वह पल भूले नही भूलता

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Antarvasna, desi kahani: हम लोगों ने कुछ दिनों पहले ही नया घर लिया था उसमें ही हम लोग साफ सफाई का काम कर रहे थे क्योंकि हम लोगों को नए घर मे आए हुए अभी कुछ दिन ही हुए थे। मैंने और ममता ने घर की सारी सफाई कर दी थी और अब हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो ममता ने मुझे कहा कि रोहन आखिरकार हमारा घर लेने का सपना पूरा हो ही गया इतने बरसों से हम लोग कितनी मेहनत कर रहे थे लेकिन हम लोग अपना घर नहीं ले पाए थे। मैंने ममता से कहा ममता यह सब तुम्हारी मेहनत का भी नतीजा है ममता मुझे कहने लगी कि नहीं रोहन इसमें मैंने तुम्हारी कोई मदद नहीं की लेकिन मुझे यह मालूम है कि ममता की ही वजह से मैं आज घर ले पाया हूं। ममता और मैं दोनों ही नौकरी पेशा है इसलिए हम दोनों अपनी तनख्वाह में से आधे से ज्यादा पैसा बचाते थे जिससे कि हम लोगों के पास पैसे जमा होने लगे थे और हम लोग घर खरीद पाए।

मैं और ममता बहुत ही ज्यादा खुश है अब हम लोग अपने नए घर में आ गए थे और सब कुछ धीरे-धीरे अच्छा होने लगा था हमने अपने बच्चों का दाखिला भी नए स्कूल में करवा दिया था। मेरे और ममता के पास ज्यादा समय नहीं होता था। एक दिन ममता ने मुझे कहा कि रोहन मैं सोच रही हूं कि मैं दीदी से मिल आती हूं, ममता की दीदी हमारे पड़ोस में ही रहती है वह उस दिन अपनी दीदी को मिलने के लिए चली गई। मैं घर पर अकेला ही था तभी हमारे घर की डोर बेल बजी, जब डोर बेल बजी तो मैंने दरवाजा खोला दरवाजा खोलते ही मैंने सामने देखा एक व्यक्ति खड़े थे उनकी उम्र यही कोई 70 वर्ष के आसपास रही होगी। उन्होंने मुझे देखा और कहने लगे कि आप लोग कुछ समय पहले ही यहां रहने आए हैं तो मैंने उन्हें कहा की हां। उन्होंने बताया कि वह भी इसी कॉलोनी में ही रहते हैं और कॉलोनी के लोगों ने मिलकर एक प्रोग्राम रखा है उसमें मुझे भी उन लोगों ने इनवाइट किया। मैंने उन्हें कहा मैं जरूर आऊंगा और वह यह कह कर घर चले गए ममता भी अभी घर लौटी नहीं थी और मैं बच्चों के साथ खेल रहा था तो ममता भी घर आ गई।

