भाभी आई बहार लाई

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Antarvasna, hindi sex story: दोपहर के 2:00 बज रहे थे तभी मेरे फोन पर महेश का फोन आता है और महेश मुझे कहने लगा सुनील क्या तुम अभी घर पर आ सकते हो मैंने महेश को कहा ठीक है महेश मैं भी तुम्हारे घर पर आता हूं। महेश मेरे बचपन का दोस्त है लेकिन कुछ समय से वह अपने काम में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पा रहा है क्योंकि उसका काफी नुकसान हो चुका है जिस वजह से वह काफी परेशान भी रहने लगा है। मैं जब महेश के घर पर पहुंचा तो मैंने महेश को कहा महेश सब कुछ ठीक तो है ना महेश मुझे कहने लगा सुनील अब मैं तुम्हें क्या बताऊं मैं तो काफी परेशान हो चुका हूं। मैंने महेश को कहा लेकिन महेश अब क्या हुआ तो महेश कहने लगा कि कल रात को हम लोग मेरी मौसी के घर गए हुए थे और जब वापस लौटे तो घर का सामान पूरी तरीके से बिखरा हुआ था और मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि घर पर चोरी हो जाएगी। महेश के घर पर चोरी हो चुकी थी और मैंने जब महेश को कहा कि महेश क्या तुमने पुलिस में कंप्लेंट करवाई तो महेश कहने लगा कि यार पुलिस मैं मैंने कंप्लेंट करवा दी है लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमारे घर की हुई चोरी का कुछ पता चल पाएगा।

महेश बहुत ज्यादा परेशान था क्योंकि महेश अपने बिजनेस के नुकसान से अभी उभरा ही था कि महेश के घर पर चोरी हो गई। महेश और मैं साथ में बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे तभी उसकी पत्नी पानी का गिलास लेकर आई और मुझे कहने लगी कि भैया पानी ले लीजिए। मैंने पानी पिया और मैंने महेश को कहा महेश तुम चिंता मत करो। मुझे महेश को लेकर बहुत ज्यादा चिंता हो रही थी क्योंकि महेश मेरे बचपन का दोस्त भी है और मुझे लगा कि मुझे महेश की मदद करनी चाहिए और मैंने महेश की मदद की। मैंने महेश को कहा महेश यदि तुम्हें पैसों की आवश्यकता है तो मैं तुम्हें पैसे दे सकता हूं मैंने महेश की पैसों से मदद की तो वह मुझे कहने लगा कि थोड़े समय बाद मैं तुम्हारे पैसे तुम्हें लौटा दूंगा। मैंने महेश को कहा महेश तुम्हें पैसे लौटाने की जरूरत नहीं है बेवजह ही तुम चिंता मत करो और इतनी फिक्र मत करो जब तुम्हारे पास पैसे होंगे तो तुम मुझे लौटा देना। महेश और मैं काफी देर तक एक दूसरे के साथ बैठकर बात करते रहे थे उसके बाद मैं अपने घर लौट चुका था।

