए मैने उसकी चूत को बर्गर की तरह खाना शुरु कर दिया। वो एकदम गीली हो चुकी थी और जरा सी देर में वो मेरे मुह में झड़ गयी।

अब मेरी बारी थी, उसके चूत को झड़ाने के बाद मैने अपना लंड उसके मुह में दिया। इस बार वो जमीन पर बैठी थी। उसने मेरे लंड पर अपने होट उपर नीचे करते हुए और जीभ से सुपाड़े को सहलाते हुए मेरे अंड्कोषों का मसाज करना जारी रखा। कभी कभी वो अपने हाथ मेरे पिछवाड़े पर सहला कर एक अलग मजा ला देती। और कभी कभी तो उसने लंड चूसते हुए अपनी एक उंगली मेरे गांड में घुसाने की कोशिश की। वो कुंवारी तो थी, पर बहुत कल्पनाशील और नाटी थी।

मैने उसे कहा कि अब मैं झड़ने वाला हूं तुम्हारे मुह में। उसने अपनी मस्त निर्दोष आंखों से मेरी तरफ देखते हुए मानों ये कहा, कि मुझे मेरी मेहनत का फल दो और मुझे मेरे मुह में ही झड़ जाओ। मैने अब खुद ही जोर जोर से धक्के मारने शुरु कर दिये थे।

उसने अपने गले में गहराई तक लंड लिया और जब मेरे लंड का बिस्फोट हुआ, उसका मुह और गला भर आया। वो सारा वीर्य पी गयी।

थोड़ी देर बाद हमने एक दूसरे के बदन के साथ खिलवाड़ करते हुए लंड को फिर खड़ा किया, उसकी चूत भी रेडी हो चुकी थी। इस बार उसने मोटे लंड को पकड़ कर अपने चूत के दरवाजे पर रख लिया। मैने धक्के लगाने शुरु किये तो बोली, मैने ऐसा करते हुए अपने मोबाइल में इंटरनेट पर देखा है, कभी किया नहीं है। ज्यादा दर्द तो नहीं होगा

मैने उसके मुह पर हाथ रखते हुए उसकी आवाज बंद की और एक जोर दार धक्का मारा, उसकी घुटी घुटी चीख निकल गयी। चूत की सील टूट चुकी थी और लंड जोरदार झटके के साथ जड़ तक उसकी चूत में फना हो चुका था।

वो अपनी बड़ी बड़ी आंखों में आंसू लाकर मुझे लाचार देख रही थी, शायद उसे दर्द हो रहा था पर तभी, थोड़ी देर बाद ही, जब उसकी गांड सरक सरक के मेरे लंड में चूत को धकेलने लगी तो मैं समझ गया कि उसे अब दर्द नहीं हो रहा और उसे मस्ती छा रही है।

मैने उसे थोड़ी देर तक मिशनरी पोजिशन में लेने के बाद उसको अपने लंड पर उल्टा रिवर्स काउगर्ल पोजिशन में बिठा लिया। वो मस्त थी, उसने अपनी चूत को उपर नीचे करते हुए जबरदस्त परफार्मेंस दी। फिर बारी थी कुतिया बनने की और उसको सोफा पकड़ा कर मैने कुतिया बना दिया।

फिर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर जोरदार तेजी से चोदना शुरु किया। वह एकदम मस्त हो कर चुद रही थी, खुद अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी, और चिल्ला रही थी, ओह येस ओह येस, येस येस येस येस!! फक मी!! येह। आखिर वो इंजीनियरिंग की स्टूडेंट थी। इतनी इंग्लिश तो वो जानती ही होगी।

जब मैने अपने धक्के चरम पर दिये तो उसकी चूत के अंदर कुछ कंपन सा हुआ और वो सिकुड़ गयी। लंड पर कस गयी और फिर एक पिचकारी सी मेरे लंड के बाहर खींचते ही उसके चूत से निकली और मेरे बदन पर छिटक गयी।

वो आर्गज्म पा चुकी थी, उसके चेहरे पर संतोष और आंखों में चमक थी। तभी मैने उसको अपना लंड चूसने को दिया। उसने जोर जोर से चूस कर मेरे लंड को देसी मुखमैथुन का बेहतरीन मजा देना फिर से शुरु कर दिया। और फिर मैं उसके मुह में दुबारा झड़ गया। उस रात कार्यक्रम चूत और लंड के बीच लड़ाई के रुप में चलता रहा।
 
Back
Top