मैं बना लैला की चूत का मजनू

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मैं विवेक आपको अपनी लैला की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो बहुत ही सुन्दर गठीले बदन की हकदार थी | जब भी भी उससे मिलता तो जैसे मेरे मुंह से पानी टपकने को ही हो जाया करता था | मैं लैला के साथ चुम्मा - चाटी कर उसे गरम कर चूका था और देरी रह गयी थी तो बस उसकी चूत मारने की | मैंने एक दिन देखा की उसकी माँ अपनी माईके गयी हुई थी और अपने बीमार परिवार से मिलने के लिए और यही मेरे लिए मस्त मौका था उसकी चूत को सुजाने के लिए | मैंने उस दिन भरकर अपनी बाहों में थाम लिया और वो भी अपनी कामुक मुस्कान से पूरी तरह से तैयार होने की चेतना दिखाने लगी |

मेरे पास मेरे मोबाईल में कुछ में कामुक फिल्में थी जिन्हें मैंने मौका पाते ही उसके सामने चालू कर दिया | वो अपनी आखें फाड़ - फाडकर देखें लगी कामुक फिल्म को | लैला के अंदर भी धीर - धीरे फिल्म वाली रंडी की तरह मोटे लंड अपनी चूत में लेने की जैसे आग सी सुलगने लगी थी | मैं भी अब हौले - हौले काफी गर्म हो चूका था और अपनी पैंट में हाथ डाल अपने लंड को पैना रहा था | मैं गर्म हो रहा था और अपनी उँगलियों को उसकी चुत के मुहाने में हल्का सा अंदर दे रहा था जिसपर वो डर जाती और तभी उसकी चुत की चिकनाई को अपने लंड के सुपाडे को उप्पर मसलने लगता |

मेरा हाथ पकड़कर उत्तेजित होते हुए उसने अपने लबों को मेरे होंठों से एक दम सटा दिया था | अब मैं भी इतना गरमा चूका था की उसके लबों को अपने मुंह में भर लिया और इस तरह चूसने लगा जिस तरह कोई प्यासा पानी पीता है बेसबर होकर | मैं लैला के चुचों को दबाता हुआ उसके होठों का रस चूसने लगा जिसपर वो भी मुझे सहयोग करती हुई मेरी कपड़ों को खोलने लगी और मैं भी उसके पुरे कपड़ों को उतारकर उसके चुचों को चूसने लगा | मेरी पलभर में सब कुछ भुलाते हुए उसके कपड़ों को खोलते हुए उसकी सलवार को खोल दिया और लंड का जोर अपनी लैला की चूत के उप्पर दिखाने लगा |

अब मैं थोड़ी ही देर में अपने लंड को निकाल उसकी चूत पर टिकाकर अंदर को देने लगा जिसपर वो बिलकुल उस कामुक - फिल्म की रंडी की तरह अपनी चूत की फांकों मसल रही थी | मैंने लैला उसकी टांग को उठाये उसकी चूत में अपने लंड को घुसाने लगा जिसपर वो भी जोर - जोर से अपनी गांड हिलाती हुई अपनी चूत को पिलवाने में मेरा सहयोग करने लगी | भाई अब मैं भी छोटा - मोटा खिलाड़ी तो था नहीं मैंने उसे बिस्तर पर उल्टा लिटाये हुए अपने लंड को उसके चूतडों के बीच पार घुसाते हुए उसकी चूत में दमादम धक्के दिए जा रहा था | वो अपनी शिकारियों के अपनी चींख से पुरे माहोल में कामुक गर्मी को बढ़ावा दिए जा रही थी | मैंने इतनी देर उसकी चूत में अपने लंड की धक्के की बरसता करने के बाद उसे भोगोने में कसर नहीं छोड़ी और अपने मुठ की बरसात करा डाली |
 
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