जीजा जी मेरी चूत मार लो

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Antarvasna, desi kahani: मैं उस दिन संजय के घर पर गया हुआ था लेकिन संजय उस वक्त घर पर नहीं था तो संजय की पत्नी निधि ने बोला कि संजय थोड़ी देर बाद घर आते ही होंगे आप इंतजार कर लीजिए मैंने कहा कि ठीक है मैं थोड़ी देर इंतजार कर लेता हूं। मैंने संजय को फोन किया तो संजय ने मुझे कहा कि वह बस आधे घंटे में घर पहुंच रहा है वह किसी जरूरी काम से घर से सुबह निकल गया था मैं काफी समय से संजय से मिला नहीं था तो सोचा कि संजय से मुलाकात कर लेता हूं। जब मैं संजय का इंतजार कर रहा था तो निधि मेरे लिए नाश्ता ले आई निधि ने मुझे कहा कि रमन भैया आप नाश्ता कर लीजिए मैंने निधि को मना किया लेकिन उसने मुझे कहा कि आप नाश्ता कर लीजिए। निधि ने नाश्ता लगा दिया और मैंने नाश्ता किया ही था कि थोड़ी देर में संजय आ गया और संजय मुझे कहने लगा कि रमन तुम्हें मेरी वजह से इंतजार करने करना पड़ा। मैंने संजय को कहा काफी दिनों से तुमसे मुलाकात नहीं हुई थी तो सोचा कि आज तुमसे मुलाकात कर लेता हूं।

जब मैंने संजय को यह कहा तो संजय मुझे कहने लगा तुमने बहुत ही अच्छा किया मैं भी सोच ही रहा था कि तुम से और भाभी से मिलने के लिए घर पर आऊं लेकिन मैं अपने काम के चलते इतना व्यस्त हो गया था कि मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मैंने संजय को कहा कि चलो तुम से आज मुलाकात हो ही गई अब संजय के साथ मैं कुछ देर बैठा रहा और उसके बाद मैं अपने घर वापस लौट आया। मैं जब घर वापस लौटा तो मेरी पत्नी मंजू मुझे कहने लगी कि रमन मैं आपका कब से इंतजार कर रही थी आपने तो मुझे कहा था कि बस थोड़ी देर बाद ही मैं लौट आऊंगा। मैंने मंजू को कहा कि मैं संजय से मिलने के लिए चला गया था और जब मैं संजय से मिलने के लिए गया तो उस वक्त संजय घर पर नहीं था निधि घर पर थी इसलिए मुझे संजय का इंतजार करना पड़ा और मैंने संजय के घर पर ही नाश्ता कर लिया था। मंजू मुझे कहने लगी कि रमन आपने मुझे बताया भी नहीं मैं तो सोच रही थी कि आपने अभी तक नाश्ता नहीं किया होगा इसलिए मैं आपका इंतजार कर रही थी।

