Dost ki x girlfriend ki chudai - Hot sex kahani
मेरे दोस्त शिशिर की एक बंगाली लड़की से दोस्ती हुई थी जिसका नाम मिताली था लेकिन शिशिर और मिताली दोनों ही जिद्दी और गुस्सैल होने के कारण ज्यादा वक़्त साथ नहीं रह पाए, शिशिर भी सब कुछ छोड़ कर मुंबई शिफ्ट हो गया था और उसके बाद मिताली से भी मिलना नहीं हो पाया लेकिन एक दिन मुझे वो मेट्रो में मिली और वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी. हम दोनों सी पी पर उतरे और पास ही में एक बार में जा कर बैठ गए जहाँ का मेक्सिकन फ़ूड मुझे काफी पसंद था, दो दो बियर और खाना खाने के बाद हम दोनों अपने अपने रस्ते निकल लिए. नम्बर्स एक्सचेंज हुए और फिर शुरू हुआ चुदाई से पहले औपचारिक चैटिंग का सिलसिला जो दो ही दिन में सेक्स चैट तक पहुँच गया, मिताली अपनई रूममेट के साथ गुडगाँव में रहती थी और वहीँ जॉब भी करती थी.
एक दिन मिताली नए मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया, उसकी रूममेट ऋचा का बर्थडे था और वो दुखी थी सो हम लोगों नए उसे चीयर किया केक काटा और ड्रिंक्स के बाद खाना वाना खा कर मैं निकलने को हुआ तो मिताली नए मुझे वहीँ रोक लिया क्यूंकि गुडगाँव में ड्रिंक एंड ड्राइव का लोचा बढ़ गया था. मैं हॉल में ही सो गया, रात को मिताली आई और टी वी देखने लगी तो मेरी भी नींद खुल गयी हम दोनों टी वी देखतेहुए ड्रिंक बना कर सिप करने लगे, मिताली नए सिर्फ अपनी स्पगेटी और गुलाबी अंडरवियर पहना हुआ था वो ना जाने कैसे मुझे और सेक्सी लगने लगी और हम दोनों करीब आगए. मैंने मिताली को किस किया और उसने मुझे और थोड़ी ही देर में हम दोनों एक दुसरे से लिपट कर गुत्थम गुत्था हो गए, उसके बडे बडे और तीखे चुचे बड़े ही शानदार थे और साथ ही उसका टाइट बदन ये बता रहा था की आजकल वो कितना वर्क आउट करती है.
मिताली ने दीवान पर लेट कर मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरे कपडे उतार फेंके अब वो मेरी अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थी और बोले जा रही थी "जब शिशिर साथ था तो मैंने एक दफे तुम्हे फेंटेसाइज़ कर के मास्टरबेत भी किया था, तब पता होता की तुम्हारा इतना टाइट है तो तुरंत ले लेती अपनी चूत में". मैंने कहा "मुठ तो मैं भी तुम्हारे नाम की मारी थी लेकिन उस वाट तुम काफी भरी हुई थी और आज टाइट होने के बाद और सेक्सी हो गयी हो" हम दोनों मुस्कुराए और फिर से एक दुसरे के होठों पर पिल पड़े. मिताली ने अपनी अंडरवियर खोलकर मेरे लंड को निकाल कर अपनी चूत की दरार पर रखा और कहा "इसे यहाँ रब करो आई वांट योर डिक बट स्लोली" मैंने वैसा ही किया तो मिताली "ऊऊओह्ह्ह आआह्ह्ह्ह वैरी गुड यू आर ओसम डार्लिंग" कहने लगी.
मैं उसकी चूत पर जब अपना लंड रगड़ रहा था तो उसके चुचे तन कर इतने टाइट हो गए की मेरी नज़र से बाख ना सके और मैंने एक एक कर के उन दोनों को अपनी जीभ से इतना चाटा इतना चाटा की मिताली हाय हाय करने लगी. अब तो मिताली की चूत में से पानी लीक हो हो कर बेडशीट गीली करने लगा था सो मैंने अपना लंड उसकी टाइट चूत में पेल ही दिया और मिताली ने एक ज़ोर की चीख मार कर कहा "ऊऊओह्ह्ह डार्लिंग यू हेव सच अ बिग वन". मैंने इसी जोश में अपने धक्के तेज़ कर दिए और उसकी काली सी चूत को टाइट से ढीला करने के मिशन पर लग पड़ा, मिताली हाय हाय करे जा रही थी और मैं अपनी ही धुन में धक्के लगाए जा रहा था, हम दोनों इस धक्कम पेली में एक दुसरे से बढ़ कर थे क्यूँकी जब मैं तेज़ धक्के दे रहा था तो मिताली भी उछला उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी. हम दोनों थक भी चुके थे और बस झड़ने ही वाले थे की मैंने मिताली के चूचों को मसलना शुरू किया जिस से उसका जोश और बढ़ गया और एक मीठी सी चीख के साथ मैं और मिताली ढेर हो गए.
उस रात हम दोनों सोये ही नहीं और अगले दिन की भी लीव ले कर हमने नॉन स्टॉप चुदाई मचाई, ऋचा को ऑफिस जाना था सो वो चली गयी लेकिन जब वापस आई तब तक उसका भी मूड बन गया और उसने भी हमें ज्वाइन किया, फिर तो मेरी लाटरी लग गयी थी क्यूंकि एक बंगाली और एक मराठी चूत अब मेरे लंड की मुरीद थी और मैं इन दोनों का जब चाहे मज़ा ले सकता था.
