चूत पेल पेल कर लाल की

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Antarvasna, hindi sex story: मैं पटना का रहने वाला हूं और मैंने जब अपनी पढ़ाई पूरी की तो उसके बाद मैं दिल्ली जॉब करने के लिए आ गया। शुरुआत में तो काफी समय तक मुझे कोई नौकरी नहीं मिली लेकिन जब मुझे एक कंपनी में जॉब मिली तो वहां पर मैं जॉब करने लगा और उसी दौरान मेरी महेश से मुलाकात हुई। जब मेरी महेश के साथ मुलाकात हुई तो महेश और मेरी काफी अच्छी दोस्ती होने लगी महेश दिल्ली का ही रहने वाला था। कुछ समय बाद हम दोनों ने वहां से जॉब छोड़ दी और दूसरी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया तो वहां पर हम दोनों जॉब करने लगे। मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक हो गया था मेरी जॉब भी एक अच्छी कंपनी में लग चुकी थी हालांकि महेश और मैं अब अलग अलग जॉब करते थे लेकिन हम दोनों की फिर भी मुलाकात हो ही जाती थी।

मैं महेश के घर अक्सर आया जाया करता था और महेश के घर जब मैं जाता तो मुझे एक अपनापन सा महसूस होता महेश के परिवार वाले मुझे काफी पसंद करते थे। एक दिन मैं और महेश साथ में बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो महेश मुझे लगा कि रोहित मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूं। मैंने महेश को कहा कि लेकिन तुम मुंबई क्यों जा रहे हो महेश ने मुझे कहा कि वहां पर मैं मामा जी के घर जा रहा हूँ। महेश के मामा मुंबई में रहते हैं और यह मुझे महेश ने पहली बार ही बताया था उस दिन मैं महेश के साथ काफी देर तक रहा और फिर मैं अपने घर वापस लौट आया था। मैं जब अपने घर वापस लौटा तो महेश भी उसके अगले दिन मुंबई के लिए निकल चुका था और महेश से मेरी काफी दिनों तक मुलाकात नहीं हुई थी। एक दिन महेश का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगा कि रोहित मुझे तुमसे मिलना है। उस दिन वह मुझसे मिलना चाहता था जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो मैंने महेश को कहा कि तुम इतने दिनों से कहां थे तो महेश मुझे कहने लगा कि अब तुम्हें क्या बताऊं मैं मुंबई गया था उसके बाद जब मैं घर वापस लौटा तो मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मैं हॉस्पिटल में एडमिट था। मैंने महेश को कहा कि मैं भी तुमसे मिलने के लिए आ नहीं पाया क्योंकि ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था और इस बीच तुमसे कोई संपर्क भी नहीं हो पाया था महेश मुझे कहने लगा कोई बात नहीं। मैं काफी देर तक महेश के साथ ही था मैं उस दिन महेश के घर पर ही रुक गया था अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो अगले दिन महेश और मैं शॉपिंग करने के लिए साथ में गए। महेश की तबीयत पहले से ठीक थी और उस दिन हम दोनों शॉपिंग करने के लिए गए तो महेश के साथ कॉलेज में पढ़ने वाली उसकी फ्रेंड माधुरी हमे मिली।

जब माधुरी हमें वहां पर मिली तो महेश ने उससे मेरा परिचय करवाया माधुरी को देख कर मुझे भी काफी अच्छा लगा। मुझे क्या पता था कि माधुरी और मेरे बीच रिलेशन चलने लगेगा उसके बाद से हम दोनों की एक दूसरे से बातें होने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे से काफी बातें करने लगे थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे को अक्सर मिला करते और एक दूसरे को हम डेट करने लगे थे इस बारे में महेश को भी पता चल चुका था। एक दिन माधुरी और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों आपस में बातें कर रहे थे जब हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो हम दोनों को बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने माधुरी को कहा कि चलो आज हम लोग साथ में ही कहीं डिनर करने चलते हैं तो माधुरी कहने लगी कि रोहित आज तो मुश्किल होगा क्योंकि आज मुझे घर जल्दी जाना है लेकिन मैंने किसी तरीके से माधुरी को मना लिया और उस दिन हम दोनों साथ में डिनर करने के लिए चले गए। हम दोनों ने साथ में डिनर किया और काफी अच्छा समय भी हम दोनों ने साथ में बिताया। डिनर करने के बाद मैं और माधुरी वापस अपने घर लौट आए जब हम लोग वापस घर लौटे तो मैंने उस वक्त माधुरी को फोन किया और उससे काफी देर तक फोन पर बातें की। मेरी माधुरी से फोन पर काफी बातें हुई मुझे बहुत अच्छा लगा कि माधुरी से मैंने फोन पर इतनी बातें की। हम दोनों की फोन पर करीब एक घंटे तक बात हुई और उसके बाद पता नहीं कब मुझे नींद आ गई कुछ मालूम ही नहीं पड़ा। मेरी आंख लग चुकी थी और उसके बाद हम दोनों सो चुके थे मैं और माधुरी एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे एक दूसरे के बिना हम दोनों की जिंदगी अधूरी थी।

