शादी का लड्डू आखिर खा ही लिया

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Antarvasna, hindi sex stories: पापा मुझे कहने लगे कि संजय बेटा जल्दी से तैयार हो जाओ मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। मेरी मोटरसाइकिल खराब थी इसलिए मैंने पापा से कहा था कि आप मुझे ऑफिस तक छोड़ दीजिएगा तो पापा ने कहा ठीक है मैं तुम्हें तुम्हारे ऑफिस तक छोड़ दूंगा। मैं जल्दी से तैयार हो चुका था फिर मैंने और पापा ने नाश्ता साथ में किया और फिर मैं और पापा उनकी कार से ही ऑफिस के लिए निकल गए। उन्होंने मुझे मेरे ऑफिस तक छोड़ा और उसके बाद वह वापस अपने ऑफिस चले गए। उस दिन उन्हें ऑफिस पहुंचने में देर जरूर हो गई थी मैंने पापा को फोन किया तो उन्होंने मुझे बताया कि बेटा मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो गई थी। पापा एक सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं और वह कुछ महीनों में रिटायर होने वाले हैं लेकिन उससे पहले वह चाहते हैं कि वह मेरी शादी करवा दें। हालांकि मैं इस पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था मैं अभी शादी करना नहीं चाहता था लेकिन पापा की जिद थी कि मुझे शादी कर लेनी चाहिए।

मैं अपने ऑफिस में पहुंचा तो मैं अपना काम करने लगा मैं अपने काम में पूरी तरीके से ध्यान देता हूं और अपना हमेशा से ही मैं 100% देने की कोशिश करता हूं। मेरे काम से मेरे बॉस बहुत ही ज्यादा खुश रहते हैं इसलिए शायद उस दिन मेरे लिए बहुत ही अच्छा दिन था उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुलाया। जब मैं उनके केबिन में गया तो उन्होंने मुझे कहा कि संजय तुम बैठ जाओ उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा तो मैंने उनसे कहा कि हां सर कहिए क्या कोई काम था। उन्होंने उस दिन मुझे कहा कि मैं चाहता हूँ कि अब तुम ऑफिस की और भी जिम्मेदारियां संभाल लो। उन्होंने मुझे प्रमोशन दे दिया था और मैं इस बात से बड़ा खुश था मेरी तनख्वाह भी अब बढ़ चुकी थी जब उनके केबिन से मैं बाहर निकला तो मेरे चेहरे की खुशी देखकर मेरे दोस्त आकाश ने मुझसे कहा संजय तुम बड़े खुश दिखाई दे रहे हो। मैंने उसे कहा आकाश खुशी की तो बात है मेरा प्रमोशन हो चुका है वह मुझे कहने लगा कि चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है। मैंने उसे कहा हां आकाश आखिर बॉस ने मेरे काम से खुश होकर मुझे प्रमोशन दे ही दिया। मैं जब उस दिन घर पहुंचा तो मैंने यह बात पापा और मम्मी को बताई वह लोग बड़े खुश थे और कहने लगे कि बेटा तुम ऐसे ही मेहनत करते रहो और अपने काम को पूरी ईमानदारी से करते रहो। मैंने उन्हें कहा कि ठीक है पापा मैं तो अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहा हूं।

