बेटी को लण्ड देकर मालिक से लिया बदला

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आज मैं दोस्तों आपको अपने लण्ड की दास्ताँ सुनाने जा रहा जिसमें मेरे इलावा मुख्य किदार सुखी की चुत ने निभाया है | वो मेरी मालिक की बेटी थी जिसे मैं पसंद करता था और मुझे लगता है कहीं न कहीं वो भी मुझे पसंद करती ही थी | दोस्तों मैं अपने मालिक के घर पर नौकर का काम करता था और मुझे अपने मालिक से इतनी नफरत हो गयी थी की कहीं न कहीं उसकी बेटी की अपने लण्ड से चुदाई कर उससे बदला लेना चाहता था | वो नौकरी की तालाश में थी इसीलिए अब पूरा दिन घर पर ही बैठकर अखबार पढ़ा करती थी और उसके माता पिता तो रोज ही काम कर चल एजाते थे तो मेरे साथ ही कभी बातें टाईम - पास कर लिया करती थी |

एक दिन उसने मुझसे पूछा की तुम्हे पढ़ना आता है क्या . .?? मैंने कहा सच बताऊं तो नहीं पर हहाँ मुझे मेरे दोस्त कहानियाँ पढकर सुनाया करते थे और अब मेरा भी मन होता ई पढ़ने का . .!! उसे चिंता जताई और कहने लगी कैसी कहानी . .??? मैं शर्माते हुए खा सेक्स कहानी. .!! वो बोली अच्छा सेक्स कहानी. . कैसी होती हैं मुझे भी सुनायो. . .?? मैंने अभी तक उससे सब कुछ झूट कहा था और सब मेरा ही प्लान था उसे कामोत्तेजित करने का | जब मैं उसे एक अश्लील कहानी सुनाने लगा तो वो भी गरमा रही थी और जब सेक्स की बता इतनी चली तो मुझसे पूछने लगी आखिर कितना मज़ा आता है सेक्स में . .?? मैं बोला वो जब कोर्गी तब पता चलेगा . .!! वो एकदम से बोली तो फिर करो मेरे साथ. .. मुझे जीना है इस सक्स में . .!! मेरे लिए इससे अच्छी बात क्या थी और गौं ही उसकी टॉप पर से चुचों को सहलाते हुए उसे होंठों को दबाकर चूसना शुर कर दिया |

चुसाई रो द्बायिके सिलिसिले उसपर इतने हावी हुए की वो मज़े में डूब ही गयी | मैंने ही उसके टॉप को उतरा दिया और उसके पजामे को निकाल नंगी कर दिया जिस वक्त उसे कतई भी शर्म नहीं आ रही थी | मैंने अपनी मालिक की बेटी के मस्त चुचों को चूसना शुर कर दिया | वो पगला चुकी थी और इतने में मैंने उसकी चुत में अपनी ऊँगली घुसाना भी नहीं छोड़ा | वो बासना की खायी में गिरती चली गयी और उन्ह्ह्ह्ह अहहह्ह्ह कर अपनी कामना ब्यान करने लगी | मैंने उसे वहीँ सोफे पर लिटाकर अपने लण्ड को उसकी चुत के द्वार पर टिकाते हुए अंदर - बहार करते हुए धक्कों की बौछार कर दी | वो लण्ड के घुसते ही रोने लगी और देखा की खून बह रहा था उसकी चुत से |

मिएँ उसे समझाया की ऐसा पहली बार सेक्स करने पर होता है और जब चुत का दर्द और खून का बहना दोनों ही शांत हो अगये तो मैंने यह काम क्रीडा का सिलसिला फिर चालू किया और इसबार पूरा लण्ड उसकी चुत में ठुंसा रहा था | वो बस जोर जोर से मर गयी . .मा. . .माँ. . . कहकर चिल्ला रही थी और मैं चोदे जा रहा था | मैं भी मुठ चोधने वाला था और अपनी मालिक की बेटी के तन को अपने मुठ से निहला दिया | अब से मैं रात भर अपने मैल्क के सामने घर का काम किया करता और दिन में उसके जाने पर उसकी बेटी चुत लाल किया करता हूँ |
 
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