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पढाई पढाई में बहन भाई चुदाई

दोस्तो आज मैं आप लोगों को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ । आप इस घटना को पढ़ने के बाद खुद ही समझ जाओंगे कि इस बात मैं कितना दम हैं । मेरा नाम अंकुर है , और मैं २४ साल का हूँ । मेरा लण्ड 5 ईन्च लम्बा और 4 ईन्च मोटा है । मैं बचपन से ही पढ़ाई मैं होशियार हूँ ,और मेरी इस योग्यता की वजह से मेरे को चूत नसीब हुई और नही भी । तो जानिए कैसे - मैं जबलपुर मैं रहता हू । और मैं २४ साल का हों गया हूं ,लेकिन अभी तक मैं हिला हिला के काम चला रहा हु । मैं हमेंशा सोचता था कि मेरे को चूत कब नसीब होगी । आखिर मेरे भी अच्छे दिनो की शुरुवात हो गई । मेरे पड़ोस मैं एक बहुत ही सैक्सी लड़की रहती हैं, उस का नाम अंकिता है , वो 18 साल की है , वो अधिकतर टाइट जीन्स और टी-शर्ट पहनती है । उस का फिगर बिलकुल फिट है ,और उस के बोबों का साइज भी मीडियम है , और टाइट भी । बट उस की गांड बड़ी थी , मैं तो हमेंशा उस की गांड को याद कर कर के मुठ मारता रहता था । कॉलोनी मैं सब को पता है कि मैं पढ़ाई मैं होशियार हूँ, बस एक दिन अंकिता कि माँ मेरे पास आई और मेरे से कहा -

अंकिता की माँ - बेटा अंकुर अंकिता इस बार 12 वी क्लास मैं आ गयी है , और उस की इस बार बोर्ड की एग्जाम हैं । तो तू अंकिता को मैथ का टूशन करवा दे । तू बोलेंगा उतने पैसे दे दूंगी ।

(ये सब सुन कर मेरी तो बल्ले बल्ले हो गई , और मैं अंकिता को चोदने के सपने देखने लग गया । मैने ऑन्टी को हां कर दिया ।)
अगले दिन अंकिता स्कूल के बाद मेरे पास टूशन पढ़ने आ गई , उस के टाइट बोबों और गांड को देखकर मेरा लंड पेंट फाड़ने को तैयार हो गया । अब मैं और भी ज्यादा सपने देखने लग गया । लेकिन उस कमीनी के एक वर्ड ने मेरा सपना चूर चूर कर दिया । वो बोली -

अंकिता - भैया किस चैप्टर से स्टार्ट करोगे । !!!!!!!!!!!!!!
( ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे लण्ड पर लात मार दी हो , अब मेरा दिमाक ख़राब , मैं बोला )
अंकुर (मैं खुद ) - देख अंकिता यहा पर कोई किसी का भैया नही है , तू स्टूडेंट है और मैं तेरा टीचर , ऐसा बोलते हुए मैने उस की जांघ पर हाथ रख दिया । उस ने झट से मेरा हाथ हटा दिया और बोली ।

अंकिता - भैया मैं यहा पर पढ़ने आयी हूँ , और आप मेरे को पढ़ाओ (मेरी तो इक बार गांड फट गई )

फिर मैने उस को पढ़ाना शुरू कर दिया , और बहुत अच्छा पढ़ाया । वो मेरी नॉलेज को देख इम्प्रेस हो गई , और जाते जाते बात बोल गई

अंकिता - वैसे आप का माइंड पढ़ाई के साथ साथ उन कामो में भी चलता है , तो मैं चलती हूँ जी भैया ( लेकिन इस बार उस की बातो में मज़ाक था । मैने भी उस की गांड पे धीरे से हाथ मारा और कहा ठीक है कल मिलते है ' वो हस्ते हुए चली गई । ( अब क्या था मैने रात भर उस को याद कर कर के खूब हस्तमैथुन किया

अगले दिन वो वापस पढ़ने के लिए आ गई । उस ने वाइट कलर की टी - शर्ट पहन रखी थी जिसमे से उस के निप्पल साफ़ साफ़ दिख रहे थे । और उस की गाण्ड हाए क्या बताऊ!!! वो तो बोम्ब थे । मैने भी आज पजामा पहन रखा था । तो मेरा लंड उस को देख कर खड़ा हो गया । अंकिता की नज़र मेरे लंड पर पड़ चुकी थी लेकिन वो अनजान बन रही थी । वो मेरे बगल में आकर बैठ गई और हमनें पढ़ाई शुरू कर दी । अब अंकिता की चूत में भी खुजली होने लग गई थी । वो किताब में सवाल देखने के बहाने आगे झुकती और उस के बोबे मेरे हाथ को बार बार छु रहे थे । मैने जोर से बोला हे प्रभु कब मिलेंगी

तो अंकिता बोली - "समझदार को इशारा ही काफी है"

बस फिर क्या था मैं समझ गया , और मैने अपना हाथ उस के बोबो पर रखा और जल्दी से हटा दिया । वो बोली और कितनी हिंट दू आपको भैया ( और हँस पड़ी ) बस अब मैने कॉपी - किताब साइड में रख दी और उस को पलंग पर लिटा दिया। सब से पहले मैने उसे जी भर के किस किया । फिर उस की टी - शर्ट उतार दी , फिर !!!!!!! उस के बोबे देख कर तो मैं पागल ही हो गया मोटे मोटे बोबे और उन पर पिंक पिंक निप्प्ल्स आह्ह उन को चूसने में मज़ा ही आ गया अब मैं उस के बोबो को जोर जोर से मसल रहा था और उस की चूत में उंगली भी डाल दी , उस की चूत ने पानी छोड़ दिया ।

अंकिता - अब आगे भी बढ़ो भैया बहन भाई चुदाई के लिए हमारे पास पूरा दिन नही है

बस फिर मैने अपना लंड निकाल दिया मैने उसे लंड मुह में लेने को कहा बट उस ने नही लिया । तो मैने अपना लंड उस चूत पर रख दिया ओर अंकिता बोली भैया धीरे धीरे डालना मैने बोला ठीक है जानू । मैने लंड उस की चूत पर रखा और धीरे से धक्का दिया वो चिल्लाई आईईईईईईईईई और हट गयी , बोली बहुत हो गया बहन भाई चुदाई, अब कल करवा लुंगी ।

अब मैं क्या करता मैने कहा बस एक बार और लगा लेने दे । बड़ी मुश्किल से वो मान गई । अब मैने अपने लंड पर तेल लगाया और उस की चूत पर रख दिया । और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा। अंकिता अब बहुत गरम हो गई थी , उस ने कस कर मेरी पीठ को पकड़ रखा था । बस मैने एक जोर से झटका लगाया और लंड पूरा चूत के अंदर । अंकिता जोर से चिल्लाई आआआआआ। ।मैने तुरंत उस के मुह पर तकिया रख दिया । थोड़े देर में वो चुप हो गयी और अपनी चूत को देखने लगी । उस की चूत अब फट चुकी थी और खून बह रहा था ।

फिर मैने वापस उसे किस किया बोबे दबाए और फिर से उस को गरम कर दिया । अब मैने फिर से अपना लण्ड अंकिता की चूत में घुसाया और खूब चोदा उसे भी बहुत मज़ा आया। मैने अंकिता को अपने दोस्तों से भी चुदवाया । अब हम सप्ताह में २ या 3 बार चुदाई करते है तो हो गया ना पढाई पढाई में बहन भाई चुदाई
 
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