मैंने मंजू को कहा कि क्या मम्मी पापा ने नाश्ता कर लिया है तो वह कहने लगी कि हां उन्होंने तो नाश्ता कर लिया है लेकिन मैं आपका इंतजार कर रही थी। मैंने मंजू से कहा कि तुम भी नाश्ता कर लो तो मंजू ने नाश्ता किया और उस दिन मंजू की भी स्कूल की छुट्टी थी इसलिए मैं और मंजू उस दिन कहीं घूमने के लिए जाना चाहते थे मंजू स्कूल में टीचर है। वह मुझे कहने लगी कि चलो रमन आज हम लोग मूवी देख कर आते हैं और साथ में शॉपिंग भी कर लेंगे मैंने मंजू को कहा ठीक है मंजू हम लोग आज मूवी देखने के लिए चलते हैं और शॉपिंग भी हम लोग कर लेंगे। मंजू और मैं उस दिन साथ में मूवी देखने के लिए गए काफी समय बाद हम दोनों एक अच्छा समय साथ में बिता रहे थे मंजू और मैं मूवी देखकर जब थिएटर से बाहर आए तो मंजू के चेहरे पर खुशी थी और वह मुझे कहने लगी कि काफी समय बाद हम लोगों ने इतना अच्छा समय साथ में बिताया है। मैंने मंजू को कहा हां मंजू तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो हम लोगों ने काफी समय बाद इतना अच्छा समय साथ में बिताया है। हम लोगों ने साथ में शॉपिंग की और उसके बाद मंजू और मैं वापस घर लौट आए जब हम घर लौटे तो काफी देर हो चुकी थी इसलिए उस दिन हम लोगों ने सोचा कि आज हम लोग बाहर ही डिनर कर लेते हैं उस दिन हमारा पूरा परिवार साथ में था और हम लोग साथ में डिनर करने के लिए चले गए। काफी समय बाद पापा और मम्मी के साथ मैं एक अच्छा समय बिता पाया था और अगले दिन से मैं अपने ऑफिस जाने लगा कुछ दिनों के लिए मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में बेंगलुरु जाना था तो मैंने मंजू को कहा कि मुझे कुछ दिनों में बेंगलुरु जाना है मुझे वहां से वापस लौटने में थोड़ा समय लग जाएगा। जब मुझे बेंगलुरु जाना था तो उस रात मैं और मंजू मेरा सामान पैक कर रहे थे तो मंजू ने मुझे बताया कि उसकी छोटी बहन सुनीता कुछ दिनों के लिए मंजू से मिलने के लिए आ रही है। मैंने मंजू को कहा चलो यह तो अच्छी बात है कि सुनीता भी तुमसे मिलने के लिए आ रही है लेकिन मंजू कहने लगी कि मैं भी स्कूल चली जाया करूंगी और आप यहां नहीं है इसलिए सुनीता अकेले बोर हो जाया करेगी।

मैंने मंजू को कहा कि हां तुम यह तो ठीक कह रही हो अब हम दोनों ने सामान पैक कर लिया था और अगले ही दिन सुबह मैं फ्लाइट से बेंगलुरु चला गया। कुछ दिनों तक मैं बेंगलुरु में ही रहा और अपने ऑफिस का काम खत्म करने के बाद मैं जब वापस घर लौटा तो उस वक्त सुनीता भी घर पर ही थी। मंजू ने उस दिन अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी इसलिए मंजू और हम लोगों ने साथ में घूमने का प्लान बनाया और हम लोग उस दिन वाटर पार्क घूमने के लिए गए। मैं सुबह ही वापस लौट चुका था इसलिए हम लोग वाटर पार्क गए और वहां पर हम लोगों ने खूब इंजॉय किया। हम लोग वाटर पार्क मे थे उस वक्त मैं सुनीता के स्तनों को देख रहा था तो वह मुझे काफी बड़े नजर आ रहे थे मैंने इससे पहले कभी भी उसको ऐसे नहीं देखा था लेकिन अब मेरा मूड उसे देखकर खराब होने लगा था। मैं चाहता था कि उसके साथ मे सेक्स संबंध बनाऊ मेरे लिए सुनीता को चोदना इतना आसान नहीं था क्योंकि मुझे डर था अगर उसने मंजू को बता दिया। एक दिन मे सुनीता और मैं साथ में बैठे हुए थे मंजू अपने स्कूल गई थी मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी मैं और सुनीता साथ में ही थे।

