Antarvasna, sex stories in hindi: मां मुझे कहने लगी मंजू बेटा जल्दी से तुम अपनी दीदी को तैयार कर दो मैंने मां को कहा मां बस दीदी को अभी तैयार कर देती हूं। मैं दीदी को जल्दी से तैयार करने लगी मैंने दीदी को कहा दीदी तुम्हें अब जीजाजी देखने के लिए आ रहे हैं तो वह शरमाने लगी मैंने दीदी को तैयार कर दिया था। थोड़ी देर बाद हमारे घर के आगे एक बड़ी सी गाड़ी आकर रुकी और उसमें से जीजा जी का परिवार निकला तो मैंने दीदी को कहा दीदी जीजाजी तो बहुत अच्छे लग रहे हैं। दीदी कहने लगी कि तुम मुझे परेशान मत करो मैंने दीदी को कहा दीदी भला मैं आपको क्यों परेशान करूंगी। जब वह लोग हमारे घर पर आए तो दीदी उनके लिए चाय लेकर गई और चाय देने के बाद दीदी कुछ देर जीजा जी के साथ बैठी और वह लोग अब अकेले में बात करने लगे। हालांकि इससे पहले रिश्ता तो तय हो चुका था लेकिन जीजाजी पहली बार ही हमारे घर आए थे और दीदी के साथ वह पहली बार इतनी देर तक बात कर रहे थे यह रिश्ता हमारे मामा जी ने करवाया था कुछ दिनों बाद सगाई तय हो गई।
दीदी की सगाई हो जाने के बाद थोड़े समय बाद उसकी शादी का दिन भी नजदीक आ गया दीदी की शादी भी कुछ दिनों बाद हो चुकी थी और वह अपने ससुराल चली गई घर पर मैं अकेली ही रह गई थी अकेले मैं काफी बोर हो जाया करती थी। मां मुझे कहने लगी कि मंजू बेटा तुम घर पर अकेले रहती हो तो तुम कुछ काम क्यो नही कर लेती मैंने मां से कहा मां भला मैं क्या काम करूंगी अब आप जानती ही हो कि दीदी की तो शादी हो चुकी है और उसके बाद मैं घर पर अकेली ही रह गई हूं। मां कहने लगी कि बेटा अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारे पापा से इस बारे में बात करूं मैंने मां से कहा मां आप देख लीजिए यदि आप पापा से बात करना चाहती हैं तो आप उनसे बात कर लीजिए। मां ने पापा से इस बारे में बात कर ली थी और पापा भी चाहते थे कि मैं कुछ काम करूं और फिर उन्होंने मुझे अपने दोस्त से मिलवाया। मैं उनकी बेटी राधिका से पहली बार ही मिल रही थी राधिका से जब मैं मिली तो उसे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा उसके भी सपने मेरी तरह ही थे और हम दोनों ने ही अब अपना काम शुरू कर लिया। हमने एक छोटी सी लेडीस गारमेंट की शॉप खोल ली थी मैं राधिका के साथ मिलकर काम देख रही थी हम लोगों का काम अच्छा चलने लगा था और राधिका भी इस काम से बहुत खुश थी।
मैंने एक दिन राधिका से पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तो राधिका मुझे कहने लगी कि नहीं मंजू मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं है उसने मुझसे पूछा तो मैंने भी उसे मना किया और उसके बाद उसने मुझे अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बताया जिससे कि उसका अब ब्रेकअप हो चुका है। उसने मुझे कहा कि उसके साथ मेरा काफी लंबे समय तक रिलेशन रहा था लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके हैं। मैंने राधिका से उसके अलग होने का कारण पूछा तो वह मुझे कहने लगी कि हम दोनों के बीच कुछ समय से कुछ ज्यादा ही झगड़े होने लगे थे इसलिए हम दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया था और मैं नहीं चाहती थी कि मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ ज्यादा समय तक रहूं इसलिए मैंने उससे अलग रहने का फैसला कर लिया था। मैं और राधिका बहुत अच्छी सहेली बन चुकी थी दीदी भी उसी बीच कुछ दिनों के लिए घर आई हुई थी दीदी जब घर आई तो सब लोग घर में बहुत ही खुश थे मैंने दीदी से पूछा दीदी जीजाजी तुम्हारा ध्यान तो रखते हैं ना, तो दीदी कहने लगी हां वह मेरा ध्यान बहुत अच्छे से रखते हैं। कुछ दिनों तक दीदी हमारे साथ ही रहने वाली थी तो दीदी को मैं अपनी शॉप पर ले गई और मैंने दीदी को राधिका से भी मिलवाया। जब दीदी राधिका से मिली तो राधिका के साथ दीदी ने काफी देर तक बात की राधिका से मिलकर दीदी ने मुझे कहा कि राधिका बहुत ही अच्छी लड़की है। एक दिन मैं अपनी दीदी के साथ घर पर थी उस दिन मैं शॉप पर नहीं गई थी राधिका का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगी