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सभी पाठकों को मेरी तरफ से नमस्कार। मै आशीष आज आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूं। यह कहानी मेरी और एक टूरिस्ट की है, जो भारत भ्रमण करने आई थी। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मेरी मुलाकात एक अनजान टूरिस्ट से हुई, और फिर कैसे उसने मुझे एक रात उसके साथ गुजारने के मौका दिया। विदेशी लोगों को भारत घूमने का बहुत बडा शौक होता है, और वो अपना यही शौक पूरा करने के लिए यहां आते है। यह कहानी आज से छह साल पुरानी है, जब मै अपनी नौकरी के लिए दिल्ली में रहता था। जैसा कि आप जानते है, अक्सर विदेश से आनेवाले टूरिस्ट लोग दिल्ली भी घूमने के लिए आते ही है। मै रोज शाम को अपने आफिस से लौटता था, और फिर रात का खाना खाकर मै थोडा टहलने के लिए बाहर घूमता रहता हूं। ऐसे ही एक दिन की बात है, मैने खाना खा लिया और टहलने के लिए कमरे से बाहर निकला। उस दिन मै टहलते-टहलते कुछ ज्यादा ही दूर चला गया, और दूरी का पता ही नही चला। जब मै वापस अपने कमरे पर आने के लिए मुडने को हुआ, तभी पीछे से एक आवाज आई। मैने आवाज की तरफ देखा तो एक विदेशी लडकी आवाज लगा रही थी। मै उसके पास गया और पूछने पर पता चला कि, वो रास्ता भूल गई है, और रास्ता जानना चाहती है। वो जहां रुकी हुई थी, वो मेरे कमरे से पास ही था। तो मैने उससे कहा, "अगर तुम्हें कोई दिक्कत ना हो तो मै भी उधर ही जा रहा हूं, तुम्हे तुम्हारी मंजिल तक छोड दूंगा।" वो भी मान गई, और मेरे साथ चलने लगी। चलते चलते हम दोनों ऐसे ही इधर उधर की बाते करने लगे। वो मुझे भारत देश के बारे में पूछने लगी, यहां और टूरिस्ट स्पॉट के लिए देखने लगी। बातों बातों में उसने अपना नाम मारिया बताया। उसकी उम्र २७ के आसपास थी, और वो एक शादी कर चुकी थी, जिससे उसे एक बच्चा भी हुआ था। लेकिन बाद में उसके पती ने उसे डाइवोर्स दे दिया और बच्चा भी अपने पास रख लिया। मारिया दिखने में तो बहुत सुंदर थी, वो यु के से यहां आई हुई थी। और थोडी देर इधर उधर की बाते करने के बाद, वो जहां रुकी हुई थी, वह होटल आ गया। तो मैने उससे अलविदा लेना चाही, तभी उसने कहा, "मैने उसकी इतनी सहायता की है, तो थोडा कमरे में आकर कुछ खा पी लूं, और फिर चला जाऊं।" वैसे भी मुझे अपने कमरे में जाकर सोना ही था, तो मैने भी हां कह दिया। तो हम दोनों मारिया के कमरे में गए, मारिया ने दरवाजा खोलकर अंदर जाते ही वो अंदर से रम की एक बोतल और दो ग्लास लेकर आ गई। फिर हम दोनों साथ मे बैठकर पीने लगे थे। बातों बातों में उसने और अपने कुछ दिल के अंदर के राज खोले, जो मै यहां नही लिख सकता। दो पेग के बाद उसने मुझसे कहा, "अब बस करते है। थोडी देर यहीं रहो, और सुबह चले जाना।" इतना कहकर मारिया अपनी जगह से उठकर मेरे पास आकर बैठ गई, और मेरी जांघों को सहलाने लगी। मुझे इससे ज्यादा क्या चाहिए होगा। मै तो कुछ समझ ही नही पा रहा था, तभी उसने अपने दोनों हाथों को मेरे गले मे डाल दिया। गले मे हाथ डालते ही उसने मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए। एक छोटे से चुम्बन के बाद वो थोडा मेरे पास आई, और मेरे कान के पास अपना मुंह लाकर बोली, "बेडरूम में चलें या यही सब करना है?" मुझे तो अभी भी यह एक सपने की तरह लग रहा था। मैने भी अपने हाथ उसके सर के पीछे ले जाकर उसके सर को अपनी ओर झुकाते हुए उसके होठों को अपने कब्जे में ले लिया और उसे चूमने लगा। वो भी मस्त होकर मेरा साथ दे रही थी। विदेशी लडकियों की यह बात अच्छी है कि, वो ज्यादा नखरे नही करती, जो उनके मन मे है वो वही चीज करेंगी। फिर थोडी देर उसके लबों को चूसने के बाद, मैने उसे अपनी बाहों में उठा लिया और बेडरूम की तरफ चल दिया। बातों बातों में मै आपको उसके हुस्न के बारे में बताना तो भूल ही गया।