ममता जब घर आई तो वह मुझे कहने लगी कि दीदी और उनके बच्चे कुछ दिनों के लिए विदेश जा रहे हैं मैंने ममता से कहा लेकिन वह लोग विदेश कब जा रहे हैं तो ममता ने मुझे बताया कि कुछ दिनों के लिए वह घूमने के लिए जा रहे हैं। शाम भी काफी हो चुकी थी इसलिए ममता भी अब रसोई में खाना बनाने का काम करने लगी। ममता खाना बना रही थी कि तभी ममता के हाथ पर गरम तेल गिर गया जिसकी वजह से उसका हाथ पूरा जल चुका था। मैं ममता को तुरंत ही अपने घर के पास एक छोटा सा क्लीनिक है वहां पर ले गया तो उन्होंने ममता को दवाई दे दी और ममता के हाथ पर मरहम पट्टी करने के बाद उन्होंने कहा कि आप कुछ दिनों के लिए आराम कीजिए। ममता का हाथ काफी जल चुका था इसलिए ममता को भी अब अपने ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ी और मैं ही घर का सारा काम देख रहा था हालांकि ममता मेरी इसमें मदद कर दिया करती थी। ममता ने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और थोड़े दिनों बाद ममता भी ठीक हो गई। एक दिन शाम को मैं अपने ऑफिस से लौटा तो उस दिन मैंने ममता से कहा कि ममता मुझे मेरे ऑफिस से कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु भेज रहे हैं क्योंकि बेंगलुरु में कुछ जरूरी काम है। ममता कहने लगी कि लेकिन आप वहां से वापस कब लौटेंगे तो मैंने ममता से कहा कि यह तो मैं बता नहीं सकता लेकिन फिर भी एक महीना तो मान ही लो कि एक महीने तक मुझे वहां रहना पड़ेगा। ममता कहने लगी कि लेकिन आप कब जाएंगे तो मैंने ममता से कहा कि मैं दो दिन बाद बेंगलुरु के लिए निकल जाऊंगा ममता कहने लगी कि ठीक है मैं आपका सामान पैक कर देती हूं। ममता ने मेरा सामान बैग में पैक कर दिया था और दो दिन के बाद मैं बेंगलुरु जाने वाला था लेकिन ममता का हाथ अभी पूरी तरीके से ठीक नहीं हुआ था परंतु ममता अब ऑफिस जाने लगी थी। मैंने ममता से कहा कि ममता तुम अपना ध्यान तो रख पाओगी तो वह कहने लगी कि हां रोहन आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए मैं अपना ध्यान रख लूंगी और बच्चों का ध्यान भी मैं रख लूंगी। मैंने और ममता ने साथ में डिनर किया और उसके अगले दिन मैं ऑफिस चला गया। दो दिन के बाद मुझे बेंगलुरु के लिए जाना था और सुबह के वक्त मेरी फ्लाइट थी मैं एयरपोर्ट टैक्सी से पहुंचा और उसके बाद मैं फ्लाइट से बेंगलुरु पहुंच गया।

कंपनी ने मेरे रुकने का सारा प्रबंध किया हुआ था इसलिए जिस जगह मैं रुकने वाला था वहां मैं चला गया और वहां अपना बैग रखने के बाद मैं नहाने के लिए चला गया उस वक्त काफी ज्यादा गर्मी हो रही थी। मैं जब नहा कर वापस लौटा तो मैंने देखा कि मेरे फोन पर ममता का फोन आ रहा था मैंने ममता को कॉल बैक किया और ममता से पूछा ममता की कुछ काम था क्या? वह मुझे कहने लगी कि नहीं रोहन बस ऐसे ही तुम्हें फोन कर रही थी तुम से बात नहीं हो पाई थी तो सोचा तुम से बात कर लेती हूँ। मैंने ममता को कहा ममता मैं पहुंच गया था बस तुम्हें फोन करने ही वाला था मेरी और ममता की उस दिन काफी देर तक बात हुई मैंने ममता से पूछा कि बच्चे ठीक तो है। वह कहने लगी हां बच्चे भी ठीक हैं और आप अपना ध्यान रखिएगा मैंने ममता से कहा ठीक है मैं अपना ध्यान रखूंगा और थोड़ी देर बाद मैंने फोन रख दिया। बैंगलोर मे मुझे संजना मिली उसकी सेक्स की भूख को वह मुझसे मिटाना चाहती थी।