की मंजू आज तुम नहीं आई तो मैंने उसे कहा कि आज मैं दीदी के साथ ही थी इसलिए मैं आ नहीं पाई। वह कहने लगी कोई बात नहीं और उस दिन मैं दीदी के साथ ही बैठी हुई थी तो दीदी ने मुझे अपने देवर के बारे में बताया। दीदी ने कहा कि उनके देवर कि विदेश में एक अच्छी कंपनी में नौकरी लग चुकी है मैंने दीदी को कहा आपके देवर से तो मेरी एक बार बात हुई थी दीदी कहने लगी कि वह बहुत ही अच्छे हैं। दीदी चाहती थी कि मैं उनके देवर रजत के साथ शादी कर लूं मैंने दीदी को कहा लेकिन दीदी मैं रजत को अच्छे से जानती भी तो नहीं हूं और मुझे रजत के बारे में कुछ भी नहीं पता।
दीदी कहने लगी कि रजत बहुत ही अच्छे है लेकिन वह कुछ दिनों बाद ही अपने जॉब से वापस लौटेंगे क्योंकि अभी कुछ दिनों पहले ही वह गए थे। मैंने दीदी से कहा कि दीदी जब रजत वहां से लौट आए तो मुझे बताना मैं रजत से जरूर मिलना चाहूंगी। दीदी ने कहा ठीक है जब रजत वापस लौट आएंगे तो मैं तुम्हें घर पर बुला लूंगी मैं और दीदी उस दिन साथ में ही थे मां हम लोगों के रूम में आई और कहने लगी कि तुम दोनों क्या बात कर रही हो। मैंने मां से कहा मां कुछ नहीं बस दीदी के साथ ऐसे ही बात कर रही थी। मां भी अब हम लोगों के साथ बैठ चुकी थी और मां कुछ देर तक हम लोगों के साथ ही बैठी रही फिर उसके बाद वह अपना काम करने लगी। मां रसोई में चली गई थी और वह खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी मैंने दीदी से कहा दीदी मैं मां की मदद कर देती हूं दीदी कहने लगी चलो हम दोनों ही मां की मदद कर देते हैं। हम दोनों ही अब मां की मदद करने के लिए रसोई में चले गए और हम दोनों खाना बनाने लगे जब हम लोग खाना बना रहे थे तो मां दीदी से कहने लगी कि जैसे कल की ही बात हो तुम कुछ समय पहले तक तो घर पर ही थी और अब तुम्हारी शादी भी हो चुकी है तुम्हारी शादी को 6 महीने होने आए हैं।
मैंने मां से कहा मां समय का पता ही नहीं चल पाता है और मुझे भी तो ऐसे ही लग रहा था जैसे दीदी की शादी अभी कुछ समय पहले ही हुई हो। हम लोगों ने खाना बना लिया था और हम सब लोगों ने उस दिन साथ में खाना खाया काफी समय बाद हम लोगों का पूरा परिवार साथ में था। दीदी कुछ दिनों तक घर पर थी उसके बाद वह अपने ससुराल चली गई। दीदी के ससुराल जाने के बाद घर काफी सुना हो चुका था मैं भी शॉप पर चली जाया करती थी जिस वजह से मां घर पर अकेले ही रह जाती थी। एक दिन शॉप मे एक लड़का आया हुआ था उस वक्त राधिका दुकान मे नहीं थी। वह मुझे कहने लगा आप मुझे अंडर गारमेंट्स दिखा दीजिए। मैंने उससे कहा लेकिन तुम्हे किस के लिए लेने हैं? वह मुझे कहने लगा मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के लिए लेने हैं। मैं उसके चेहरे की तरफ देख रही थी मैंने उससे कहा तुम्हारी गर्लफ्रेंड का साइज क्या है? उसने मुझे कहा 32 नंबर के दे दीजिए। मैंने उसे अंडर गारमेंट दे दिए लेकिन वह लड़का जिस प्रकार से मेरी तरफ देख रहा था उससे मेरा मन भी उसके साथ सेक्स करने का होने लगा था। मैंने उससे कहा तुम्हारा नाम क्या है? उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम सुजीत था। सुजीत के साथ मैं काफी देर तक बात करती रही। उसके बाद वह चला गया वह दोबारा से एक दिन दुकान मे आया तो उस दिन मैं सुजीत को देखकर अपने आपको ना रोक सकी मैंने उसे कहा क्या हम लोग कुछ देर बैठ सकते हैं। वह मुझे कहने लगा क्यों नहीं अब हम लोग अपनी दुकान के अंदर चले आए थे मैं उसे अपने स्तनों को दिखा रही थी। वह मेरी तरफ आया और उसने मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया जब उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लग रहा था।
मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही तरल पदार्थ बाहर की तरफ को निकलने लगा था मै इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मैं उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लेना चाहती थी। मैंने उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया जब मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं सुजीत के लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी और उसकी गर्मी को मैं बढाती जा रही थी उसकी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने चूत के अंदर उंगली डालने की कोशिश की तो वह मुझे कहने लगा मैं आपकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल देता हूं। उसने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलते हुए घुसा दिया। मेरी चूत को फाडता हुआ उसका लंड मेरी चूत की दीवार से टकराने लगा।
जब मैं अपने पैरों को खोलने लगी वह मेरे साथ बड़े अच्छे से दे रहा था और मैं उसका साथ बहुत अच्छे से दे रही थी। वह मुझे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था और मुझे उसने जिस प्रकार से धक्के दिए उस से तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो रही थी और मेरी खुशियों मे लगातार बढ़ोतरी होती जा रही थी। मैंने उसे कहा मै अब नही रह पा रही हूं। मैंने उसे कहा क्यों नहीं मैंने उसको कहा क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ऐसे ही सेक्स करते हो? वह कहने लगा हां उसके साथ मैंने कई बार सेक्स किया है लेकिन आपके साथ जिस प्रकार का मजा आ रहा है और आपकी चूत इतनी ज्यादा टाइट है मुझे आपकी चूत मारने मे बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसका साथ बड़े अच्छे से दिया काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया मेरे अंदर की गर्मी को वह झेल ना सका मेरी चूत के अंदर ही उसने अपने वीर्य को गिरा दिया था। मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी उसके बाद भी सुजीत कई बार दुकान मे आता ही रहता था जब भी वह आत तो मेरे साथ सेक्स किया करता।
दीदी की सगाई हो जाने के बाद थोड़े समय बाद उसकी शादी का दिन भी नजदीक आ गया दीदी की शादी भी कुछ दिनों बाद हो चुकी थी और वह अपने ससुराल चली गई घर पर मैं अकेली ही रह गई थी अकेले मैं काफी बोर हो जाया करती थी। मां मुझे कहने लगी कि मंजू बेटा तुम घर पर अकेले रहती हो तो तुम कुछ काम क्यो नही कर लेती मैंने मां से कहा मां भला मैं क्या काम करूंगी अब आप जानती ही हो कि दीदी की तो शादी हो चुकी है और उसके बाद मैं घर पर अकेली ही रह गई हूं। मां कहने लगी कि बेटा अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारे पापा से इस बारे में बात करूं मैंने मां से कहा मां आप देख लीजिए यदि आप पापा से बात करना चाहती हैं तो आप उनसे बात कर लीजिए। मां ने पापा से इस बारे में बात कर ली थी और पापा भी चाहते थे कि मैं कुछ काम करूं और फिर उन्होंने मुझे अपने दोस्त से मिलवाया। मैं उनकी बेटी राधिका से पहली बार ही मिल रही थी राधिका से जब मैं मिली तो उसे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा उसके भी सपने मेरी तरह ही थे और हम दोनों ने ही अब अपना काम शुरू कर लिया। हमने एक छोटी सी लेडीस गारमेंट की शॉप खोल ली थी मैं राधिका के साथ मिलकर काम देख रही थी हम लोगों का काम अच्छा चलने लगा था और राधिका भी इस काम से बहुत खुश थी।
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दीदी कहने लगी कि रजत बहुत ही अच्छे है लेकिन वह कुछ दिनों बाद ही अपने जॉब से वापस लौटेंगे क्योंकि अभी कुछ दिनों पहले ही वह गए थे। मैंने दीदी से कहा कि दीदी जब रजत वहां से लौट आए तो मुझे बताना मैं रजत से जरूर मिलना चाहूंगी। दीदी ने कहा ठीक है जब रजत वापस लौट आएंगे तो मैं तुम्हें घर पर बुला लूंगी मैं और दीदी उस दिन साथ में ही थे मां हम लोगों के रूम में आई और कहने लगी कि तुम दोनों क्या बात कर रही हो। मैंने मां से कहा मां कुछ नहीं बस दीदी के साथ ऐसे ही बात कर रही थी। मां भी अब हम लोगों के साथ बैठ चुकी थी और मां कुछ देर तक हम लोगों के साथ ही बैठी रही फिर उसके बाद वह अपना काम करने लगी। मां रसोई में चली गई थी और वह खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी मैंने दीदी से कहा दीदी मैं मां की मदद कर देती हूं दीदी कहने लगी चलो हम दोनों ही मां की मदद कर देते हैं। हम दोनों ही अब मां की मदद करने के लिए रसोई में चले गए और हम दोनों खाना बनाने लगे जब हम लोग खाना बना रहे थे तो मां दीदी से कहने लगी कि जैसे कल की ही बात हो तुम कुछ समय पहले तक तो घर पर ही थी और अब तुम्हारी शादी भी हो चुकी है तुम्हारी शादी को 6 महीने होने आए हैं।
