छत फांद कर भाभी की चुदाई करने गया

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आप सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. जैसा कि आप सब ने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा कि कैसे मैंने भाभी को चोदा और भाभी ने मेरे बच्चे को जन्म दिया. अब आगे…

उस मजेदार चुदाई के बाद भाभी और मैं दोनों पूरी तरह एक दूसरे से खुल चुके थे. एक दिन मुझे चुदाई का बहुत मन कर रहा था और मेरे ऑफिस की छुट्टी भी थी. मैं एक कॉल सेंटर में काम करता हूँ, इसलिए मेरी फिक्स छुट्टी नहीं होती है. मुझे वीक में किसी भी एक दिन छुट्टी मिल जाती है. सो तो मैंने उस दिन भाभी के साथ चुदाई का प्रोग्राम बनाया.

भाभी की लड़की यानि रोशनी स्कूल गयी थी और भैया भी रोज़ की तरह आपने काम पर चले गए थे. भाभी घर पर अकेली थी. मैंने भाभी से कहा कि आज मन कर रहा है. तो भाभी ने कहा अभी नहीं फिर किसी दिन. पर मुझसे नहीं रहा जा रहा था. उस समय भाभी रोज़ की तरह घर का काम कर रही थी और मैं चुदाई की योजना बना रहा था.

तभी मैंने देखा कि भाभी ने घर का मेन दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया है, तो मुझे समझ में आ गया कि भाभी अब ज़रूर नहाने की तैयारी कर रही हैं. तो जैसा कि मैंने आप सभी को बताया था कि भाभी और मेरे घर की छत एक दूसरे से मिली थी तो मैं योजना के तहत अपने घर की छत से भाभी की छत पर चला गया. फ़िर छत का गेट खोलकर घर के अन्दर चला गया.

वहां मैंने देखा कि भाभी बाथरूम में थी और जो कपड़े पहना था उन्हें उतार कर धो रही थी. भाभी ने अभी सिर्फ अपनी सलवार ही उतारी थी और शूट पहन रखा था. बाथरूम का गेट खुला था क्योंकि घर में भाभी के अलावा कोई और नहीं था.

तभी उनकी नज़र मुझ पर पड़ी तो भाभी मुझे देख कर कहने लगी – दीपक, तुम पूरे पागल हो गए हो क्या? घर के अंदर कैसे घुसे तुम? दरवाजा तो अन्दर से बन्द था, फिर तुम अंदर कैसे आए?

मैं बोला – भाभी, ऊपर से.

भाभी कहा – क्यों आये, पागल कोई देख लेता तो क्या होता?

मैंने कहा – कुछ नहीं होता. वैसे भी किसी ने नहीं देखा मुझे.

भाभी – दीपक, मैंने तुमसे कहा था न फिर कभी.

मैं – पर भाभी, मुझसे नहीं रहा जा था आप के बिना. मेरा बहुत मन कर रहा था, तो मैं चला आया.

फिर मैं बाथरूम में अंदर चला गया और भाभी के रसीले होंठों पर अपने होंठ रख कर रस पीने लगा और अपने हाथों से भाभी के बूब्स धीरे से दबाने लग गया. भाभी मना कर रही थी और मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी. लेकिन मैं भाभी के गर्दन को चूमता रहा और उनके बूब्स को दबता रहा.

अब मेरा सात इंच का लण्ड एक दम तन चुका था और भाभी की नाभि से टकरा रहा था. फिर भाभी धीरे-धीरे गर्म हो गयी और मेरा साथ देने लग गई. फिर मेरे लण्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी और जोर-जोर से सिसकारियां लेने गई और कहने लगी – दीपक, और जोर से दबाओ. दबाते रहो मजा आ रहा है. ऐसे ही करते रहो. आह दीपक, आई लव यू.

भाभी के मुंह से ये सुनकर फिर मैं भाभी की गर्दन पर चूमने लगा. फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद मैं भाभी के पेट को सहलाने लगा और भाभी के पिछवाड़े को दबाने और होंठ को चूमने लगा. जिससे भाभी लगातार गरम होती जा रही थी. फिर मैंने भाभी की पैंटी में हाथ अंदर डाल दिया तो पाया कि भाभी की चूत से पानी रिस रहा था, जिससे उनकी चूत बहुत चिपचिपी हो गई थी और फिर मुझसे और रहा नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी के बचे कपडे भी उतर दिए.

अब भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी और फिर मैंने भाभी की ब्रा के ऊपर से ही उनके स्तन को दबाने तथा चूसने लगा और फिर धीरे से मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी. जिससे भाभी क़े स्तन उछल कर बाहर आ गए और मैं कभी उन्हें दबता तो कभी चूसता. अब भाभी बहुत गर्म हो चुकी थी. जिसकी वजह से भाभी की बहुत तेज सिसकारी निकल रही थी और अब वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगी और कह रही थी “दीपक और मत तड़पाओ मुझे. अब रहा नहीं जा रहा है मुझसे. जल्दी से चोद दो मुझे. दीपक, फक मी वेरी फ़ास्ट दीपक.”

