Pass hone ke liie chut chudai karwai - Hindi sex story
सोनाली वाकई एक ऐसी लड़की थी जिसे चोदने के ख्वाब तो हमारे लेक्चरर ने भी देखे होंगे, आखिर इंजीनियरिंग में इतनी सुंदर लड़की आए और उस पर वो इतनी बोल्ड भी हो तो कौन नहीं चाहेगा ऐसी कली का रस लेना. फर्स्ट इयर से फाइनल इयर तक उसने लड़कों को घुमाया फिराया और एक तो हमारे सीनियर को बॉय फ्रेंड भी रखा लेकिन ये तो कन्फर्म है की उसने अपनी दी किसी को नहीं क्यूंकि हर कोई उसकी बुराई ही करता था और बुराई वही करता जिसको कुछ कमी रह जाती है. खैर फाइनल इयर में उसकी गाडी अटकी और जिन लोगों को उस्न्ने चुटिया बना बना कर अपने पेपर क्लियर करने के लिए उनसे पढ़ी थी वो अब उसका साथ नहीं देना चाहते थे क्यूंकि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती. तो अपने इस आखिर इयर को वन शॉट क्लियर करने के लिए सोनाली नए मेरा दामन पकड़ा क्यूंकि उसकी ब्रांच में एक मैं ही बचा था जो पढता भी अच्छा था और था भी अकेला.
सोनाली नए सीधे ही आ कर मुझे कह दिया "देख यार कोई लाग लपेट वाली बात नहीं है, मेरा ये इयर क्लियर हो गया तो मैं बस्याहन से निकल जाउंगी, अब तुझे मदद करनी हो तो कर नहीं तो मैं फ़ैल ही ठीक हूँ" मैंने उसे जवाब दिया "देख सोनाली मैं भी कोई लाग लपेट नहीं रखूँगा लेकिन मेरा भी ये फाइनल इयर है और मैं भी यहाँ से निकल जाऊँगा पर मैं यहाँ से वर्जिन तो नहीं जाऊँगा, अब तुझे मेरी मदद करनी हो तो कर नहीं तो मैं भी लूज़र ही सही". ये सुन कर सोनाली अवाक् रह गयी और बोली "तू ऐसी गन्दी बात कह भी कैसे सकता है" मैंने कहा "अच्छा तू करे तो गंगा स्नान और हम करें कौवा स्नान" सोनाली वहां से चली गयी लेकिन जब शाम तक कहीं जुगाड़ नहीं हो पाया और किसी लेक्चरर नए भी अं वक़्त पर पढ़ाने से मना कर दिया तो लुटी पिटी सी बोयज़ हॉस्टल के वॉलीबॉल कोर्ट में आ कर मुझसे बोली "तू किसी को बतायेगा नहीं और जो मुझे पसंद नहीं होगा वो नहीं करेगा". मैंने उसकी शर्तें अमन लीं और अपने नम्बर उससे शेयर कर लिए, अगले ही दिन से उसकी एक फ्रेंड के रूम पर मेरी ड्यूटी लगनी थी उसे पढ़ाने की तो मैं वहां बिना किसी देर दार के पहुँच गया और देखा तो कमीनी सोंनाली आज तो और भी सुपर सेक्सी ड्रेस पहने बैठी थी.
मैंने पूछा "पार्टी में जा रही है क्या" तो बोली "क्या पता मुझे नार्मल ड्रेस में देख कर तेरी ठरक ना जागी तो नर्ड कहीं के" हम दोनों हँसे और मैंने उसे दो घंटे तक पढाया, वो कितनी भी कमीनी रही हो लेकिन उसे एक बार पढाई गयी चीज़ तुरंत समझ आती थी और यही कारण था की उसने अपने पहले इयर्स आसानी से क्लियर कर लिए थे. पढ़ाने के बाद मैंने उस से कहा "चलो आज की फीस दे दो" तो उसने गुस्से में कहा "अच्छा तो तू इसे फीस की तरह ले रहा है" मैं बोला "तू जो चाहे समझ के दे दे मैं तो भिखारी हूँ सब ले लूँगा" उम दोनों फिर से हंसे और सोंनाली ने कुण्डी लगा दी. वो बड़े ही सेक्सी तरीके से मुझे सिड्यूस कर रही थी, उसने मेरी जाँघों पर हाथ रखा थोड़ी देर जीन्स के उपर से ही लंड को सहलाया और फिर मेरे बदन पर अपने होंठ फिराने लगी तो मैं बोला "बड़ी चोम्मु किस्म्म की पोर्न देखती है तू" और इतना कह कर मैंने उसे गोदी में उठा कर बिस्तर पर पटक दिया.