मारिया दिखने में सुंदर थी, वो काफी लंबी भी थी। उसके चुचे ३४ के तो होंगे ही, जो हमेशा उसकी ब्रा से बाहर आने को बेताब रहते थे। उसकी कमर बहुत पतली थी, और उसकी गांड उभरी हुई। मारिया ने अपनी गांड ऐसी बनाने के लिए बहुत मेहनत की होगी, तब जाकर उसकी गांड इतने बाहर को उभरी हुई है। उसका रंग दूध से भी गोरा लग रहा था, उसके बाल तो हल्के भूरे रंग के थे, जो उस पर बहुत ही मस्त लग रहे थे। अभी उसने एक हरे रंग का टी-शर्ट पहना हुआ था, और नीचे एक जीन्स स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसमे वो एकदम माल लग रही थी। मै मारिया को अपनी बाहों में उठाकर बेडरूम की तरफ ले जा रहा था, जाते समय वो मेरे छाती पर अपने हाथ घुमा रही थी, मेरे छाती के बालों से खेलने लगी थी। बीच बीच मे वो मेरे निप्पल को भी अपने नाखून से कुरेद देती थी। बेडरूम में जाते ही मैने उसे बिस्तर पर पटक दिया, और खुद भी उसके ऊपर जाकर फिर से उसके होंठ चूसने में लग गया। लेकिन अब की बार होंठ चूसने के साथ ही मेरे हाथ भी उसके पूरे बदन का जायजा ले रहे थे। मैने अपने हाथ उसकी चूचियों पर लाकर रख दिये और बीच मे मै उन्हें दबाने भी लगा था। थोडी देर ऊपर से ही मजे लेने के बाद मैने उसके टी-शर्ट को उठाकर उसके अंदर अपना हाथ घुसा दिया, और उसके स्तनों को उसकी ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा था। उसके मुंह से भी अब सिसकारियां निकलने लगी थी। थोडी देर बाद ही उसने खुद ही अपनी टी-शर्ट निकाल कर फेंक दी। उसके बाद मैने अपना हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा को भी खोल दिया, जिससे उसकी चुचियां एकदम से उछलकर मेरे सामने आ गई। उसके स्तनों को देखकर मै खुद को रोक नही पाया, और उन्हें अपने मुंह मे भरकर चूसने लगा।
वो भी कहां पीछे रहनेवाली थी, उसने भी मेरे शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए थे। जल्द ही मारिया ने मेरी शर्ट भी उतार दी, अब हम दोनों ही ऊपर से बिल्कुल नंगे थे। मै मारिया के एक स्तन को अपनी हथेली में भरकर दबा रहा था, तो दूसरे स्तन को अपने मुंह मे भरकर एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था, जैसे उसमे से अभी दूध निकल ही आएगा। फिर मै उसके स्तनों से उसको चूमते हुए नीचे की ओर बढने लगा था, उसकी कमर पर आतेही मैने उसकी स्कर्ट को भी खोलकर नीचे खींचकर निकाल दिया। अब वो सिर्फ पैंटी में मेरे सामने पडी थी, उसकी पैंटी भी पूरी तरह से गीली हो गई थी। मैने पहले तो उसकी पैंटी को थोडा साइड में हटाकर उसकी चुत के अंदर को देखा। उसकी चुत के होंठ थोडे काले से पड गए थे, लेकिन अंदर से उसकी चुत गुलाबी थी। फिर मै उठा और अपनी पैंट के साथ चड्डी भी उतार दी, अब मै पूरा नंगा हो चुका था।
फिर उसके ऊपर आते ही मैने उसकी पैंटी को उतारकर फेंक दिया। तभी उसने मुझे रोकते हुए खुद उठने लगी। फिर उसने मुझे नीचे लिटाया, और खुद उल्टी होकर मेरे ऊपर आने लगी। मारिया ने अपनी चुत को मेरे मुंह के पास रखकर बैठ गई, और अब वो मेरे लंड को अपने मुंह मे भरने लगी थी। ऐसे ही कुछ देर तक एक-दूसरे को चूसकर चाटकर मजा देने के बाद मारिया उठी, और अब वो मेरे लंड पर अपनी चुत को टिकाकर बैठने लगी। मै अभी भी नीचे चुपचाप लेटा हुआ था। थोडी ही देर में मेरा पूरा लंड उसकी चुत के अंदर था। और अब वो खुद ही अपनी कमर हिलाते हुए मुझे चोदने लगी थी। उसकी चुत थोडी ढीली पड चुकी थी, लेकिन सिर्फ विदेशी माल को चोदने का ही सोचकर मेरा लंड झटके मारने लगता था। कुछ देर तक अपनी कमर हिलाकर धक्के लगाने के बाद, वो नीचे उतरकर लेट गई, और मुझे उसके ऊपर आने को कहा। तो मै उसके ऊपर चढ गया, और जोर से धक्के लगाने लगा। उसकी सिसकारियां अब तेज होती जा रही थी, साथ मे मै उसके स्तनों को भी भींच देता था। उसके निप्पल पूरी तरह से तनकर खडे हो चुके थे, जिन्हें पकडकर खींचते ही उसके मुंह से आह निकल जाती थी। कुछ और धक्के लगाने के बाद, मै झडने की कगार पर पहुंचने वाला था, तो तेज धक्के मारते हुए मै उसकी चुत में ही झड गया।
उस रात हमने और दो बार चुदाई की, जिसमे कभी वो मेरे ऊपर आकर कमान संभालती तो कभी मै।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी कमेंट में बताइए। धन्यवाद।
 
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