दोस्तो.. मैं अरुण कुमार.. मेरा नाम तो पिछली कहानियों में पढ़ा ही होगा और मेरे बारे में बहुत कुछ जान भी लिया होगा। इस बार फिर से एक दोस्त की आपबीती के साथ आपके सामने चूत चुदाई का प्रोग्राम पेश करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि बाकी कहानियों की तरह मेरी इस कहानी पर भी आपका प्यार बना रहेगा। इसके साथ-साथ य भी जरूर बताएं कि मैं लिखता कैसा हूँ।
आगे की कहानी मेरे दोस्त अमित के शब्दों में सुनिए।
मैं अमित कुमार, उम्र 22 साल, टाटानगर, झाड़खंड से इस बार आप सभी के सामने एक चुदाई की स्टोरी लेकर आया हूँ। मेरी पिछली कहानी, जो मेरे दोस्त अरुण ने ही पोस्ट की थी..
उसकी चूत चुदाई का कभी सोचा ना था
आप सबने उस कहानी को पढ़ा और अपने मेल भेजे.. उसके लिए आप सबको धन्यवाद.. मैं आशा करता हूँ कि यह सेक्स कहानी भी आप सबको पसंद आएगी।
बात पिछले साल जून की है। जैसा कि आपको मालूम है कि मैं मुंबई में जॉब करता हूँ.. तो मुझे जून महीने में घर जाने की छुट्टियाँ मिलती हैं, मैं घर जाने की तैयारियां करने लगा.. फिर घर के लिए निकल गया।
घर पहुँचने के बाद 2-4 दिन बीत गए।
भाई की गर्लफ़्रेंड
एक दिन मेरे भाई ने मुझे बताया कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है.. वो मुझसे मिलना चाहती है।
मैंने भाई से पूछा- वो आपकी गर्लफ्रेंड है.. तो मुझसे क्यों मिलना चाहती है?
भाई ने कहा- एक दिन बातों-बातों में उसने मुझसे पूछा था कि आप लोग कितने भाई हो.. तो मैंने उसे तुम्हारे बारे में बताया था.. तो वो बोली थी कि जब आपका भाई आएगा तो मुझसे मिलवाइएगा ज़रूर.. उस वक्त मैंने भी उससे ‘हाँ’ कर दिया था। इसी वजह से मैं तुझे उससे मिलाना चाहता हूँ।
मैंने भाई से कहा- कोई बात नहीं.. ठीक है जब वो आएगी तो मिला देना भाई।
उसके बाद 2-4 दिन और ऐसे ही निकल गए।
एक दिन मेरे घर के सामने वाले घर पर एक लड़की दिखी। अब घर बगल में होने के कारण उस फैमिली से हमारी फैमिली की बातचीत होती रहती थी। जब मेरी नज़र उस लड़की पर पड़ी.. तो मैंने भी उतना ध्यान नहीं दिया और सोचा कि कोई परिचित के यहाँ की लड़की होगी.. यह सोच कर मैं अपना काम करता रहा।
थोड़ी देर बाद भाई घर पर आया और मुझसे बोला- चल वो लड़की आई है.. जिसके बारे में मैंने तुझे बताया था।
मैंने भाई से पूछा- कहाँ है?
भाई बोला- अपने सामने वाले घर की फैमिली उस लड़की की रिश्तेदार है और वो वहीं पर आई है।
तब मुझे लगा कि यह शायद वही लड़की होगी.. जिसको मैंने थोड़ी देर पहले देखा था।
अब मैं भी उसे मिलने को उत्सुक था, तो मैं अपने भाई के साथ चला गया।
मेरे भाई ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलाया, मैंने उससे ‘हैलो..’ कहा, बदले में उसने भी ‘हैलो..’ कहा।
वो कहने लगी- मैंने आपके भैया से कहा था कि जब आप आओगे तो आपसे मिलाना।
मैंने भी कहा- हाँ मुझे भाई ने बताया था.. आप कैसी हो?
