रुपाली को चूमने के बाद सेक्स की इच्छा जागी

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Antarvasna, hindi sex story: मैं अपनी कार से अपने घर की तरफ को लौट रहा था मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था लेकिन रास्ते में गाड़ी अचानक से बंद हो गई। कार रास्ते में अचानक से बंद हो गई थी जिसके बाद मुझे वहीं पास में एक मैकेनिक को गाड़ी ठीक करने के लिए बोलना पड़ा और मुझे घर लौटने मैं काफी ज्यादा देर हो गई थी। मैं जब घर लौटा तो उस दिन पापा और मम्मी को मैंने फोन किया वह लोग हमारे पड़ोस में गए हुए थे। मैंने पापा से कहा कि आप लोग कहां चले गए थे तो वह लोग मुझे कहने लगे कि बेटा हम लोग पड़ोस में चले गए थे क्योंकि पड़ोस में रहने वाले गुप्ता अंकल की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए वह लोग उनके घर पर गए थे। मां ने मुझसे कहा कि राहुल बेटा तुम्हें आज घर आने में देर हो गई तो मैंने मां को बताया कि मां मेरी कार रास्ते में खराब हो गई थी जिस कारण मुझे घर आने में देरी हो गई। मां ने मुझे कहा कि चलो बेटा तुम खाना खा लो। मां ने मेरे लिए खाना लगाया उसके बाद हम लोगों ने खाना खाया।

हम लोगों ने खाना खाया और उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया था। अगले दिन मैं जब सुबह उठा तो मां ने मुझसे कहा कि राहुल बेटा तुम आते हुए मेरी दवाइयां ले आना मां ने मुझे अपनी दवाइयों की पर्ची दी और मैं उसके बाद अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं जब अपने ऑफिस के लिए निकला तो मैंने मां से कहा कि मां मैं शाम को आते वक्त आपकी दवाइयां ले आऊंगा। मैं जब शाम के वक्त ऑफिस से अपने घर पहुंचा तो मैं मां की दवाइयां ले आया था। मां की तबीयत ठीक नहीं रहती है जिस वजह से मां को डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाना पड़ता है। उस दिन रात को मैं अपने घर की छत पर टहल रहा था मैं अपने घर की छत पर था और मैं अपने दोस्त गौतम से फोन पर बातें कर रहा था। गौतम और मैं एक दूसरे से फोन पर बातें कर रहे थे तो हम दोनों एक दूसरे के हाल चाल पूछ रहे थे। हम एक दूसरे से काफी समय बाद बातें कर रहे थे मैंने गौतम से काफी देर तक बातें की और उसके बाद मैंने फोन रख दिया। जब मैंने फोन रखा तो मैंने देखा रुपाली भी छत पर टहल रही है रुपाली को देखकर मैं भी कुछ देर छत पर रुका। मैं रुपाली को एकटक नजरों से देखता रहा लेकिन रुपाली ने मेरी तरफ एक पल के लिए भी नहीं देखा।

मैं छत से जाने ही वाला था कि तभी रुपाली ने पलट कर देखा तो रुपाली भी मेरी तरफ देखने लगी। मैं इस बात से खुश था कि कम से कम रुपाली को मैं इतने समय बाद ही सही लेकिन मैं उसे देख तो पाया। रुपाली को मैं बचपन से प्यार करता हूं लेकिन मैं उसे कभी अपने दिल की बात बता ना सका रुपाली को यह बात अच्छे से मालूम है कि मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। हम दोनों एक दूसरे को कभी कुछ कह ही नहीं पाए ना तो मेरे अंदर इतनी हिम्मत हुई और ना ही रुपाली ने कभी मुझसे इस बारे में कहा। मुझे जब भी रुपाली दिखती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन मैं अपने कॉलोनी के गेट पर खड़ा था वहां से रुपाली अंदर की तरफ आ रही थी मैंने उस दिन सोचा कि आज मैं रुपाली से बात करूंगा और मैंने उससे बात करने की कोशिश की कि मैं रुपाली से बात करूं लेकिन मैं रुपाली से बात कर ही नहीं पाया। मेरे अंदर इतनी हिम्मत हो ही नहीं पाई की मैं रुपाली से बात कर पाता। मैं चाहता था कि किसी भी प्रकार से मेरी रुपाली से बात हो जाए। एक दिन मैंने रुपाली से बात कर ली मैंने जब उस दिन रुपाली से बात की तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा। रुपाली से जब मेरी बात हुई तो मैं और रुपाली एक दूसरे से अब काफी बातें करने लगे थे मुझे रुपाली के साथ अच्छा लगने लगा था और रुपाली को भी मेरे साथ अच्छा लगता है। मैं सोचता कि रुपाली मेरे साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें और मैं रुपाली के साथ ही रहूं लेकिन ऐसा हो नहीं पाता था।