मैं और पापा एक साथ बैठे हुए थे तो मैंने उन्हें कहा कि पापा आप कुछ महीनों में रिटायर होने वाले हैं तो उसके बाद आपने क्या कुछ सोचा है। पापा कहने लगे कि नहीं बेटा मैंने फिलहाल तो इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा है लेकिन देखते हैं आगे क्या होता है। कुछ ही महीनों में पापा भी रिटायर आ चुके थे और वह अब ज्यादा समय घर पर ही रहते थे लेकिन उनका मन घर पर बिल्कुल भी नहीं लगता था। वह मुझे कई बार कहते की बेटा मेरा घर पर बिल्कुल भी मन नहीं लगता है। मैंने उन्हें कहा कि पापा आपका मन अगर घर पर नहीं लगता तो आप कुछ दिनों के लिए कहीं हो आइए लेकिन पापा कहां मानने वाले थे वह मेरी बात बिल्कुल भी नहीं मानते थे तो मैंने मम्मी को इस बारे में समझाया। मम्मी ने कहा कि संजय बेटा क्यों ना हम लोग सुहानी के पास जयपुर चले जाएं सुहानी मेरी बहन है और उसकी शादी को हुए काफी वर्ष हो चुके हैं वह अपने पति के साथ जयपुर में ही रहती हैं। मैंने पापा और मम्मी से कहा कि अगर आप लोग जयपुर जाने के लिए तैयार है तो मैं भी कुछ दिनों के लिए ऑफिस से छुट्टी ले सकता हूं तो मम्मी कहने लगी ठीक है बेटा तुम ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले लो। मैं जब उस दिन ऑफिस गया तो मैंने अपने ऑफिस से कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले ली थी और अब मैं और पापा मम्मी कुछ दिनों के लिए जयपुर जाने वाले थे। मैंने सुहानी को फोन कर दिया था सुहानी को जब मैंने इस बारे में बताया कि हम लोग जयपुर आ रहे हैं तो वह बड़ी खुश हो गई और कहने लगी कि लेकिन तुम लोग कितने दिनों के लिए जयपुर आ रहे हो। मैंने उसे कहा अब यह तो तुम पापा और मम्मी से ही पूछना कि हम लोग कितने दिनों के लिए जयपुर आ रहे हैं।

मैंने ट्रेन की टिकट करवा दी थी और फिर हम लोग जयपुर के लिए निकल चुके थे जब हम लोग जयपुर गए तो हम लोग सुहानी से मिलकर काफी खुश थे। काफी समय बाद हम लोग सुहानी को मिल रहे थे और सुहानी भी बहुत खुश थी वह मुझे कहने लगी कि संजय तुम्हारा भी प्रमोशन हो चुका है पापा भी रिटायर हो चुके हैं तुमने बहुत ही अच्छा किया जो तुम लोग कुछ दिनों के लिए जयपुर आ गए, मैंने सुहानी से कहा हां सुहानी। सुहानी और मेरे बीच सिर्फ दो वर्ष का ही फर्क है लेकिन हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा ही एक अच्छे दोस्त की तरह रहे है। सुहानी से मेरी बहुत अच्छी बनती है और उस दिन जब सुहानी और पापा मम्मी साथ में बैठे थे तो मैंने सुहानी को कहा सुहानी मैं अभी आता हूं और मैं वहां से सुहानी के घर के बाहर चला गया। मैं वहां दरअसल सिगरेट लेने के लिए गया था मैं कभी कबार सिगरेट पी लिया करता हूं और मैं वहीं खड़ा होकर सिगरेट पीने लगा। थोड़ी देर बाद मैं जब घर पहुंचा तो मैंने देखा कि सुहानी के पति भी आ चुके थे वह काफी खुश थे और कहने लगे कि आप लोगों ने बहुत अच्छा किया जो कुछ दिनों के लिए हमारे यहां आ गए। उस दिन तो हम लोग थके हुए थे इसलिए सब लोग जल्दी ही सो चुके थे लेकिन अगले दिन हम लोग साथ में घूमने के लिए निकले तो सब लोग बहुत ही खुश थे।