मेरे दोस्त शिशिर की एक बंगाली लड़की से दोस्ती हुई थी जिसका नाम मिताली था लेकिन शिशिर और मिताली दोनों ही जिद्दी और गुस्सैल होने के कारण ज्यादा वक़्त साथ नहीं रह पाए, शिशिर भी सब कुछ छोड़ कर मुंबई शिफ्ट हो गया था और उसके बाद मिताली से भी मिलना नहीं हो पाया लेकिन एक दिन मुझे वो मेट्रो में मिली और वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी. हम दोनों सी पी पर उतरे और पास ही में एक बार में जा कर बैठ गए जहाँ का मेक्सिकन फ़ूड मुझे काफी पसंद था, दो दो बियर और खाना खाने के बाद हम दोनों अपने अपने रस्ते निकल लिए. नम्बर्स एक्सचेंज हुए और फिर शुरू हुआ चुदाई से पहले औपचारिक चैटिंग का सिलसिला जो दो ही दिन में सेक्स चैट तक पहुँच गया, मिताली अपनई रूममेट के साथ गुडगाँव में रहती थी और वहीँ जॉब भी करती थी.
एक दिन मिताली नए मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया, उसकी रूममेट ऋचा का बर्थडे था और वो दुखी थी सो हम लोगों नए उसे चीयर किया केक काटा और ड्रिंक्स के बाद खाना वाना खा कर मैं निकलने को हुआ तो मिताली नए मुझे वहीँ रोक लिया क्यूंकि गुडगाँव में ड्रिंक एंड ड्राइव का लोचा बढ़ गया था. मैं हॉल में ही सो गया, रात को मिताली आई और टी वी देखने लगी तो मेरी भी नींद खुल गयी हम दोनों टी वी देखतेहुए ड्रिंक बना कर सिप करने लगे, मिताली नए सिर्फ अपनी स्पगेटी और गुलाबी अंडरवियर पहना हुआ था वो ना जाने कैसे मुझे और सेक्सी लगने लगी और हम दोनों करीब आगए. मैंने मिताली को किस किया और उसने मुझे और थोड़ी ही देर में हम दोनों एक दुसरे से लिपट कर गुत्थम गुत्था हो गए, उसके बडे बडे और तीखे चुचे बड़े ही शानदार थे और साथ ही उसका टाइट बदन ये बता रहा था की आजकल वो कितना वर्क आउट करती है.
मिताली ने दीवान पर लेट कर मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरे कपडे उतार फेंके अब वो मेरी अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थी और बोले जा रही थी "जब शिशिर साथ था तो मैंने एक दफे तुम्हे फेंटेसाइज़ कर के मास्टरबेत भी किया था, तब पता होता की तुम्हारा इतना टाइट है तो तुरंत ले लेती अपनी चूत में". मैंने कहा "मुठ तो मैं भी तुम्हारे नाम की मारी थी लेकिन उस वाट तुम काफी भरी हुई थी और आज टाइट होने के बाद और सेक्सी हो गयी हो" हम दोनों मुस्कुराए और फिर से एक दुसरे के होठों पर पिल पड़े. मिताली ने अपनी अंडरवियर खोलकर मेरे लंड को निकाल कर अपनी चूत की दरार पर रखा और कहा "इसे यहाँ रब करो आई वांट योर डिक बट स्लोली" मैंने वैसा ही किया तो मिताली "ऊऊओह्ह्ह आआह्ह्ह्ह वैरी गुड यू आर ओसम डार्लिंग" कहने लगी.
मैं उसकी चूत पर जब अपना लंड रगड़ रहा था तो उसके चुचे तन कर इतने टाइट हो गए की मेरी नज़र से बाख ना सके और मैंने एक एक कर के उन दोनों को अपनी जीभ से इतना चाटा इतना चाटा की मिताली हाय हाय करने लगी. अब तो मिताली की चूत में से पानी लीक हो हो कर बेडशीट गीली करने लगा था सो मैंने अपना लंड उसकी टाइट चूत में पेल ही दिया और मिताली ने एक ज़ोर की चीख मार कर कहा "ऊऊओह्ह्ह डार्लिंग यू हेव सच अ बिग वन". मैंने इसी जोश में अपने धक्के तेज़ कर दिए और उसकी काली सी चूत को टाइट से ढीला करने के मिशन पर लग पड़ा, मिताली हाय हाय करे जा रही थी और मैं अपनी ही धुन में धक्के लगाए जा रहा था, हम दोनों इस धक्कम पेली में एक दुसरे से बढ़ कर थे क्यूँकी जब मैं तेज़ धक्के दे रहा था तो मिताली भी उछला उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी. हम दोनों थक भी चुके थे और बस झड़ने ही वाले थे की मैंने मिताली के चूचों को मसलना शुरू किया जिस से उसका जोश और बढ़ गया और एक मीठी सी चीख के साथ मैं और मिताली ढेर हो गए.
उस रात हम दोनों सोये ही नहीं और अगले दिन की भी लीव ले कर हमने नॉन स्टॉप चुदाई मचाई, ऋचा को ऑफिस जाना था सो वो चली गयी लेकिन जब वापस आई तब तक उसका भी मूड बन गया और उसने भी हमें ज्वाइन किया, फिर तो मेरी लाटरी लग गयी थी क्यूंकि एक बंगाली और एक मराठी चूत अब मेरे लंड की मुरीद थी और मैं इन दोनों का जब चाहे मज़ा ले सकता था.