चूत ने वीर्य बाहर खींच लिया

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Antarvasna, hindi sex story: मैं हर रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर गया हुआ था और जब मैं मॉर्निंग वॉक से घर लौटा तो मैंने देखा पापा घर पर अखबार पढ़ रहे थे। मैंने पापा से पूछा कि क्या आज आप ऑफिस नहीं जा रहे हैं तो पापा कहने लगे कि नहीं सार्थक बेटा आज मैं ऑफिस नहीं जा रहा हूं। मैंने उन्हें कहा कि आज मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए जा रहा हूं तो वह कहने लगे ठीक है मैंने उनसे कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे तो पापा ने मुझे पैसे दे दिए। मैं अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ उस दिन घूमने के लिए जाने वाला था और हम लोग उस दिन मूवी देखने के लिए चले गए। जब हम लोग मूवी थिएटर के बाहर टिकट खरीद रहे थे तो वहां पर काफी ज्यादा भीड़ थी और हम लोगों ने किसी प्रकार से टिकट खरीद ली। उसके बाद जब हम लोग मूवी देख कर वापस लौटे तो कुछ देर हम लोग डोमिनोज में बैठे हुए थे वहां पर हम लोग पिज़्ज़ा खा रहे थे तभी हमारे कॉलेज में पढ़ने वाली आशा मुझे दिखाई दी।

आशा हमारे कॉलेज में ही पड़ती है लेकिन उससे मेरी कभी बात नहीं हो पाई वह कॉलेज में हमारी जूनियर है और फिर हम वहां से घर लौट आए। मैं जब घर पहुंचा तो पापा और मम्मी मेरा इंतजार कर रहे थे हम लोगों ने खाना खाया और खाना खाने के बाद मैं अपने रूम में चला गया। थोड़ी देर तक मैं अपने लैपटॉप में ही मूवी देखता रहा मूवी देखने के बाद मैं सो गया मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई। मैं जब सुबह उठा तो उस वक्त सुबह के 8:00 बज रहे थे मैं उठकर बाथरूम की तरफ गया और बाथरूम में मुँह धोने के बादआई बाहर आ गया। पापा नाश्ता कर रहे थे वह मुझे कहने लगे कि सार्थक बेटा तुम बहुत देर से उठ रहे हो तो मैंने उन्हें कहा पापा आज मेरी आंख ही नहीं खुल पाई। उसके थोड़ी देर बाद पापा भी अपने ऑफिस चले गए और मैं भी अपने कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगा। जल्दी से मैं अपने कॉलेज के लिए तैयार हुआ और मां ने मुझे नाश्ता दिया उसके बाद मैं भी अपने कॉलेज चला गया मैं जब अपने कॉलेज गया तो मुझे आशा दिखाई दी उस दिन मैंने आशा से बात कर ली और यह दूसरी या तीसरी बार ही था जब मैंने उससे बात की थी।

आशा और मैं एक दूसरे से बात करने लगे थे आशा को पढ़ने का बड़ा शौक था इसलिए वह ज्यादातर समय लाइब्रेरी में ही बिताया करती थी। मैं उसके बिल्कुल विपरीत था मुझे पढ़ने का बिल्कुल शौक नहीं था लेकिन फिर भी मैं आशा के साथ लाइब्रेरी में जाया करता था। हम दोनों के बीच काफी अच्छी बॉन्डिंग होने लगी थी और मेरे दोस्तों को तो यह लगने लगा था कि मेरे और आशा के बीच में कुछ चल रहा है लेकिन मैंने उन्हें कहा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं सिर्फ आशा से बात करता हूं। जल्द ही हम दोनों के बीच में रिलेशन बनने वाला था और हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे। मुझे आशा के साथ अच्छा लगता है और उसे भी मेरे साथ काफी अच्छा लगता है। एक दिन मैं और आशा हमारी कॉलेज की कैंटीन में बैठे हुए थे तो वहां पर आशा की बहन आई और वह काफी ज्यादा गुस्से में थी उसकी बहन ने हम दोनों को कहा कि तुम दोनों यहां पर क्या कर रहे हो। आशा भी वहां से चली गई आशा की बहन को ना जाने मुझसे क्या परेशानी थी कि वह अक्सर ही मुझे देख कर आशा को डांट दिया करती थी। आशा और मैं एक दूसरे के साथ फिर भी समय बिताने की कोशिश करते ही थे। एक दिन मैं उससे फोन पर बात कर रहा था जब मैं उससे फोन पर बात कर रहा था तो मुझे उससे फोन पर बातें करते हुए काफी देर हो चुकी थी और मुझे उससे बात करना अच्छा भी लगता है। हम लोग काफी देर तक बात किया करते थे और फोन पर बातें करते करते ना जाने मैं कब सो गया मुझे कुछ पता ही नहीं चला। अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो जल्दी से मैं अपने कॉलेज के लिए तैयार हो चुका था और तैयार होने के बाद मैं अपने कॉलेज के लिए चला गया। मैं अपने कॉलेज पहुंचा तो मैंने देखा आशा कॉलेज नहीं आई है मैंने आशा को फोन किया तो आशा मुझे कहने लगी कि आज हम लोग अपने किसी फैमिली फ्रेंड के घर जा रहे हैं। उस दिन आशा कॉलेज नहीं आने वाली थी इसलिए मुझे बड़ा ही अजीब सा महसूस हो रहा था और मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। उस रात मैंने आशा से काफी देर तक बात की और आशा को कहा कि आज तुम मुझे मिली नहीं तो मुझे बड़ा ही अजीब सा महसूस हो रहा था।

