पड़ोस की दीदी को उनके घर में जाकर चोदा

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मैंने बिना कोई समय गवांए उनका सर अपनी गोद में रखा और उनकी मैक्सी को पकड़ कर नीचे से ऊपर की तरफ खींच दिया और फिर उसे उनके बदन से अलग कर दिया. अब वो सिर्फ काली ब्रा और लाल पैन्टी में मेरे सामने थीं. जिस दृश्य को देखने के लिए मैं बरसों से इंतजार कर रहा था, वह अब मेरे सामने था…

नमस्कार अन्तर्वासना के मेरे प्यारे दोस्तों. दोस्तों मेरा नाम आर्यन है और मैं कानपुर का रहने वाला हूं. मेरी यह कहानी मेरे और एक दीदी के बीच घटी एक सच्ची घटना है. उन दीदी का नाम बेबी था. ये बात उस समय की जब मैं इण्टर में पढ़ता था.

चलिए कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको बेबी दीदी की बारे में थोड़ा सा बता देता हूँ. मेरा एक चचेरा भाई था, जिसका नाम गौरव था. वह सहारा बीमा का काम करता था. बेबी दीदी मेरे पड़ोस में ही रहती थीं और मेरे चचेरे भाई गौरव की सहारा कस्टमर थीं इसलिए वो अक्सर घर पर आ जाया करती थीं. जब भी मैं उन्हें देखता तो मेरा मन उन्हें चोदने के बारे में सोचने लगता था.

एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया, मेरे परिवार वाले सभी लोग एक दिन के लिये कहीं बाहर चले गए थे लेकिन मैं नहीं गया था, क्योंकि मुझे अपना गणित का काम करना था और बड़ी मम्मी ने मुझसे कह दिया था कि बेबी दीदी के घर जा कर खाना खा लेना. मैंने वैसा ही किया. मैं अपना सारा काम खत्म कर के बेबी दीदी के यहाँ चला गया.

जब मैं बेबी दीदी के यहां पहुँचा तो उनके यहाँ भी कोई नहीं था और बेबी दीदी तखत पर सिर्फ मैक्सी पहने सो रही थीं. मैंने सोचा चलो अच्छा हुआ, आज तो मेरी किस्मत चमक गयी. यह सोच कर मैं अंदर चला गया और धीरे से उनके घर का दरवाजा बंद कर दिया और फिर उनके बगल में जाकर लेट गया और अपने पैरों से धीरे – धीरे करके उनकी मैक्सी को ऊपर करने लगा.

जब मैं उनकी मैक्सी को ऊपर कर रहा था तो मुझे लगा कि बेबी दीदी जाग गयी हैं, लेकिन अभी वो सोने का नाटक कर रही हैं. लेकिन मुझे अभी भी डर लग रहा था. तभी उन्होंने मेरे मुँह की तरफ करवट ली और अपने बूब्स को मेरे मुँह की ओर कर दिया. लेकिन वो तो मैक्सी के अंदर थे. खैर, फिर मैंने हिम्मत करके धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और उनके बोबों को धीरे से छूने लगा.

इतने में उन्होंने अपनी आंखें खोल दिया और कहने लगी – आर्यन थोड़ा तेज दबाओ न.

मैं समझ गया कि वो गरम हो चुकी है. मैंने भी मौका न गवांते हुए तुरन्त कहा – पहले अपनी मैक्सी को उतारो.

मेरा इतना कहने पर उन्होंने पलट कर कहा – अपने आप ही उतार दो न.

मैंने बिना कोई समय गवांए उनका सर अपनी गोद में रखा और उनकी मैक्सी को पकड़ कर नीचे से ऊपर की तरफ खींच दिया और फिर उसे उनके बदन से अलग कर दिया. अब वो सिर्फ काली ब्रा और लाल पैन्टी में मेरे सामने थीं. जिस दृश्य को देखने के लिए मैं बरसों से इंतजार कर रहा था, वह अब मेरे सामने था.

