बीवी की साउथ इंडियन सहेली

sexstories

Administrator
Staff member
लंड चूसने वाली साली

मेरी बीवी का बचपन चेन्नई में बीता था उनका परिवार तीन जनरेशन पहले जोधपुर से चेन्नई शिफ्ट हुआ था लेकिन शादी उन्हें मारवाड़ी आदमी से ही करनी थी सो घूम फिर कर बीवी वापस राजस्थान आ गई, एक दिन जब मैं ऑफिस से घर पहुंचा तो वो बड़ी खुश नज़र आई पूछने पर पटा चला की उसकी बचपन की सहेली श्री निधि पिल्लई जयपुर आने वाली है. उस रात तो बीवी ने सेक्स के बीच भी बस अपनी सहेली श्री की ही बातें की, मुझे आश्चर्य हुआ कि कोई इतना कैसे अपने दोस्त के पीछे पागल हो सकता है पर मेरी बीवी जितनी इमोशनल है उसके हिसाब से तो चेन्नई का कुत्ता भी आता तो भी वो इतनी ही खुश होती. बीवी ने श्री को एअरपोर्ट से लाने का ज़िम्मा मुझ पर छोड़ा तो मैं इरिटेट हो गया क्यूंकि ये तो कोई बात नहीं हुई अगली को एड्रेस दे देती वो खुद ही कैब कर के आ जाती.

मन मार कर मुझे श्री को लेने एअरपोर्ट जाना पड़ा लेकिन जैसे ही मैंने श्री को देखा मेरे तो होश ही उड़ गए क्यूंकि फोटोज में ट्रेडिशनल दिखने वाली श्री कमाल की सेक्सी मॉडर्न लड़की थी और ऐसी छरहरी सांवली काय जो मेरी बीवी की होने में तो दस बरस लगते और फिर भी कोई गारंटी नहीं की वो इतनी दुबली और सेक्सी हो पाती. मैंने श्री का सामान ले कर उसे गाड़ी में बिठाया और घर ले आया, बीवी ने श्री का खूब अच्छे से सत्कार किया और उसके लिए खूब सारी खाने पीने की चीज़ें बनायीं. श्री बहुत खुश थी और उसने घर वगेरह की बड़ी तारीफ़ की. अगले दिन बीवी और श्री दोनों ही घूमने और शॉपिंग पर निकले तो मैंने जान बूझकर अपना मीटिंग टाइम और रूट उनके रूट से मिलता जुलता ही बनाया जिस से मुझे श्री के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त मिल सके.

मीटिंग्स से फ्री हो कर मैंने उन दोनों को मार्किट से पिक कर लिया और उन्हें मेरे और बीवी के फेवरेट रेस्टोरेंट में खाना खिलाने ले गया, शाम को हमने बच्चों को जल्दी ही खाना खिला कर सुला दिया और मैंने इशारे में बीवी से पूछा की वो श्री से पूछ ले अगर उसका ड्रिंक्स का मूड हो तो. बीवी नए नाराज़गी जताई पर फिर श्री का मॉडर्न रहन सहन देख कर उसने उस से पूछ ही लिया मेरी बीवी तो एक ब्रीज़ेर की मेहमान थी लेकिन श्री दो तीन ड्रिंक गटक गयी. खाना वाना खा कर हम सोने पहुंचे तो मेरी बीवी तुरंत खर्राटे भरने लगी, मुझे सिगरेट की तलब हुई और मैं बालकनी में आया तो देखा की श्री भी गेस्ट रूम की बालकनी में खड़ी थी, मैंने सिगरेट ऑफर की तो उसने ले ली अब हम दोनों सिगरेट का धुंआ उड़ाते हुए बातें कर रहे थे. श्री थोड़ी ही देर में काफी खुल गयी और मुझसे अपनी पर्सनल लाइफ डिस्कस करने लगी, उसके बॉय फ्रेंड्स तो बहुत रहे थे लेकिन उसने कभी घर बसाने का नहीं सोचा था और वो एक फ्री स्पिरिट थी जिसके लिए रिलेशनशिप अभी उतनी इम्पोर्टेन्ट नहीं थी जितना की फन था.

