चूत पसंद नवाब साजिद अली : ऐतिहासिक कहानी

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चूत पसंद नवाब साजिद अली

नवाब साहब चूत के उन कद्र दानों में से थे जो कि हर प्रकार के चूत के स्वाद लेने के लिए दुनिया का हर कोना छान सकते थे। नवाब साजिद अली की कहानी ऐय्याशों की परंपरा में उस मुकाम पर है जहां वो सबसे बड़े पेलक्कड़ माने जाते थे। नवाब साजिद अली चूत के उपर तरह तरह के प्रयोग करके चुदाई करने और विचित्र विचित्र सेक्सुअल प्रयोगों के लिए ज्यादा जाने जाते हैं। आज उनकी मुलाकात एक बड़ी ही लाजवाब फुद्दी वाली खातून से होने की कहानी लाए हैं बेलन आपके लिए। चूत की रानी बोले तो जहां आरा वो शख्शियत है जिसकी जवानी पर तख्तोताज बदल गये। वो दिल्ली की तख्तो ताज की राजकुमारी थी लेकिन बड़ी हीइ विदुषी थी। उसके संबंध वैसे तो अपने बाप से भी होने के किस्से हैं पर फिर भी हम आपको वो कहानी सुनाते हैं जो साजिद अली ने अपने लंड के कलम से इतिहास के पन्नों पर उकेर दी थी। जनाब साजिद अली छोटे से रियासत टांडा के जमींदार थे। नवाबी के नाम पर छप्पन गांवों की जमीन और उससे मिलने वाला कर वसूली और फिर हर प्रकार की जवान लड़कियां थीं। साजिद के दरबार में एक दरबारी था जो रियासत में जवान होने वाली हर लड़की का रिकार्ड रखता था, जैसे ही कोई लड़की की चूंचि नुकीली हुई और नवाब साजिद अली ने उसे अप्नी सेवा में पेश किया। नवाब अली की विचित्र हरकतों में एक हरकत ये थी कि वो लड़की के सामने अपने उपर तरह तरह के प्रयोग करता था और फिर लड़की के उपर भी यही काम करता था जब तक वो ऐसा नहीं करता, उसका लंड खड़ा न होता।

पहला किस्सा आप को सुनाते हैं, - नवाब ने एक अहीर की जवान बेटी को उठवा लिया और उसे अपने दरबार में पेश किया। वो लड़की की पुरकस जवानी और मस्त चूचे देख कर नवाब पगला गया। तुरत रंगमहल में जाकर उसने सीटी बजाई। तीन नौकरानियां आईं और उन्होंने लड़की को कुर्सी पर बैठा दिया। अब उनमें से दो ने नवाब की शेरवानी उतार दीं। जब शेरवानी उतारने के बाद्द नवाब का ऐकहरा बदन देख वो लड़की शरमा गयी तो नवाब ने पाजामा उतारने का आदेश दिया। दोनों नौकरानियों ने महाराज के पाजामा का नाड़ा अपने मुंह से पकड़ के खोला और नवाब ने अपनी आज की मल्लिका से आंखें मिलाते हुए आंख मार दी। लड़की तो वैसे भी इन हालातों में अजीब महसूस कर रही थी पर वो बेबस थी, आज तो चुदना ही था नवाब से। इसलिए उसने बस सबमें शामिल होने का फैसला कर लिया था। वैसे भी चूत तो चुदने के लिए ही होती है।

अब नवाब ने अपना पाजामा उतार दिया था और उसका मोटा लंबा लंड घुटनों तक लटका हुआ था। नवाब का लंड कुछ इतना बड़ा था कि उसे वो मोड़ कर अपनी गांड में भी डाल सकता था। दोनों दासियों ने लंड को गुलाबजल से धोया और फिर उस पर मीठा इत्र छिड़ककर हल्का हल्का चाटने लगीं। मल्लिका को देखने में ये सब अजीब लग रहा था, कि दो मुस्टंडे आकर उसे नंगा करने लगे। वो चुप रही उन्होंने धीरे धीरे उसका ब्लाउज उतार दिया, नवाब ये सब देख कर मजे ले रहा था और खूबसूरत नौकरानियां उसके लंड को अब तक चाट रहीं थीं। मल्लिका को नंगा करने के लिए नवाब के मुस्टंडे लठैत बड़े नरमी से पेश आ रहे थे। वो भी समर्पण से सब कुछ करवा रही थी। नवाब ने इसके बाद बारह सिंगे के सिंग का बना लंबा डिल्डो अपनी गांड में घुसाने का आदेश दिया। मल्लिका को कुर्सी से नीचे उतारा गया, नाजुक अदाओं से चलते हुए मल्लिका अपने बदन के हर कसबल को इठलाती हुई नीचे उतर कर आई और बारह सिंगे का डिल्डो लेकर नवाब की गाँड में डालने लगी।

