दुकान की डगमगाती हुई मलाई

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नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपको मस्तानी चुत की कहानी सुनाने जा रहा हूँ | यह कहानी एक दूकान पर काम करने वाली लड़की की है जिसे मैंने अमीर लड़के का झांसा देखा अपने जाल में पहसा लिया था | दोस्तो वो बिहार की रहने वाली थी ओत वो यहाँ पर दूकान चलाती हुई इसी टाक में थी की किसी अमीर को फंसा के उससे शादी करले और अपना घर बसा ले | उसकी बदकिस्मती थी उसे मैं मिला और मैंने चुत के अलावा तो जैसे आज तक किसी भी चीज़ से दोस्ती ही नहीं की है | वो हमेशा ही मुझसे चाहती रही की मैं उसे एक दिन अपने घर वालों से मिलूँगा पर मैं हमेशा उसे टाल देता और उसकी दूकान में उसके साथ चुम्मा - चाटी कर लिया करता |

वो मेरी किसी - भी छेड - खानी से मुझे ना रोकती और एक दिन मैं उसकी सुकान में जब उसे चूम अर्ह था तो उसने मुझे उसकी कुतरते वक्त टोक दिया और कहने लगी की यह सब मुझे शादी के बाद ही करने देगी | अब मैं उसके सामने आलतू - फ़ालतू का ढोंग रचना शुरू कर दिया और नकली का ही गुस्सा हो चला जिसपर वो जस्बाती हो गयी और उसने खुद ही मेरे सामने अपनी कुर्ती को उतार दिया और आकर मुझसे लिपट गयी जिसपर मुझे भला और क्या चाहिए था . . ! ! मैं उसे अपनी बाहों में लेटे हुए उसकी ब्रा को भी उतार दिया कपड़ों को भी खोल उससे लिपट कर उसके चुचों के पीने लगा और निप्पल से को अपनी जीभ से टहलाने लगा |

मैं उसके होंठों को चुसते हुए अब उसकी सलवार खोल डाली और उसकी चुत की फांकों के बीच पानी दो उँगलियों को आगे - पीछे मसलने साथ ही कुछ देर में उसकी चुत में अपनी उँगलियों को देते हुए उसकी चुत गीली गीली भी कर दी | मैंने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चुत पर उप्पर थोडा - बहुत मसलते हुए कुछ देर तडपाया और फिर आँख बंद कर धक्का पेल दिया जिससे मेरा लंड एक बार में उसकी चुत में आर - पार हो गया | मैंने कई देर उसके चींखों की ना सुनते हुए आकिरी तक अपने लंड की वासना की सुनी और कुछ देर बाद होश में आया तो वो उसके आँख से आंसूं निकल रहे थे | मैं उसे कुछ देर में अपनी प्यारी बातों से सामन्य मौहाल बना लिया फिर उसकी चुत में ऊँगली करते हुए अपने लंड को देने लगा

हम मज़े में डूबता ही चले जा रहे थे और मुझे उसकी चुत चोदने का सुखा आज तक याद है | मैं करीब उसकी चुत को आधे घनटा तक उसी की ही दूकान में मारता रहा और यह मान लो की हमारी चुदाई के झटकों से पुरी दूकान ही हिल रही थी | मैंने आखिर तक उसकी चुत मारते हुए उसकी गांड में ऊँगली और अचानक उसकी चुत ने भी पानी छोड दिया | मैंने अब किसी अम्रत की तरह उसकी चुत की पानी को कसना और चाटना शुर कर दिया | काफी देर मैं उसके उप्पर चडे हुए उसके चुत के पानी को चाटते हुए अपने लंड को मसलता रहा और खुद भी झड गया | हम दोनों उस दिन के बाद से रोज ही चुदन - चुदाई करते रहे | अंत में मैंने उससे शादी करने के लिए मना कर दिया और उसे अपनी असलियत बता डाली |
 
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