मैंने माधुरी से कहा कि मैं अपने घर जा रहा हूं तो माधुरी कहने लगी कि तुम वहां से कब लौटोगे मैंने माधुरी से कहा कि वहां से मैं जल्दी लौट आऊंगा। मैं अपने घर पटना चला गया, उस वक्त मेरी बहन की शादी के बारे में मेरे पापा मम्मी ने मुझे बताया की मेरी बहन की शादी के लिए वह लोग लड़का देख रहे है लेकिन मेरी बहन हमारे पड़ोस में रहने वाले लड़के से प्यार करने लगी थी और फिर पापा मम्मी उसकी शादी करवाने के लिए मान चुके थे। उसके बाद हम लोगो ने मेरी बहन की शादी उस लड़के से करवा दी हम लोगों ने ज्यादा किसी को बुलाया नहीं था। उन दोनों की शादी हो चुकी थी और मैं भी कुछ दिनों बाद वापस दिल्ली लौट आया। मैं जब दिल्ली लौटा तो मैंने यह बात माधुरी को बताई, माधुरी मुझे कहने लगी अब हम दोनों को भी शादी कर लेनी चाहिए। मैंने माधुरी से कहा कि लेकिन मैं नहीं चाहता कि हम लोग अभी शादी करें हम दोनों को थोड़ा समय और साथ में बिताना चाहिए। हम दोनों का रिलेशन तो अच्छे से चल ही रहा था और हम दोनों के बीच बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग भी थी हम दोनों एक दूसरे की बातों को बहुत ही अच्छे से समझते थे। मेरे और माधुरी के बीच रिलेशन बड़े ही अच्छे तरीके से चल रहा था। मेरे और माधुरी के बीच का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था।

एक दिन मैंने माधुरी को अपने घर पर मिलने के लिए बुला लिया। उस दिन माधुरी मुझसे मिलने के लिए आई। जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो मैं और माधुरी साथ में बैठे हुए थे हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे। जब हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो मुझे माधुरी से बात करके अच्छा लग रहा था। मैंने माधुरी को कहा मुझे तुमसे बातें कर के बहुत ही अच्छा लग रहा है माधुरी भी बहुत ही खुश थी और वह मुझे कहने लगी मुझे भी तुमसे आज मिलना था। उस दिन हम दोनों जब एक दूसरे से कुछ ज्यादा ही करीब आते चले गए मैंने माधुरी के होठों को किस कर लिया क्योंकि उस दिन मुझे माधुरी को देख कर एक अलग फीलिंग आ रही थी। मैंने उसके नरम होंठों को चूम कर अपना बना लिया हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे हम दोनों के लिए ही बड़ा अच्छा था और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो चुका था कि मैं माधुरी के नरम होठों को चूम कर उसे अपना बना रहा हूं। हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तड़पने लगे थे और हमारी तडप इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि ना तो मैं अपने आपको रोक पाया और ना ही माधुरी अपने आपको रोक पाई। यही वजह थी कि मैंने माधुरी के कपड़े खोल दिए और जब उसके कपड़े खोलकर मैंने उसको नंगा किया तो वह मुझे देखकर कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। माधुरी समझ चुकी थी की हम दोनों ही रह नहीं पाएंगे इसलिए उसने भी मेरे मोटे लंड को बाहर निकाल कर उसे अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया। माधुरी को बड़ा ही मजा आने लगा वह मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी। माधुरी जिस तरीके से मेरे मोटा लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था। वह पूरी तरीके से उत्तेजित होती चली गई हम दोनों की उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और हम दोनों बिल्कुल भी नहीं रह पाए। मैंने माधुरी के स्तनों का कुछ देर तक रसपान किया और उसके स्तनों को चूस कर मुझे उसकी योनि को चाटने का मन होने लगा। मैंने माधुरी की योनि को बहुत देर तक चाटा और उसकी योनि को चाट कर मैंने उसे अपना बना लिया था। माधुरी चाहती थी हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करें। मैंने अपने मोटे लंड को माधुरी की चूत पर लगाकर अंदर की तरफ धकेला जैसे ही मेरा मोटा लंड माधुरी की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह जोर से चिल्ला कर कहने लगी दर्द हो रहा है।

उसके अंदर की गर्मी बढ़ती जाती हम दोनों ही एक दूसरे की गर्मी को बर्दाश्त ना कर सके और मैंने जब माधुरी की योनि के अंदर अपने वीर्य का छिड़काव किया तो माधुरी खुश हो गई। वह मुझे कहने लगी आज मुझे मजा आ गया। माधुरी ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उस से पूरे पानी को साफ कर लिया था। वह मुझे कहने लगी मुझे एक बार और तुम्हारे साथ सेक्स के मज़े लेने है। मैंने माधुरी की चूतडो को पकड़कर उसे घोड़ी बनाया और उसे बड़ी तेजी से चोदने लगा। मैंने माधुरी को बहुत देर तक चोदा और उसकी चूत मारकर मुझे मजा आ गया। जब मैंने माधुरी के टाइट चूत में दोबारा से अपने माल को गिराया वह खुश हो गई और मुझसे गले लगकर कहने लगी तुम्हारे साथ तो आज मजा ही आ गया।

माधुरी के चेहरे की खुशी बयां कर रही थी उसे मेरे लंड को अपनी योनि में लेकर बहुत ही मजा आया। वह मुझे कहने लगी अब मैं चलती हूं माधुरी उस दिन तो चली गई लेकिन उस दिन के बाद जब भी हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बनते तो हम दोनों ही एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लेते और एक दूसरे को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया करते। जब भी माधुरी को ऐसा लगता कि उसे मेरी जरूरत है तो वह मुझे फोन कर लिया करती और हम दोनों मिल लिया करते। जब भी हम दोनों मिलते तो हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा लिया करते। अभी कुछ दिन पहले ही हम दोनों ने एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया हम दोनों साथ में रहे औल उस दिन हमने सेक्स का खूब मजा लिया।
 
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