एक दिन मैंने रुपाली को अपने साथ चलने के लिए कहा तो रुपाली मेरी बात मान गई और उस दिन हम दोनों घूमने के लिए चले गए। हम दोनों ने उस दिन साथ में बड़ा अच्छा समय बिताया और मैं काफी ज्यादा खुश था कि मैं और रुपाली एक दूसरे के साथ में समय बिता पाए। उस दिन मैंने और रुपाली ने एक दूसरे के साथ दो घंटे बिताए उसके बाद रुपाली को मुझ पर पूरा भरोसा हो चुका था और जब भी मैं रुपाली को बोलता तो रुपाली मेरे साथ अक्सर टाइम स्पेंड कर लिया करती। रुपाली यह बात बहुत अच्छे से समझ चुकी थी कि मैं उससे प्यार करता हूं। मैंने भी रुपाली से अपने दिल की बात कह डाली, मैंने जब रुपाली को अपने दिल की बात कही तो रुपाली को यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी और वह मुझे कहने लगी कि राहुल मैंने तुम्हारे बारे में कभी भी ऐसा कुछ नहीं सोचा है। मैंने रुपाली को कहा देखो रुपाली मैं तुमसे बहुत ही ज्यादा प्यार करता हूं और मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी तुम मेरे साथ होती हो। समय के साथ रुपाली ने भी मेरे रिश्ते को स्वीकार कर लिया था और हम एक दूसरे को डेट करने लगे थे। हम एक दूसरे को अब डेट करते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। मैं और रुपाली ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे के साथ समय बिताने की कोशिश करते। जब भी हम दोनों साथ में होते तो हम दोनों को ही बड़ा अच्छा लगता। रुपाली और मैं एक दूसरे का साथ पाकर काफी खुश थे। रुपाली और मैं हर रोज एक दूसरे को मिलते। एक दिन मैं घर पर अकेला था मैंने सोचा क्यों ना रुपाली को घर पर बुला लूं।

मैंने उस दिन रुपाली को घर पर बुला लिया लेकिन मुझे यह बात नहीं मालूम थी रुपाली और मेरे बीच उस दिन सेक्स संबंध बन जाएंगे। अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे मैंने रुपाली को बिस्तर पर लेटा दिया था। मैं रुपाली के होंठो को बहुत अच्छे से चूमने लगा रुपाली को मजा आने लगा था। रुपाली बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी वह मुझे कहने लगी मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी हूं। मै समझ चुका था रुपाली गरम हो चुकी है मैंने रुपाली की चूत को चाटना शुरू कर दिया था। रुपाली की चिकनी चूत को पहली बार चाटकर मुझे मजा आ रहा था। रुपाली की चूत से पानी निकल रहा था और मेरी जीभ जब रुपाली की चूत के अंदर जा रही थी तो रुपाली मुझे कहती तुम मेरी चूत को चाटते रहो मुझे मजा आ रहा है। अब मेरी भी गर्मी बढ़ चुकी थी मैं पूरी तरीके से गर्म होने लगा था। रुपाली ने मेरे अंडरवीयर से लंड को निकालकर हिलाया और फिर मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगी। मुझे मजा आ रहा था और उसको भी अच्छा लग रहा था। जिस तरह से वह मेरे मोटे लंड को चूस कर मेरे लंड से पानी बाहर निकालती तो उसके अंदर की गर्मी भी अब बढ़ने लगी थी।

रुपाली ने मेरे अंदर की गर्मी को बढा दिया था। मैंने रुपाली को कहा मुझे अच्छा लग रहा है तुम मेरे लंड को गले तक लेकर चूसो तो रुपाली ने मेरे लंड को गले तक उतार लिया मुझे मजा आने लगा था। मैंने रुपाली की चूत मे लंड सटाकर अंदर की तरफ डालना शुरू किया। मेरा लंड रुपाली की चूत के अंदर जाते ही वह बहुत जोर से चिल्लाई और मुझे बोली मेरी चूत फट गई उसकी चूत से खून निकल आया था। मुझे अब बहुत ही मजा आ रहा था। मैंने रुपाली को कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है अब ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे तुम्हारी चूत मारता रहू। रुपाली की चूत से खून निकल आया था। वह मुझे बोली मेरी सील टूट चुकी है। उसकी चूत से खून निकल रहा था वह बहुत तेजी से सिसकारियां ले रही थी। मैं उसको धक्के मारता तो उसकी सिसकिया बहुत ही अधिक हो जाती और वह मुझे कहती मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मैंने रुपाली के पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था जब मैंने ऐसा किया तो रुपाली की चूत अब बहुत ज्यादा टाइट महसूस होने लगी। मैं रुपाली को अच्छे से धक्के मारने लगा था। मैं रुपाली की चूत पर प्रहार करता जा रहा था मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी।

मैने अपना माल गिरा दिया फिर मैंने उसको घोडी बना दिया था अभी भी रुपाली की चूत से खून निकल रहा था। उसको घोडी बनाने के बाद मैंने उसकी चूत के अंदर तक अपने लंड को डाल दिया रुपाली की कोमल चूत के अंदर मेरा लंड सेट हो चुका था। रुपाली मुझे कहने लगी मुझे और तेजी से चोदते रहो मुझे मजा आ रहा है। मैंने रुपाली की चूतडो को पकड़ कर उसे धक्के दिए। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरे अंदर की गर्मी लगातार बढ़ती जा रही थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैं उसे तेज गति से धक्के मारता जा रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लगता। जब मैंने अपने माल को उसकी चूत के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई थी।
 
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