लखनऊ में लौंडो की गांड मारी

sexstories

Administrator
Staff member
"आ गए तुम अब बेन्चोद कब तक हमारी जान खाओगे, उस दिन सुनीता मेम की गांड पे चमाट मारी थी तुम ने और आज प्रिन्सीपल साहब का फोन आया की तुम कोलेज के बाथरूम में मुठ मारते हुए पकडे गए. 24 के हो गए हो अब तो. साला लेकिन तुम्हारा बचपना नहीं गया."

बाबूजी की बातें मैंने आज भी सुन के अनसुनी कर दी. वैसे उनकी बात सच थी क्यूंकि मेरा लंड इतना खड़ा होता था की मुझे चूत और गांड ही दीखते थे. उस दिन सुनीता मेडम रेशमी साड़ी में जलवे दिखा रही थी इसलिए हाथ लगाने को मन हो ही गया. और आज तो मैं 100 रूपये की शर्त के लिए मुठ मार रहा था. लेकिन उमेश ने शर्त में हार ना हो इसलिए जा के प्रिंसिपल को सब बता दिया. खेर चलिए क्या कर सकते हैं. आप मेरी उम्र तो जान ही चुके हैं; मेरा नाम दीपू सिंग हैं और मैं वाराणसी के बजडिया इलाके में रहेता हूँ. बाबूजी का साडी का धंधा हैं और मैं पैसे उडाता हूँ. मुझे चोदने और ब्ल्यू फिल्मे देखने का सौख हैं और कभी कभी लौंडे बाजी भी कर लेता हूँ, यह कहानी एक ऐसी ही लौंडे बाजी की हैं जिस में मैंने एक चिकनी गांड वाले लौंडे की ठुकाई की थी. तब में शादी में लखनऊ गया हुआ था. लखनऊ में तो लौंडा नाच होता हैं कभी कभी तो मैं और मेरे दोस्त यह लौंडा नाच देख रहे थे. उस नाच में एक लौंडा जिसका नाम रोशन था वो बहुत नखरे दिखा रहा था. अपनी बड़ी गांड को उठा उठा के डांस कर रहा था.

वाह रे रौशन लौंडे तेरी गांड का जवाब नहीं

हम लोग भी बियर लगाये हुए थे और नाच में शामिल हो गये. मैं जानुझ के इस लौंडे के पास ही नाच रहा था. मुझे गोरी गांड वाले लोग पसंद है क्यूंकि उनको मारने की मजा ही कुछ और होती हैं. रौशन भी मुझे देख समझ गया था की कस्टमर हैं शायद. उसने भी आँखों आँखों में इशारे किए. मैंने नाचते नाचते उसे नंगोल यानी की छत पे बुला लिया. उसने इशारा किया के नाच ख़त्म करने के बाद आएगा. हम लोग, मैं, नरेश और मिश्रा जी उपर चले गए. 20 मिनिट के बाद यह लौंडा उपर आया. उसने सीधे मेरे पास आके पूछा, "क्या हुआ बाबूजी क्यों बुलाया यहाँ पे."

"अरे हम को तुम्हारी गांड भा गई हैं, मरवाते हो क्या..?"

"मरवाते तो हैं लेकिन तिन तिन नहीं ले पायेंगे. अगर आप कहो तो मैं दुसरे लौंडे रणवीर को भी बुला लूँ. एक बन्दे के 50 के हिसाब से 150 दे देना."

"ठीक हैं, लेकिन तुम सब का लंड भी चूसोगे.!!!"

रौशन ने अपने मोबाइलसे रणवीर को फोन किया और वो 2 मिनिट में ही उपर आ गया. यह मेरे दोस्त कुलदीप का घर था और उसके छत पे एक कौने में सूखी घास पड़ी हुई थी. हम तीनो और यह दो लौंडे वहाँ पीछे चले गए ताकि हमें कोई देख ना सके. मैंने अहतियात के लिए कमाड भी बंध कर दिया. वापस आके देखा की रौशन ने मिश्राजी का कडक लंड बहार किया हुआ था और उसे चूस रहा था. नरेश रणवीर को लिप किस कर रहा था और अपने लंड को सहेला रहा था. मुझे भी अब सनक चढ़ी हुई थी. मैंने भी अपने लंड को बहार निकाला और मैं भी शामिल हो गया. रौशन निचे बैठ गया और मैंने और मिश्राजी उसके मुहं के आगे हमारे लंड कर के खड़े हो गए. यह अनुभवी लौंडे लंड को बड़े मजे देने लगे. मिश्राजी थोड़ी देर लंड चुसाने के बाद पीछे हटे और रौशन की गांड के पास जा पहुंचे. उन्होंने सीधे उसकी पेंट को खोल के गांड में ऊँगली दे दी. रौशन आह आह आह करता गया और मिश्राजी उसकी गुदा में ऊँगली देते रहे. मिश्राजी भी बड़े लौंडे बाज हैं; उन्हें बनारस का एक एक गुड पहेचानता हैं. मिश्राजी ने गांड को सहला सहला के मस्त लाल कर दी. लेकिन अपना लंड वो पेलते उसके पहले में वहाँ जा पहुंचा और रौशन को उल्टा लिटा किए उसकी गुदा में अपना लंड धर दिया. एक ही झटके में उसकी गांड में मैंने लंड घुसेड दिया.

"अरे बेन्चोद मर गया, क्या कर रहे हो यार, फाड़नी हैं या मारनी हैं..!" रौशन के मुहं से जोर से यह निकल गया.

"चुप भोसड़ी के तेरी पेलेंगे सही तरह से, तुझे भी आज पता चलेगा की लौंडेबाज किसे कहते हैं. उमेश मार साले की और जोर से." मिश्राजी बहुत उत्तेजक थे.

रौशन की गुदा मस्त बजा दी.

मिश्रा की बात सुनके मुझे भी ताव आ गया. मैंने रौशन के कुलहो को पकड़ के जोर जोर से झटके देने चालु कर दिए. उसके मुहं से आह आह ओह ओह ओह निकल रहा था जिसे बंध करने के लिए मिश्रा ने अपना लंड उसमे दे दिया. रौशन की आवाजेबंध हो गई. उधर नरेश ने भी रणवीर को उल्टा लिटा उसे कुत्ते के जैसे चोदना चालू कर दिया था. रणवीर सांवला था इसलिए उसकी गांड के ग्राहक भी कम थे. मैंने जोर जोर से रौशन की गांड कुछ 5 मिनिट तक ली और उसके बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था. मैंने फट से लंड बहार किया और घास के अंदर चिकना प्रवाही निकाल दिया.

मेरे बाद मिश्राजी रौशन की गांड के उपर थूंक लगा के टूट पड़े, रणवीर की गांड में भी नरेश का वीर्य निकल चुका था. मिश्राजी पुराने खिलाड़ी थे. वो इतनी जल्दी हार मानने वाले नहीं थे. कुछ 10 मिनिट तक वो जोर जोर से लौंडे की गांड लेते रहे और जब रौशन थक के चूर हो गया तब मिश्राजी का लौड़ा शांत हुआ. उन्होंने लंड को रौशन के मुहं में डाल अपना वीर्य वहाँ निकाला.

हमने लौंडो को 150 रूपये दिए और निचे आ गए. लौंडे भी वही पड़े कपड़ो से अपनी गांड को साफ़ कर के 10 मिनिट के बाद निचे आ गए. सही में लौंडो ने मजा करा दिया, इतना नशा तो साली बियर में भी नहीं था.
 
Back
Top