लंड जीजा का चूत साली की - [भाग 3]

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जीजा का लंड चोदे साली की चूत

सुभाष जीजा जी का लंड कैसे मेरी चूत तक पहुंचा वो तो आपने आगे के भागों में देखा ही. वैसे तेल की मालिश होने के बाद हम दोनों के प्रजननांग कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो चुके थे ओसे जैसे ही जीजा जी ने अपना लंड मेरी चूत के ऊपर टिकाया मुझे स्वर्गीय अनुभूति होने लगी. जीजा जी के हाथ मेरे बूब्स पे थे और वो अपने लंड को पहले मेरी चूत के ऊपर रगड़ रहे थे और फिर जो एक हल्का सा झटका लगा..वाऊ जैसे की मेरी योनी में किसी राजकुमार की सवारी आई हो लेकिन थोडा दर्द तो हुआ ही था मुझे. भले मैंने इस से पहले लेस्बियन सेसन किये थे लेकिन लौड़ा तो लौड़ा होता हैं उसके कम्पेरिशन में डिल्डो और वायब्रेटर थोड़े ही ना आ सकते हैं. जीजा जी का लौड़ा अभी 25% जितना मेरी चूत में था और मैंने जैसे की उछल रही थी, नाच रही थी, कूद रही थी. और भी जीजा जी ने मेरे कंधे पे हाथ रख दिया और एक जोर का झटका दे के मेरी चूत को तितर बितर कर दिया.

"आह आह ओह ओह मर गई जीजू. आप का हथियार तो बहुत दर्द दे रहा है." मेरे मुहं से चीखें निकल पड़ी.

जीजा जी ने मेरे चुंचे मसलते हुए कहा, "अरे रुक तो जा दो मिनिट मेरी रानी तेरी चूत अब ऐसा मजा देंगी की तू जिन्दगी भर नहीं भूलेंगी अपने इस जीजा को."

जीजा जी ने मेरी निपल्स को दबोचा और वो मेरी योनी के अंदर जैसे की ड्रिल करने लगे. उनका मोटा लंड चूत की दीवारों को दस्तक देता हुआ घपघप अंदर बहार होने लगा. आह आह और ओह ओह तो जारी ही था मेरे मुहं से. लेकिन 2 मिनिट के बाद जीजा जी की सारी बातें सच्ची निकलने लगी. मुझे मेरी योनी में जो आनंद हुआ वो किसी शब्दों में और पुरे ग्रंथो में भी विवरण नहीं किया जा सकता हैं. जीजा जी मुझे मस्त हौले हौले पेल रहे थे और साथ में मेरी निपल्स को मस्त दबोच रहे थे. मैंने अपनी टाँगे थोड़ी और खोली जैसे मुझे जीजा का लौड़ा पेट तक ले लेना हो. जीजा जी ने भी अपने लौड़े की रफ़्तार का गियर अब पलटा और वो अब चूत को जोर जोर से ठोकने लगे. जब उनका लंड योनी से बहार आता और फिर एक झटके से अंदर जाता तो मुझे लगता था की क्या परम आनंद हैं ये. जीजा जी भी मेरी फूलो की पंखडी जैसी जवान वर्जिन भोसड़ी का मजा लेते हुए आह आह आह कर के अपने लंड को मेरे अंदर थाप्कार रहें थे. जीजा जी ने अब मेरे चुंचो से हात हटा दिया और उन्होंने मेरी गांड के ऊपर अपने हाथ रख दिए. और इसी के साथ ही उनकी स्पीड और भी बढ़ गई. सपोर्ट के लिए उन्होंने मेरी गांड को थामा हुआ था और वो किसी ट्रेन के इंजन की माफक लौड़ा अंदर बहार कर रहे थे. तेल की मालिश भी सही काम दे रही थी क्यूंकि उनका लौड़ा और मेरी चूत जैसे की रेशम के कपड़े के उपर घिस रहे हो वैसे मजा दे रहे थे.

मुझे घोड़ी बना के चढ़ गए जीजा जी

जीजा जी मेरी छत को ऐसे ही मजे से चोदते रहे. कभी कभी वो एकदम हौले हौले से लेते थे तो कभी कभी जैसे वो फ़रारी के ड्राइवर बन जाते थे. मेरी चूत से झाग निकल के जीजा जी के डार्क कलर के लौड़े को चमक दे रहा था. तभी जीजा जी ने एक झटके से अपने लंड को मेरी चूत से बहार निकाला और उन्होंने मेरी गांड पकड़ के मुझे उल्टा कर दिया. अब मेरी गांड जीजा जी के सामने थी और शायद उन्हें उस में अपना लंड देने का मन हो चला. उन्होंने बाउल से तेल ले के जैसे ही मेरी गांड पे रखा मैंने उन्हें कहा, "नहीं जीजा जी अभी गांड मत मारना प्लीज़. आज मेरा पहला सेक्स था आगे से मैं आप का लंड गांड में डालने के लिए मना नहीं करुँगी लेकिन आज नहीं प्लीज़."

जीजा जी मेरी बात मान गए और बोले, "अरे मेरी सेक्सी जवान साली तू कहें और हम ना करे ऐसे हो सकता हैं क्या. तू कहें तो कभी तेरी गांड को देखे तक नहीं सोना."

और फिर जीजा जी ने अपने हाथ में निकाला हुआ तेल मेरी चूत और अपने लौड़े के ऊपर मलने लगे. उनका लौड़ा फिर एक बार चूत की गहराई नापने के लिए तत्पर हो चला था. उन्होंने मेरी गांड को पीछे से चौड़ी किया और अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया. अब की बार तो मुझे जैसे की लौड़ा और भ अंदर घुस गया हो वैसा अहसास हुआ. मेरे चूत के रोम रोम में जैसे की नई जान आ गई. आह आह की आवाजे निकाल के जीजा जी मेरी चूत को जैसे की फाड़ने पे उतारू हुए थे और उनका लौड़ा भी इस काम में उनका पूरा सहयोग दे रहा था. मैं भी अपनी गांड को जीजा जी के सहयोग में लगाते हुए उसे हिलाना चालू कर दिया. जीजा जी का कसा हुआ तगड़ा लंड मेरी चूत की पिग्लाते हुए आह आह के म्युज़िक पर नाच रहा था. जीजा ने मेरी गांड के ऊपर एक चमाट लगाई और वो एक जोर जी आह के साथ मेरी चूत में बह गए. उनका गरम गरम वीर्य मेरी चूत को तो भर ही गया और कुछ बुँदे बाहर आके बेड पर भी निकल गई. जीजा जी ने मेरे कमर पर अपने होंठ रख दिए और मुझे चूमने लगे. मैंने अपनी चूत को टाईट कर के जीजा जी के प्यार को अंदर ही संभाल लिया.

जीजा जी ने फट से मेरी तरफ कपडे फेंके और बोले, "नंदिनी झट से कपडे पहन लो मैं आज तुम्हे लॉन्ग ड्राइव पे ले जाता हूँ."

मैंने कपडे पहने और मैं और जीजा जी गाडी में बैठ के एक लंबी ड्राइविंग पे निकल गए. जीजा जी ने रास्ते में मुझे एक बार अपने लंड पे झुका के मुखमैथुन की मजा ले ली. इस रात के बाद तो जीजा जी का लंड जैसे की मेरी जागीर और मेरी चूत जैसे उनकी चीज बन गए हैं. किसी को पता भी नहीं हैं और हम चूत, गांड, लंड और काण्ड करते रहते हैं..!
 
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