हाई दोस्तों,
मेरा नाम राजेश हे और मैं मुंबई में एमबीए कर रहा हू | एक दिन मेरे पापा का फोन आया और वो बोले की छोटी बेहेन की शादी ठीक कर दी हे और अगले महीने शादी हे तो समय पे आ जाना | मैं खुश हुआ और अगले महीने में दिन और समय देख के निकल गया | शादी की मस्त वाली तैयारी चल रही थी और मेरी बेहेन के कई सहेलिय भी आई हुई थी | उसमे से एक का नाम सपना था जो की मुझसे दो साल छोटी थी और मेरी बेहेन से एक साल बड़ी | उसपे मेरा दिल टिक गया था क्युकी बहुत खूबसूरत थी वो और उसने ड्रेस भी मस्त वाले पहने हुए थे | मैं बार बार उससे बात करने की कोशिश करता रहा और फिर अंत में उससे बात हुई और फिर धीरे धीरे बात बड़ने लगी | अब हम दोनों एक दम दोस्त बन चुके थे और फिर हमने दिन का खाना और रात का खाना अकेले बैठ के भी खाया |
दूसरे दिन वो फिर से अलग ड्रेस में आई और इस बार भी कमाल की लग रही थी, पूरा दिन निकल गया और शाम के वक्त समय देख के मेने उसे अपने कमरे में किसी काम से बुलाया और फिर उससे प्यार का इजहार भी किया | वो कुछ सोचने का वक्त मांगी और बोली की आधे घंटे बाद इसी कमरे में आना तब में अपना जवाब दूंगी | मैं बहुत बेचें था और फिर आधे घंटे बाद में अपने कमरे में फिरसे आया और वो भी आई | मेने कुण्डी लगा दी और फिर उसने मुझसे पुचा की तुम मुझे कितना और कब तक प्यार करोगे | मेने उसका एक शब्द में जवाब दिया जब तुम मुझे छोड़ डौगी तब भी में इनमे से एक भी चीज नहीं छोडूंगा | इतना सुनते ही वो मुझसे लिप्त गयी और फिर मेने भी उसे कस के गले लगा लिया और उसे चूमना शुरू कर दिया | वो मस्त में मेरा साथ दे रही थी | दो तिन मिनट के किस के बाद मेने उसे गोदी में उठाया और उसे ले जाके बिस्तर पे लेटा दिया |
उसके बाद मेने अपने शर्ट को खोल दिया और उसपे लेट गया और उसके होठो को चूमने लग गया और वो मेरा साथ देने लग गयी | चुमते हुए मैं उसके चुचो पे आया और उसके कपड़े के उपर से ही उसके चुचो को काटने लग गया | वो धीरे धीरे गर्म होती रही और सिसकिय भी निकलने शुरू हो गयी | मेने उसे कपडे उतारने को कहा तो वो पहले मना की पर फिर मान गयी और पुरे कपड़े उतार दी सिर्फ पेंटी और ब्रा में आ गयी, और मेने भी पेंट उतार दी और चड्डी में आ गया |
में फिरसे उसके उपर चडके उसके होठो को चूसता हुआ उसके ब्रा पे आया और फिर ब्रा भी खोल दिया और उसके निप्पल चूसने लग गया, वो एक दम से जोर जोर की सिसकिय भरने लग गयी और मस्त हो गयी | मैं अपने दोनों हाथो से उसके चुचे दबाता रहा और दबाते दबाते उसके पेंटी तक अ गया और उसकी चुत को पेंटी के उपर से ही काटने लग गया | उसकी चुत से मीठी महक आ रही थी क्युकी वो एक बार झड चुकी थी |
मैं उसकी चुत पे से पेंटी भी हटा दी और अंदर मुझे मिला एक दम साफ़ चिकनी चुत, मैं उसे चाटने लग गया बिना कुछ देरी किये तो वो एक दम से कसमसा गयी और मुझसे लिप्त गयी | मैं उसके चुत को बहुत देर छठा और फिर पंखडियो को खोल के जेसे ही अंदर जीभ घुमाया वेसे ही वो जोर से अह्ह्ह्ह्ह्ह कर के चीख उठी और मेरे सर को अपने चुत में दबाने लग गयी | मेने उसके टांगो को उपर की तरफ उठाया और फिरसे कस कस के चाटने लग गया, वो तुरंत ही जोर से आहीईईई करते हुए झड गयी |
मैं उठा और फिर अपने लंड पे उसके चुत का रस लगाया और फिर उसके चुत पे रगड़ने लग गया, उसे शुरू में कुछ नही हो रहा था पर कुछ देर के बाद वो तड़पने लगी और बोली बहुत अजीब सा लग रहा हे कुछ जल्दी करो, मेने उसकी इतनी बात सुनते ही लंड अंदर डाल दिया | वो एक दम दर्द से चीख उठी और उसके आँखों से आंसू निकल आये और वो फुट फुट के रोने लग गयी | मेने देर न करते हुए लंड को अंदर बहार करने लग गया और कुछ पाँच मिनट में वो रोना बंद करदी और धीरे धीरे लंड के मजे लेने लग गयी |
वो अब अपनी कमर उठा उठा के मेरे लंड को लेने लग गयी और मैं उसे पेलता गया | मैं बीस मिनट में ही उसके चुत में झड गया और वो भी उसके कुछ पल बाद झड गयी | हम दोनों दस मिनट एक दूसरे से चिपक के रहे फिर उठ के बाथरूम गए और साफ़ हुए और फिरसे मैं अपनी बेहेन की शादी के काम में लग गया |