जब मैं अपने घर लौटा तो मेरी पत्नी मुझसे कहने लगी कि सुनील सब कुछ ठीक तो है ना मैंने अपनी पत्नी को सारी बात बताई और कहा कि महेश के घर पर चोरी हो गई। मेरी पत्नी कहने लगी कि महेश भैया के ऊपर भी ना जाने कितनी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है मैंने अपनी पत्नी से कहा हां महेश बहुत ज्यादा परेशान है और मुझे तो महेश की काफी चिंता होने लगी है लेकिन मुझे महेश पर पूरा भरोसा था कि महेश इन सब मुसीबतों से जरूर निकल जाएगा। मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मेरे लिए तुम खाना लगा दो मुझे बड़ी भूख लग रही है क्योंकि मेरी पत्नी ने अभी तक खाना नहीं खाया था। हम लोगों ने जब खाना खाया तो उसके बाद हम दोनों आपस में बात कर रहे थे मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने मायके हो आती हूं मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हें तुम्हारे मायके छोड़ दूंगा। मेरे माता पिता की मृत्यु भी काफी वर्ष पहले हो गई थी और मैं घर पर इकलौता ही हूं इसलिए मुझे ही घर की सारी जिम्मेदारी को देखना था मेरी शादी भी मेरे मामा जी ने करवाई थी। अगले दिन ही मैं अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए उसके घर चला गया मैं उस दिन वहीं रुक गया था और अगले दिन मुझे महेश का फोन आया मैं महेश को मिलने के लिए चला गया। मैं जब महेश को मिला तो मैं बहुत ज्यादा परेशान नजर आ रहा था मैंने महेश को उसकी परेशानी का कारण पूछा तो महेश कहने लगा सुनील मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि मुझे क्या करना चाहिए। मैंने महेश को कहा देखो महेश तुम्हें हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है सब कुछ ठीक हो जाएगा और तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो। जब मैंने महेश को यह कहा तो महेश मुझे कहने लगा कि मुझे तो अपने परिवार की अब चिंता होने लगी है और मेरा काम भी बिल्कुल ठीक नहीं चल पा रहा है जिस वजह से मैं बहुत ज्यादा चिंतित हूं। मैंने महेश को कहा देखो महेश तुम अपने ऊपर भरोसा रखो मुझे तुम पर पूरा भरोसा है तुम जरूर कुछ ना कुछ कर लोगे। मैंने जब महेश को यह सब कहा तो महेश कहने लगा कि लेकिन मेरे पास तो पैसे भी नहीं है मैंने महेश को कहा देखो महेश तुम्हारे परिवार की जिम्मेदारी मैं उठाने के लिए तैयार हूं लेकिन तुम सिर्फ अपने काम पर ध्यान दो। महेश और मेरे बीच बहुत गहरी दोस्ती है और जब मैंने महेश को यह कहा तो महेश ने भी अब जॉब करने के बारे में सोच लिया था।

महेश ने कुछ समय तक जॉब की और उसके बाद उसने थोड़े बहुत पैसे अपने पास जमा कर लिए थे महेश ने मुझसे भी पैसों की मदद मांगी तो मैंने महेश को पैसे दे दिए। महेश ने अब अपना एक छोटा सा काम शुरू कर लिया था जिससे कि उसे ठीक-ठाक मुनाफा होने लगा था महेश का घर अब चलने लगा था और महेश का काम भी अब अच्छे से चलने लगा था धीरे-धीरे महेश की तरक्की होने लगी। मैं जब भी महेश से मिलता तो मैं महेश को कहता कि महेश मैं तुम्हें कहता ना था कि तुम जरूर अपने जीवन में तरक्की कर लोगे और मुझे तुम पर पूरा भरोसा है कि तुम्हारे जीवन में अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। महेश मुझे कहने लगा सुनील यह सब तुम्हारी वजह से ही संभव हो पाया है महेश और मैं हमेशा से ही एक दूसरे के साथ खड़े रहे हैं जिस वजह से महेश ने मुझे यह बात कही कि तुम्हारी वजह से ही यह सब हुआ है। मैंने महेश को कहा देखो महेश तुम मेरे दोस्त हो और हमेशा ही मेरे दोस्त रहोगे लेकिन आज के बाद तुम मुझसे कभी भी इस प्रकार की बात नहीं करोगे महेश मुझे कहने लगा ठीक है सुनील तुम अब बेवजह गुस्सा मत हो। महेश की तरक्की से मैं खुश था और महेश उसी मुकाम पर दोबारा से पहुंच गया था जिससे कि उसका घर अच्छे से चलने लगा था।

