चूत यूनिवर्सिटी गर्ल्स की मारी दो दोस्तों ने

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वासना का ज्वार चूत का बुखार

हाये दोस्तों आज जो कहानी सुनाने जा रहा हूं वो एक हास्टल में रहने के दौरान चूत मारने की कहानी है। एलाहाबाद में एक लाज है, पंडित लाज, कटरा में। उस लाज में लगभग सारे काम्पीटिशन की तैयारी करने वाले लड़के रहते हैं। वहा मैं मतलब कि आजाद और मेरा पार्टनर आकाश रहा करते थे। आकाश और मेरी जोड़ी एकदम कमाल की थी और यूनिवर्सिटी में लड़कियों को छेडने में मेरा कोई जवाब नहीं था। हम दोनों की एक एक गर्लफ्रेंड भी थीं जिनका नाम था सुषमा और रानी। सुषमा मेरी गर्लफ्रेंड थी और रानी मेरे दोस्त आकाश की। एक दिन हम लोगों को एक वर्कशाप अटेंड करने के लिए देल्ही जाना था। हम चारों ने एसी सेकंड की टिकट कटाई और दिल्ली होटल राज में पहुंचे, जो कि चांदीवाली गली, चांदनी चौक में है। वहां हम दोनों ने दो कमरे बुक कराए और चोदने का पक्का ईरादा कर लिया। चोरी चुपके तो हम कितनी बार इन सबकी चूंचियां और चूत दबा चुके थे, पर पूरी तरीके से प्लानिंग करके चोदने का यह पहला सुनहरा मौका था।

ट्रेन में चूत में उंगली की फिर होटल में चोदा

दोनों भी चुदासी थीं और हम पूरे रस्ते ट्रेन में उन दोनों की चूत और गांड में उंगली करते हुए आए थे। तो दिन में वर्कशाप अटेंड करने के बाद हम दोनों उनको शापिंग के लिए ले गये। शापिंग में मैंने उनके लिए मस्त मस्त नाईट सूट्स खरीदे और अंडरगार्मेंट्स। अब हम डिनर करने के बाद वापिस होटल चले आए। दोनों दोस्तों ने अपने अपने कमरे में मामला सेट करने का प्लान किया था पर बाद में हमने सोचा कि क्यों ना कुछ ऐसा करें कि ग्रुप सेक्स करने का माहोल क्रियेट हो जाए। सच पूछें तो आकाश की गर्लफ्रेंड थोड़ी ज्यादा शर्मीली थी और वो खुलेआम कुछ करने में थोड़ी शर्माती थी। इसलिए मैंने आकाश को कहा कि वो अपने कमरे में जाते ही गरम माहोल बनाके रखे। अपनी प्रेमिका को चोदना जारी रखे तब तक मैं अपनी जानेमन को लेकर के उसके कमरे में अचानक से आ जाऊंगा। हां, दरवाजा भी खुल्ला रखे।

आकाश ने ऐसा ही किया, मैं और सुषमा अपने कमरे में आते ही दरवाजा बंद करके एक दूसरे पर टूट पड़े। मैने उसकी रेशमी चोली फाड़ डाली और फिर उसके साड़ी के घेरे को एक ही झटके में खोल दिया। अब उसकी पतली कमर पर एक पेटीकोट पड़ा हुआ था और तारतार हो चुकी चोली से गोरे गोरे दूधिया चूंचे झांक रहे थे। मैने उसके एक चूंचे को पकड़ कर उसके निप्पल को अपने दांतो से दबाया तो वो बोली, उईइम्म्मां मर गयी। मैने कहा जानेमन अभी तो शुरुआत है। और फिर दूसरे निप्पल को बेरहमी से किसी अंगूर के दाने की तरह मसल दिया। वो मुझसे चिपट गयी और मैने उसकी कमर पकड़ के उसके होटों को चूसना जारी रखा। मुझे बगल वाले कमरे से रानी और आकाश की चीखों की आवाजें आने लगीं थीं। मैं समझ गया था कि वो अपने गदह लंड से उसकी गांड मार रहा होगा। मुझे पता है कि आकाश अक्सर लड़कियों की गांड मारने के पीछे पड़ा रहता है। चूत का भूत तो वो बाद में ही उतारता है।

