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नमस्कार दोस्तों मै तनु, आज आपके सामने अपनी कहानी का अगला भाग रखने जा रही हुं। आशा करती हूं कि, आप सभी को यह भाग भी पसंद आएगा। अब तक आपने पढा, कि मुझे आकाश ने अभी अच्छी गती के साथ चोदना शुरू किया ही था, तभी मुझे लगा कि, खिडकी से हमें कोई देख रहा है। वह अमित मेरा पडोसी था, मैने उसे देखकर अपने हाथ से जाने का इशारा किया, लेकिन वह बेशर्म बनकर वहीं खडा रहा।
अब आगे-
थोडी ही देर में आकाश ने अच्छी गती के साथ तेज धक्के मार-मारकर मुझे चोदना शुरू कर दिया। तभी अचानक मेरी नजर खिडकी की तरफ गई, तो देखकर मै एकदम से डर गई। वहां खिडकी पर अमित खडा यह सब देख रहा था। मैंने मन ही मन उसे बहुत गालियां दी, जैसे ही हमारी नजर आपस मे मिली। वह मुझे देखकर कुटिल मुस्कान दे रहा था। तो मैंने अपने हाथ से उसे वहां से चले जाने का इशारा कर दिया। यह सब मैने आकाश को पता नही चलने दिया, वरना मेरी चुत प्यासी रह जाती। मेरे अमित को चले जाने को कहने के बावजूद वह वहीं खडा यह सब देख रहा था। फिर मैंने मन ही मन सोचा, अब यह देख ही चुका है, तो देखने ही दो।
अब मैने अपना ध्यान खिडकी से हटाकर चुदाई पर लगा दिया। अब आकाश मुझे मस्त तरीके से चोद रहा था। थोडी देर बाद मैने आकाश को पोजीशन बदलने को कहा, और मै घोडी बन गई। आकाश ने पहले तो मेरी गांड पर एक चपेट लगाई और फिर मेरे दोनों चुतडों को फैलाकर गांड के छेद में उंगली करके मेरी गांड को ऊपर उठा दिया। गांड के ऊपर उठते ही आकाश मेरी चुत पर टूट पडा, एक बार मेरी चुत को चूमने के बाद उसने मेरी कमर को अपने मजबूत हाथों से कसकर पकड लिया। फिर मेरी चुत के द्वार पर उसने लौडा रखकर एक जोर के धक्के के साथ उसका पूरा लंड मेरी चुत में घुसा दिया।
आकाश ने इतनी जोर से धक्का मारा था कि, मै लगभग आगे को गिर ही जाती, अगर आकाश ने मेरी कमर को पकड कर नही रखा होता। आकाश के धक्के से मेरी चुचियां मस्त हिल रही थी। चूचियों को आकाश ने अपने दोनों हथेलियों में भरकर उन्हें मसलने लगा। और पीछे से मेरी चुत का भरता भी बनाए जा रहा था। थोडी देर और धक्के लगाने के बाद, आकाश का वीर्य निकलने वाला था। इतनी देर में मेरा पानी एक बार निकल चुका था और अभी दोबारा मै झडने की कगार पर थी। तो मैंने आकाश को तेज धक्के मारने को बोल दिया और इस बार हम दोनों एक साथ ही झड गए। झडते ही हम दोनों उसी हालत में बिस्तर पर पड गए।
थोडी थकान दूर होने के बाद, फिर हम उठे और खुद को साफ कर लिया। अब मुझे याद आया कि, चुदाई करते समय अमित ने मुझे देख लिया था। वैसे अमित भी मुझे घूरने और छूने का एक भी मौका नही छोडता था। तो मुझे यह तो यकीन था कि, वो यह बात किसी को बताएगा नही। लेकिन वो मुझे क्या बोलेगा यह मै सोच रही थी। फिर मैने सोचा मै खुद ही जाकर उससे एक बार बात कर लेती हूं, फिर देखती हूं कि वो क्या बोलता है। तो मैने चुदाई का एक और दौर आकाश के साथ खेलकर आकाश को उसके घर भेज दिया। आकाश मेरे घर से जाने के पांच मिनट के अंदर ही अमित मेरे घर आ गया।
मैने जैसे ही दरवाजा खोला, वो सीधा अंदर आकर मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपने गले से लगाने लगा। मैने उसे दूर धकेलना चाहा, लेकिन मै उसकी मजबूत पकड के आगे कुछ नही कर पाई। उसने मुझे अपने से चिपका लिया और सीधे मेरे चूचियों को मेरे टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा। वो बहुत बुरी तरह से मेरे स्तनों को मसल रहा था, जिस वजह से मेरी चुचियां दर्द कर रही थी। लेकिन उसे तो बस अपने मजे की पडी थी। आखिरकार मैने गुस्सा होकर उसे खींचकर एक थप्पड मार दिया। तब जाकर उसने मुझे छोड दिया, और अलग होकर खडा हो गया।
फिर वो सोफे पर बैठते हुए बोला, "तुम्हे शरम नही आती ऐसे काम करते हुए, अगर बंद कमरे में कुछ करना ही है, तो खिडकी तो बंद कर लेती। तेरी चुत में इतनी खुजली हो रही थी, जो खिडकी बंद करने का भी समय नही मिला तुझे।"
