मेरी सहेली के पति का लंड को चूसा

sexstories

Administrator
Staff member
(Meri Saheli Ke Pati Ka Lund Ko Chusa)

मेरा नाम सोनिया है और मेरी उम्र 28 साल है. मेरी शादी को दो साल हो गए हैं.

यह तब की बात है जब मैं शादी के बाद पहली बार अपनी माँ के घर गई थी. मैं अपनी सहेली प्रतिमा से मिलने उसके घर गई तो वह बहुत खुश हुई.

हम दोनों बातें करने लगे. बातों बातों में उसने मुझसे पूछा कि पहली बार मे क्या दर्द हुआ था. मैं तो शरमा गई. मैंने नहीं सोचा था कि वो ऐसे पूछेगी. सुमन बोली कि शरमाओ नहीं! बताओ ना!

मैं झिझक कर बोली- हाँ काफी दर्द तो बहुत हुआ और मेरा खून भी निकला था.

प्रतिमा यह सुनकर उतेजित हो गई. कहने लगी कि क्या खून भी निकला?
मैंने हलके से सर हिला दिया.

यह सुनकर सुमन बोली कि क्या तुमने पहली सेक्स बार किया था?
मैंने कहा- हाँ.

ओहो तो तुम इतनी भोली हो. फ़िर सुमन कहने लगी अच्छा बताओ क्या क्या किया.
मैंने कहा- क्या मतलब?
अब इतनी भी भोली मत बनो. अपने मुंह में डाला क्या?

मैं तो शरमा गयी. सच तो यह है कि मेरे पति ने मुंह में डालने के लिए कहा था, पर मैं डाल नहीं पाई. मैंने प्रतिमा को सब सच बता दिया.
वह बोली- अरे तुमने अपने पति को यह मजा नहीं करने दिया?
मैंने प्रतिमा से कहा की ऐसा भी कोई कर सकता है क्या बोली- देखना करके बहुत मजा आता है, तुम जरूर ट्राय करना.

मैंने हिम्मत जुटा कर प्रतिमा से पूछा कि क्या तुम करती हो.
उसने कहा- हाँ वह तो रोज करती है. लंड चूसे बगैर तो मजा ही नहीं आता.

हम बातें कर ही रहे थे कि प्रतिमा के पति महेश आ गए. प्रतिमा को तो पता नहीं क्या हो गया, वो महेश से बोली कि देखो इसकी शादी को दस दिन हो गए हैं और ये अभी तक लण्ड चूसना नहीं सीखी. मानती ही नहीं कि कोई ऐसे भी करता है. यह कहकर सुमन उठी और राजेश से बोली कि आओ इसे कुछ सिखा दें!

और उसने महेश की जिप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, प्रतिमा ने लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैं तो देखकर हैरान रह गई. महेश का लंड बहुत मोटा और लंबा हो गया था. प्रतिमा उसे चूसने में व्यस्त थी. महेश मेरी और देख रहा था और मैं भी उतेजित हो रही थी. मैंने पहली बार किसी को अपने सामने यह सब देखा था.
थोडी देर बाद प्रतिमा बोली- देखने मे मजा आ रहा है क्या?
मैंने कहा- हाँ!

प्रतिमा ने बिना कुछ बोले मेरी सारी ऊपर उठा दी. उसका हाथ मेरी बुर पर पहुँच गया. मैंने पैंटी नहीं पहनी थी. प्रतिमा की उँगलियों के स्पर्श ने मुझे और उतेजित कर दिया. मैं भूल गई कि महेश भी वहीं खड़ा है. मेरी साड़ी मेरी जांघों तक उठ गई और मैंने अपनी टाँगे फैला ली. मेरी बुर पर बाल न देख कर महेश उतेजित होने लगा.
प्रतिमा बोली- अरे! वह तुम्हारी बुर तो एकदम चिकनी है!

मुझे अब सिर्फ़ मजा आ रहा था और बिल्कुल होश नहीं था. कुछ ही देर में हम तीनो नंगे थे और महेश को छेड़ रहा था और पता है मैं क्या कर रही थी?
मैं राजेश का लण्ड चूस रही थी!
 
Back
Top