अब मुझसे भी और नहीं रुका जा रहा था तो मैंने भाभी को गोद में उठाया और कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया और खुद भी बेड पर चढ़ गया. फिर मैं भाभी के चूचों को दबाता और चूसता रहा और फिर मैंने भाभी की पैंटी भी उतारने लगा. जिसमें भाभी ने मेरी मदद की. फिर भाभी ने मेरे भी कपडे उतार दिए और जल्द ही मैं सिर्फ अंडर वियर में आ गया. फिर भाभी ने मेरा अंडर वियर भी खींच कर उतार दिया और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.

अब भाभी मेरे लैंड को हाथ से सहलाने लगी और फिर मुंह में ले लिया और चूसने लग गई. भाभी की जोरदार चुसाई से मेरा लन्ड जल्द ही पूरा तन गया और लोहे के रॉड की तरह हो गया. अब मैंने भाभी के सर को पकड़ कर भाभी के मुंह को चोदने लगा और अपने दोनों हाथ से भाभी के चूचों को लगातार दबा रहा था. लगभग 8 से 10 मिनट की जोरदार लन्ड चुसाई से मैं भाभी के मुंह में ही झड़ गया और भाभी मेरा सारा माल पी गई.

अब भाभी की चूत को चाटने की मेरी बारी थी तो मैंने भाभी के पैरों को अलग किया. जिससे उनकी चूत एकदम खुल गई. भाभी की चूत देख कर मैं पागल हो गया. आज भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं थे और यह एक दम चिकनी थी. शायद भाभी ने कल ही अपनी चूत के बाल साफ किये थे. मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी की चूत के होंठ पर आपने होंठ रख दिए और भाभी की चूत को चाटने और मस्ती से चूसता रहा. भाभी जोर-जोर से आह आह करके सिसकियाँ ले रही थी.

भाभी पूरे जोश में थी और कुछ ही देर बाद भाभी कहने लगी – दीपक मैं आ रही हूँ. थोड़ा और तेज करो.

फिर भाभी झड़ गई और मैं भाभी की चूत से निकल रहे रस को पी गया और उनकी चूत को चाट-चाट कर एक दम साफ कर दिया. भाभी की चूत के रस का टेस्ट कुछ नमकीन सा था. यह मुझे बहुत अच्छा लगा. तभी भाभी ने कहा – मजा आ गया दीपक, लव यू जानू.

अब भाभी और मैं अपने दूसरे दौर के लिए तैयार थे. अब भाभी फिर से मेरे लण्ड को चूसने लगी. जिससे कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया. फिर मैं भाभी के पैरों के बीच में आ गया और एक तकिया लेकर उसे भाभी के चूतड़ों के नीचे लगा दिया. जिससे भाभी की चूत खुल कर उभर आई थी.

फिर भाभी ने मेरे लन्ड को अपने हाथ से चूत पर सेट किया और कहा – दीपक, जल्दी से अंदर डाल दो. अब सहा नहीं जा रहा है, अबऔर मत तड़पाओ मुझे. जानू अब जल्दी से डाल दो और मेरी इस चूत की प्यास बुझा दो. यह मुझे बहुत परेशान करती है.

मैंने कहा- क्यों भाभी, भैया नहीं चोदते क्या आपको.

भाभी – चोदते तो हैं, पर तू जनता तो है न कि तुम्हारे भैया एक तो काम के कारण दो-दो हफ्ते बाहर रहते हैं और ऊपर से दारू पीकर घर आते हैं, इसलिए कभी तो आते ही सो जाते हैं तो कभी जल्दी झड़ कर सो जाते हैं और मैं प्यासी तड़पती रह जाती हूं. फिर तुम्हारे भैया, तेरी जैसे चुदाई भी नहीं करते हैं और न ही वो मेरी चूत चाटते हैं और न ही चूत में उंगली करते है कभी. और तो वो मेरे चूचों को भी कम ही चूसते हैं और न ही जोर से उन्हें दबाते हैं. अगर सच कहूँ तो मुझे उनके साथ चुदाई में बिल्कुल भी मजा नहीं आता है. पर जबसे तुम मिले हो चुदाई में बहुत मजा आता है. इसलिए मैं उनके साथ बहुत कम ही चुदाई करती हूं और कभी तो मैं उन्हें मना भी कर देती हूं. तुम्हारे भैया के ज्यादा कहने पर ही उनके साथ सेक्स करती हूं. खैर चलो अब और टाइम ख़राब मत करो और जल्दी से अपना शेर जैसा लन्ड मेरी चूत में डाल कर मुझे चोद दो.

फिर मैंने एक जोरदार झटका मार दिया और मेरा आधा लन्ड भाभी की चूत को चीरता हुआ भाभी की चूत में चला गया. झटका इतना जोरदार था कि भाभी की चीख निकल गई. फिर मैंने एक और जोरदार तगड़ा झटका लगा कर बचा हुआ आधा लन्ड भी चूत की गहराई में उतार दिया और मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लन्ड पूरा भाभी की बच्चेदानी से जा टकराया और भाभी की फिर से तेज चीख निकल गई.

