चूत का मजा जमकर लिया

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Sex stories in hindi, Antarvasna: मेरी उम्र 27 वर्ष की हो चुकी है मैं एक प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करती हूं और मेरे पापा भी बैंक में मैनेजर हैं। परिवार से मुझे हमेशा ही पूरा सपोर्ट मिला है लेकिन उस दिन जब मैं ऑफिस से घर आई तो मुझे भी महसूस होने लगा था कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए। मेरी शादी की उम्र भी हो गई है इसलिए मैं शादी का पूरा मन बना चुकी थी और मैंने लड़के देखने भी शुरू कर दिए थे। मेरे पापा मेरे लिए ना जाने कितने ही लड़के देख चुके थे, मैं जिस लड़के को मिलती तो मुझे उससे मिलकर ना जाने क्यों अच्छा नहीं लगता मुझे ऐसा लगता कि जैसे मैं उस लड़के के साथ अपनी जिंदगी नहीं बिता पाऊंगी।

मैं बहुत ज्यादा परेशान थी और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मुझे करना क्या चाहिए मैंने इस बारे में अपनी सहेली से बात की तो वह मुझे कहने लगी कि सुहानी तुम बिल्कुल चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा और एक ना एक दिन तुम्हें अच्छा लड़का जरूर मिलेगा जैसा कि तुम चाहती हो। शायद मेरी सहेली की बात सही हुई, एक दिन मैं अपने फेसबुक पर अपनी एक तस्वीर अपलोड कर रही थी, मैंने जब अपनी फोटो अपलोड की तो उसमें किसी मनीष नाम के लड़के ने कमेंट किया और जब मैंने उस मनीष की प्रोफाइल देखी तो मैं सोचने लगी कि मुझे उसे रिप्लाई करना चाहिए या नही। मैंने मनीष को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी और उसने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट भी कर ली उसके बाद हम दोनों की बातें होने लगी। हम दोनों की काफी बातें होने लगी थी मैं कुछ समझ नहीं पाई कि आखिर मेरे और मनीष के बीच चल क्या रहा है लेकिन मुझे मनीष से बात करना अच्छा लगता और मनीष को भी मुझसे बात करना अच्छा लगता। मनीष मुझसे मिलो दूर अमेरिका में ही जॉब करता था मनीष और मेरी फेसबुक चैट के माध्यम से ही ज्यादातर बातें होती थी।

इतनी दूर होने के बावजूद भी मुझे मनीष में एक अपनापन सा लगता था मुझे ऐसा लगता कि मनीष बहुत ही अच्छा लड़का है और मनीष एक अच्छे इंसान भी हैं। समय बीतता जा रहा था और हम दोनों की बातें भी अब काफी होने लगी थी कुछ पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों को बातें करते हुए 6 महीने से ऊपर हो गए और हम दोनों एक दूसरे से बहुत बातें करने लगे थे। मैं और मनीष एक दूसरे से मिलना चाहते थे मैं कई बार मनीष से चैट के माध्यम से बातें किया करती थी। एक दिन मैंने मनीष को कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहती हूं मनीष ने कहा कि ठीक है हम लोग एक दूसरे से मिलते हैं, मैं यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई। मनीष ने मुझे कहा कि मैं तुमसे मिलने के लिए मुंबई आ रहा हूं, जब मनीष ने मुझसे यह बात कही तो मैं बहुत ही खुश हो गई थी कि मनीष मुझसे मिलने के लिए मुंबई आ रहे हैं। मनीष को मिलने के लिए मैं उस दिन एयरपोर्ट पर गई और मनीष को मैंने वहां से रिसीव किया उसके बाद हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। मनीष ने मुझे बताया कि उसके कोई परिचित मुंबई में ही रहते हैं और मनीष उनके घर पर ही रुकने वाले थे, मनीष उनके घर पर ही कुछ दिनों तक रुके। मुझे तो मनीष से मिलकर बहुत ही अच्छा लग रहा था मुझे जैसा लड़का चाहिए था मनीष बिल्कुल वैसे ही थे मनीष और मैं एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे इसलिए हम दोनों अब एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे। मैंने मनीष को कहा कि मनीष मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं तो मनीष कहने लगे कि सुहानी मैं भी तुमसे शादी करना चाहता हूं लेकिन मैं कोर्ट मैरिज करना चाहता हूं। मैंने मनीष को समझाया और कहा कि लेकिन मेरी फैमिली वाले इस बात के लिए नहीं मानेंगे मनीष ने मुझे कहा कि सुहानी तुम एक बार अपने पापा से बात कर लो। मैंने मनीष को कहा कि ठीक है मैं पापा से बात कर लेती हूं। मैंने पापा से बात की लेकिन पापा तो चाहते थे कि मेरी शादी धूम धाम से हो और मुम्बई में ही वह मेरी शादी करवाना चाहते थे। मनीष पापा से भी मिल चुके थे और किसी को भी मनीष से कोई एतराज नहीं था क्योंकि मुझे यह बात अच्छे से पता थी कि मेरी खुशी में ही मेरे परिवार वालों की खुशी है और वह लोग भी मेरी शादी मनीष से करवाने के लिए तैयार हो चुके थे।