बस आज मेरे पुरुषार्थ की परीक्षा थी और जो जो मैंने सीखा था वो आज आजमाने का वक़्त था, मैंने सोनाली की ड्रेस के बंद अपने दांतों से ढीले किए और उस्क्की सरकती हुए ड्रेस को अपने मुंह में ले कर ही नीचे तक खींचकर अपने पैरों का इस्तेमाल करते हुए उतार दिया. सोनाली मेरी इस कला से बड़ी खुश हुई तो मैंने अपनी उंगलियाँ उसके जिस्म पर फेरना शुरू किया और उसके रोम रोम में अपनी छुअन से करंट भरने लगा, सोनाली इस वक़्त सिर्फ ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ आआह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म से ज्यादा कुछ नहीं बोल रही थी. वो बस मेरे टच के मज़े ले रही थी की मैंने अपना हाथ रोक कर उसके चेहरे की तरफ देखा जो मेरे छूने से किसी और ही मूड में चला गया था, सोनाली नए मुझे देखा और कहा "तुम वेर्जिन तो नहीं हो सकते, तुमने मेरे शरीर का बाल बाल खड़ा कर दिया अपने टच से".
मैंने कहा "वर्जिन तो मैं हूँ और ये सब मेरी सीरियस पढाई का नतीजा है" और इतना कह कर मैंने उसकी चूत में ऊँगली पेल कर अन्दर बाहर करना शुरू किया तो सोनाली की चीखें निकल गयी लेकिन उसे पता नहीं था की अभी मेरी ऊँगली के साथ मेरी जीभ भी कमाल दिखाएगी और बस एक ही मिनट में मैंने अपनी जीभ और ऊँगली से सोनाली को ढेर कर दिया उसकी चूत से रिस रिस कर मलाई का सैलाब आरहा था और वो पसीने पसीने पड़ी थी. मैं जैसे ही बेड से उठा सोनाली नए मुझे वापस खींचकर कहा "प्लीज़ ऐसे आधा मत छोडो काम को" तो मैंने उसे अपनी बाहों में लिया बेड के किनारे पर बिठाया और उसकी चूत पर लंड टिकाया ही था कि सोनाली ने लंड छू कर कहा "डिअर बस दर्द ज्यादा मत करना" मैं मुस्कुराया और हौले से उसकी नई नई चूत में पेलना शुरू किया. सोनाली नए मुझे कसकर पकड़ लिया और वो डांट भींच कर कुछ बडबडा रही थी साथ ही अपने नाखूनों से मेरी पीठ गर्दन और चेस्ट पर खरोंच रही थी.
मैंने और जोश में आ गया और सोनाली को बड़े ही तेज़ी से चोदने लगा, उसे मेरे लंड का ऐसा चस्का लगा की वो और आएग खिसका गयी तो मैं उसकी मंशा समझ कर अपनी पूरी ताकत से पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसाने लगा था. सोनाली नए एक ज़ोर की सिसकारी मारी और वो झड़ गयी और मैं भी उसके जस्ट बाद ही झड़ गया तो उसकी चूत में डबल डबल गीलापन हो गया था. सोनाली ने मुझे टाइट हग कर लिया और बोली "अब रोज़ पढ़ाने के बाद करोगे ना" मैंने कहा "हाँ यही तो फीस है" तो सोनाली नए मुंह बिगाड़ कर कहा "तुम इसे फीस बोलना बंद करो ये तो वो प्लेज़र है जो तुम मुझे दे रहे हो, और मैं तुम्हारी और भी कर्जदार हो रही हूँ" मैंने उसके इस कर्ज़दार वाली फीलिंग को मिटाने के लिए उसके मुंह में अपना लंड फँसा दिया तो उसने वक़ेई पूरे टैलेंट का इस्तेमाल करते हुए मेरे लंड को खुश किया और मेरा माल भी पी गयी. इस तरह उसका और मेरा फाइनल इयर क्लियर हो गया, उसके बाद भी दो साल तक सोंनाली और मैं सेक्स की इस धारा में गोते लगाते रहे, जब तक की उसका ब्याह नहीं हो गया और मैं जॉब के लिए ऑन साईट नहीं निकल गया.