मैं और सुहानी साथ में ही बात कर रहे थे मैंने सुहानी को कहा चलो सुहानी यह तो बहुत अच्छा हुआ कि तुमने पापा और मम्मी को इस बात के लिए कन्वेंस कर लिया कि वह लोग कुछ दिनों के लिए जयपुर आ जाए नहीं तो पापा कहीं भी जाने के लिए जल्दी से तैयार नहीं होते। सुहानी कहने लगी कि आखिर पापा का भी मन अब घर पर नहीं लगता होगा वह भी घर पर रह कर बोर ही होते होंगे मैंने सुहानी से कहा हां यह तो तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो। सुहानी मुझसे कहने लगी कि संजय अब तुम्हें अपने लिए कोई अच्छी लड़की देख लेनी चाहिए और तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए मैंने सुहानी से कहा कि ठीक है मैं भी इस बारे में सोच रहा हूं लेकिन मुझे कुछ महीनों का समय चाहिए। सुहानी कहने लगी कि हां तुम जल्दी से शादी कर लो ताकि पापा और मम्मी की देखभाल भी हो सके। मैंने सुहानी को कहा हां ठीक है मैं जल्द ही शादी का फैसला कर लूंगा। उस दिन मैंने इस बारे में सोचा कि मुझे जल्दी शादी कर लेनी चाहिए मैं शादी का पूरा मन बना चुका था क्योंकि मुझे भी लगने लगा था कि पापा और मम्मी को किसी की जरूरत है जो कि उनकी देखभाल कर सकें। जयपुर में कुछ दिन रहने के दौरान ही मेरी मुलाकात जब सुहानी ने सरिता से करवाई तो सरिता मुझे पहली नजर में ही भा गई मैंने उसका नंबर ले लिया हालांकि वह काफी शर्मीले नेचर की थी लेकिन उसके बावजूद भी मैंने उससे उसका नंबर ले लिया था। अब मैं उससे फोन पर बातें करने लगा हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से फोन पर काफी बातें किया करते हमें बहुत अच्छा भी लगता एक दोनों फोन पर बातें कर रहे थे मैंने उस दिन सरिता से कहा मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं वह एकदम से शॉक्ड हो गई और मुझे कहने लगी लेकिन संजय मैंने आज तक इस बारे में नहीं सोचा और अगर तुमने ऐसा मन बनाया है तो तुम्हें अपने पापा मम्मी से बात करनी पड़ेगी। मैंने सरिता से कहा ठीक है लेकिन क्या तुम मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो? वह कहने लगी हां संजय क्यों नहीं मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं मेरे लिए इससे बढ़कर बात कुछ और हो ही नहीं सकती थी कि वह मुझसे शादी करने के लिए तैयार थी।

उसने अब मुझसे शादी करने का अपना पूरा मन बना लिया था मैंने भी अपने पापा मम्मी से बात की जब मैंने उन्हें सरिता की तस्वीर दिखाई तो वह लोग भी मेरी शादी सरिता से करवाने के लिए तैयार थे। हम दोनों की शादी हो गई जब हम दोनों की सुहागरात की पहली रात थी तो मैंने सरिता के बदन को छुआ मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं उसके गोरे बदन को छू रहा था मेरे अंदर की आग बढ़ती जा रही थी मैंने उसके बदन को अच्छे से सहलाना शुरु कर दिया था जब मैं ऐसा कर रहा था तो वह पूरी तरीके से गरम हो गई थी। मैंने उसके गुलाबी होठों को चूमना शुरू कर दिया और उसके होठों से चूमकर मैंने पूरी तरीके से पानी निकाल दिया मैंने उसके होठों से इस कदर पानी निकाल दिया था कि मुझे मजा आने लगा था अब मैं उसके स्तनों को भी दबाने लगा था। मैं उसके स्तनों को दबाता तो मुझे बहुत ही मजा आता वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी और मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं मै उसकी आग पूरी तरीके से बढा चुका था।

जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो मैंने सरिता से कहा तुम इसे अपने मुंह में लेकर चूसा वह मेरे लंड को चूसने लगी वह जिस प्रकार से मेरे लंड को चूस रही थी उस से मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आता। वह खुश हो गई वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अब वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूसती वह मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाती जाती। मैं अब उसकी चूत को चाटने लगा मै उसकी चूत को चाट रहा था उसे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और मुझे उसकी चूत को चाटने में इतना मजा आने लगा कि उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था काफी देर तक मैंने उसकी चूत का रसपान किया और फिर से मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत के अंदर डाला तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। अब मुझे बहुत मजा आने लगा था मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बडी आसानी से कर रहा था उसकी चूत से खून बाहर निकल रहा है इस बात से मै बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी वह मुझे कहने लगी मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही अधिक मात्रा में खून निकलने लगा है। मैंने उसे कहा मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रहा हूं मुझे बहुत मजा आ रहा है कुछ देर तक मैंने उसे अपने नीचे लेटा कर चोदा तो उसने अपने दोनों पैरों के बीच मे मुझे जकडना शुरु कर दिया था। जब उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ना शुरू किया तो मुझे बड़ा आनंद आने लगा मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो चुका था हमारी सुहागरात सफल रही।
 
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