चूत से लावा निकाल दिया

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Antarvasna, desi kahani: मैं कोलकाता अपने मामा के पास गया। कोलकाता में मेरे मामा का प्रॉपर्टी का काम है और वह पिछले कई वर्षों से यह काम कर रहे हैं मेरे मामा चाहते थे कि मैं भी उनके साथ काम करूं इसलिए मैंने मामा जी के साथ ही काम करना शुरू कर दिया। मैं मामाजी के साथ काम की बारीकियां सीख रहा था और धीरे-धीरे अब मैं काम सीखने लगा था मेरे जीवन में अब सब कुछ ठीक हो चुका था घर में मेरे ऊपर मेरे पापा और मां की जिम्मेदारी थी। मेरे पापा और मां दोनों ही अब बूढ़े हो चुके हैं इसलिए मैं चाहता था कि वह लोग भी मेरे पास ही आ जाए। मैंने उन्हें अब अपने पास बुला लिया था मेरी बहन की शादी हो जाने के बाद वह लोग घर पर अकेले रह गए थे और मैं नहीं चाहता था कि वह लोग घर पर अकेले रहे इसलिए मैंने उन्हें अपने पास कोलकाता बुला लिया। मेरे मामा जी की मदद से ही मैं कोलकाता में अपना काम शुरू कर पाया और अब मैं प्रॉपर्टी का काम करने लगा था।

धीरे धीरे मैं इतना पैसा कमा चुका था कि अब मैं अपनी खुद की कंपनी खोल चुका था, मेरी उम्र भी 35 वर्ष की हो चुकी थी इसलिए मुझे अब यह लगने लगा था कि मुझे अपने लिए कोई जीवन साथी ढूंढ लेना चाहिए। मैं शादी करने के लिए अब अपने लिए लड़की तलाशने लगा पापा और मम्मी कोलकाता में ज्यादा किसी को जानते नहीं थे लेकिन मामा जी को जब मैंने यह बात कही तो उन्होंने मुझे कहा कि बेटा तुम इसकी बिल्कुल चिंता मत करो मैं तुम्हारे लिए शादी के लिए एक लड़की जरूर देख लूंगा। उन्होंने अपने एक दोस्त से मेरे बारे में बात की उनकी बेटी से जब मैं पहली बार मिला तो मुझे वह पसंद आ गई और मैं उससे शादी करने को तैयार था। उसका नाम सुनैना है लेकिन उससे पहले मैं उसे समझना चाहता था और सुनैना और मैं एक दूसरे को मिलने लगे हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे और जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हमें अच्छा लगता। सुनैना को मैं समझने लगा था इसलिए हम दोनों जल्द ही शादी करने वाले थे हम दोनों जल्द ही शादी के बंधन में बनने वाले थे और सुनैना भी इस बात से बहुत खुश थी। हम लोगों ने कुछ ही समय मे शादी कर ली और जब हम दोनों की शादी हुई तो उसके बाद सुनैना मेरा बहुत अच्छे से ख्याल रखने लगी। मैं सुनैना के साथ शादी कर के बहुत खुश था मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चल रहा था पापा मम्मी भी मेरे साथ थे और सुनैना उनका अच्छे से ध्यान रखती। मुझे पैसे की कोई कमी नहीं थी और मैं अपने काम के बलबूते अच्छे से पैसे कमाने लगा था मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चलने लगा था।

