भोली भाली बहन आखिर चुद ही गई

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अब मैंने सोचा कि इसके नाम से जब मुठ मारने में इतना मजा आ रहा है तो इसको चोदने में कितना ज्यादा मज़ा आयेगा. यह सोचते ही मैं बाथरूम से बाहर आ गया और जाकर उनके पास बैठ गया. मैंने देखा कि वो दुखी होकर बैठी थी. मुझे लगा कि मुझ से गुस्सा हैं तो मैंने उनसे सारी बोला. वो रो रही थी और मुझ से बोली कि सब मुझ पर चिल्लाते हैं और तू भी मुझ पर चिल्ला रहा है…

नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम दीपक है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. अभी मैं बीएससी कर रहा हूँ और यह बात तब की है जब मैं 12वीं में था. दोस्तों, मेरा कद 5 फुट और 8 इंच है और मेरे लौड़े का साइज़ 7 इंच के आसपास है.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरे ताऊ की एक लड़की है, उसका नाम नेहा है. वो लोग 2 बहन और 1 भाई हैं. उसकी मम्मी और भाई के साथ आगरा में गाँव में रहते हैं और उसकी बहन की शादी हो गयी है. अब वो अपने पापा के साथ रहती है. मेरी और उसकी फैमली एक ही घर में एक ही साथ रहती है.

माफ़ करना दोस्तों, मैंने दीदी के बारे में तो आपको अभी तक बताया ही नहीं. नेहा दीदी की उम्र 23 साल है और उनका फिगर 36-34-32 का है. उनकी गाण्ड के बारे में तो पूछो ही मत! एक बार देख लो तो मुठ मारे बिना रह ही न पाओगे.

मैंने कभी भी दीदी को गन्दी नज़रों से नहीं देखा था पर जब मैं 12वीं में आया तो मेरी सेक्स के प्रति इच्छा बढ़ने लगी और मैं सेक्स के बारे में सीखने लगा. इसके लिए मुझे भी चूत मारनी चाहिए. बस पूरा दिन मैं यही सोचने में लगा रहता पर लाख कोशिश के बाद भी मुझे कोई चूत नहीं मिली थी.

एक दिन की बात है मैं और नेहा दीदी बैठ कर टीवी देख रहे थे. रात का समय था और हम दोनों के अलावा घर पर और कोई भी नहीं था. घर के सभी लोग शादी में गए हुए थे. मेरा मन नहीं था और नेहा को कुछ काम इसलिए वो भी नहीं गई थी.

टीवी पर हॉलीवुड मूवी आ रही थी. जब उस पर सेक्स सीन आने लगा तो मेरा लंड खड़ा होने लगा था. तभी उसने चैनल बदल दिया और वो मूवी हटा दी. जिससे मुझे गुस्सा आ आ गया और मैं उन पर चिल्ला दिया. जिससे वो वहां से चली गयी. जब वह जा रही थी तो जाते समय मैंने उनकी गाण्ड को देखा. क्या मटक मटक कर चल रही थी! मैं तो देखता ही रह गया.

उस दिन मेरे मन में पहली बार उनके लिये ऐसे ख्याल आये और फिर मैं उनको चोदने के बारे में सोचने लगा. उस दिन मैंने पहली बार बाथरूम में जा कर उनके नाम की मुठ मारी. यार पूछो ही मत कि उनकी नाम की मुठ मार कर मुझे कैसा महसूस ही रहा था!

अब मैंने सोचा कि इसके नाम से जब मुठ मारने में इतना मजा आ रहा है तो इसको चोदने में कितना ज्यादा मज़ा आयेगा. यह सोचते ही मैं बाथरूम से बाहर आ गया और जाकर उनके पास बैठ गया. मैंने देखा कि वो दुखी होकर बैठी थी. मुझे लगा कि मुझ से गुस्सा हैं तो मैंने उनसे सारी बोला. वो रो रही थी और मुझ से बोली कि सब मुझ पर चिल्लाते हैं और तू भी मुझ पर चिल्ला रहा है.

फिर मैंने उनके आंसू पोंछे और उससे बोला – दी, आगे से ऐसा नहीं करूंगा.

अब वह शांत हो गयी और हंस पड़ी. चूँकि आज घर पर कोई भी नहीं था तो मैंने सोचा कि मुझे जो भी करना है आज ही करना होगा है. फिर मैंने उनको डिनर बाहर चल कर करने के लिये बोला. तो वो मान गयी और बोली – मैं तैयार होकर आती हूँ.

फिर मैं भी तैयार होने चला गया और जब मैं तैयार हो कर ब्लैक ब्लेजर, व्हाइट टी-शर्ट और स्किन कलर की जीन्स पहन कर आ गया. जब वो रेडी हो कर आई तो मैं उसको देखता ही रह गया. उसने ब्लैक कलर का टाइट सूट पहना हुआ था. जो उस पर बहुत मस्त लग रहा था. मुझे देख कर उसने मुझ से बोला – आज तो तू बहुत मस्त लग रहा है. आखिर किसके लिए इतना मस्त बन कर आया है?

तो मैंने भी बोल दिया, ‘तुम्हारे लिए’ और फिर हंसने लगा. इसके बाद मैंने भी उसको बोला कि बहुत खूबसूरत लग रही हो. कहीं ऐसा न हो कि तुम्हें देख कर कोई गिर जाए. तो उसने कुछ नहीं बोला. फिर हम लोग बाइक पर बैठ कर रेस्तरां पहुंच गए. मैंने वहां पर उसको एक गर्ल फ्रेंड की तरह ट्रीट किया.