मै उसे रूम मे ले आया अब मैंने उसे किस करना शुरू कर किया उसकी और मेरी जीभ आपस में टकरा रही थी। कभी वह अपनी जीभ को मेरे मुंह के अंदर डालती तो कभी मै अपनी जीभ को उसके अंदर डालता। कुछ मीनट तक हमारा किस ऐसे ही चलता रहा। मैं उसको अपने नीचे लेटा चूका था मैंने उसको कपडे उतारने को कहा उसने कपडे उतारे और वह नंगी हो गई। मैंने उसकी पैंटी ब्रा निकल कर साइड में फेंक दी उसने मेरे कपडे निकाले मैने उसे ऊपर से आने को कहा अब वह मेरे ऊपर से आ गयी और अपने बदन को मेरे ऊपर रगडने लगी वह गरम हो चुकी थी उसकी चूत से पानी निकल रहा था जिससे उसकी चूत पूरी गिली हो चुकी थी। मैं उसके स्तनो को दबा रहा था मैंने जोर से उसके स्तनो पर हाथ मारा। कुछ देर उसके स्तनो को चूसने के बाद वह मेरे लंड को चूस रही थी अब मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था मैं जोर जोर से धक्के मर रहा था और वह मजे से चूस रही थी। मैंने लंड को उसके गले से बहार निकला। वह मुझे कहने लगी इस दिन का मैं काफी टाइम से इंतजार कर रही थी मेरी सेक्स की भूख आज तुम मिटा देना वह मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट रही थी कुछ ही देर मे मेरा पानी निकलने लगा। अब उसके निपल्स को मैं चूसने लगा मैंने उसके सतनो को पूरा लाल कर दिया था। उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और मुझे कहने लगी मुझे चोदो। मै उसके बूब्स को जोर जोर से चूसने लग वह मेरा लंड चूस रही थी उसकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली डाली जब मैंने उसकी चूत पर उंगली डाली तो वह जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी मुझे मजा आ गया।

मैंने उसे कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा है अब मैंने भी अपने लंड पर तेल लगाते हुए अपने लंड को इतना ज्यादा चिकना बना दिया कि लंड उसकी चूत मे जाने के लिए बेताब था। संजना की चूत से बहुत ही ज्यादा पानी निकल रहा था जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धक्का मारते हुए घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई क्योंकि मैंने उसे अब घोड़ी बना दिया था इसलिए मुझे उसे चोदने में मजा आ रहा था। उसकी बड़ी गांड मेरे लंड से टकराती तो धराशाई हो रही थी मैने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर जड तक घुसा दिया था जिससे कि वह जोर से चिल्लाती और कहती मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था। अब मैं उसे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था जिस गति से मैं उसको धक्के मार रहा था वह मुझे कहने लगी कसम से आज तो मजा ही आ गया।

अब उसने भी अपनी चूतड़ों को पीछे की तरफ से मिलाना शुरू कर दिया था जब वह ऐसा कर रही थी तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसकी चूतड़ों को कस कर पकडे हुआ था मैं उसे कहता तुम अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाती रहो उसके अंदर की गर्मी लगातार बढ़ती जा रही थी। उसकी चूत मेरे लंड से माल को बाहर की तरफ खींचने लगी जिससे कि मुझे एहसास होने लगा कि कहीं मेरे माल थोड़ी देर में ही ना गिर जाए और मेरा वीर्य जल्दी गिरने वाला था। मुझे अब एहसास हो चुका था कि मेरा वीर्य पतन जल्दी होने वाला है और जैसे ही मेरा माल गिरने वाला था तो मैंने संजना से कहा मेरा वीर्य पतन होने वाला है और मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि के अंदर गिरा दिया। मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिराया तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी आज मुझे बहुत मजा आ गया। मैं भी बहुत ज्यादा खुश था और संजना के कमसिन बदन को महसूस कर के मेरे अंदर दोबारा से गर्मी जागने लगी और मैंने उसके बालों को पकड़ते हुए अपने लंड की तरफ किया और उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया। उसे वह तब तक चूसती रही जब तक मेरा वीर्य बाहर नहीं गिर गया और अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए और कपड़े पहनने के बाद मैं काफी देर तक उसके साथ बैठा रहा। मैंने उससे बात की मैं सजना के साथ संभोग कर के बहुत ही खुश था वह भी मेरे साथ बहुत खुश थी इसलिए मैं उस पल को कभी अपनी जिंदगी में भूल नहीं सकता।
 
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