एक दिन वह समय आ गया जब मुझे लगा कि शायद अब मेरा बच पाना भी मुश्किल होगा, मैं एक दिन सुबह अपने किसी काम से घर से निकला था और रास्ते में मेरी कार का एक्सीडेंट हो गया। कार मैं ही ड्राइव कर रहा था इसलिए मुझे बहुत ज्यादा चोट आई मुझे कुछ होश भी नहीं था वहां आस पास के लोग मुझे हॉस्पिटल में लेकर गए। मैं अस्पताल में था मैंने जब अपनी आंखें खोली तो मैंने देखा मेरे आस-पास मेरा सारा परिवार है लेकिन मैं काफी ज्यादा घायल हो चुका था जिस वजह से मेरे पापा मम्मी को बहुत ही ज्यादा चिंता होने लगी थी और सुनाना भी बहुत ज्यादा घबरा गई थी लेकिन समय के साथ-साथ मैं ठीक हो गया। ठीक होने के बाद मैं अपने काम पर काफी समय तक नहीं गया मैं ज्यादातर समय घर पर ही रहता जिससे कि मुझे काफी नुकसान भी झेलना पड़ा। एक दिन मामा जी घर पर आए हुए थे तो उन्होंने मुझे कहा कि मुकेश बेटा तुम पहले ठीक हो जाओ उसके बाद ही काम के बारे में सोचना। वह समझ चुके थे कि मैं सिर्फ काम के बारे में ही सोच रहा हूं इसलिए उन्होंने मुझे समझाया और कहा बेटा तुम फिलहाल अपनी तबीयत का ध्यान दो। धीरे धीरे मैं अब ठीक होता जा रहा था और एक दिन मैं अपने मामा जी से मिलने गया मैं जब उनसे मिलने के लिए गया तो उस वक्त मैं अपने आपको काफी अच्छा महसूस कर रहा था। मैं जब मामा जी से मिला तो वह मुझे कहने लगे कि मुकेश बेटा तुम कैसे हो तो मैंने उन्हें बताया मामा जी अब मैं पहले से ठीक हूं और मुझे लगने लगा है कि थोड़े समय बाद मैं अब काम पर जाना शुरू कर दूंगा।

मामा जी कहने लगे कि हां बेटा अब तुम पहले से ज्यादा ठीक हो चुके हो और तुम थोड़े समय बाद अपने काम पर चले जाना। थोड़े समय बाद मैं ठीक होने लगा था और अब मैं पूरी तरीके से फिट हो चुका था जिसके बाद मैं अपने ऑफिस जाने लगा लेकिन मुझे इस बीच काफी ज्यादा नुकसान हो गया था। अब धीरे-धीरे मैं दोबारा से अपना प्रॉपर्टी का काम शुरू कर रहा था और थोड़े ही समय बाद मेरा काम भी चलने लगा था। मैंने अपने ऑफिस में एक लड़की को काम पर रखा उसका नाम ललिता है ललिता दिखने में बहुत ही सुंदर है और जब मैं उसे देखता तो मेरा मन उसके साथ सेक्स करने का होता। मुझे नहीं मालूम था कि वह भी मेरे साथ संभोग करना चाहती है और हम दोनों की रजामंदी से एक दिन में उसे होटल में ले गया जब मैं उसे होटल में ले गया तो हम दोनों ही उत्तेजित हो चुके थे हम दोनों होटल के रूम में थे मैंने उसके साथ चुम्मा चाटी करनी शुरू कर दी जब मैंने ऐसा किया तो वह बहुत उत्तेजित होने लगी और मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल नहीं रह पा रही हूं। अब मैं भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा था और हम दोनों बिस्तर पर बैठ गए। मैंने उससे कहा वह अपने कपड़ों को उतार दे लेकिन वह केवल मुस्कुराई। मैंने अपने हाथ को उसकी टी शर्ट पर रख दिया और उसके स्तनो को दबा दिया फिर उसकी टी शर्ट उतार दी। मैंने उसकी ब्रा के ऊपर उसके स्तन को छुआ और उसके शरीर के चारों ओर उसे सहलाया वह उत्तेजित हो रही थी और अभी भी मुस्कुरा रही थी।