मैने जब उसके दोनों चूंचे चूसकर उसकी जांघों के बीच अपना मुह रखा तो वो सनसना उठी, उसने अपनी टांगे खोल कर अपनी रसभरी चूत मेरे मुह के करीब लाने के लिए हर संभव कोशिश करने लगी। मैने उसकी चूत के दरवाजे में उंगली करते हुए उसकी गांड को एक जबरदस्त किस किया। आह्ह!!! वो शरमाई, "ये क्या कर रहे हो?" मैने कहा जानेमन ये भी तो जन्नत का द्वार है।

और फिर मैने आकाश के कमरे में जाने का सोचा। मैने उसको अपने हाथों में उठाया और तेजी से सामने वाले कमरे को धक्का दिया। अंदर आकाश अपनी महबूबा की गांड की सवारी कर रहा था और वो आह्ह, उम्माह, पेलो मुझे फाड़ दो मेरी गांड आह्ह मां मर गयी, इत्यादि करके उसको उत्तेजित कर रही थी। उसका आठ इंच का लंड उसकी गांड की गहराई में पूरा उतरने के बाद भी दो इंच बाहर ही था।

मेरे अंदर आते ही, वो घबरा गयी और आकाश को परे धकेलने लगी, तो आकाश ने उसके बाल पकड़ के कमर पर जोरदार पकड़ बनाया और बोला, "जानेमन ये दोनों तो अपने दोस्त हैं और राजदार भी, तो फिर क्यों ना खुशियां मिल के मनाईं जाएं, इससे मजा ज्यादा आएगा"

वो राजी हो गयी और फिर मैने अपनी माशूका के उपर सवारी करने के लिए उसके सिर के पास एक तकिया रखा और उसको पीछे से चोदने के लिए उसकी चूत में थूक लगा कर दो उंगलियां अंदर बाहर करनी शुरु कर दीं। वो सिस्कारियां मारने लगी।

दो के बाद तीन उंगलियों को सटाकर चूत में पेला और गांड में दूसरे हाथ की मध्यमा उंगली चोदनी शुरु कर दी। वो सिस्कारने लगी और अपना पिछवाड़ा हिला हिला कर के चुदाई का रहम मांगने लगी। मैने उसके चूत में अपना लंड टिकाया और एक जोरदार झटका, साढे सात इंच की तलवार उसकी म्यान में घुस चुकी थी। अब दो तरफा लड़ाई चल रही थी। मैं चूत मार रहा था और आकाश गांड मार रहा था। धकाधक, ये ले ये ले और पेलो और पेलो, और फिर स्पीड की डेथ रेस चल पड़ी। हम दोनों टाप गियर में अपनी अपनी माशूकाओं के छेदों की बखिया उधेड़ रहे थे और फिर अचानक मुझे अपना लंड फटता हुआ प्रतीत हुआ। आह!!!!! लंड में एक ज्वालामुखी फट पड़ा था जिसका लावा, सुषमा की चूत में किसी कैनाल की तरह बह रहा था। धकाधक और फिर मैं शांत हो गया। मुझे झड़ता देख आकाश ने भी अपनी टाप स्पीड ठोंक दी और देखते देखते रानी की गांड से लावा बहने लगा।

बदल के चूत मारी यारी में

मैने आकाश को ईशारा किया, दल बदलने का। वो सुषमा के मुह के सामने लंड लिये आ खड़ा हुआ और मैं रानी के मुह के सामने अपना लंड झूलाने लगा। दोनों लड़कियां अवाक, देखने तक तो ठीक था, पर ये क्या? फिर हमने समझाया, अब हम चारों में कैसा परदा। तो चलो हो जाए।

रानी ने मेरा लंड चूसा और मेरी महबूबा सुषमा ने आकाश का। लंड खड़ा होने के बाद रानी की अनछुई चूत में मैने अपना लँड डाल दिया और आकाश ने सुषमा की गांड की खबर लेनी शुरु की। धकाधक और चपाचप की आवाजें चूत और गांड से आती रहीं। आध घंटे तक इन दोनों लड़कियों की चुदाई के बाद हमने बीयर पी और ये प्रोग्राम मुहब्बत के हरेक अंदाज को झुठलाता हुआ चलता रहा। आज भी यूनिवर्सिटी के किसी भी बाहरी फन्क्शन में हम चार अपने अपने जोड़े के साथ ही अटेंड करने जाते हैं और जमकर चूत चोदते हैं। अगर आप भी कालेज गर्ल्स से लाइव चैट करके चूत देखना चाहते हैं, अपनी रंगीन फंतासियों को जिंदा रखना चाहते हैं तो क्लिक करें यहां
 
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