महेश ने अपने घर को भी गिरवी रख दिया था लेकिन उसने अब अपने घर को पैसे लेकर छुड़वा लिया था। महेश ने अपना घर अब छुड़वा लिया था और महेश भी इस बात से बड़ा खुश था। मेरे जीवन में भी सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन मेरे जीवन मे सेक्स को लेकर कुछ ना कुछ कमी थी क्योंकि मेरी पत्नी मुझे सेक्स का वह मजा नहीं दे पाती थी जो कि मुझे चाहिए होता था। हमारे पड़ोस मे एक भाभी रहने के लिए आई उनके पति सुबह अपनी नौकरी पर निकल जाया करते थे लेकिन शाम के वक्त जब भी मैं भाभी को देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाया करता। भाभी के बारे मे अब मैंने थोड़ी बहुत जानकारी जुटानी शुरू कर दी थी भाभी से धीरे-धीरे मेरी नजदीकियां बढ़ानी शुरू हो गई। भाभी के उभरे हुए स्तन और उनकी गांड देख कर मेरा लंड एकदम तन कर खड़ा हो जाया करता मैं भाभी की गांड मारने के लिए बड़ा ही उत्सुक था मै चाहता था भाभी की गांड किसी प्रकार से मैं मार सकू। भाभी का नाम राधिका है जब राधिका भाभी से मैं मिलता तो उनसे हमेशा ही में मजाकिया अंदाज में बात किया करता। भाभी ने एक दिन मुझे घर पर बुलाया और कहा भाई साहब हमारे घर का पंखा नहीं चल रहा है क्या आप हमारे घर के पंखे को देख लेंगे? मैं भी उनके घर पर चला गया भाभी के स्तनों को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था मैं भाभी की चूत देख रहा था मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया मैंने भाभी को अपनी बाहों में जकड़ लिया भाभी भी मेरी बाहों में आकर बड़ी खुश थी। वह मुझे कहने लगी आप यह क्या कर रहे हैं? मैंने राधिका भाभी को कहा भाभी आपकी गांड मारनी है?

भाभी जी बड़ी उत्तेजित हो गई थी मैंने जब उनके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह कहने लगी मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा है मैंने भाभी से कहा भाभी आपकी चूत को चाटना है। मैंने उनके कपड़ों को उतारा और कुछ देर तक मै उनके स्तनों का रसपान करता रहा जब मैं उनके स्तनों का रसपान करता तो मुझे बड़ा ही मजा आता मैंने अपने लंड को भाभी के स्तनों के बीच में लगाकर ऊपर नीचे करना शुरू किया भाभी को भी बड़ा मजा आने लगा। भाभी ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी तो मुझे बड़ा ही आनंद आने लगा काफ़ी देर तक उन्होंने मेरे लंड का रसपान किया। मैंने जब उनकी चिकनी और मुलायम चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो मुझे उनकी चूत को चाटने में मजा आ रहा था बहुत देर तक मैंने उनकी चूत को चाटा और उनकी चूत से पानी बाहर निकाल दिया।

मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था मैंने उनकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मेरा लंड उनकी चूत के अंदर जा चुका था वह अपने मुंह से मादक आवाज में मुझे अपनी और आकर्षित करने लगी। जिस प्रकार मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था उससे मेरे अंदर की उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी लेकिन अब मैं ज्यादा देर तक अपने आपको रोक ना सका और 5 मिनट तक भाभी की चूत के मजे लेने के बाद मेरा वीर्य पतन हो गया। मेरा वीर्य पतन हो चुका था मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए भाभी की गांड के अंदर अपनी उंगली को घुसाया तो मेरा लंड भाभी की गांड के अंदर जाने के लिए तैयार था। मैंने अपने लंड को भाभी की गांड के अंदर डाल दिया मेरा लंड जैसे ही भाभी की गांड के अंदर गया तो वह चिल्लाने लगी जब भाभी की गांड के अंदर मेरा लंड घुसा तो वह चिल्ला रही थी और अपने चूतड़ों को मुझसे मिला रही थी। मुझे उन्हें धक्के मारने में बड़ा ही मजा आ रहा था बहुत देर तक मैंने उन्हें धक्के दिए वह बड़ी खुश नजर आ रही थी उनकी गांड से खून बाहर की तरफ को निकल रहा था। उन्होंने मुझे कहा मुझसे अब रहा नहीं जाएगा मैंने भी अपने लंड को उनकी गांड के अंदर बाहर बड़ी तेजी से किया थोड़ी ही देर बाद अपने वीर्र को उनकी गांड के अंदर प्रवेश करवा दिया। भाभी के हमारे पड़ोस में आने से मेरी सेक्स लाइफ बड़ी ही अच्छी हो गई।
 
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