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अब तक आपने लिफ्ट देकर चुदाई-२ में पढा, मै और रागिनी साथ नहाकर तैयार होकर मीटिंग के लिए पहुंचे। हमने अच्छे से प्रेजेंटेशन भी दे दिए। अब आगे-

मीटिंग खत्म होने के बाद एम.डी. सर ने रागिनी को रुकने के लिए कहा था। तो मै जैसे ही हॉल से बाहर निकलने को हुआ, रागिनी के पास से जाते ही मैने उसे आंख मार दी।

खैर मै अपने कमरे में जाकर मेरे बॉस को कॉल करके मीटिंग के बारे में बता दिया। तो उन्होंने मुझे बधाई दी और कहा, "अगर सच मे तुमने अच्छा किया है, तो तुम्हारे लिए एक बढिया मौका है। जिसका पता बहुत जल्द ही तुम्हे चलेगा।"

थोडी देर बाद रागिनी भी मेरे कमरे में आ गई। उसे देखकर लग रहा था, वह सीधे सेमिनार हॉल से यहीं आई है। मै तो फ्रेश होने के बाद, कपडे बदलकर अपने सोफे पर मस्त बैठकर आराम कर रहा था। रागिनी कमरे में आते ही सीधे मुझसे लिपट गई, और मेरे चेहरे पर चुम्मियों की बरसात कर दी। तो मैने भी उसका साथ देते हुए उसे अपने से और कसकर पकड लिया। फिर वो उठी, और मेरे बगल में बैठ गई।
बैठते ही वह बोलने लगी, "आज हम दोनों का प्रोमोशन हो गया है। एम.डी. सर ने वही बताने के लिए मुझे रोककर रखा था। कुल ५ लोगों का प्रोमोशन है, उनमें से हम दो है।"
इतना कहकर उसने मेरी तरफ बढकर मुझे चुम लिया। प्रोमोशन की बात सुनकर मै भी एकदम खुश था। उसके चूमते ही मैने उसे उठाकर अपने ऊपर ले लिया। अब मै सोफे पर बैठा हुआ था और रागिनी मेरी जांघों पर अपने पैर मेरे इर्द गिर्द डालकर बैठी थी। थोडी देर चूमाचाटी करने के बाद मैने उससे कहा, "आज इस खुशी के मौके पर दो-दो जाम हो जाए, हमारे प्रोमोशन के नाम।"
उसे भी मेरा यह आईडिया अच्छा लगा, तो मैने रूम सर्विस को कॉल करके एक रेड वाइन मंगवा ली। रेड वाइन के आते ही मैने हम दोनों के लिए एक एक जाम बना दिया, और चियर्स करके हम पीने लगे। पीते हुए ही वह अपना एक हाथ मेरे पैंट के ऊपर से ही लंड पर घुमा रही थी। और मै कभी उसकी चुचियां सहला देता तो कभी कमर पे चूंटी काट लेता। हम दोनों पूरे मस्त होकर एक-दूसरे के बदन से खेलते हुए पूरे मजे से जाम के घूंट ले रहे थे।
एक एक खत्म होने के बाद रागिनी ने खुद से हम दोनों के लिए दूसरा जाम बनाया और बडी ही अदाकारी से मेरा जाम मुझे थमाकर अपना जाम लेकर मेरी गोदी में आकर बैठ गई। अब मै जाम का एक घूंट लेता और फिर उसके स्तनों को सहलाता, कभी उसकी कमर में हाथ डालकर चूतड भी सहला देता। अब धीरे धीरे नशा सा होने लगा था। रागिनी ने थोडा नीचे झुककर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए और बहुत ही मजे से उन्हें चूसने लगी थी।
अब हम दोनों के जाम खत्म हो चुके थे, हल्का सा नशा भी था। तो हमने पीना बंद करके एक दूसरे के बदन से खेलना शुरू कर दिया। सबसे पहले तो मैने उसके सफेद शर्ट के बटन खोल दिए, जिससे अब वो और भी सेक्सी दिखने लगी थी। उसने आज डिज़ाइनर पैडेड ब्रा पहनी हुई थी, तो मैने ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को सहलाया। थोडा सहलाने के बाद मैंने उसकी ब्रा का हुक खोले बिना ही, ब्रा को नीचे करके उसके एक चूची को ऊपर से बाहर निकाल दिया। उसके स्तनों की जितनी तारीफ करो, कम है।
थोडी देर ऐसे ही एक-दूसरे के बदन से खेलने के बाद मैंने उसे उठाया और बेडरूम में लाकर बेड पर लिटा दिया। उसको बेड पर लिटाकर मै उसके बगल में लेट गया। तो उसने तुरंत ही मेरे शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए, तो उसकी सहायता करने के लिए मैने अपनी शर्ट और पैंट दोनों उतार कर साइड में रख दिए। मैने अपने कपडे उतारने के बाद,उसके कपडे उतारने के लिए उसके सामने पैरों के बीच जाकर बैठ गया। पहले उसकी शर्ट उतार दी, और फिर पैंट का हुक खोलकर पैंट भी उतार दी।
