महिमा की चूत से खून निकलने लगा

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Hindi sex story, antarvasna: मेरा यह कॉलेज का आखिरी वर्ष था मैं अपने दोस्तों के साथ उस दिन कॉलेज की कैंटीन में बैठा हुआ था और अपने दोस्त गौतम के साथ बातें कर रहा था बाकी सब लोग क्लास पढ़ने के लिए जा चुके थे। मैंने गौतम से कहा कि गौतम आज मेरा क्लास पढ़ने का मन नहीं है वह मुझे कहने लगा कि रोहित क्या हुआ तो मैंने उसे कहा कि बस ऐसे ही आज मेरा बिल्कुल भी मन नहीं हो रहा है। गौतम ने मुझे कहा कि तुम घर चले जाओ मैंने गैतम से कहा की हां यह तुम ठीक कह रहे हो। गौतम भी क्लास में जा चुका था और मैं घर लौट आया था।

जब मैं घर आया तो मां ने मुझसे कहा कि बेटा तुम आज घर बहुत जल्दी आ गए। मैंने मां को कहा कि आज मेरा मन नहीं लग रहा था मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं घर चला आया मां ने मुझे कहा कि तुम आराम कर लो। मैं अपने रूम में आराम करने लगा मुझे वाकई में उस दिन बहुत तेज बुखार आ रहा था इसलिए मैं अपने रूम में लेटा हुआ था और मैं सो गया। मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि मुझे नींद आ गई जब मुझे शाम के वक्त गौतम का फोन आया तो तब मीठी नींद खुली। गौतम मुझे कहने लगा कि तुम कहां हो तो मैंने गौतम से कहा कि मैं तो घर पर आ चुका हूं।

गौतम कहने लगा कि आज मुझे तुम्हारी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी तो मैंने गौतम से कहा कि हां मुझे आज काफी तेज बुखार होने लगा था और मैं आराम कर रहा हूं। मैं और गौतम बात कर रहे थे तभी मां ने कहा कि तुम कुछ खा लो मैंने मां से कहा कि नहीं मां रहने दो मेरा मन बिल्कुल भी नहीं है। मां के कहने पर मैं उनकी बात ना टाल सका और मां ने मेरे लिए खाना बना दिया।

मां ने मेरे लिए खाना बना लिया था मैंने मां से कहा कि मां क्या पापा अभी तक आये नहीं है तो मां कहने लगी कि नहीं बेटा वह अभी तक अपने ऑफिस से लौटे नहीं है। खाना खाने के बाद मुझे थोड़ा बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और मैं उस दिन जब अपनी कॉलोनी के पार्क में गया तो वहां पर मुझे महिमा मिल गयी। मैं जब महिमा से मिला तो मुझे महिमा से बात कर के बहुत ही अच्छा लग रहा था काफी दिनों बाद महिमा मुझे मिल रही थी तो महिमा ने मुझे कहा कि रोहित कितने दिनों बाद हम दोनों की मुलाकात हो रही है।

महिमा मेरे साथ स्कूल में पढ़ा करती थी इसलिए मेरी और महिमा की काफी अच्छी दोस्ती है लेकिन उसके बाद महिमा दूसरे कॉलेज में पढ़ने लगी और मैं दूसरे कॉलेज में पढ़ाई करता हूं इसलिए हम दोनों एक दूसरे को कम ही मिला करते हैं। महिमा ने मुझसे पूछा कि आज मुझे तुम्हारा चेहरा उतरा हुआ नजर आ रहा है मैंने महिमा को कहा की आज मेरी तबीयत ठीक नहीं थी लेकिन अब मैं पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं और मैं अब ठीक हूं। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे जब हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो हम लोग एक दूसरे से बातें करने लगे।

मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब मैं महिमा के साथ बातें कर रहा था मैंने महिमा से पूछा कि तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है तो महिमा मुझे कहने लगी कि मेरी पढ़ाई तो अच्छी चल रही है। मैं और महिमा काफी देर तक एक दूसरे के साथ बैठे रहे फिर महिमा ने मुझे कहा कि रोहित अभी मैं चलती हूं और यह कहकर महिमा वहां से चली गई। महिमा तो जा चुकी थी लेकिन मेरा मन अभी घर जाने का नहीं था और मैं पार्क में ही बैठा हुआ था। काफी देर तक मैं पार्क में ही बैठा रहा फिर मैं वहां से घर चला आया। जब मैं घर पर आया तो पापा भी घर आ चुके थे। उस रात मुझे बहुत ही अच्छी नींद आई अगले दिन मुझे सुबह जल्दी कॉलेज जाना था और मैं सुबह जल्दी कॉलेज चला गया। जब मैं कॉलेज से उस दिन घर लौटा तो मां ने मुझे कहा कि रोहित बेटा आज हम लोग तुम्हारे पापा के फ्रेंड के घर पर डिनर के लिए जा रहे हैं।

मैंने मां से कहा मां मैं अभी तैयार हो जाता हूं मैं भी जल्दी से तैयार हो गया था। मैं तैयार हो चुका था जैसे ही पापा ऑफिस से आए तो उसके बाद हम लोग तैयार होकर। उनके फ्रेंड के घर पर चले। गए हम लोगों को घर लौटने में काफी ज्यादा देर हो चुकी थी। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त काफी अंधेरा भी हो रहा था। कॉलेज की अगले दिन छुट्टी थी इसलिए मैं अगले दिन सुबह देर से उठा।