चूत और गांड में बारहसिंगे का डिल्डो

नवाब साजिद ने आदेश दिया, अब मेरी गांड चाटो, फिर इसे अपने थूक से गीला करो, और इसके बाद डिल्डो को अप्ने मुह में डालकर चूसो और फिर गांड में डिल्डो को नाज से अंदर बाहर करो। मल्लिका ने ऐसा करना शुरु किया। आक थू, कितनी बद्बूदार गांड थी नवाब की साले का पेट खराब रहता था, उसकी धोने के लिए भी महिलाएं हीं लगी रहती थीं। मल्लिका ने गांड चाटते हुए नवाब के अंडे को सहलाना जारी रखा, आह्ह्॰ तुम्हें दो गांवों की रियासत दे दूंगा मल्लिका तुम भी क्या खूब चूसती हो गांड, और वो अपना मूठ मारने लगा। लंड तो उसका जमीन को टच कर रहा था। सच तो ये है कि साजिद अली के इस लंड की प्रसिद्धी दिल्ली सल्तनत के ताज तक पहुंच चुकी थी और वहां से जहां आरा उससे मिलने उसी पल दरबार में पहुंची थी। उसने कहा, नवाब को हाजिर किया जाय पर नवाब तो रंग महल में थे, सो सीधा ही जहां आरा ने रंगमहल में प्रवेश किया।

ये क्या दिल्ली से राजकुमारी को देख कर उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी, पर जहां आरा ने अपना नकाब फेंका तो नकाब के नीचे एक कपड़े का रेशा तक न था, शाही घराने में नाजों से पले हुस्न के चमक को देख चौंधिया गयी आंखें नवाब की उसने उठने की कोशिश की लेकिन जहां आरा ने मल्लिका को ज्वाईन कर लिया, मल्लिका के हाथों से नौ इंच लंबा बारह सिंगे का डिल्डो लेकर उसकी गांड में पेलते हुए उसने नवाब का लंड पकड़ के ऐंठ दिया। नवाब चिहुंक उठा और बोला ये क्या कर रहीं है शहजादी? जहां आरा ने गांड में डिल्डो को किसी स्क्रू की तरह घुमाते हुए कहा, साले तूने सियासत की हर लड़की को अपना लंड चखा दिया पर मुझे नहीं। इसका लगान मेरी चूत ही वसूल करेगी, तेरा लंड भी सरकारी है बेहनचोद! और फिर उसने सोफे पर नवाब को बिठाते हुए सोफे पर चढ कर उसके मुह पर अपनी चूत रख दी।

डिल्डो निकाल कर उसने मल्लिका को आदेश दिया, इस चूतिये का लंड चबा डाल। मल्लिका ने उसके लंड को चूसना सुरु कर दिया था। चपड़ चपड़, आह आह! शहजादी आपकी चूत तो मजेदार है, एकदम अरब के इत्र की तरह सुगंधित। शहजादी ने कहा बेहनचोद अभी तो मेरी गांड भी चूस और पलट कर अपनी गांड भी उसके मुह पर रख दिया। अब वो एकदम मस्ता के चूस रहा था। सोफे के नीचे बैठी मल्लिका ने नवाब का लंड चूस कर बारह इंच का कर दिया था। अब वो भाले की तरह खड़ा था और मल्लिका ने उसका अजगर सरीखा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालने के लिए कोशिश शुरु कर दी थी। जहां आरा सोफे से नीचे उतरी और उसने नवाब को जमीन पर लिटा दिया। उसने नवाब के मुह में दो मुहां सींग वाला डीळ्डो डाल दिया और खुद लंड पर बैठ कर सवारी गांठने लगी। जैसे जैसे नवाबजादे का लन्ड शहजादी की चूत में जाता उसकी चूत भोसड़ा में बदलती जाती। उसने मल्लिका को नवाब के मुह में घुसे डिल्डो पर बैठ कर उसका मुह चोदने और अपनी चूत को चोदने के एक साथ के एक्शन को समझाते हुए मजे करने को कहा।

मल्लिका नवाब के मुह में घुसे डिळ्डो पर बैठ गयी। डिल्डो सब गांड और चूत की यात्रा कर चुका था और उसमें अजीबो गरीब सुगंध् बस चुकी थी। उसने उसको चोदते हुए शहजादी का स्तन पान करना जारी रखा। नवाब की हालत खराब थी। शहजादी उसके दो फुटे लंड को अपनी चूत में गटक गयी थी और ऐसा लग रहा था कि लंड उसका मुह फाड़ के बाहर आने वाला है। आध घंटे तक लंड की सवारी करने के बाद जब वो खड़ी हुई तो उसके चूत से आध लीटर कामरस और खून का मिश्रण निकला वो उसे नवाब के मुह पर बहाते हुए मल्लिका को लंड की चढाई करने को कहा। मल्लिका ने सावधानी से लंड के छह इंचों की ही सवारी की और अपनी चूत का बोसड़ा होने से बचालिया। इस चुदाई के काम के बाद जहां आरा ने नवाब को दिल्ली बुला लिया और अपनी चूत का निजी सेवक बना लिया, अब नवाब की ऐय्याशी सिर्फ जहां आरा के दिये गए चूत के टुकड़ो पर ही पलती थी।
 
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