मनीष और मैंने कोर्ट मैरिज कर ली लेकिन पापा भी चाहते थे कि हम दोनों दोबारा से शादी करें और पापा ने हम दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से करवाई। हम दोनों की शादी हो गई और मनीष की फैमिली भी मुंबई आई हुई थी मनीष की फैमिली दिल्ली में रहती है और वह लोग भी कुछ समय के लिए मुंबई आ गए थे। मनीष और मेरी शादी हो चुकी थी और मैं बहुत खुश थी, मनीष मुझे कहने लगे कि तुम मेरे साथ अमेरिका चलोगी तो मैंने मनीष को कहा कि क्यों नहीं। मैंने और मनीष ने अमेरिका जाने का फैसला कर लिया था मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आया कि हम दोनों की शादी इतनी जल्दी कैसे हो गई। मैं मनीष को कुछ समय पहले ही तो मिली थी लेकिन अब मनीष और मेरी शादी हो चुकी थी और हम दोनों पति पत्नी बन चुके थे। मनीष और मैं अमेरिका जाने के लिए तैयार थे मनीष ने मेरे सारे डॉक्यूमेंट तैयार करवा लिए थे और मैं मनीष के साथ अमेरिका चली गई। मनीष और मैं अमेरिका जा चुके थे मैं बहुत खुश थी कि मनीष और मैं अमेरिका में ही साथ में रहेंगे। मैं मनीष के साथ अब अमेरिका चली गई। हम दोनों के बीच पहली बार शारीरिक संबंध बना।

हम दोनों एक दूसरे के साथ फोन पर लंबे समय से बात कर रहे थे लेकिन जब पहली बार मनीष ने मेरे हाथ को पकड़ा तो मुझे ऐसा महसूस होने लगा जैसे मनीष मेरे साथ आज सेक्स के पूरे मूड में हैं। हम दोनों के बीच उससे पहले कभी भी सेक्स संबध नहीं बना था अब हम दोनों की शादी हो चुकी थी इसलिए मुझे इस बात से कोई एतराज भी नहीं था। मै चाहती थी मै मनीष के साथ सेक्स का मजा लूं क्योंकि मैं भी दिल है दिल चाहती थी कि वह मुझे सतुष्ट करे। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मनीष ने मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे अपनी और खींचा तो मैं मनीष की गोद में बैठ गई और मनीषा मुझे महसूस करने लगे। मनीष ने मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया जब मनीष मेरे स्तनों को दबा रहे थे तो मुझे मजा आने लगा और मनीष को भी बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। मनीष को इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि वह मेरे होठों को चूमने लगे उन्होंने मेरी जांघ को सहलाना शुरु किया तो मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी। मैंने भी मनीष को कहा अब मुझसे रहा नहीं जाएगा। मनीष ने मुझे कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा और यह कहते ही मनीष ने मुझे अपनी बाहों में समा लिया और अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले गए। जब मनीष और मैं बेडरूम में थे तो मनीष ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मनीष ने मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक पूरा महसूस किया मैंने भी अपने बदन से कपड़े उतार दिए मैं सिर्फ पंटी ब्रा मे थी। जब मनीष ने मेरी ब्रा को खोलकर मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। मनीष को भी बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था वह मुझे पूरी तरीके से गर्म कर चुके थे मनीष ने मेरे सामने अपने लंड को किया तो मैंने मनीष को कहा तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा है। मनीष ने मुझे कहा हां तुम बिल्कुल सही कह रहे हो। मैंने जब मनीष के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा।

मनीष को भी बड़ा मजा आ रहा था हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होते चले गए थे। मनीष बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने मनीष के लंड से पानी बाहर निकाल दिया था। मैंने मनीष के लंड को तब तक चूसा जब तक मनीष के लंड से पानी बाहर नहीं आ गया। मनीष ने मेरी योनि को चाटकर पूरी तरीके से गिला कर दिया। मनीषा ने मेरी चूत पर अपने लंड को लगाकर जैसे ही अंदर की तरफ डाला तो मुझे दर्द का एहसास हो रहा था। मनीष का लंड मेरी योनि में प्रवेश हो चुका था मुझे बड़ा दर्द हुआ। जब मनीषा ने मुझे धक्के मारने शुरू किए तो मुझे मजा आने लगा मेरी चूत से निकलता हुआ खून बहुत ज्यादा बढ़ चुका था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मनीष ने मेरे दोनों पैरो को खोल लिया वह मुझे कहने लगे तुम बड़े ही अच्छी हो। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था यह बात सुनकर मैंने मनीष का पूरा साथ दिया। जब मैंने मनीष को कहा मुझे डॉगी स्टाइल में चोदा मनीष ने मेरी चूतडो को अपने सामने किया मनीष ने मुझे धक्के देना शुरू कर दिए। मैने मनीष से कहा मुझे और तेजी से चोदा। मनीष मुझे और तेजी से धक्के मार रहे थे मेरी चूत से बहुत ज्यादा खून निकल रहा था।

मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मनीष भी अपने आपको रोक पा रहे थे मनीष की धक्के मारने की स्पीड बढ़ती जा रही थी। मेरी चूतडो का रंग लाल होने लगा था। महेश ने मेरी चूतडो को लाल कर दिया था। मैं भी मनीष से अपनी चूतड़ों को मिलाए जा रही थी मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था। जब मैं मनीष से अपनी चूतडो को मिलाती तो मनीष मुझे कहती मुझे तुम्हे धक्के मारने में मजा आ रहा है। मेरी चूत से निकलता हुआ खून बढ चुका था मनीष को बहुत मजा आ रहा था। मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी मैंने और मनीष ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक संभोग का मजा लिया। मनीष ने मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिरा कर हम दोनों के रिश्ते की शुरुआत की तो मैं बड़ी खुश थी। मनीष भी बहुत खुश हो गए थे उसके बाद हम दोनों ने फैसला कर लिया था हम दोनों एक दूसरे को कभी भी सेक्स की कमी नहीं होने देंगे। हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा सेक्स का मजा खुलकर लिया करते।
 
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