मेट्रो वाइफ के लिए दोस्त का लन्ड

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सस्ती वेश्या रंडी की बेटी रंडी लन्ड की प्यासी

कमला एक सस्ती वेश्या कही जा सकती है, लन्ड के लिए अफोर्डेबल। उसका रेट खुलता है पचास से लेकर दो सौ रुपयों तक और इससे भी बड़ी बात ये है कि इस रेट को अगर आप निगोशियेट करते हैं तो यह 30 से चालीस रुपये तक आ सकती है। महंगाई के इस जमाने में सस्ती वेश्या की जिंदगी कितनी कष्टप्रद हो सकती है, पर इन सारे दुखों को झेलती हुई कमला ने अपनी बेटी सुषमा को आजतक इस पेशे में न उतरने दिया। बड़े बड़े खरीदार आए उसकी नथ उतारने को पर उसने इस जरायम के पेशे में अपनी बिटिया को नहीं आने दिया। उसे हास्टल भेज कर के हमेशा अच्छी शिक्षा दीक्षा देने की कोशिश की और फिर एक रोज जब वो अठारह की हुई, उसको अपनी बेटी की शादी की चिंता हुई।

सुषमा का हुश्न किसी कमल की तरह खिल चुका था, चौरस गांड, उठे चूंचे, पतली कमर और फिर उसपर गोरा मक्खन जैसा रंग जिसको देख कर के लन्ड को पेलने का मन ऐसे करता है जैसे की चींटी गुड़ के भेले पर चिपक जाए। तो बता दें कि सुषमा के शादी के लिए उसने एक लड़के को देखा और वो सब उसे देखने के लिए उसके घर आए। सुषमा को एक दिन के लिए कमला ने बुला लिया था और अपने लिए एक किराए का मकान अलग ले लिया था जिससे कि लड़के वाले उसके पेशे को न समझ जाएं।

लड़का एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करता था और देखते ही उसने सुषमा को पसंद कर लिया। अच्छी शिक्षा और खूबसूरत लड़की को लेकर वह मुम्बैई चला गया। मनोज का एक दोस्त मनीष भी था जो अक्सर उसके घर आया जाया करता था। दोस्त की खूबसूरत बीबी सुषमा को देखकर उसका मन डोल गया। एक दिन वह ऐसे ही दिन में जब कि मनोज अपने आफिस गया हुआ था तो उसके फ्लैट पर गया। देखा तो दरवाजा खुला था। अंदर जाने पर पाया कि सुषमा लाउंज सूट पहन कर टहल रही है।उसके मस्त मस्त चूंचे एकदम हर कदम पर हिल हिल कर के एक मोहक मादक दृष्य पैदा कर रहे थे और उसकी चौरस गांड किसी हवाई अड्डे की पट्टी की तरह एकदम बराबर मरवाने के लिए इंतजार करती दिखी। ऐसे भाव उसको देख कर आने स्वाभाविक थे। होठों पर लिपस्टिक तो देख कर ऐसे लगता था जैसे कि बस चुदने का इंतजार कर रही है और अभी अभी खून पीकर आई हो वैम्पायर की तरह से