मैंने उसे गले लगा लिया। मैं उसकी जीन्स नीचे खींच ली वह मेरे सामने बस ब्रा और पैंटी मे थी। उसकी टांगें बहुत सुंदर थीं उसने मुझसे कहा अब आप अपने कपड़े भी निकाल दो। मैंने उससे कहा कि मेरे कपड़े निकालने में मेरी मदद करें मैं चाहता था कि वह मेरे शरीर के हर हिस्से को छू ले उसने मेरी कमीज़ उतार दी और फिर अपनी उँगलियों से मेरी छाती को सहलाया। मैं अपने आप को जन्नत मे महसूस कर रहा था फिर उसने मेरी पैंट को खोला मैंने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसके हाथ को मैने अपने लंड पर रख दिया। उसने अपने हाथो मे मेरे लंड को ले रखा था। उसने मेरे लंड को मालिश करना शुरू कर दिया। जब वह मेरे लंड को मालिश कर रही थी तो मेरा मोटा लंड और भी तन कर खड़ा होने लगा था और वह इतना ज्यादा कठोर होने लगा था कि वह ललिता की चूत के अंदर जाने के लिए बेताब था मैंने उसे कहा मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाने के लिए बेताब है तो बहुत तड़पने लगी और मेरे लंड को उसने जब अपने मुंह के अंदर लिया तो उसकी सारी शर्म दूर हो गई और वह मेरे लंड को ऐसे अपने मुंह के अंदर ले रही थी जैसे कि मेरे लंड से सारा पानी बाहर निकाल कर छोड़ेगी काफी समय तक उसने ऐसा ही किया। जब उसकी उत्तेजना पूरी तरीके से बढ़ने लगी तो वह मुझे कहने लगी मैं रह नहीं पा रही हूं अब वह एक पल भी नहीं रह पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था हम दोनों ही उत्तेजित हो चुके थे मैंने जब उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा।

मैने अपने लंड को उसकी चूत पर रगडना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से मजे में आ गई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है अब उसे इतना अधिक मज़ा आने लगा था कि हम दोनों ही एक पल के लिए भी नहीं रह पा रहे थे उसकी चूत से निकलता हुआ लावा इतना अधिक बढ़ने लगा कि मैंने उसकी योनि के अंदर लंड को घुसा दिया तो वह बहुत जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी मेरी चूत फट गई। मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया वह पूरी तरीके से उत्तेजीत हो चुकी थी मैंने उसे बड़ी तीव्र गति से चोदना शुरू कर दिया था मैं उसे इतनी तेजी से धक्के दे रहा था कि मुझे मजा आने लगा वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। उसने मुझे कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब मैं उसे बड़े अच्छे से चोद रहा था और कुछ देर तक मैंने उसे अपने नीचे लेटा कर चोदा। मेरा लंड भी छिल चुका था मुझे एहसास हो गया मैं ज्यादा देर तक ललिता की चूत की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा और जल्द ही मैंने अपने वीर्य को बाहर निकाल दिया और जैसे ही मेरा वीर्य गिरा तो मैंने ललिता की चूत के अंदर ही वीर्य गिरा दिया। ललिता की चूत के अंदर मेरा वीर्य गिरते ही मैंने उसे कहा आज त मजा आ गया और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था।

वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी और उसके उत्तेजना इस कदर बढ़ने लगी थी कि उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरु किया और मेरी गर्मी को और भी अधिक बढ़ा दिया जब उसने ऐसा किया तो मेरे अंदर की आग और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी अब मैं उसे दोबारा से चोदना चाहता था मैंने उसे डॉगी स्टाइल पोज में बनाते हुए उसकी चूत के अंदर तक अपनी उंगली को डाल दिया उसकी टाइट चूत के अंदर उंगली गर्इ तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी मुझे मजा आ गया है उसकी चूत से अधिक मात्रा में पानी बाहर आ रहा था मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। जब मैंने ऐसा किया तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी मुझे मजा आ गया और मैं उसमें बड़ी तेजी से धक्के देने लगा। मैं उसे इतनी तीव्रता से चोद रहा है कि मुझे मजा आ रहा था और वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी उसकी उत्तेजना इस कदर बढ़ गई कि मैं उसकी चूत की गर्मी को ज्यादा देर तक झेल ना कर सका और 5 मिनट बाद मैंने अपने वीर्य को गिरा दिया।
 
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