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मेरा नाम प्रसाद है, मै दिखने में अच्छा-खासा हूं। रोज जिम जाकर थोडी मेहनत अपने शरीर के ऊपर करता हूँ। इसलिए मेरा शरीर भी अच्छा कसरती है। मै शादीशुदा हूं, और मेरी एक लडकी भी है। एक अच्छे प्राइवेट कंपनी में मै जॉब करता हूं, तो मेरी जिंदगी अच्छी चल रही थी। इस कहानी में जानिए कैसे मैने एक पति से ठुकराई हुई लड़की को तृप्त किया।

एक दिन मेरे ऑफिस में बॉस ने मुझे अपने केबिन में बुलाकर कहा, "देहरादून में अपनी कंपनी के सारे ब्रांच के प्रतिनिधियों को बुलाया है। वहां हर ब्रांच की तरफ से एक एक कर्मचारी भेज जाएगा, जिसे वहां अपने ब्रांच का पिछले साल का ट्रैक रिकॉर्ड देना है। क्या तुम जाना चाहोगे?"

मेरे ना कहने की कोई गुंजाइश ही नही थी, तो मैंने हां कहकर बॉस को धन्यवाद कहा। और केबिन से निकल गया। देहरादून के लिए अगले दिन ही निकलना था।

मै अपने कंपनी की तरफ से एक मीटिंग अटेंड करने के लिए देहरादून जा रहा था। सफर ३-४ घंटे का था। मै अपने शहर से जैसे ही बाहर निकला, कुछ दूर जाने के बाद एक सुंदर लडकी लिफ्ट मांग रही थी। मै अपनी कार से जा रहा था, और अकेला ही था। तो मैने अपनी गाडी उसके पास जाकर रोक दी, और उससे पूछा, वो कहाँ जाना चाह रही है?

तो उसने बताया कि, वह भी वही जा रही है जहां मै जा रहा हूँ।

मैने उससे कहा, "मै भी उसी तरफ जा रहा हूं, अगर आपको कोई दिक्कत न हो तो मै आपको वहां तक छोड सकता हूं।"

उसने ठीक है कहते ही मैने आगे से मेरे बगल वाला दरवाजा खोल दिया, तो वो मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गई। वह सलवार कमीज पहने हुए थी, उसमे भी उसका फिगर साफ पता चलता था। उसे देखकर कोई भी बता सकता था, वह एक मॉडर्न लड़की है, और बाद में मुझे पता चला, वह खुले विचारों वाली थी। उसने अपने शरीर को बहुत अच्छे से संभाला हुआ था।

कुछ देर तक दोनों एकदम शांत रहे, फिर मैने ही पहल करके चुप्पी को तोडते हुए उससे बात की शुरू में ऐसे ही नॉर्मल बातें चलती रही, उसने उसका नाम रागिनी बताया। और वह हरियाणा की रहनेवाली थी, यहां पर नौकरी करने के लिए आई थी। ऐसे ही पहले हम दोनों ने एक-दूसरे को अपने अपने बारे में जानकारी दी और फिर इधर उधर की बातें चलती रही।

फिर मैने उससे पूछा कि, "आप देहरादून अपने किसी काम से जा रही है या आफिस का कोई काम है?"

तो उसने बताया कि, वह भी वही मीटिंग अटेंड करने जा रही है, जिसके लिए मै जा रहा था। मतलब वह भी मेरी कंपनी की ही कर्मचारी थी, जो दूसरे ब्रांच में काम करती थी। फिर मैने भी उसे बताया कि, "मै भी अपनी ब्रांच की तरफ से उसी मीटिंग के लिए जा रहा हूँ।"

यह सुनकर वह एकदम से चौंक ही गई। फिर उसने मुझे बताया कि, कैसे उसे पहली बार अपने ब्रांच को दर्शाने का मौका मिला है। और वो इस मौके को लेकर बहुत खुश है। मेरा भी यह ऐसी मीटिंग के लिए जाने का पहला ही मौका था, लेकिन उस पर अपना रौब जमाने के लिए मैने उसे कहा, मै अक्सर ऐसी मीटिंग के लिए आता जाता रहता हूं और यह मेरे लिए कोई नई बात नही है।

फिर ऐसे ही थोडे इधर उधर की बातों के साथ काम की बातें करते हुए हम देहरादून पहुंच गए।
बातों बातों में मै आपको इस हसीना के बारे में बताना ही भूल गया। रागिनी की ऊंचाई ५.२" थी, रंग एकदम गोरा, आंखे, नाक सब सही से तराशा हुआ था। उसे देखकर ऐसा लगता था, जैसे भगवान ने इसे बडी फुर्सत से बनाया हो।

मीटिंग शाम ७ बजे शुरू होनी थी, और तब तक हमारा इंतजाम एक पांच सितारा होटल में करवाया था। तो हम वहां पहुंचकर सीधे अपने अपने कमरों की तरफ चल दिये। अच्छी बात यह हुई कि, हम दोनों के कमरे एक-दूसरे के सामने ही थे।

जैसे ही हम अपने कमरों के पास पहुंचे मैने उसे कहा, "अगर कुछ चाहिए होगा तो आप बेझिझक मेरे कमरे में आ सकती है।"

उसने भी हां कह दिया और हम अपने कमरे में फ्रेश होने चल दिए। मै अपने कमरे में जाकर फ्रेश हो लिया और अब आराम करने लगा। थोडी ही देर में मुझे नींद लगने लगी, तभी मेरे कमरे की बेल बजी। कौन है देखने के लिए मै उठा, दरवाजा खोलते ही मैने देखा तो रागिनी थी।