दोस्तों मै यहां आपको एक और बात बताना चाहूंगा, जो आप सब जरूर करके देखना चाहोगे। अगर कोई लडकी या औरत जीन्स पहने हुए है, तो उसे उतारकर देखो कभी। लडकी की जीन्स उतारने में एक अलग ही मजा है। और मजा दस गुना बढ जाता है, जब वह जीन्स पूरी टाइट हो। आप मे से किसीने अगर यह किया होगा, तो उसे इसका मजा पता होगा। और जिन्होंने नही किया है, वो एक बार जरूर करके देखिएगा।
खैर वापस कहानी पर आते है। अब रागिनी सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरे कमरे में मेरे बेड पर लेटी हुई थी। और मै सिर्फ अपनी चड्डी में उसपे हमला बोलने के लिए तैयार बैठा था। मै उसके ऊपर चढकर उसके होठों को चूमने लगा। चूमते हुए कभी मैं उसके दूधों को सहला देता तो कभी होंठ काट लेता। मेरा लंड जो कि अब तक सख्त होकर अपने पूरे जोश में आ चुका था, वह रागिनी की चुत के ठीक ऊपर था। मेरा लौडा उसकी चुत की गर्मी को महसूस कर रहा था।
अब मुझसे खुद को रोक पाना बहुत मुश्किल था, तो मैंने अपने हाथ रागिनी के पीठ पे ले जाकर ब्रा का हूक खोल दिया। ब्रा का हूक खोलते ही ब्रा तुरंत उठकर ऊपर की ओर उछल पडा। फिर उसके हाथों से निकालकर ब्रा साइड में रख दिया। और उसके आमों को अपने मुंह मे भरकर मै पूरे मजे के साथ चूसने लगा। रागिनी भी अब अपने मुंह से सिसकारियां निकालने लगी थी।
धीरे धीरे मै उसके स्तनों से नीचे खिसकते हुए, उसके पेट, कमर पर चूमने लगा। जैसे ही मै उसकी कमर पर पहुंचा, उसकी सिसकारियां और तेज होने लगी थी। तो मैंने उसकी कमर से सीधा अपना मुंह उसकी जांघों पे ले गया। उसकी जांघो को अंदर की ओर से चूमते हुए मैने पूरा गिला कर दिया था। अब तक उसकी चुत ने भी पानी छोडना शुरू कर दिया था, जिस वजह से उसकी पैंटी में पानी का धब्बा साफ दिखाई दे रहा था। तो मैंने अब उसकी पैंटी की इलास्टिक में अपनी दो उंगलियां घुसाकर धीरे धीरे पैंटी को नीचे की ओर खिसकाने लगा।
पैंटी चुत के ऊपर से जैसे ही नीचे की ओर खिसकाई, उसकी क्लीन शेव चुत पावरोटी की तरह उभर कर मेरे सामने आ गई। रागिनी भी पूरी तैयारी करके आई थी, कहीं से भी लग नही रहा था, की उसकी चुत पे कभी भी कोई बाल आये थे। मैने हल्के से उसकी चुत को एक बार चूम लिया और पैंटी को उसके पैरों से अलग कर दिया। अब वो एकदम नंगी मेरे सामने पडी थी, और चुदने के लिए बिल्कुल बेताब हुए जा रही थी। तो मैने भी अब देरी ना करते हुए उसकी चुत में अपना मुंह लगा दिया, और उसका रसपान करने लगा।
पहले ही उसकी चुत ने ढेर सारा पानी छोड रखा था, और मेरे होंठ लगाते ही उसकी चुत से जैसे कोई झरना बहकर बाहर निकल रहा हो। मैने अपना मुंह अलग करके उससे कहा, "रागिनी तुम्हारी चुत में तो जादू है। इतना कामरस बहा रही है, जितना मैने आजतक किसी और चुत से निकलते नही देखा। तुम्हारी चुत तो सच मे रसपान करने के लिए एकदम सही है।"
उसने हंसते हुए मेरे सर को अपनी चुत पर दबा लिया। और मै उसकी चुत के अंदर जीभ डालकर चूसने लगा, कभी मै उसके क्लीट को जीभ से सहला देता, तो कभी जीभ से उसको चोदता। उसकी सिसकारियों की आवाज से मुझे और मजा आ रहा था। और उसकी चुत के क्या कहने.. मतलब प्यासे को कुआं मिल जाए वैसी हालत थी मेरी। मुझे चुत का रसपान करना बहुत पसंद है, तो मेरे लिए यह बात सोने पे सुहागा वाली हुई। मै भी पूरा मस्त होकर चुतामृत पिने लगा। जैसे ही मै उसकी चुत के होठों को अपने लबों में लेकर चूसता, उसकी सिसकारियां एकदम से तेेज हो जाती।

रागिनी की चुत चुसाई में जितना मजा आया, उतना आज तक नही आया था। उसने भी बाद में चुसाई के बारे में मेरी तारीफ की थी।

थोडी देर रागिनी की चुत चूसाई करने के बाद वह झडने को हुई। झडते समय उसने पूरी तरह से मेरे सर को अपने दो पैरों के बीच मे दबा लिया और लगातार उसकी चुत अपना रस बाहर छोडती रही। मैने भी रागिनी की चुत से निकले अमृत की एक भी बून्द जाया नही की और सब चाटकर पी गया। वह झडने के बाद उसने अपना बदन थोडा ढीला छोड दिया, और तब मेरी सांस में सांस आई।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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