इतना बोलकर वो अपने मोबाइल पर एक वीडियो चलाने लगा, जिसमे मै और आकाश चुदाई कर रहे थे। मुझे तो पता ही नही चला कि, अमित ने हमारी वीडियो कब बना ली। लेकिन अब मै उससे विनती करने लगी कि, "आगे से मै ऐसा कभी नही करूँगी। लेकिन यह वीडियो डिलीट कर दो, वरना मेरी बेइज्जती हो जाएगी। मै किसी को मुंह दिखाने के लायक नही रहूंगी।"
तो उसने मेरे सामने एक शर्त रखी। वो इस वीडियो को तभी डिलीट करेगा जब मै उसके साथ सोऊंगी। अब मेरी हालत तो ऐसी थी कि, एक तरफ आग तो दूसरी तरफ कुंआ। तो मैने एक बार ठंडे दिमाग से सोचकर देखा, फिर मैंने भी मजबूरी में उसे हां कर ही दिया। तो वो बोला, "अभी बस मेरा एक बार पानी निकाल दो, रात में आराम से तेरी चुत का बाजा बजाऊंगा। वैसे भी दो दिन तेरे घरवाले नही है, तो दो दिन आराम से चुदाई करेंगे।"

जब मै अपनी जगह पर चुपचाप खडी रही तो वो मुझसे बोला, "साली रंडी की औलाद, उसके साथ तो मस्त गांड उचकाकर अपनी चुत चुदवा रही थी। और यहां मेरे सामने नखरे कर रही है।"
मैने उससे कहा, "देख अमित मुझे यह गाली गलोच बिल्कुल भी पसंद नही है। तू यह सब बंद कर दे, फिर तू जो बोलेगा मै वही करूँगी।"
इतना बोलकर मै उसके सामने जाकर अपने घुटनों के बल बैठ गई। तो वो बोलने लगा, "यार लेकिन गाली देने से मेरा जोश और बढ जाता है, तू चाहे तो मुझे भी गाली दे सकती है।"
मै उसकी बातों की तरफ ध्यान न देते हुए मैने सीधा उसकी पैंट को खोलने में लग गई। उसकी पैंट खोलकर मैने उसे उसके पैरों में गिरा दिया, और उसके लंड को चड्डी के ऊपर से ही सहलाने लगी। उसके लंड को देखकर तो लग रहा था, कि इसका लौडा तो आकाश से भी लंबा और मोटा है।

यह देखकर तो मै मन ही मन खुश होने लगी थी, लेकिन मै यह बात अमित से नही बोल सकती थी। तो मैने अब उसकी चड्डी को खींचकर नीचे कर दिया। जैसे ही मैने उसकी चड्डी को नीचे खींच दिया, उसका लंड मेरे नाक से आ टकराया। जिसकी वजह से मै एकदम से डरकर पीछे को हटा गई। यह देखकर अमित मेरी तरफ देखते हुए हंसने लगा। फिर मैने अमित के लंड को अपने हाथों में भरकर चूमना शुरू कर दिया। अमित का लंड भी मेरे हाथ लगाने से और उछलने लगा था। अब उसके लंड में और भी तनाव आने लगा था। उसका लंड तो पूरे उफान पे था।
फिर मैने उसके लंड को एक बार पूरा ही मुंह मे भर लिया और बाहर निकाल लिया। उसके बाद वो मेरी तरफ देखने लगा तो मैंने उसके लंड को अपने हाथ से ही हिलाना चालू रखा। फिर मैंने उसके लंड के टोपे वाली चमडी को पीछे हटाकर उसके टोपे पर अपनी जीभ घुमाई। जीभ लौडे पर लगते ही उसके लंड ने एक और झटका मार दिया। फिर मै उसके लंड को मुंह मे भरकर गपागप चूसने लगी थी। बीच बीच मे उसके अंडकोषों को भी चाटने से उसके पूरे शरीर मे एक सिरहन सी दौड जाती थी।
अब अमित के हाथ मेरे सर के पीछे आकर मेरे बालों में घुस चुके थे, और वो मेरे सर पर अपनी पकड बनाए रख रहा था। वो मेरे सर को पकडकर मेरे मुंह मे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। मेरे मुंह को वो अभी बडी बेरहमी से चोद रहा था। उसका लंड पूरा अंदर जाकर मेरे गले से टकरा जाता, जिस वजह से मेरे मुंह से गुँ गुँ की आवाजें निकलने लगती। वो अब झडने की कगार पर पहुंच चुका था, तो उसकी गती और तेज होने लगी थी। अब वो मुझ पर बिना कोई रहम दिखाए मेरे मुंह को चोदे जा रहा था।
तभी उसने अपने लंड से वीर्य की पिचकारी छोड दी, और अपने वीर्य से मेरा पूरा मुंह भर दिया। फिर वो वहीं सोफे पर बैठ गया। उसका वीर्य मेरे मुंह से बहकर बाहर निकलने लगा, तो मै जल्दी से उठकर बाथरूम की ओर भागी। और खुद को साफ करके लौटी। तो वो भी अपने कपडे पहन चुका था। और अब अमित भी निकलने को तैयार था। तो मैने उसे बोला, "वापस कब आओगे?"
इस पर वो बोला, "शाम को पूरी तरह से सज-धजकर तैयार रहना, नीचे के भी बाल काटकर रखना। आज रात तुम्हे पूरी तरह से नई नवेली दुल्हन बनाकर हमारी सुहागरात मनाकर चोद दूंगा।"
फिर वो मेरे घर से बाहर जाने लगा।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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