उन्हें इस स्थिति में देख कर अब मेरा अपने ऊपर से कंट्रोल खत्म होता जा रहा था. मैं उनके ब्रा के ऊपर से उनके चूचों को चूसने लगा. इस दौरान दीदी ने पैंट के ऊपर से ही मेरे लन्ड को पकड़ लिया और दबाने लगीं. मुझे तो सच में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था. करीब 5 मिनट तक ऐसे ही उनके बोबे चूसने के बाद मैं ऊपर की तरफ आ गया और उनके नरम गुलाबी होंठों पर मैंने अपने होंठ रख दिया और उनके गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं और मेरे होंठों को बहुत ही मस्ती में चूस रही थीं.

इस तरह हम करीब 10 मिनट तक लिप किस करते रहे. इस दौरान मैंने अपनी जीभ को भी उनके मुंह में डाल दिया था और उन्होंने मेरी जीभ को भी बहूत ही अच्छे से चूसा था. इसके बाद फिर हम अलग हुए और उन्होंने उठकर मेरी शर्ट और पैन्ट को भी उतार दिया. अब मैं भी सिर्फ अंडरवियर में था.

अब मैंने बिना देर किए उनकी ब्रा को खींच कर उतार दिया और बेबी को पकड़ कर उनके बूब्स को जोर – जोर से दबाने लगा. जिससे वो एक दम जोश में आ गई थीं और आह – आह करने लगीं. फिर उन्होंने अपनी पैन्टी को भी उतार दिया और उन्होंने मुझसे कहा – आर्यन, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. चोद दो मुझे अब और मत तड़पाओ.

उनकी खुली हुई नंगी और चिकनी चूत देख कर मुझसे रहा न गया और मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया और उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. जिससे वो आह आह ऊँह ऊँह की आवाज करने लगी थीं और फिर बोलीं – कब डालोगे अपना लन्ड मेरी चूत में जब मैं झड़ जाऊंगी तब?

उनके मुंह से यह सुन कर मैंने भी देर करना ठीक न समझा क्योंकि मेरा लंड भी उनकी चूत को फाड़ने के लिए तड़प रहा था. मैं तुरंत ही सीधा हुआ और अपनी अंडरवियर निकाल दी और फिर मैंने बेबी की दोनों टांगों को फैलाया और अपने लंड को उनके चूत के मुँह पर रख दिया और हौले – हौले रगड़ना शुरू कर दिया.

उनकी चूत पहले से ही पनियाई हुई थी. मेरे लन्ड रगड़ने से वह और भी गीली हो गई. फिर मैंने एक हल्के से धक्का लगाना शुरू किया. पहले धक्के में मैंने अपना आधा लंड उनकी चूत के अंदर कर दिया था और जैसे ही मैंने दूसरा धक्का मारा मेरा लंड उनकी सील को तोड़ते हुए पूरा अंदर चला गया. सील टूटने की वजह से उनकी चूत से खून और मुँह से दर्द भरी हुई आह – आह की आवाजें निकल रही थीं.

कुछ देर तक मैंने धीरे – धीरे धक्के लगाए. फिर जब उन्हें मजा आने लगा और वो अपनी गांड़ उठा – उठा कर चुदवाने लगीं तो मैंने अपने धक्के तेज कर दिए. अब उन्हें बहुत मजा आ रहा था और वो कह रही थीं – फक मी, फक मी हार्ड आर्यन.

अब मैंने उन्हे पकड़ा और उनके बूब्स दबाते हुए चोदने लगा. वो आह आह आआह करते हुए चिल्ला रही थीं. मैंने उनके बूबों को खूब दबाया और उन्हें चोदता रहा. कुछ देर बाद वो झड़ गयी. फिर भी मैं उन्हें चोदता रहा और अब थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था. अब मेरा वीर्य निकलने लगा. मैंने अपने वीर्य की एक पिचकारी उनकी चूत में ही मार दी और फिर लन्ड को बाहर निकाल लिया.

इसके बाद बेबी दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और चूसते – चूसते मैंने बाकी का वीर्य उनके मुँह में छोड़ दिया. इस प्रकार यह खेल करीब 5 घंटे तक आह आह ऊँह ऊँह की आवाजों के साथ चलता रहा, फिर मैं वापस अपने घर आ गया.

तो दोस्तों आपको मेरी यह कहानी कैसे लगी मेल करके मुझे जरूर बताएं –
 
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