हम दोनों काफी देर तक बातें करते रहे और मैंने देखा की श्री सरक कर मेरे पास आरही थी मैंने भी मना नहीं किया बल्कि खुद भी उधर खिसक गया, हम दोनों के हाथ टकराते टकराते अब एक दुसरे के हाथों में थे और मैं श्री की खुशबु को काफी क्लोज़ली फील कर पा रहा था. मैंने श्री के चेहरे पर हवा से उड़ कर आए बाल हटाये तो उसने मेरे हाथ को वहीँ रोक दिया और मेरे हाथ को पकड़ कर अपने चेरे पर फिराते हुए होंठों तक ले आई और मेरी इंडेक्स फिंगर को सेक्सी तरीके से चूसने लगी. कसम से ऐसा आज तक मेरी बीवी नए मेरे साथ एक अबर भी किया होता तो मैं हमेशा के लिए उसका गुलाम हो जाता लेकिन उसे तो नार्मल सेक्स करने में भी आलस आता था. मैंने श्री की ड्रेस में से उसके नन्हे नन्हे चुचे छूए तो उसकी सिसकी निकल गयी मैंने बस इशारा समझ कर उसे तुरंत गेस्ट रूम में ले गया जहाँ हलकी मद्धम रौशनई में उसका सांवला बदन गज़ब की खुशबू और उसके तीखे नैन नक्श मुझे घायल कर रहे थे.

उसके जिस्म को इतना करीब से फील करते हुए मैंने उसके चूचों पर हाथ फेरा तो उसकी ऊऊह्ह्ह निकल गयी अब हम दोनों एक दुसरे के होठों को चूम रहे थे, उसके चूमने की तकनीक और लड़कियों से कहीं बेहतर थी उसने मेरी जीभ को अपने मुंह में ले कर ऐसे चूसा की मेरे लंड की पायजामे में हालत टाइट हो गयी थी. श्री के चुचे वैसे ही काफी टाइट थे और मैंने उन्हें मसलने की कोशिश की तो उसकी निप्प्ल्स और भी टाइट हो गईं जिन्हें मैंने उसकी ब्रा में से निकाल कर काफी देर तक चूसा, श्री नए मुझे कहा "तुम्हे मेरी सहेली खुश नहीं रखती शायद" मैंने कहा "ऐसा नहीं है लेकिन तुम उस से दस कदम आगे की चीज़ हो" तो वो हंस पड़ी. श्री मेरे लंड से खेल रही थी और एक हाथ से अपनी चूत को मसल रही थी जो अब तक इतनी गीली हो गयी थी की गीलापन उसकी पैंटी से बाहर नज़र आने लगा था.

मैंने श्री को कुर्सी पर बिठाया और सामने से उसकी चूत पर अपना लंड टिका कर एक झटक में अपना आधा लंड उसकी चूत में पेल दिया बस इतना होते ही श्री ने कहा "बाकि का भी डालो ना अभी तो सिर्फ आधा ही गया है" मैंने उसकी बात मानी और अगले ही झटके में उसका शरीर थरथराने लगा था क्यूंकि मेरे लंड की मोटाई उसकी सोच से ज्यादा थी और उसकी चूत की टाइटनेस मेरी सोच से ज्यादा थी. श्री ने कांपते हुए मुझे कसकर पकड़ लिया और अपने होठों को दांतों में भींच कर चुदने लगी ताकि ज्यादा आवाज़ ना हो, श्री को चोदते समय मैं अपनी बीवी के थुलथुल शरीर और सेक्स में कम इंटरेस्ट को भूल ही गया था क्यूंकि मेरा दिमाग सिर्फ श्री को चोदने में ही बिजी था.

श्री ने मेरे कान में कहा "तुम अच्छे से करते हो एंड आई लाइक इट, बस अब फ़ास्ट करो मेरी जान" ये सुनने के लिए ही तो मैं तरस गया था और जैसे ही सुनना मैंने श्री को इतनी तेज़ी से चोदा की उसके प्राण हलक में आ गए और वो झड़ गयी. अब मेरी बारी थी लेकिन मेरा लंड तो बड़े दिनों बाद मिली इस मौज को लेना चाहता था सो श्री ने मेरे लंड की ख़ुशी के खातिर उसे मुंह में ले कर मेरी जाँघों के बीच बैठ कर ऐसे चूसा जैसे उसे तृप्त करना उसका एक धर्म हो. मेरे लंड को पकड़ कर श्री ने एक ग्रिप बनायीं और सर्कुलर मोशन में घुमा घुमा कर वो कभी अपने मुंह में उसे चूसती कभी अपने गालों में ले कर दांतों से रगडती तो कभी अपने जीभ और होठों पर मेरे लंड के टोपे को मार मार कर्र चाट लेती. श्री नए मेरे लंड को अपना खिलौन्ना बना रखा था और मुझे इस में काफी मज़ा आ रहा था उसके गरमा गरम टाइट चुचे मेरे अण्डों पर हलके हलके से मसाज कर रहे थे और उसी की वजह से मेरे लंड नए अपना कण्ट्रोल छोड़ कर ऐसी पिचकारी मारी जो श्री के मुंह में भर गयी और थोड़ी बहुत उसके चेहरे और बदन पर भी गिर गयी. श्री और मैंने रात को दो तीन बार और सेक्स किया लेकिन जो उसके साथ का पहली बार का मज़ा था वो बाद में उतना नहीं आया पर था बहुत अच्छा.
 
Back
Top