मैं बोला – भाभी क्या हुआ, चीख क्यों रही हो आप.

भाभी बोली – दीपक, बहुत दिन से चुदाई नहीं की थी न इस लिए चूत थोड़ी टाइट गई है. शायद इसी वजह से चूत में बहुत दर्द और जलन हो रही है. पर तू तो आराम से कर न मैं क्या कहीं भागी जा रही हूं. मैं तो तेरी ही हूं, तू जो चाहे करे पर आराम से कर न, तूने तो मुझे मार ही दिया था.

फिर कुछ देर बाद जब भाभी का दर्द कम हुआ तो भाभी नीचे से चूतड़ उठाने लगी. जिससे मैं समझ गया कि भाभी का दर्द कम हो गया है. फिर मैंने चुदाई की स्पीड तेज कर दी और अब मैं आपने लन्ड को पहले बाहर निकलता और फिर तेजी से चूत के अंदर डाल देता. जिससे भाभी की सिसकारी निकल जाती थी. भाभी लगातार कहे जा रही थी “दीपक और जोर से करो, आज चोद-चोद कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दो, कुचल दो इसे. बहुत परेशान करती है मुझे ये, मिटा दो इसकी सारी प्यास को.”

मैं लगातार भाभी को पेलता रहा और साथ ही भाभी के चूचों को हाथ से दबा रहा था और उनकी गर्दन पर और होंठों पर लगातार किस करता रहा. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और तभी भाभी बोली – दीपक मैं आने वाली हूं. जोर से करो, आह आह और जोर से.

फिर करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गई. पर अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैं कभी भाभी के मम्मों को किस करता तो कभी उन्हें दबा देता. जिससे भाभी एक बार फिर गर्म हो गई. इस बार भाभी ने मुझसे कहा – मुझे ऊपर आना है.

फिर हमने अपनी पोजिशन चेंज की और भाभी मेरे ऊपर आ गई. फिर भाभी मेरे लन्ड को पकड़ कर चूत के छेद पर सेट किया और उस पर बैठ गई और फिर ऊपर नीचे होने लगी. भाभी लगातार लन्ड पर उछल रही थी. उनके साथ भाभी के चूचे भी बहुत उछल रहे थे. जिन्हें मैं अपने हाथों से पकड़ कर दबा रहा था. भाभी जोर-जोर से आहें ले रही थी और फिर कुछ 5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी दोबारा झड़ गई और थक कर मेरे ऊपर ही लेट गई.

फिर मैंने भाभी को अपने नीचे कर लिया और भाभी की चूत में लन्ड डाल कर फिर से चुदाई में लग गया. लगातार 10 मिनट तक चुदाई के बाद मुझसे और कंट्रोल नहीं हुआ और मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया. फिर इस जोरदार चुदाई के बाद मैं भाभी के ऊपर ही गिर गया. इस जोरदार चुदाई के दौरान भाभी तीन बार झड़ गई थी.

इस चुदाई से मैं और भाभी दोनों ही बहुत थक चुके थे. फिर हम दोनों ने करीब 15 मिनट तक आराम किया और अब हम दोनों चुदाई के एक और राउंड के लिए फिर से तैयार थे. इस बार मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा और फिर भाभी को अपनी गोद में उठाकर दीवार के सहारे लगाया और जम कर चोदा.

हम दोनों अब थक कर थोड़ा आराम किया और फिर भाभी बोली – कर ली न तुमने अपने मन की, चोद ही दिया न दीपक तुमने. इस दौरान तुमने मुझे नहाने भी नहीं दिया और अपने लन्ड से मेरी चूत को ही नहला दिया, पर मजा बहुत आया मुझे. अगर इजाजत हो तो अब मैं नहा लूं.

मैं बोला – ओके, चलो भाभी आज मैं आपको नहलाता हूं.

वो बोली – ठीक है, फिर ले चलो मुझे अपनी गोद में.

फिर मैंने भाभी को होंठों पर एक लम्बा सा किस किया और फिर मैंने भाभी को अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया और फिर शॉवर चालू किया और भाभी के खूबसूरत कोमल बदन पानी से पूरा भीग गया और मैं भाभी के चूचों और चूत को हाथों से मलने लगा और फिर साबुन को भाभी के बूब्स और चूत पर मलने लगा. भाभी मेरे लन्ड और पैंट पर साबुन लगा रही थी. जिससे मेरा लन्ड फिर एक दम से जोश में आ गया और भाभी ने कहा – ये तो फिर खड़ा हो गया.

मेरे मुंह से यह सुनते ही भाभी ने लन्ड को मुंह में ले लिया और चूसने में लग गई. फिर मैंने भाभी को बाथरूम में फिर से चोद दिया और नहा कर बाहर निकल आए और फिर मैंने भाभी के होंठ पर एक लंम्बा किस करके अपने कपड़े पहन कर वापस अपने घर चला गया.

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