आशा और मैं अब एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं सकते थे हम दोनों का प्यार ऐसे ही परवान चढ़ता जा रहा था और मुझे आशा का साथ बहुत ही अच्छा लगता है मैं और आशा ज्यादातर समय साथ में बिताते थे। हमारे कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी हो चुकी थी और मैं अब नौकरी की तलाश में था जल्द ही मेरी एक अच्छी कंपनी में नौकरी भी लग गई। आशा और मैं अब फोन पर ज्यादा बात करते थे हालांकि मेरी आशा से मुलाकात नहीं हो पाती थी लेकिन उसके बावजूद भी जब भी मैं आशा को मिलता तो हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताने की कोशिश करते। एक दिन आशा और मैं पब में गए हुए थे उस दिन मैंने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली थी जिससे कि उस दिन आशा और मैं एक दूसरे के साथ ही रुकने वाले थे हालांकि पहले आशा इस बात के लिए तैयार नहीं थी लेकिन फिर वह मेरी बात मान गई। हम लोग एक होटल में रुक गए मैंने उस होटल में रूम लिया। जब हम लोग होटल के रूम में गए तो आशा मुझे कहने लगी मैं सो रही हूं मुझे बहुत नींद आ रही है अब आशा सो चुकी थी और मैं उठा हुआ था मुझे नींद ही नहीं आ रही थी मेरा नशा धीरे-धीरे कम होने लगा था।

जब आशा को मैंने अपनी बाहों में लेने की कोशिश की तो वह गहरी नींद में थी वह सो चुकी थी इसलिए मैंने उसे उठाना ठीक नहीं समझा। मैं उसकी जींस को नीचे उतारकर उसकी चूत से अपने लंड को सटाने लगा मेरा लंड खड़ा होने लगा था आशा गहरी नींद में थी। जब वह ऊठी तो उसने मेरे लंड को देखा वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी शायद वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी और उसने अपने हाथों में मेरे लंड को लिया। मेरा लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था वह उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी तो उसे मज़ा आने लगा था। बहुत देर तक उसने मेरे लंड को ऐसे ही चूसा और मेरी गर्मी को उसने पूरी तरीके से बढ़ा दिया मेरे अंदर की आग बहुत बढ़ चुकी थी मुझे लगने लगा था कि मेरे अंदर अब इतनी आग बढ़ चुकी है कि मैं बिल्कुल अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा। मैंने उसके कपडे उतार दिए और उसके बूब्स को मैं अपने मुंह में लेकर उनको चूसने लगा वह भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी और मुझे कहने लगी तुम जल्दी से मेरी चूत मे लंड डाल दो वह बहुत ही ज्यादा बेताब थी। मैंने भी जल्दी से उसकी चूत के अंदर लंड को घुसाने का फैसला कर लिया और जैसे ही मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत मे घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई आशा की योनि से खून आने लगा उसकी चूत से इतना अधिक खून बाहर की तरफ को निकलने लगा था कि मुझे मजा आने लगा था। वह भी मेरे लिए अब तड़पने लगी थी हम दोनों की तडप बढ़ने लगी थी मैंने उसे कहा कि मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने उसकी चूत के अंदर तक तक लंड को डाल दिया था लेकिन अब आशा की गर्मी कुछ अधिक बढ़ने लगी थी जिससे कि वह मुझे कहने लगी तुम जल्दी से मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिरा दो। मैंने जल्दी ही उसकी योनि में अपने माल को गिरा दिया मैंने अपने लंड को बाहर निकाला।

मैंने उसकी चूत को साफ किया और उसकी चूत मे लंड अंदर घुसा दिया जैसे ही मैंने ऐसा किया तो वह जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी बहुत ही अच्छा लग रहा है। मुझे अब मजा आने लगा था मेरा लंड उसकी चूत के अंदर पूरी तरीके से सेट हो चुका था जिससे कि मुझे उसे चोदने में आसानी होने लगी थी और उसकी चूत से निकलता हुआ पानी अब और ज्यादा बढ़ने लगा था। उसके अंदर की गर्मी बाहर निकलने लगी थी मेरे अंदर एक अलग ही प्रकार की आग पैदा होने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसकी चूत के अंदर बहार अपने लंड को किया मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसे उसके पेट के बल लेटा दिया जब मैंने उसकी चूतड़ों को ऊठाकर उसकी चूत को खोला तो मैंने देखा उसकी चूत के अंदर मुझे अपने लंड को डालना चाहिए और मैंने अपने लंड को उसकी चूत मे डाला।

मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाला तो वह जोर से चिल्लाई और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था जिसके बाद वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मुझे अब उसको चोदने में मजा आ रहा था लेकिन मेरा माल अभी भी बाहर की तरफ को नहीं गिरा था। वह मुझे कहने लगी कि तुम मुझे ऐसे ही चोतदे जाओ मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारता तो वह अपनी चूतडो को ऊपर उठाने की कोशिश करती। जब वह ऐसा करती तो उसकी चूत की दीवार से मेरा लंड टकरा जाता जिस से कि उसकी गर्मी अब और अधिक बढ़ने लगी और मेरे अंदर की आग अब बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है वह इतनी अधिक गर्म हो चुकी थी कि मेरे अंदर की आग को उसने पूरी तरीके से बढ़ा दिया था और मुझे लगने लग गया था कि उसकी चूत मेरे वीर्य को अब बाहर को खींचने लगी है। जैसे ही उसकी चूत मे मे मेरा वीर्य तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
 
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