जब हम खाना खा कर लौट रहे थे तो बारिश होने लगी. इसलिए हम एक जगह रुक गए. तभी अचानक ठंडी हवा चलने लगी. जिससे नेहा को ठण्ड लगने लगी तो मैंने उसको अपना ब्लेजर पहना दिया. अब वह थोड़ा शांत हो गई. लेकिन बारिश बंद ही नहीं हो रही थी और अब नेहा को नींद भी आने लगी थी.

तो मैं वह ज़मीन पर बैठ गया और अपनी गोद में उनको सर रखने के लिए बोला. फिर वो मेरी गोद में सर रख कर सोने लगी. तभी बारिश बंद हो गई तो हम निकलने लगे. चूंकि वो मेरी गोद में अपना सर रख कर सो रही थीं. इसलिए मेरा लंड खड़ा हो गया था. इस बार वह बाइक पर दोनों तरफ अपने पैर कर के बैठ गयी. उसको नींद आ रही थी इसलिये मैंने उसको खुद को पकड़ कर बैठने को कहा.

नींद की वजह से वो ऐसे ही बैठ गयी. जब मैं चलने लगा तो उसके चूचे मुझे फील होने लगे. थोड़ी देर बाद वो जाग गई और मुझसे बोली – दीपक, आज तक मुझे इतनी ख़ुशी कभी नई हुई जितनी आज हो रही है. सब मुझ पर चिल्लाते रहते थे पर तूने आज मुझे जीना सिखा दिया. थैंक दीपक, काश मैं भी तेरे लिए कुछ कर पाती.

तब मौका पाकर मैंने उससे कहा – कुछ वक़्त से मैं एक बात तुमसे बोलने की कोशिश कर रहा हूँ पर बोल नहीं पाता. डर लगता है कि कहीं तुम मना न कर दो. क्या आज बोल दूं?

तो वह बोली – हां, बताओ न.

फिर मैं उसको बोला कि पहले प्रॉमिस करो कि तुम मना नहीं करोगी. तो वो बोली – अच्छा ठीक है. मैं प्रॉमिस करती हूँ कि मना नहीं करूंगी.

अब मैं अपनी पूरी हिम्मत बटोर कर उससे बोला – मैं तुम्हें बहुत पसन्द करता हूँ. तुमसे प्यार करता हूँ.

यह सुन कर वो बोली – तू पगला गया है, हम भाई – बहन हैं और ये सब हमारे बीच में नहीं हो सकता.

तो मैं बोला – हां, मैं जानता हूँ लेकिन मैं क्या करूं? प्यार तो तुमसे ही हुआ है न. मैं तो किसी और के लिये सोचता भी नहीं हूँ और अगर तुम मुझे न मिली तो मैं मर जाऊँगा.

अब सोच में पड़ गयी. थोड़ी देर बाद उसने मुझ से बाइक रोकने को कहा. तो मैंने बाइक रोक दी. वो बाइक से उतर कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझ से बोली – क्या तू मुझे सच में प्यार करता है?

मैंने कहा – हां सच में.

वह बोली – तू मुझे कभी धोखा तो नहीं देगा न?

मैंने कहा – कभी नहीं.

तो वो रो पड़ी और कस के मुझे हग करके ‘आई लव यू’ बोलने लगी. तब मैं भी उसके सर को पकड़ कर उसके लिप्स पर किस करने लगा. इसमें वो भी मेरा साथ दे रही थी. उसको अच्छी तरह किस करना भी नहीं आ रहा था. मतलब साफ था वो अभी कुवांरी थी. अब दीदी गर्म होने लगी थी और मेरा भी लन्ड खड़ा हो गया था.

फिर हम जल्दी से घर आ गए. घर आते ही मैंने दरवाजा बंद किया और उनको लेकर बेड पर पहुंच गया. अब तक हम दोनों काफी गर्म हो चुके थे और चुदाई के लिए तैयार थे इसलिए बेड पर ले जाकर मैंने सीधा उनके कपड़े उतार दिया और अपने भी कपड़ों को निकाल दिया.

अब मैं उनके नंगे बदन को देख कर और उत्तेजित हो गया और उनके नंगे चूचे पीने लगा. अब तक उनकी भी उत्तेजना काफी बढ़ गई थी और वो मुझसे बोली – अब देर न करो बना लो मुझे अपना.

चूँकि मुझे भी जल्दी से उनके कुंवारेपन का रस चखना था इस लिए मैंने लन्ड को उनके चूत पर टिकाया और हल्के – हल्के धक्के मारने लगा. मुझे पता था कि उन्हें दर्द होगा इसलिए मैंने कोई जल्दी नहीं की. फिर धीरे – धीरे करके मैंने अपना पूरा लन्ड उनकी चूत में डाल दिया. उनकी सील टूट चुकी थी. जिस वजह से उनकी चूत से खून आने लगा था और उन्हें दर्द भी हो रहा था. लेकिन वह सब कुछ सहन करती जा रही थी.

करीब 5 मिनट बाद उनकी चूत ढीली पड़ी तो उनको भी मज़ा आने लगा. और फिर हमने करीब 10 मिनट तक मस्त चुदाई की. उसके बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया. इस बीच वो भी दो बार झड़ चुकी थी. अब हम खुश थे. वो पूरा दिन हमारे पास था तो हमने बाद में 3 बार और चुदाई की.
 
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