जब मैं उठा तो मैंने जल्दी से मुंह हाथ धोया और नाश्ता करने के बाद मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए सोच रहा था लेकिन उस दिन मुझे महिमा का फोन आया और महिमा मुझे कहने लगी कि रोहित तुम आज क्या कर रहे हो। मैंने महिमा को कहा कि मैं तो आज घर पर ही था सोच रहा था कि अपने दोस्तों से मुलाकात कर लेता हूं। महिमा ने मुझे कहा कि मैं भी घर पर अकेले बोर हो रही थी तो सोचा कि तुमसे बात कर लूँ। मैंने महिमा को कहा कि चलो आज हम लोग कहीं घूम आते हैं महिमा मुझे कहने लगी कि हां ठीक है।

मैंने भी अपनी मोटरसाइकिल निकाली और महिमा के घर के पास चला गया। महिमा ने मुझसे कहा कि आज मैं शॉपिंग भी कर लेती हूं। महिमा ने उस दिन काफी शॉपिंग की और मैं भी महिमा के साथ उस दिन बड़ा खुश था मेरा दिन भी अच्छे से बीत गया था क्योकि मैं भी घर पर अकेले बोर ही हो रहा था। महिमा ने मुझे कहा कि रोहित चलो आज हम लोग मूवी देख लेते हैं मैंने महिमा से कहा नहीं महिमा रहने दो आज मेरा मन मूवी देखने का नहीं है। हम लोग पास के ही कॉफी शॉप में बैठ गए और वहां पर जब हम लोग बैठे तो हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे। समय का पता ही नहीं चला और हम लोगों को वहां बैठे हुए एक घंटे से ऊपर हो चुका था।

हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था। महिमा ने मुझे कहा कि रोहित अब हम लोग घर चलते हैं और फिर हम दोनों घर लौट आए थे। हम दोनों घर तो लौट आए थे लेकिन महिमा ने मुझे कहा तुम मेरे साथ घर पर चलो। मैं महिमा के घर पर चला गया हम दोनों साथ मे बैठे हुए थे। मै महिमा से बातें करने लगा था वह मुझे कहने लगी मैं अभी कपड़े चेंज कर कर आती हूं। महिमा कपड़े चेंज करने के लिए चली गई जब महिमा कपड़े चेंज करने के बाद आई तो मैं उसकी जांघों को देखकर अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। महिमा मेरे बगल में बैठी हुई थी उसने टीवी ऑन कर दी हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे।

मैंने महिमा की जांघ पर हाथ को रख दिया और उसकी जांघ को सहलाने लगा। जब मैं उसकी जांघों को सहला रहा था वह पूरी तरीके से मजे में आने लगी थी मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। हम दोनों गर्म होने लगे थे। मैंने महिमा से कहा मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। महिमा ने मेरे होठों को चूम लिया जब उसने मेरे होंठों को चूमा तो मैं बिल्कुल भी रह ना सका और ना ही वह अपने आपको रोक पा रही थी। हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो गए थे मेरी गर्मी अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी मैंने महिमा से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मैंने अपने लंड को महिमा के सामने किया। जब मैने अपने लंड को उसके सामने किया तो महिमा ने उसे अपने हाथों में ले लिया और वह उसे हिलाने लगी थी।

महिमा ने उसे अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया। मुझे बहुत मजा आने लगा था और महिमा को भी मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। मैं बहुत ज्यादा खुश था उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। उसने मेरे लंड से पानी बाहर निकाल दिया था जब उसने मुझे कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी तो मैंने महिमा से कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा। मैंने महिमा की योनि के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला कर लिया था। मैंने महिमा के कपड़े उतारते हुए जब उसके बदन को महसूस करना शुरू किया तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं और महिमा एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। जब मैंने महिमा की चूत को चाटना शुरू किया महिमा पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी और वह कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाने का फैसला कर लिया था। मैंने महिमा की चूत मे अपने लंड को घुसाया तो वह मुझे बोली मेरी चूत में दर्द होने लगा है। अब मैं समझ चुका था महिमा की योनि में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा है वह पूरी तरीके से मजे में आने लगी थी। महिमा बहुत ज्यादा गर्म होती जा रही थी मै भी बहुत ज्यादा गर्म होता जा रहा था जिस तरीके से मैं और महिमा एक दूसरे का साथ दे रहे थे। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था उससे मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी और महिमा के अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी।

हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो गए थे। मेरा लंड महिमा की चूत के अंदर तक जा रहा था मुझे मजा आने लगा था। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुम ऐसे ही बढ़ाते जाओ। मैं महिमा के साथ बड़ी अच्छी तरीके से सेक्स संबंध बना रहा था वह बहुत ज्यादा गरम हो रही थी। जब मुझे एहसास होने लगा मैं ज्यादा देर तक महिमा के साथ सेक्स नहीं कर पाऊंगा तो मैं उसे और भी तेजी से धक्के मारने लगा था। महिमा की चूत से मैंने अपने लंड को निकाल दिया था।

मैंने देखा उसकी चूत से खून बाहर निकल रहा था मैंने अपने लंड को हाथ से हिलाना शुरू किया और महिमा के स्तनों पर मैंने अपने माल को गिरा दिया। मेरी माल महिमा की चूत मे गिरा तो वह खुश हो गई और बोली मुझे बहुत ही अच्छा लगा। महिमा को बड़ा मजा आया था। वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए हमेशा ही तड़पती रहती थी। जब उसका मन होता वह मेरे साथ में सेक्स कर लिया करती है और मैं उसकी इच्छा को हमेशा ही पूरा करता रहता हूं।
 
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