दोस्ती की आड़ में लन्ड का आदान प्रदान

खैर, उसने हेलो किया और बैठने को कहा। खुद चाय लाई और पास में बैठ गयी। हम दोनों गेस्ट रुम में बैठे हुए थे। मैने गौर से देखा, उसने ब्रा अंदर न पहनी थी और उसके गोरे गोरे चूंचे एकदम से टाप में से दिख रहे थे। उसके काले निप्पलों पर जो कि काफी नुकीले थे, उसपर टाप का टंगा होना एकदम से सनसनी पैदा करने वाला था, ऐसा लगता था कि हिमालय की चोटी की तरह से तने दोनों ही चूंचे आपको मसल्ने की चुनौती दे रहे हों। चाय पीते ही पीते मेरे मन में जाने क्या हुआ और मैं पूछ बैठा ' सुषमा भाभी आपके शादी से पहले कितने ब्वाय फ्रेंड थे। उसने जवाब दिया, एक भी नहीं भाई साहब, बस मन मसोस के रह जाती हूं। तो मनीष ने कहा ऐसी क्या बात है शादी के बाद भी बीएफ बनाए जा सक्ते हैं। तो वो बोली। अब मुझे कौन बनाएगा अपनी जीएफ। मनीष ने कहा क्या बात करती हैं, आपको जीएफ बनाने के लिए तो लड़कों की लाईन लग जाएगी। तो उसने कहा अच्छा जी, आप बनाएंगे क्या मुझे अपनी जीएफ। तो मनीष खुश हो गया।

मनीष ने कहा सीरियस पूछना सुषमा जी, सच में। तो वो बोली कि जीहां। मनीष ने उसके गोरे गालों को पकड़ के एक गहरा किस उसके होटों पर दे दिया। वो खुश हो गयी। वो भी रंडी की बेटी थी। जैसे ही मैने उसको किस दिया उसने अपने हाथों से मेरा लौड़ा पकड़ लिया। पैंट के उपर से ही दबोचने के बाद उसने मेरी जिप खोल दी और लन्ड को बाहर खींच लिया। जैसे ही मेरा तना हुआ लन्ड बाहर आया, तन कर के उसकी लंबाई आठ इंच से ज्यादा और आम लन्ड से दोगुना मोटा हो चुका था।

उसे देख कर वो बोली ' ओ माय गाड इतना बड़ा लन्ड" मैने कहा अभी क्या देखा है अभी तो और बड़ा देखोगी, गांड फट जाएगी जब लन्ड खड़ा देखोगी।

मैने उसको लिटा कर उसके कपड़े खोले। एक एक कर उसकी मदहोश पागल जवानी को नंगा किया। अपने सपनोंकी रानी अपनी दोस्त की बीबी को रंडी बनाते हुए मुझे जरा भी अफसोस न हुआ। वो भी खुद ही हो रही थी नंगी तो क्या करें।

अब मैने अपना मोटा सुपाड़ा अपने हाथों से रगड़ा और लन्ड को फटकारते हुए उसकी बुर पर टिका दिया। चूत एकदम गीली थी, वो पहले से ही चुदने की फैंटेसी कर रही थी। मैने उसके चूंचों को पकड़ कर लन्ड को अंदर धकेलना शुरु किया। इतन मोटा लन्ड उसे पहली बार नसीब हुआ था। चूत के किनारे फैले, चर्र चर्र की आवाज से पलंग हिला और लन्ड आधा अंदर। उसने अपनी आंखें मूंद लीं। शायद उसे बहुत दर्द हुआ था। अब मजे की बारी थी। मैं उसके उपर झुक गया और उसके स्तनों को दबाते हुए उसको चोदता रहा, अपना सिर इधर उधर कर के वो अपने दर्द और मजे को बयान करती रही। वो पलंग के किनारे पर थी, मैने उस्के दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और फिर लन्ड को दुबारा अंदर घुसेड़ते हुए गहरा धंसाना शुरु कर दिया। लन्ड हर झटके के साथ उसको नया मजा देता। हर झटके के साथ उसके मुह से आह निकलती और मेरा लन्ड और भी सख्त हो जाता। वो एकदम से हैरान थी इस मोटे लन्ड की मारक क्षमता के आगे। सच तो ये है कि उसने कहा कि उसके पति का लन्ड तो इसका आधा भी नहीं है। और ढीला भी है। खैर अपनी दोस्त की खूबसूरत बीबी को चोदने के बाद मैने उसकी चूत से पानी निकाला और अपना पानी उसके मुह में पिला कर हलक तक उतार दिया। वो खुश हो गयी और मेरे लन्ड का परमानेंट जुगाड हो गया।
 
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