बुड्ढा मले चूंचे चोदे अठारह की चूत

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चूंचे तो सबने मले होंगे पर क्या आपने कभी बस में खुलेआम चूंचे मले हैं? यह कहानी एक बुड्ढे की है जो बिहार के एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बड़े ही जुगत भिड़ा कर एक लौंडिया की चूंचियां मल रहा था और वो लौंडिया भी उसका साथ दे रही थी। कहानी तब कि है जब मैं कालेज में सासाराम पढता था और अपने घर से बस पकड़ के शहर जा रहा था। बस में काफी भीड़ थी और जैसा कि आपको बता दें कि बिहार की प्राईवेट बसों में अगली सीट दायीं तरफ वाली महिलाओं के लिए आरक्षित होती है। उस सीट पर एक लौंडिया बैठी हुई थी, उमर वही कोई 18 साल मस्त माल, नजर तिरक्षी, मोटे नुकीले स्तन, सुडौल बदन और कसी हुई गांड वाले बदन की वो नवयौवना अपनी जवानी अपने कपड़ों में छुपा नहीं पा रही थी। शायद वो भी शहर जा रही थी, वो इतनी सेक्सी थी कि उसके पास सारे लौंड़े आकर खड़े थे और उसका चछुचोदन मतलब कि आंखों से चोदाई करने पर आमदा थे। वह थी भी थोड़ी फरकट प्रकार की, सो मुस्करा मुस्करा कर मजे ले रही थी और तभी सीन में एक बुड्ढे का प्रवेश हुआ।

जुगाड़ लगा के पकड़ लिए चूंचे

चूंचे का दीवाना बुड्ढा भी हालिया बस स्टोपेज पर बस में चढा और सीधा लौंडिया के बगल में लड़कों को अपनी उमर का फायदा उठाते हुए किनारे करके वहीं खड़ा हो गया। वो भी उस लौंडिया की मस्त जवानी देख पागल हो रहा था। मैने देखा साले की धोती में उबाल आते हुए और बिना लंगोट का उसका लंड एकदम कपड़ों को उठाकर खड़ा हो गया था और धोती को लकड़ी के डंडे की तरह टांग लिया था, लेकिन भीड़ होने की वजह से लोग उसे देख नहीं पा रहे थे। इस तरह वो वासना के ज्वार में हिलोरें मार रहा था। बुड्ढे को चूंचियां मलने का मन कर रहा था, पर उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे मले उस लौंडिया की चूंचियों को। लड़की उसके दायें हाथ की तरफ बैठी थी, बुड्ढे ने बाएं हाथ से राड पकड़ी और दायें हाथ में अपना हैंड बैग पकड़ के हाथ को उसके चूंचों के बगल में ले गया। अब उसके हाथ एकदम चूंचे से टकरा रहे थे। जैसे ही बस हिलती, उसके चूंचे उसके हाथ की उंगलियों में टच होते, बुड्ढा मस्त हो रहा था, गुदाज चूंचों की छुअन से। अब उसने एक नया पैंतरा अपनाया उसने बैग पकड़े पकड़े अपना अंगूठा सीधा लंड की तरह खड़ा करके उसकी चूंचियों में कोंचना शुरु किया। अब लड़की के चूंचे को वो अच्छे से स्पर्श कर रहा था। उसे मजा आ रहा था लड़की भी कुछ बोल नहीं रही थी, बस कभी कभी, मुस्कुरा के उपर देख लेती, बुड्ढे की हिम्मत बढ़ गयी थी। अब उसने स्तनों पर चुटकियां लेनी शुरु कर दीं थीं। वाह वो मस्त चूंचे उसके अपने हुए जा रहे थे। लड़की भी एकदम कमाल की चुदैली थी। मैं बस घटना को देख रहा था।

