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Senior ki pahli chut chudai.

हेलो दोस्तों, इस वेबसाइट में मैं नया हु. मेरे दोस्त के कहने पर मैंने यहाँ पर कहानिया पड़ी. कुछ झूठी लगी और कुछ को पड़ कर बड़ा मज़ा आया. फिर मैंने सोचा, क्यों ना मैं अपनी खुद की कहानी बताऊ, जो बिलकुल सच्ची है. मेरा नाम अनुराग है और मैं मुंबई में रहता हु और मेरी उम्र २२ साल है, हाइट ६ फिट है और मेरा लंड ६ इंच का है और जिम जाने से मेरी बॉडी भी तगड़ी दिखती है.

बात दरअसल तब की है, जब मैंने मुंबई में जब जॉब करना शुरू ही किया था.. मुझे एक एम्एनसी में जॉब लगा था. मैं बहुत खुश था और जब पहले बार ऑफिस गया, तो वहां बहुत लडकिय थी. पर उनपर मुझे इतना अट्रैक्शन नहीं हुआ. पर थोड़ी देर बाद, मेरी ड्रीम गर्ल मेरे सामने से निकली. एक्चुअली उस दिन उन्हें थोड़ा लेट हो गया था.. क्या बताऊ दोस्तों.. मेरे तो होश ही उड़ गये उनको देख कर. उनका नाम ऋचा था और उनका फिगर होगा कोई ३२ - २८ - ३६.

वो मेरा लक था, कि हम दोनों एक ही बॉस को रिपोर्ट कर रहे थे. उसने मुझ से उनकी इंट्रो करवाई. मैं उसदिन बहुत खुश था. फिर अगले दिन उसने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे बारे में पूछा, तो मैंने सब कुछ बता दिया. वो बहुत ही इंटरेस्ट से सुन रही थी. फिर यू ही दिन बीतने लगे और हम साथ - साथ काम करने लगे थे. लंच टाइम में कैंटीन में साथ जाते, वो मेरे साथ काम करती और बाते भी करती. वो और मैं अब काफी फ्रेंक हो चुके थे. मेरे मसल्स को हाथ लगा कर देखती और जोक करती. मुझे भी बहुत अच्छा लगता था. मैं तो उसके पीछे पागल सा ही हो गया था. अब मुझे किसी भी तरह से उसे चोदना था.. मजाक - मजाक में कभी हम बहुत करीब आते तो, उसके बूब्स मुझसे टच हो जाते थे. मुझे बड़ा मज़ा आता था और मुझे ये भी मालूम था, कि उसे कोई फरक नहीं पड़ता और वो मेरे और भी करीब आने लगी थी.

फिर १ दिन ऑफिस में लंच टाइम हो गया, तो सब चले गये थे. हम दोनों काम में बिजी थे और पूरा ऑफिस खाली था. मैंने सोचा, कि इस से अच्छा मौका नहीं मिलेगा. मैंने हिम्मत जुटाई और उसके पास गया. लेकिन हिम्मत ही नहीं हुई कुछ कहने की. तभी उसके बूब्स साइड में से देखने के बाद सोचा, अगर तू इन्हें नहीं दबाएगा, तो कोई और इसके मजे ले जाएगा. कुछ तो करना ही पड़ेगा और वो भी अभी के अभी. इस से मुझमे बड़ी ताकत आई और उनसे लंच कैंटीन को चलने को कहा. वो कंप्यूटर लॉक करके उठी, तो मैंने कहा, कि आपको एक बात बोलना चाहता हु.

मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला - प्लीज बुरा मत मानना और फिर बोला - मैं तुमसे प्यास करने लगा हु. आई लव यू. और झट से उसके होठो पर किस कर दी. उसने मुझे रोका भी नहीं.. तो मैंने इसे इशारा समझा और १ हाथ से उसके बूब्स को टच कर दिया. तभी उसने मुझे रोका और बोली - ये क्या कर रहे हो.. मत करो.

तो मैंने उसको कहा - तुम मुझसे प्यार नहीं करती? तो उसने कहा - मैं भी तुमसे प्यास करती हु. पर यहाँ पर हमे कोई देख लेगा और मैं बस जोश में आ गया और मैंने उस से कहा, कि सब लंच पर गए हुए है. डोंट वोर्री.. कोई नहीं आने वाला यहाँ पर. मैंने फिर से उसके बूब्स टच करने की कोशिश करी.. मैं फिर से उनको दबाने लगा.. बड़े ही सॉफ्ट थे दोस्तों. क्या बताऊ. मैं तो पगला ही गया था. तो उसने बोला, कि रिस्क नहीं ले सकते और अब तो मैं तुम्हारी ही हु. बाद में जो करना है कर लेना. पर अभी यहाँ पर नहीं. तो मैंने कहा - ठीक है और उस को एक किस कर दी. फिर हम लंच पर चले गये.