सोनाली वाकई एक ऐसी लड़की थी जिसे चोदने के ख्वाब तो हमारे लेक्चरर ने भी देखे होंगे, आखिर इंजीनियरिंग में इतनी सुंदर लड़की आए और उस पर वो इतनी बोल्ड भी हो तो कौन नहीं चाहेगा ऐसी कली का रस लेना. फर्स्ट इयर से फाइनल इयर तक उसने लड़कों को घुमाया फिराया और एक तो हमारे सीनियर को बॉय फ्रेंड भी रखा लेकिन ये तो कन्फर्म है की उसने अपनी दी किसी को नहीं क्यूंकि हर कोई उसकी बुराई ही करता था और बुराई वही करता जिसको कुछ कमी रह जाती है. खैर फाइनल इयर में उसकी गाडी अटकी और जिन लोगों को उस्न्ने चुटिया बना बना कर अपने पेपर क्लियर करने के लिए उनसे पढ़ी थी वो अब उसका साथ नहीं देना चाहते थे क्यूंकि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती. तो अपने इस आखिर इयर को वन शॉट क्लियर करने के लिए सोनाली नए मेरा दामन पकड़ा क्यूंकि उसकी ब्रांच में एक मैं ही बचा था जो पढता भी अच्छा था और था भी अकेला.
सोनाली नए सीधे ही आ कर मुझे कह दिया "देख यार कोई लाग लपेट वाली बात नहीं है, मेरा ये इयर क्लियर हो गया तो मैं बस्याहन से निकल जाउंगी, अब तुझे मदद करनी हो तो कर नहीं तो मैं फ़ैल ही ठीक हूँ" मैंने उसे जवाब दिया "देख सोनाली मैं भी कोई लाग लपेट नहीं रखूँगा लेकिन मेरा भी ये फाइनल इयर है और मैं भी यहाँ से निकल जाऊँगा पर मैं यहाँ से वर्जिन तो नहीं जाऊँगा, अब तुझे मेरी मदद करनी हो तो कर नहीं तो मैं भी लूज़र ही सही". ये सुन कर सोनाली अवाक् रह गयी और बोली "तू ऐसी गन्दी बात कह भी कैसे सकता है" मैंने कहा "अच्छा तू करे तो गंगा स्नान और हम करें कौवा स्नान" सोनाली वहां से चली गयी लेकिन जब शाम तक कहीं जुगाड़ नहीं हो पाया और किसी लेक्चरर नए भी अं वक़्त पर पढ़ाने से मना कर दिया तो लुटी पिटी सी बोयज़ हॉस्टल के वॉलीबॉल कोर्ट में आ कर मुझसे बोली "तू किसी को बतायेगा नहीं और जो मुझे पसंद नहीं होगा वो नहीं करेगा". मैंने उसकी शर्तें अमन लीं और अपने नम्बर उससे शेयर कर लिए, अगले ही दिन से उसकी एक फ्रेंड के रूम पर मेरी ड्यूटी लगनी थी उसे पढ़ाने की तो मैं वहां बिना किसी देर दार के पहुँच गया और देखा तो कमीनी सोंनाली आज तो और भी सुपर सेक्सी ड्रेस पहने बैठी थी.
मैंने पूछा "पार्टी में जा रही है क्या" तो बोली "क्या पता मुझे नार्मल ड्रेस में देख कर तेरी ठरक ना जागी तो नर्ड कहीं के" हम दोनों हँसे और मैंने उसे दो घंटे तक पढाया, वो कितनी भी कमीनी रही हो लेकिन उसे एक बार पढाई गयी चीज़ तुरंत समझ आती थी और यही कारण था की उसने अपने पहले इयर्स आसानी से क्लियर कर लिए थे. पढ़ाने के बाद मैंने उस से कहा "चलो आज की फीस दे दो" तो उसने गुस्से में कहा "अच्छा तो तू इसे फीस की तरह ले रहा है" मैं बोला "तू जो चाहे समझ के दे दे मैं तो भिखारी हूँ सब ले लूँगा" उम दोनों फिर से हंसे और सोंनाली ने कुण्डी लगा दी. वो बड़े ही सेक्सी तरीके से मुझे सिड्यूस कर रही थी, उसने मेरी जाँघों पर हाथ रखा थोड़ी देर जीन्स के उपर से ही लंड को सहलाया और फिर मेरे बदन पर अपने होंठ फिराने लगी तो मैं बोला "बड़ी चोम्मु किस्म्म की पोर्न देखती है तू" और इतना कह कर मैंने उसे गोदी में उठा कर बिस्तर पर पटक दिया.