मैंने मां से कहा मां समय का पता ही नहीं चल पाता है और मुझे भी तो ऐसे ही लग रहा था जैसे दीदी की शादी अभी कुछ समय पहले ही हुई हो। हम लोगों ने खाना बना लिया था और हम सब लोगों ने उस दिन साथ में खाना खाया काफी समय बाद हम लोगों का पूरा परिवार साथ में था। दीदी कुछ दिनों तक घर पर थी उसके बाद वह अपने ससुराल चली गई। दीदी के ससुराल जाने के बाद घर काफी सुना हो चुका था मैं भी शॉप पर चली जाया करती थी जिस वजह से मां घर पर अकेले ही रह जाती थी। एक दिन शॉप मे एक लड़का आया हुआ था उस वक्त राधिका दुकान मे नहीं थी। वह मुझे कहने लगा आप मुझे अंडर गारमेंट्स दिखा दीजिए। मैंने उससे कहा लेकिन तुम्हे किस के लिए लेने हैं? वह मुझे कहने लगा मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के लिए लेने हैं। मैं उसके चेहरे की तरफ देख रही थी मैंने उससे कहा तुम्हारी गर्लफ्रेंड का साइज क्या है? उसने मुझे कहा 32 नंबर के दे दीजिए। मैंने उसे अंडर गारमेंट दे दिए लेकिन वह लड़का जिस प्रकार से मेरी तरफ देख रहा था उससे मेरा मन भी उसके साथ सेक्स करने का होने लगा था। मैंने उससे कहा तुम्हारा नाम क्या है? उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम सुजीत था। सुजीत के साथ मैं काफी देर तक बात करती रही। उसके बाद वह चला गया वह दोबारा से एक दिन दुकान मे आया तो उस दिन मैं सुजीत को देखकर अपने आपको ना रोक सकी मैंने उसे कहा क्या हम लोग कुछ देर बैठ सकते हैं। वह मुझे कहने लगा क्यों नहीं अब हम लोग अपनी दुकान के अंदर चले आए थे मैं उसे अपने स्तनों को दिखा रही थी। वह मेरी तरफ आया और उसने मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया जब उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लग रहा था।
मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही तरल पदार्थ बाहर की तरफ को निकलने लगा था मै इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मैं उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लेना चाहती थी। मैंने उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया जब मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं सुजीत के लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी और उसकी गर्मी को मैं बढाती जा रही थी उसकी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने चूत के अंदर उंगली डालने की कोशिश की तो वह मुझे कहने लगा मैं आपकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल देता हूं। उसने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलते हुए घुसा दिया। मेरी चूत को फाडता हुआ उसका लंड मेरी चूत की दीवार से टकराने लगा।
जब मैं अपने पैरों को खोलने लगी वह मेरे साथ बड़े अच्छे से दे रहा था और मैं उसका साथ बहुत अच्छे से दे रही थी। वह मुझे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था और मुझे उसने जिस प्रकार से धक्के दिए उस से तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो रही थी और मेरी खुशियों मे लगातार बढ़ोतरी होती जा रही थी। मैंने उसे कहा मै अब नही रह पा रही हूं। मैंने उसे कहा क्यों नहीं मैंने उसको कहा क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ऐसे ही सेक्स करते हो? वह कहने लगा हां उसके साथ मैंने कई बार सेक्स किया है लेकिन आपके साथ जिस प्रकार का मजा आ रहा है और आपकी चूत इतनी ज्यादा टाइट है मुझे आपकी चूत मारने मे बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसका साथ बड़े अच्छे से दिया काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया मेरे अंदर की गर्मी को वह झेल ना सका मेरी चूत के अंदर ही उसने अपने वीर्य को गिरा दिया था। मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी उसके बाद भी सुजीत कई बार दुकान मे आता ही रहता था जब भी वह आत तो मेरे साथ सेक्स किया करता।