मेरा नाम राजेश हे और मैं मुंबई में एमबीए कर रहा हू | एक दिन मेरे पापा का फोन आया और वो बोले की छोटी बेहेन की शादी ठीक कर दी हे और अगले महीने शादी हे तो समय पे आ जाना | मैं खुश हुआ और अगले महीने में दिन और समय देख के निकल गया | शादी की मस्त वाली तैयारी चल रही थी और मेरी बेहेन के कई सहेलिय भी आई हुई थी | उसमे से एक का नाम सपना था जो की मुझसे दो साल छोटी थी और मेरी बेहेन से एक साल बड़ी | उसपे मेरा दिल टिक गया था क्युकी बहुत खूबसूरत थी वो और उसने ड्रेस भी मस्त वाले पहने हुए थे | मैं बार बार उससे बात करने की कोशिश करता रहा और फिर अंत में उससे बात हुई और फिर धीरे धीरे बात बड़ने लगी | अब हम दोनों एक दम दोस्त बन चुके थे और फिर हमने दिन का खाना और रात का खाना अकेले बैठ के भी खाया |
दूसरे दिन वो फिर से अलग ड्रेस में आई और इस बार भी कमाल की लग रही थी, पूरा दिन निकल गया और शाम के वक्त समय देख के मेने उसे अपने कमरे में किसी काम से बुलाया और फिर उससे प्यार का इजहार भी किया | वो कुछ सोचने का वक्त मांगी और बोली की आधे घंटे बाद इसी कमरे में आना तब में अपना जवाब दूंगी | मैं बहुत बेचें था और फिर आधे घंटे बाद में अपने कमरे में फिरसे आया और वो भी आई | मेने कुण्डी लगा दी और फिर उसने मुझसे पुचा की तुम मुझे कितना और कब तक प्यार करोगे | मेने उसका एक शब्द में जवाब दिया जब तुम मुझे छोड़ डौगी तब भी में इनमे से एक भी चीज नहीं छोडूंगा | इतना सुनते ही वो मुझसे लिप्त गयी और फिर मेने भी उसे कस के गले लगा लिया और उसे चूमना शुरू कर दिया | वो मस्त में मेरा साथ दे रही थी | दो तिन मिनट के किस के बाद मेने उसे गोदी में उठाया और उसे ले जाके बिस्तर पे लेटा दिया |
उसके बाद मेने अपने शर्ट को खोल दिया और उसपे लेट गया और उसके होठो को चूमने लग गया और वो मेरा साथ देने लग गयी | चुमते हुए मैं उसके चुचो पे आया और उसके कपड़े के उपर से ही उसके चुचो को काटने लग गया | वो धीरे धीरे गर्म होती रही और सिसकिय भी निकलने शुरू हो गयी | मेने उसे कपडे उतारने को कहा तो वो पहले मना की पर फिर मान गयी और पुरे कपड़े उतार दी सिर्फ पेंटी और ब्रा में आ गयी, और मेने भी पेंट उतार दी और चड्डी में आ गया |
में फिरसे उसके उपर चडके उसके होठो को चूसता हुआ उसके ब्रा पे आया और फिर ब्रा भी खोल दिया और उसके निप्पल चूसने लग गया, वो एक दम से जोर जोर की सिसकिय भरने लग गयी और मस्त हो गयी | मैं अपने दोनों हाथो से उसके चुचे दबाता रहा और दबाते दबाते उसके पेंटी तक अ गया और उसकी चुत को पेंटी के उपर से ही काटने लग गया | उसकी चुत से मीठी महक आ रही थी क्युकी वो एक बार झड चुकी थी |
मैं उसकी चुत पे से पेंटी भी हटा दी और अंदर मुझे मिला एक दम साफ़ चिकनी चुत, मैं उसे चाटने लग गया बिना कुछ देरी किये तो वो एक दम से कसमसा गयी और मुझसे लिप्त गयी | मैं उसके चुत को बहुत देर छठा और फिर पंखडियो को खोल के जेसे ही अंदर जीभ घुमाया वेसे ही वो जोर से अह्ह्ह्ह्ह्ह कर के चीख उठी और मेरे सर को अपने चुत में दबाने लग गयी | मेने उसके टांगो को उपर की तरफ उठाया और फिरसे कस कस के चाटने लग गया, वो तुरंत ही जोर से आहीईईई करते हुए झड गयी |
मैं उठा और फिर अपने लंड पे उसके चुत का रस लगाया और फिर उसके चुत पे रगड़ने लग गया, उसे शुरू में कुछ नही हो रहा था पर कुछ देर के बाद वो तड़पने लगी और बोली बहुत अजीब सा लग रहा हे कुछ जल्दी करो, मेने उसकी इतनी बात सुनते ही लंड अंदर डाल दिया | वो एक दम दर्द से चीख उठी और उसके आँखों से आंसू निकल आये और वो फुट फुट के रोने लग गयी | मेने देर न करते हुए लंड को अंदर बहार करने लग गया और कुछ पाँच मिनट में वो रोना बंद करदी और धीरे धीरे लंड के मजे लेने लग गयी |
वो अब अपनी कमर उठा उठा के मेरे लंड को लेने लग गयी और मैं उसे पेलता गया | मैं बीस मिनट में ही उसके चुत में झड गया और वो भी उसके कुछ पल बाद झड गयी | हम दोनों दस मिनट एक दूसरे से चिपक के रहे फिर उठ के बाथरूम गए और साफ़ हुए और फिरसे मैं अपनी बेहेन की शादी के काम में लग गया |