कई दिन मैंने उसके ऊपर - ऊपर से मजे लिए. फिर १ दिन, उसने बोला - उसके माँ और पापा आज एक शादी के लिए पुणे जा रहे है और उसका घर पूरा खाली है. ये बात सुन कर मैं तो ख़ुशी पागल हो गया. हम दोनों एक दुसरे को अपनी बाहों में लेने के लिए बैचेन थे अब. उस दिन मैंने घर पर बोला, कि मैं आज दोस्त के घर पर जा रहा हु.. रात को नहीं आऊंगा. फिर जेसे ही हम ऑफिस से छुटे, हम लेट निकले. ताकि हमे कोई साथ - साथ जाते हुए ना देख सके. रास्ते में मेडिकल शॉप से मैंने कंडोम का पैकेट भी ले लिया और हम दोनों बाइक पर बैठ कर उसके घर पर चले गए.

फिर उसने दरवाजा खोला और हम अन्दर गए और जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया. मैंने उसे बाहों में जकड लिया और उसने बोला - जान, थोड़ा इंतज़ार तो कर लो. पूरी रात है हमारे पास. और मैं पूरी रात सिर्फ तुम्हारी ही हु. थोड़ा फ्रेश तो हो जाओ. मैंने उसे किस किया और छोड़ दिया. फिर हम दोनों फ्रेश होने गए. मैंने आके सोफे पर तशरीफ़ जमा ली और वो नहा कर जब बाहर आई, तो क्या बताऊ दोस्तों.. क्या क़यामत लग रही थी वो.. उसने स्पेगती पहन रखी थी और अन्दर सिफ ब्रा और पेंटी, जो बाहर से साफ़ -साफ़ दिख रही थी. मेरा लंड उसे देखते ही खड़ा हो गया और टॉवल के ऊपर टेंट बन गया. वो करीब आई और बोली - ये क्या है? मैंने आँख मारते हुए कहा - जान ये वो चीज़ है, जो तुम्हे आज सोने नहीं देगा. तो उसने कहा - मैं भी देखू, ऐसी कौन सी चीज़ है? हम दोनों मुस्कुराये और मैंने उसे अपनी बाहों में जकड लिया.

मैंने फिर उसे किस किया और उसे भी अच्छा लग रहा था और अच्छे से रेस्पोंस कर रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने उसके गाल पर किस किया और उसके कान पर और फिर जेसे ही मैं उसके गले पर किस किया, उसके मुह से अहहहा अहहह्हा अहहः मूउह्ह्ह मुह्ह्ह्हह्ह की आवाज़े आने लगी. मुझे मालूम पड़ गया था, कि उसको भी मज़ा आने लगा था. फिर धीरे - धीरे उसके हाथ फिर उसके बूब्स तक पहुचे और मैं उसके दोनों बूब्स को जोर से दबा रहा था. वो बोली - धीरे से दबाओ जान. बहुत दर्द होता है. लेकिन मैं भी कहाँ सुनने वाला था. फिर मैंने एक हाथ उसके नीचे ले गया और उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से मसलने लगा. वो सिस्कारिया भरने लगी थी अहः अहः अहः ओअओअऊ ओओओओं ओहूहोह. फिर थोड़ी देर तक येही चलता रहा और फिर मैंने उसकी सेप्गती उतारी. दोस्तों उसको रेड ब्रा और पेंटी में देख कर मेरा लंड जेसे साइज़ में डबल हो गया. फिर धीरे से मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी. उसकी चूत पर बिलकुल भी बाल नहीं थे और चूत का और निप्पल का रंग हल्का लाल देख कर मैं पगला हो गया था.

अब मैंने उसे बोला - तुम्हारी बारी. मेरे भी बचे हुए कपड़े उतार दो. उसने बिना डेरी किये हुए, मेरा टॉवल निकाल दिया. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और उसने कहा, तो बाहर इतना बड़ा है, तो अन्दर से कितना बड़ा होगा? मैंने कहा - बस तुम इसे देखती जाओ. तुम्हारा घोडा एकदम हट्टा - कट्टा है. उसने जेसे ही अंडरवियर नीचे की, वो दंग रह गयी और वो बोली - अरे बाप रे, इतना बड़ा और इतना मोटा. मैंने बोला - ह्म्म्म, बस तुम्हारे लिए ही है. उसने झट से हाथ ,में लिया और आगे पीछे हिलाने लगी. थोड़ी देर बाद, मैंने बोला - अब इसे अपने मुह में लो. तो उसने मेरे लंड को मुह में ले लिया उसको अपने मुह में हिलाने लगी. फिर मैंने कहा - अब मेरी बारी. और मैंने उस से कहा - बेडरूम में चले? तो उसने कहा - चलो जल्दी चलो.. अब इंतज़ार नहीं हो रहा है. मैंने उसको अपनी बाहों में उठाया और बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक दिया. मैंने फिर उसकी टाँगे खोल दी और अपना अपना मुह वहां ले जा कर चाटने लगा. उसकी चूत तो पहले से ही गीली हो चुकी थी. मैंने उसे चाटना शुरू किया, तो वो सिस्कारिया भरने लगी.