उसने मुस्कुरा कर कहा- मैं अच्छी हूँ।
उसका नाम दिव्या था। कुछ देर बात हुई कि जैसे आप मुंबई में कौन सी जॉब करते हो.. स्टडी कहाँ तक की.. वगैरह-वगैरह।
उसके बाद उसे अपने घर जाना था.. तो वो बोली- फिर कभी मिलते हैं.. अभी लेट हो रही हूँ।
उसने ‘बाय..’ कहा.. मैंने भी मुस्कुरा कर ‘बाय..’ कहा।
आगे की कहानी मेरे दोस्त अमित के शब्दों में सुनिए।
मैं अमित कुमार, उम्र 22 साल, टाटानगर, झाड़खंड से इस बार आप सभी के सामने एक चुदाई की स्टोरी लेकर आया हूँ। मेरी पिछली कहानी, जो मेरे दोस्त अरुण ने ही पोस्ट की थी..
उसकी चूत चुदाई का कभी सोचा ना था
आप सबने उस कहानी को पढ़ा और अपने मेल भेजे.. उसके लिए आप सबको धन्यवाद.. मैं आशा करता हूँ कि यह सेक्स कहानी भी आप सबको पसंद आएगी।
बात पिछले साल जून की है। जैसा कि आपको मालूम है कि मैं मुंबई में जॉब करता हूँ.. तो मुझे जून महीने में घर जाने की छुट्टियाँ मिलती हैं, मैं घर जाने की तैयारियां करने लगा.. फिर घर के लिए निकल गया।
घर पहुँचने के बाद 2-4 दिन बीत गए।
भाई की गर्लफ़्रेंड
एक दिन मेरे भाई ने मुझे बताया कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है.. वो मुझसे मिलना चाहती है।
मैंने भाई से पूछा- वो आपकी गर्लफ्रेंड है.. तो मुझसे क्यों मिलना चाहती है?
भाई ने कहा- एक दिन बातों-बातों में उसने मुझसे पूछा था कि आप लोग कितने भाई हो.. तो मैंने उसे तुम्हारे बारे में बताया था.. तो वो बोली थी कि जब आपका भाई आएगा तो मुझसे मिलवाइएगा ज़रूर.. उस वक्त मैंने भी उससे ‘हाँ’ कर दिया था। इसी वजह से मैं तुझे उससे मिलाना चाहता हूँ।
मैंने भाई से कहा- कोई बात नहीं.. ठीक है जब वो आएगी तो मिला देना भाई।
उसके बाद 2-4 दिन और ऐसे ही निकल गए।
एक दिन मेरे घर के सामने वाले घर पर एक लड़की दिखी। अब घर बगल में होने के कारण उस फैमिली से हमारी फैमिली की बातचीत होती रहती थी। जब मेरी नज़र उस लड़की पर पड़ी.. तो मैंने भी उतना ध्यान नहीं दिया और सोचा कि कोई परिचित के यहाँ की लड़की होगी.. यह सोच कर मैं अपना काम करता रहा।
थोड़ी देर बाद भाई घर पर आया और मुझसे बोला- चल वो लड़की आई है.. जिसके बारे में मैंने तुझे बताया था।
मैंने भाई से पूछा- कहाँ है?
भाई बोला- अपने सामने वाले घर की फैमिली उस लड़की की रिश्तेदार है और वो वहीं पर आई है।
तब मुझे लगा कि यह शायद वही लड़की होगी.. जिसको मैंने थोड़ी देर पहले देखा था।
अब मैं भी उसे मिलने को उत्सुक था, तो मैं अपने भाई के साथ चला गया।
मेरे भाई ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलाया, मैंने उससे ‘हैलो..’ कहा, बदले में उसने भी ‘हैलो..’ कहा।
वो कहने लगी- मैंने आपके भैया से कहा था कि जब आप आओगे तो आपसे मिलाना।
मैंने भी कहा- हाँ मुझे भाई ने बताया था.. आप कैसी हो?
उसने मुस्कुरा कर कहा- मैं अच्छी हूँ।
उसका नाम दिव्या था। कुछ देर बात हुई कि जैसे आप मुंबई में कौन सी जॉब करते हो.. स्टडी कहाँ तक की.. वगैरह-वगैरह।
उसके बाद उसे अपने घर जाना था.. तो वो बोली- फिर कभी मिलते हैं.. अभी लेट हो रही हूँ।
उसने ‘बाय..’ कहा.. मैंने भी मुस्कुरा कर ‘बाय..’ कहा।