बस आज मेरे पुरुषार्थ की परीक्षा थी और जो जो मैंने सीखा था वो आज आजमाने का वक़्त था, मैंने सोनाली की ड्रेस के बंद अपने दांतों से ढीले किए और उस्क्की सरकती हुए ड्रेस को अपने मुंह में ले कर ही नीचे तक खींचकर अपने पैरों का इस्तेमाल करते हुए उतार दिया. सोनाली मेरी इस कला से बड़ी खुश हुई तो मैंने अपनी उंगलियाँ उसके जिस्म पर फेरना शुरू किया और उसके रोम रोम में अपनी छुअन से करंट भरने लगा, सोनाली इस वक़्त सिर्फ ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ आआह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म से ज्यादा कुछ नहीं बोल रही थी. वो बस मेरे टच के मज़े ले रही थी की मैंने अपना हाथ रोक कर उसके चेहरे की तरफ देखा जो मेरे छूने से किसी और ही मूड में चला गया था, सोनाली नए मुझे देखा और कहा "तुम वेर्जिन तो नहीं हो सकते, तुमने मेरे शरीर का बाल बाल खड़ा कर दिया अपने टच से".
मैंने कहा "वर्जिन तो मैं हूँ और ये सब मेरी सीरियस पढाई का नतीजा है" और इतना कह कर मैंने उसकी चूत में ऊँगली पेल कर अन्दर बाहर करना शुरू किया तो सोनाली की चीखें निकल गयी लेकिन उसे पता नहीं था की अभी मेरी ऊँगली के साथ मेरी जीभ भी कमाल दिखाएगी और बस एक ही मिनट में मैंने अपनी जीभ और ऊँगली से सोनाली को ढेर कर दिया उसकी चूत से रिस रिस कर मलाई का सैलाब आरहा था और वो पसीने पसीने पड़ी थी. मैं जैसे ही बेड से उठा सोनाली नए मुझे वापस खींचकर कहा "प्लीज़ ऐसे आधा मत छोडो काम को" तो मैंने उसे अपनी बाहों में लिया बेड के किनारे पर बिठाया और उसकी चूत पर लंड टिकाया ही था कि सोनाली ने लंड छू कर कहा "डिअर बस दर्द ज्यादा मत करना" मैं मुस्कुराया और हौले से उसकी नई नई चूत में पेलना शुरू किया. सोनाली नए मुझे कसकर पकड़ लिया और वो डांट भींच कर कुछ बडबडा रही थी साथ ही अपने नाखूनों से मेरी पीठ गर्दन और चेस्ट पर खरोंच रही थी.
मैंने और जोश में आ गया और सोनाली को बड़े ही तेज़ी से चोदने लगा, उसे मेरे लंड का ऐसा चस्का लगा की वो और आएग खिसका गयी तो मैं उसकी मंशा समझ कर अपनी पूरी ताकत से पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसाने लगा था. सोनाली नए एक ज़ोर की सिसकारी मारी और वो झड़ गयी और मैं भी उसके जस्ट बाद ही झड़ गया तो उसकी चूत में डबल डबल गीलापन हो गया था. सोनाली ने मुझे टाइट हग कर लिया और बोली "अब रोज़ पढ़ाने के बाद करोगे ना" मैंने कहा "हाँ यही तो फीस है" तो सोनाली नए मुंह बिगाड़ कर कहा "तुम इसे फीस बोलना बंद करो ये तो वो प्लेज़र है जो तुम मुझे दे रहे हो, और मैं तुम्हारी और भी कर्जदार हो रही हूँ" मैंने उसके इस कर्ज़दार वाली फीलिंग को मिटाने के लिए उसके मुंह में अपना लंड फँसा दिया तो उसने वक़ेई पूरे टैलेंट का इस्तेमाल करते हुए मेरे लंड को खुश किया और मेरा माल भी पी गयी. इस तरह उसका और मेरा फाइनल इयर क्लियर हो गया, उसके बाद भी दो साल तक सोंनाली और मैं सेक्स की इस धारा में गोते लगाते रहे, जब तक की उसका ब्याह नहीं हो गया और मैं जॉब के लिए ऑन साईट नहीं निकल गया.