मैं उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगा मुझे उसके रिलेशन के बारे में पता था उसने मुझे बताया कि उसका उसके बॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हो चुका है। अब वह दोनों एक साथ रिलेशन में नहीं है मैंने सुनीता को कहा लेकिन तुम तो उससे बहुत प्यार करती थी और शादी भी करने वाली थी। उसने मुझे बताया वह उसके साथ खुश नहीं थी। हम दोनों साथ में बैठे थे मैंने उस दिन सुनीता से उसके फिगर के बारे में पूछ लिया। उसने मुझे अपने फिगर के बारे मे बताया वह मेरे साथ बिस्तर में सोने के लिए तैयार हो चुकी थी। मैं उसे बेडरूम में ले गया हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेटे हुए थे सुनीता की बड़ी गांड को मैं अपने हाथों से दबाने लगा था। सुनीता मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है सुनीता की गांड पर मैंने अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दिया था तो वह गर्म होने लगी थी। उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया और मुझे कहा जीजा जी मुझे आज आप अपना बना लो। मैंने उसे कहा सुनीता मैं तुम्हारी चूत फाड़ कर रहूंगा। वह कहने लगी हां जीजा जी आप मेरी चूत फाड़ देना काफी दिनों से मेरी चूत मे किसी का लंड गया भी नहीं है और मैं बहुत ज्यादा तड़प रही हूं। यह सुनकर जैसा मेरे अंदर एक आग जाग चुकी थी मैंने अपने लंड को तुरंत बाहर निकाल लिया। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने मेरे मोटे लंड को देखते ही कहां आपका लंड बहुत ही ज्यादा मोटा है मुझे अपनी चूत में लेने में बहुत मजा आएगा। मैंने उसे कहा तुम अपने मुंह में मेरा लंड को लो तो यह सुनते ही उसने अपने हाथों में मेरे लंड को लिया और उसे हिलाना शुरू कर दिया कुछ मिनट तक उसने ऐसा ही किया फिर उसके बाद जब उसने अपने मुंह को खोल कर मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया तो मेरे अंडकोष उसके मुंह से टकराने लगे थे जिस से कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उसने काफी देर तक ऐसा ही किया। जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैंने उसे कहा तुमने मेरे वीर्य को अपने अंदर ही ले लिया है मैं बहुत ज्यादा खुश हूं।

अब वह भी अपने आपको रोक नही पा रही थी सुनीता ने अपने बदन से कपड़े उतार फेंके और मुझे कहा जीजा जी आप मेरी खुजली को मिटा दीजिए। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत की खुजली मिटा देता हूं और यह कहते ही मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी आज तो मजा ही आ गया। मैंने उसे कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा है मैंने अब अपने पैरों को खोल लिया जब मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर बाहर करना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी आप मुझे ऐसे ही धक्के देते रहिए।

मैंने उसके पैरों को कुछ देर बाद अपने कंधों पर रख लिया जब उसकी चूतड़ों पर मैंने प्रहार करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा था और उसकी चूत को फाडता हुआ मेरा लंड जब अंदर जाता तो मुझे ऐसा लगता जैसे बस मैं सुनीता की चूत में अपने लंड को डालता ही रहूं। सुनीता बहुत ही ज्यादा खुश थी वह कहने लगी क्या आप दीदी को भी ऐसे ही चोदते हैं? मैंने उसे कहा तुम्हारी दीदी की तो रात में चड्डी उतारकर उसकी चूत मारा करता हूं उसे चोदने में मुझे बड़ा मजा आता है लेकिन उससे भी कमाल की तो तुम हो तुम्हारे अंदर एक अलग ही आग है और तुम्हारी जवानी पूरी तरीके से मदमस्त करने वाली है। यह सुन कर वह खुश हो गई और अपने पैरों को चौड़ा करने लगी। जब वह ऐसा करने लगी तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया अब मैंने उसे इतनी तेजी से चोदा कि मेरा लंड छिलने लगा था। जब मेरे लंड से गर्मी पैदा होने लगी तो सुनीता कहने लगी अब मैं रह नहीं पाऊंगी। मैंने सुनीता को कहा मुझसे भी नहीं रहा जा रहा है और यह कहते ही कुछ देर बाद मेरा माल बाहर की तरफ को आ गाया। जैसे ही मेरा माल गिरा तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मेरे अंदर की गर्मी को उसने बुझा कर रख दिया।
 
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