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आज मैं आपको अपनी चाची की लौंडिया मीनू की छत पर की चूत चुदाई का खूब मस्ती से विवरण करने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है की आपको यह खूब पसंद आएगी | दोस्तों मैं अपने २ वर्षीय कॉलेज की छुट्टियों में अपने गॉंव में जा रहा था और च्यूंकि मेरे चाचा का कोई लड़का नहीं था और वहाँ मेरी उम्र के लड़के बड़ी मुश्किल से मिलते हैं तो मैं अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपनी चाची की बेटी मीनू के साथ ही बिताता था | मुझे गॉंव में खुले आसमान के नीचे सोने बहुत पसंद है और खासकर छत पर जहां खुली हवा चलती है और मैं वहीँ सोया भी करता था | मेरी एक आदत है की अगर मैं रात को अपने लंड की मुट्ठी न मार लूँ तो मुझे नींद भी नहीं आती |

उस दिन भी मैं रजाई के अंदर यही लंड की मसला मसली अपने हाथों से ही कर रहा था की अचानक मेरी अचानक मीनू आ गयी और मुझे अपने तने हुए लंड में छड़ी एंठन को बीच में ही बंद करना पड़ा | वो आई और मुझसे बतियाने लगी और अब मुझे सेक्स का मन करने लगा तो मैं भी उससे कामुक बातें करने लगा था | अब बतियाते हुए मैंने अपने हाथ को मीनू के हाथ पर फिरा दिया और उसके हथेली के उप्पर अपने हाथ को शेला रहा था | वो भी मेरे बस इतने ही प्रहार सी जैसे एक बार में चित्त हो गयी और गर्माते हुए मुझसे चिपक पड़ी |

मैंने अब उसे अपनी रजाई के अंदर गुसा लिया और उसकी कुर्ती के उप्पर से उसके चुचों को भींचना शुरू कर दिया | मेरे हाथों की सख्ती उसके चुचों पर बढती ही जा रही थी और मीनू ने मझे अपनी बाहों में लिया जिसपर मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया | मैंने मीनू के होठों को चूसते हुए उसके चुचों को दबाकर मज़ा ले रहा था और उसके कुछ देर बाद ही हडप - धडप में उसकी कुर्ती को उतार दिया | मैंने मीनू के नंगे चुचों को मसलते हुए पिने लगा जिसपर मीनू बेसबब सिसकियाँ लिए जा रही थी | मैंने अब हौले हौले मीनू के सभी कपड़ों को उतार दिया और उसके उप्पर चढ गया | मैं उसकी चुदाई तडपा जा रहा था और मुठी मरते हुए पहले से ही मेरा लंड तना भी हुआ था |

अब मैंने अपने लंड को निकाला और उसकी टांगों के बीच एंठन भरी चूत पर टिका दिया और ऐसा लग रहा जैसे मीनू भी मेरे लंड को उसकी चूत में लेने के बिलकुल तैयार है | मैंने झटाक से अपने लंड के जोर के धक्के मारना शुरू कर दिया जिससे कुछ देर वो पहले दर्द से जूझने लगी और फिर बीतते समय के साथ मीनू मज़े में अपनी चूत को चुदवाने के लिए गांड को मटकाने लगी | अब मैं भी मीनू के उप्पर चढ कर अपने तने हुए लंड से उसकी चूत को बस चोदे जा रहा था और वो अपने बदन को इधर - उधर झटकती हुई बयूख्ला जा रही थी | इसी भीचम - भांच में मैं झड पड़ा और उसने बेतहाशा तरीके से चूमने लगा | अब से मैं जब भी गॉंव जाता हूँ तो मीनू की चूत मारे बिना नहीं लौटता |
 
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