सरिता के साथ मनाली में एक रात

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hindi sex stories, antarvasna: पापा और मम्मी का डिवोर्स हो जाने के बाद मेरी देखभाल दादा और दादी ने हीं की उन्होंने मेरी देखभाल बहुत ही अच्छे से की। मेरी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैं भी मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब करने लगा था, पापा और मम्मी से मैं कभी कबार ही मिला करता था। मैं जिंदगी में हमेशा ही खुश रहने की कोशिश करता हूं लेकिन दादा जी के देहांत के बाद मैं काफी ज्यादा परेशान रहने लगा था और दादी की देखभाल की जिम्मेदारी भी मेरे ऊपर ही आ गई थी। मैं दादी की देखभाल में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं रखना चाहता था इसलिए मैंने घर में एक नौकरानी रखने का फैसला कर लिया था। हमारे पड़ोस में सुनील जी रहा करते हैं मैंने उनसे कहा तो उन्होंने एक शाम हमारे घर पर एक महिला को भेजा। मैंने उससे कुछ देर बात की तो मुझे लगा कि उसे मुझे घर पर काम पर रख लेना चाहिए और मैंने उसे काम पर रख लिया। वह घर मे अच्छे से काम कर रही थी और मैं भी काफी खुश था वह अच्छे से काम कर रही थी।

वह दादी की देखभाल अच्छे से करती और मैं इस बात से बड़ा खुश था। मैं ज्यादातर अपने काम में बिजी रहता था इसलिए मुझे ज्यादा समय नहीं मिल पाता था लेकिन जब भी मुझे समय मिलता तो मैं दादी की देखभाल कर लिया करता था। एक दिन दादी और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन दादी ने मुझे कहां राजेश बेटा मैं चाहती हूं कि तुम भी कोई अच्छी लड़की देख कर शादी कर लो। मेरा शादी करने का कोई मन नहीं था परंतु दादी की बात को मैं मना ना कर सका। मैंने भी सोच लिया था की मुझे शादी कर लेनी चाहिए मैं भी अपना मन बना चुका था। जब कॉलेज में पढ़ने वाली सरिता जो कि मेरे साथ ही पढ़ा करती थी उससे मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी तो मैंने उससे शादी की बात की लेकिन सरिता को थोड़ा समय चाहिए था। सरिता और मेरी बातचीत कॉलेज के समय में इतनी ज्यादा तो नहीं थी लेकिन अब हम दोनों की बातचीत काफी होने लगी थी और मुझे सरिता से बात करना बहुत ही अच्छा लगता।

हम दोनों जब भी साथ में होते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता था हम दोनों साथ में काफी समय बिताया करते। मैं सरिता के साथ बहुत ही खुश हूं और सरिता भी मेरे साथ काफी खुश है। जिस तरीके से हम दोनों साथ में समय बिताते हैं उससे हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगता है। एक दिन मैं और सरिता साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैं बैठा था मैंने सरिता को कहा कि मुझे लगता है कि मुझे अब तुमसे शादी कर लेनी चाहिए तो सरिता मुझे कहने लगी कि राजेश मुझे कुछ और समय चाहिए। मैंने सरिता को कहा कि तुम अपनी फैमिली से क्यों बात नहीं कर लेती। सरिता ने मुझे कहा कि मैंने अपनी फैमिली से तो बात कर ही ली है उन लोगों को इससे कोई परेशानी नहीं है लेकिन मैं अपने करियर को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हूं।

मैंने सरिता को समझाया और उसे कहा कि मुझे मालूम है कि तुम अपने करियर को लेकर चिंतित हो लेकिन शादी के बाद भी तो तुम अपने करियर को बना सकती हो लेकिन सरिता शायद कुछ और ही सोच रही थी इसलिए वह मुझसे समय मांग रही थी। मैं चाहता था कि सरिता और मैं जल्द से जल्द शादी कर ले परंतु सरिता को समय चाहिए था इसलिए मैं उसकी बात को भी नहीं टाल सकता था।

सरिता और मैं एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते हैं इसलिए शायद उसकी बात को टाल पाना मेरे लिए मुश्किल था। सरिता की कुछ समय मे एक अच्छी कंपनी में जॉब लग चुकी थी और वह चाहती थी कि वहां पर कुछ समय जॉब करे। वहां पर जॉब करते हुए सरिता को करीब 6 महीने से ऊपर हो चुका था सरिता की तनखा भी काफी अच्छी है और वह बहुत ज्यादा खुश थी। वह अपनी जिंदगी में बहुत खुश थी मैंने सरिता को कहा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए। मैंने जब सरिता को इस बारे में कहा तो सरिता भी मेरी बात मान गई उसके परिवार को इससे कोई एतराज नहीं था। मेरी फैमिली में तो सिर्फ मेरी दादी ही थी और पापा से मैं कभी कबार ही मिला करता था क्योंकि पापा विदेश में नौकरी करते हैं और वह कभी कबार ही घर आया करते हैं।