अब मुझे और भी जोश आने लगा और मैं जोर से चाटने लगा. इतने में वो झड गयी. मेरा पूरा मुह पानी से भर गया. मैंने फिर से कहा - ये तो बस ट्रेलर है जानेमन. असली पिक्चर तो अभी बाकी है. फिर मैंने कहा - जानू, अब तुम तैयार हो जाओ चुदवाने के लिए. उसने हाँ में अपने सिर को हिला दिया. फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत पर रगड़ने लगी. वो कहने लगी, कि इतना बड़ा लंड मेरी चूत में कैसे जाएगा? मैंने कहा - अन्दर तो चले जाएगा, तू टेंशन मत ले. तुम्हे स्टार्टिंग में थोड़ा बहुत दर्द होगा, लेकिन बाद में मज़ा आने लगेगा. तुमको लगेगा, कि तुम जन्नत की सैर में हो. फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को साइड में करके उसके बीच में आ गया और अपने लंड को कंडोम पहनाने लगा. तो उसने कहा - जान. ये तुम्हारी पहली सेक्स है ना.. इसलिए प्लीज कंडोम मत पहनो. तुम्हारा लंड और मेरी चूत को एक हो जाने दो. और वो बोली - मेरा सेफ पीरियड है. डोंट वोर्री.. तो मैं तो एकदम से कंडोम को निकाल फेंका और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो सिस्कारिया ले रही थी. फिर मैंने अपने लंड को धीरे - धीरे उसके अन्दर डालना चालू किया.

उसे दर्द होने लगा था. मैंने देखा, कि मैं लंड को बिना धक्का मारे अन्दर नहीं डाल सकता. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा और वो एकदम से चीख पड़ी. वो मुझे बोलने लगी. निकालो इसे.. बाहर निकालो अभी के अभी. बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मुझे.

मैंने कहा - बस थोड़ी देर और जान.. और उसे किस करने लगा. ताकि उसकी आवाज़ थोड़ी कम हो जाए. फिर एक और झटका मारा और मेरा मोटा लंड उसकी चूत में पूरी तरह से जा चूका था. उसे और ज्यादा दर्द होने लगा और उसकी आँखों से आंसू आने लगे. मैंने कहा - जान, अब दर्द कम हो जाएगा. अब बस तुम्हे मज़ा आने वाला है. तुम अब अब मजे लो. फिर धीरे से मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और देखा, तो मेरा लंड खून से सना हुआ था. उसकी परवाह ना करते हुए, धीरे - धीरे मैंने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू किया. थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ, तो वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी बढ़ा दी और मेरे धक्के तेज होने लगे. वो सिस्कारिया भरने लगी हाहाह अहहाह जोर से .. मज़ा आ रहा है. चोदो मुझे आहाहाह ओगोऊ अहहाह अहहाह अहहाह पेलो मुझे प्लीज और जोर से करो ना.. अहहाह अहहहः अहहाह अहहः ओहोह्ह उसकी आवाजो को सुनकर मैं जोश में आ गया और मैंने अपने धक्को की रफ़्तार को बड़ा दिया.

थोड़ी देर बाद, जब झड़ने की बारी आई. तो मैंने पूछा - क्या करू? कहाँ पर निकालू? तो उसने बोला - अन्दर ही डाल दो प्लीज.. मैं तुम्हारे वीर्य का अहसास अपनी चूत में करना चाहती हु. मैंने थोड़ी देर और जोर से धक्के लगाये और फिर अपने वीर्य को उसकी चूत में छोड़ते हुए उसकी चूत में ही झड गया. फिर मैं उसके ऊपर गिर गया और बाद में मुझे पता चला, कि तब तक वो २ बार झड चुकी थी. फिर थोड़े आराम के बाद, हम फिर शुरू हो गए और इस बार मैंने उसे अपने ऊपर बैठा लिया और उसने घुड़सवारी शुरू कर दी.

उसके बाद वो किचन में खाना बनाने चली गयी. मैंने उसे वहां जाकर भी चोदा और फिर रात में खाना खाने के बाद हम ने ३ बार और सेक्स किया और लास्ट सेक्स के बाद, मैंने अपना लंड सीधे ही उसकी चूत में पार्क कर दिया पर फिर हम सो गये. हम लोग लगभग ४ बजे तक सोये और सुबह लेट उठे. उस दिन हम दोनों ऑफिस नहीं गए और दिन भर सेक्स सेक्स और सिर्फ सेक्स किया. शाम को उसके माँ और डैड आने वाले थे और उनके आने का टाइम हो गया था, तो मैं वापस निकल गया. हम दोनों आज भी सेक्स करते है जब भी टाइम मिलता है और वो मुझसे और मेरे लंड से बहुत खुश है. उसने मुझसे ये वायदा किया है, कि वो जहाँ भी चले जाए और चाहे किसी के साथ भी रहे.. मुझसे जिन्दगी भर चुद्वाती रहेगी. तो दोस्तों, ये थी मेरी ऑफिस वाली सीनियर की चुदाई की कहानी. अगर आपको अच्छी लगी हो, तो मुझे जरुर कमेंट लिख कर बताना.
 
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