चोदने के लिए पटा के घर ले गया और गांड मारी

अब जब शहर आने पर लौंडिया उतरी तो बुड्ढे ने उससे बात करनी शुरु कर दी। वो लड़की उसके पीछे पीछे चली। मैं भी उसके पीछे हो लिया। चलते हुए उसके हिलते चूंचे मस्त लग रहे थे। बुड्ढा उसको एक लकड़ी की दुकान के अंदर ले गया। वो शायद कोई लकड़ी का काम करने वाला कारपेंटर था। अंदर लड़की को घुसाने के बाद उसने दरवाजा बंद कर लिया। अब लड़की उसके सामने थी। मैने एक छेद से अंदर का कार्यक्रम देखना जारी रखा। मौका पाकर मैं भी एंट्री मारने के जुगाड़ में था। अब बुड्ढे ने उस लौंडिया को पकड़ कर लगभग नोचना शुरु कर दिया। ऐसा लग रहा था कि वो कामवासना से पागल हो गया है। लड़की ने खुद अपने कपड़े उतार दिये। उसकी ब्रा मस्त छत्तीस की थी, उसे हटाते ही मस्त चूंचे नुमाईंद हुए। मेरा लंड खड़ा था और मैं बुड्ढे से जलन कर रहा था। बुड्ढे की धोती पकड़ के लौन्डिया ने खींच दिया। वो उसे दादा दादा कह रही थी, इसका मतलब वो उसका कोई रिश्तेदार था और उसकी पहले से कोई सेटिंग थी। धोती में हाथ डालकर लड़की ने उसका मोटा आठ इंच का लंबा लंड निकाला और चूसना शुरु कर दिया।

बुड्ढे का लंड किसी गदहे के लंड जैसा था, लंड के सुपाडे का चमड़ा तो लगता था कि चूत चोदते चोदते कट चुका था। साला अनुभवी चुदक्कड़ था वो हरामी बुढउ। उसका लंड तन के दस इंच का हो गया। बुड्ढे ने लौंडिया को गोद में उठा लिया और अपना लंड को कमानी की तरह नवाते हुए उसकी गांड में डाल दिया। प्रैक्टिस बाबू! प्रैक्टिस इतना परफेक्ट फिटिंग थी साले की, कि चोदने के लिए वह एकदम पिस्टन की तरह फिट हो गया। लड़की ने उसका गला पकड़ कर अपने पांव बुड्ढे की कमर के गिर्द फंसा लिए थे। बुढ्ढा उसे किस करते हुए गांड मारने के लिए पकड़ पकड़ कर उछाल रहा था। लड़की भी अपनी कमर नचा कर और उचका कर लंड को गांड में लेने की कोशिश में थी धीरे धीरे लँड आधा घुस गया। अब बुड्ढे के लौंडे ने राह पकड़ ली थी। घचा घच! घचा घच! और गांड फट रही थी लड़की की। चोदते चोदते बुड्ढे ने उसे टेबल पर बैठा दिया और पैरो के बीच आ कर गाँड में पूरा ही लंड ठोक दिया।

चूत चोद डाली बुड्ढे ने

आउच दादा ये क्या, फाड़ दोगे क्या आज मेरी? लेकिन बुढे पर शैतान सवार था। उसने उसके मुह में अपनी उंगली डालते हुए उसके गाल पर अंदर से उभारते हुए कहा मेरी रानी अभी तो तुम्हे चोदेंगे भी। अब बुड्ढा टेबल पर बैठ गया और गोद में उसे बैठा कर उसकी चूत में लंड डाल दिया। लौंडिया ने उसके कंधे का सहारा लेकर लंड पर उठक बैठक जारी रखी। मस्त माहोल में यह चुदाई और जूनून देख मैं दंग रह गया था। बुढढा अब उसके चूंचे को दबा रहा था नोच रहा था खसोट रहा था और वह मजे से कराह रही थी। दस इंच तना लंड बुड्ढे का अभी भी उसके चूत में नहीं घुसा था कि उसने लड़की के कंधे को पकड़ कर उसे अपने लंड पर पूरा बैठा लिया। फचाक करते हुए लंड अंदर घुस गया और वह कराहने लगी। शायद बच्चेदानी के मुहाने पर चोट मार रहा था। एक जी स्पाट शायद वहां भी होता है। अब इस अंदाज में चोदते हुए बुड्ढे ने लड़की का रस कई बार निकाला वो चिल्ला चिल्ला के कह रही थी अब नहीं अब नहीं। आखिर में उसने उसके चूंचों पर अपने 50 मिली लीटर वीर्य की पिचकारी मारते हुए लंड को फिर उसके मुह में डाल दिया। लड़की ने उन्हें चूसकर साफ कर दिया। मैने भी दीवाल से सटे सटे अपना मूठ मार लिया। अगर आप भी चूंचे के दीवाने हैं तो देखिए देसी चूंचे यहां
 
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