मैंने पापा से इस बारे में बात की तो वह भी मेरी बात मान गए। मैं सरिता के साथ शादी करना चाहता था और हम दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और अब सरिता मेरी पत्नी बन चुकी थी। मैं बहुत ज्यादा खुश था कि सरिता मेरी पत्नी बन चुकी है सरिता को अपनी पत्नी के रूप में पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश था। जिस तरीके से वह मेरे साथ में समय बिताती तो हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं और हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चल रही है।

मैं और सरिता एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं हम दोनों जब भी साथ में होते तो हम दोनों को अच्छा लगता है। शादी के दो महीने बाद सरिता ने मुझसे कहा कि राजेश हम लोगों को कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए। हालांकि शादी के कुछ समय बाद ही हम दोनों घूमने के लिए साथ में गए थे लेकिन सरिता ने मुझे कहा तो मैं उसकी बात को मना ना कर सका और मैंने उसे कहा कि ठीक है मैं ऑफिस से छुट्टी ले लेता हूं और कुछ दिनों के लिए हम लोग मनाली घूम आते हैं।

सरिता भी इस बात से खुश थी और हम दोनों मनाली जाना चाहते थे मनाली जाने की सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी। हम दोनों जब मनाली गए तो वहां पर मौसम बहुत ही अच्छा था हम दोनों मनाली में जमकर इंजॉय कर रहे थे और हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लग रहा था। सरिता और में मनाली में खूब इंजॉय कर रहे थे हम दोनों को मनाली में काफी अच्छा लग रहा था मैं काफी खुश भी था जिस तरीके से सरिता और मैं एक दूसरे के साथ में वहां पर इंजॉय कर रहे थे और साथ में समय बिता रहे थे। मनाली में काफी ज्यादा ठंड होने की वजह से उस दिन हम दोनों होटल के रूम में ही लेटे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ बिस्तर में लेटे हुए थे मेरा मन भी उसके साथ सेक्स करना होने लगा था। मैंने सरिता के होंठो को चूम लिया जब मैं उसके होठों को चूमने लगा था मुझे अच्छा लग रहा था और उसको भी बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मै उसके होंठों को चूम रहा था।

वह मेरी गर्मी को बढ़ाए जा रही थी हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढा चुके थे अब सरिता अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी। मैंने सरिता के बदन से कपड़े उतार दिए जब मैंने उसके बदन से कपड़े उतारे तो उसकी गर्मी बाहर की तरह आने लगी थी। मैंने सरिता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो और सरिता ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था।

वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक लेकर उसे सकिंग करने लगी थी उसे बड़ा ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी। उसने मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था अब मेरी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैं सरिता की चूत में लंड को घुसाने को तैयार था। मैंने सरिता के स्तनों को चूसना शुरू किया। जब मैं सरिता के स्तनों को चूस रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और सरिता को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे ले रहे थे। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने सरिता की चूत को चाटना शुरू कर दिया था।

मैं सरिता की योनि को चाटने लगा था उसे बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और हम दोनों ही अपने आप बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे। ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था ना ही सरिता अपने आपको रोक पा रही थी। मैंने सरिता के पैरों को खोल दिया था और उसकी योनि पर अपने लंड को लगाते हुए मैंने उसकी चूत में लंड को सटाना शुरू किया। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जाने लगा था मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था जिस तरीके से हम लोग एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। अब मैं और सरिता एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा चुके थे अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे।

मैं सरिता को बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी जिस तरीके से मैं उसकी चूत के मजे ले रहा था उस से हम दोनों बहुत ज्यादा मजे में आ चुके थे। मैंने सरिता की योनि के अंदर ही अपने वीर्य की पिचकारी को गिरा कर अपनी इच्छा को पूरा कर दिया था। वह मेरे लंड को सकिंग करना चाहती थी जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को सकिंग कर रही थी मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और सरिता को भी काफी मजा आ रहा था जिस तरीके से सरिता मेरे लंड को चूस ही थी।

हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे अब हमारी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैं सारिका की चूत के अंदर बाहर अपने मोटे लंड को तेजी से किए जा रहा था वह बड़ी जोर से चिल्ला रही थी। वह जिस तरीके से सिसकारियां ले रही थी उस से हम दोनों ही पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे मैं सरिता की चूत के अंदर बाहर लंड को किए जा रहा था। काफी देर तक मैंने अपने लंड को सरिता की चूत मे किया लेकिन जब उसकी गर्मी बढने लगी थी तो वह कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मैंने सरिता को कहा मैं तुम्हारी चूत में ही अपने माल को गिराना चाहता हूं। मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था। मैंने जब सरिता की योनि के अंदर अपने माल को गिराया तो मुझे मजा आ गया और सरिता को भी बड़ा मजा आया जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बढा दिया था। वह बहुत ही ज्यादा खुश थी जिस तरीके से हमारी इच्छा पूरी हुई थी।
 
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