मुझे तो अपनी आंखों पर यकीन ही नही हो रहा था। मैने उसे अपने कमरे के अंदर लिया और दरवाजा बंद कर दिया। उसने कमरे में बैठते ही पानी मांगा तो मैने लाकर दिया। अब मैने उससे आने का कारण पूछा।

तो उसने कहा, "मुझे बहुत डर लग रहा है, मैने कभी ऐसी मीटिंग अटेंड नही की। इसीलिए सोचा आपसे थोडी बातें कर लेती हूं, आपको कोई परेशानी तो नही होगी ना।"

मैने उससे कहा, "इसमें डरने की क्या बात है, अगर तुम्हारा डर निकालना है, तो तुम यहां मेरे सामने एक बार अपने प्रेजेंटेशन की प्रैक्टिस कर सकती हो।"

फिर उसने एक बार मेरे सामने प्रैक्टिस कर लिया और उसके कहने पर मैने भी अपना प्रेजेंटेशन उसके सामने कर दिया। अब वो थोडी रिलैक्स लग रही थी। तो मै उससे उसकी पर्सनल लाइफ के बारे में पूछने लगा। तब मुझे पता चला कि, उसका पति शादी के २ साल बाद ही उसे छोडकर चला गया। अब वो अकेली रहती है, तो उसे अपनेपन की जरूरत थी।

फिर धीरे धीरे मैने उससे बातों बातों में उसकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा। तो उसने कहा, "पति के चले जाने के बाद सिर्फ २-३ बार ही सेक्स किया है। अब हर कोई भरोसे वाला इंसान तो नही होता, इसलिए ज्यादा रिस्क नही लेती हूं।"

यह सुनते ही मै मन ही मन खुश हो गया। फिर उसने मुझे मेरे बारे में पूछा, तो मैंने भी सारी बातें बता दी। अब तक हम दोनों समझ चुके थे, की हमें क्या चाहिए। बस अब ये देखना था कि, पहल कौन करता है? मुझे लगा वो सेक्स की भूखी है, तो वो पहल कर लेगी।

पहल कौन करेगा..?

लेकिन दोस्तों यहां मै आपको एक बात बताना चाहूंगा, लडकियों में चाहे सेक्स की कितनी भी भूख हो, अगर उन्होंने ठान लिया तो वो मर्दों से बहुत ज्यादा देर तक कंट्रोल कर सकती है। और इसीलिए ज्यादा तर मामलों में हम मर्द ही हर बार पहल करते है।

मैने ही पहल करने की सोची और उसके पास जाकर बैठ गया। उसके पास जाकर मैने उसका हाथ अपने हाथों में लेकर उससे पूछा, "हम आपको कैसे लगे, भरोसा कर सकती है ना आप हम पर?"

तो वह मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा दी और कहा, "अगर आप पर भरोसा नही करती तो मै आपके कमरे में आती ही नही। आपसे इतनी बातें शेयर की वो करती ही नही।"

यह सुनते ही मैने अपना एक हाथ उसके सर के पीछे ले जाकर उसके बंधे हुए बालों को खुला छोड दिया। फिर बालों में हाथ घुसाकर उसके चेहरे को थोडा सा मेरी तरफ धकेला और उसके गुलाब जैसे नाजुक और सुर्ख लाल होठों पे अपने होंठ रख दिए। उसने कोई भी किसी भी प्रकार का विरोध नही किया, उसकी यह बात मुझे अच्छी लगी। बिना विरोध जताए वह भी मस्त होकर मजे लेने लगी।

हम दोनों की चुदास

थोडी ही देर में उसके हाथ भी मेरे बालों को सहलाने लगे थे, और पीठ पर घूम रहे थे। किस के बाद मैने एक बार उसके चेहरे को अपनी हथेली में पकड लिया, और उसकी आँखों मे देखते हुए उससे पूछा, "क्या तुम मेरे साथ वह सब करने के लिए तैयार हो?"

तो उसने कहा, "हां मै आपके साथ सेक्स करना चाहती हूं, मुझे अलग-अलग पोजिशन में चुदवाने का शौक है। और सेक्स करते समय बिल्कुल पूरा खुलकर बातें करना अच्छा लगता है। तो आप भी अब शरमाना छोडकर जो भी बोलना हो खुलकर बोलियेगा।"

मैने उसे बिना जवाब दिए फिर से उसके होंठो से अपने होंठ चिपका लिए और उसका रसपान करने लगा। साथ ही मेरे हाथ उसके शरीर के हर एक अंगों का जायजा ले रहे थे। साथ ही साथ वह भी पूरे जोश के साथ मेरा साथ दे रही थी, तो मजा दोगुना होता जा रहा था। उसके होठों को चूसते हुए मैने अपने एक हाथ से उसकी कमीज को ऊपर उठाना चाहा, लेकिन उठा नही पाया।

स्तन मसलना

तो मैने कमीज के ऊपर से ही उसके स्तनों को मसलना जारी रखा, उसके स्तन तो बहुत कोमल थे। और पूरे एकदम सही शेप में थे, उसमे कसावट थी।

फिर मैने उसके होठों को छोडकर उसकी गर्दन पर अपने होंठ चलाने लगा और अपने हाथ को नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा। जैसे ही उसकी चुत पर हाथ रखा, ऐसा लगा जैसे किसी गरम तपती हुई भट्टी में हाथ सेंक रहा हो। मैने पहले तो धीरे धीरे उसकी चुत के चारों तरफ हाथ फिराया और फिर उसकी चुत पर आते हुए उसके चुत के होठों को खोलते हुए अंदर की ओर सहलाने लगा।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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