अब तक आपने पढ़ा..
मेरी आंखों के सामने डॉक्टर साहब मेरी बीवी नेहा को ताबड़तोड़ चोद रहे थे और नेहा की चूत में दर्द बढ़ गया था।
अब आगे..
डॉक्टर साहब बोल रहे थे- इतने दिन बाद अपनी चूत चोदने दोगी.. तो क्या होगा।
नेहा बोले जा रही थी- धीरे चोदो.. यार.. दर्द हो रहा है.. प्लीज सचिन, लंड पेट में अन्दर तक जा रहा है।
नेहा ने एकदम हाथ फैला दिए। डॉक्टर साहब नेहा के मम्मों को भी दोनों हाथों से मसले जा रहे थे।
मैं दूर से देख रहा था कि डॉक्टर साहब का मोटा लंड नेहा की चूत में धकापेल चल रहा था। डॉक्टर साहब का इतना मोटा लंड सटासट नेहा की चूत में ऐसे जा रहा था जैसे कोई पिस्टन इंजन में तेजी से शंटिंग कर रहा हो।
मेरी तो गांड ही फट गई मैंने सपने में भी इतने मोटे लंड के बारे में नहीं सोच पा रहा था।
अभी मैं डॉक्टर साहब के मोटे लंड को देखते हुए अपनी डंडी पर हाथ चला ही रहा था कि नेहा का हाथ मेरे ऊपर आ गया उसने देखा कि मैं अपना लंड सहला रहा हूँ.. तो जोर से बोली- साले उधर नहीं खिसक सकता.. भोसड़ी के, मेरी चुदाई क्या देख रहा है।
मेरे मुँह से निकल गया- और कितना सरकूँ?
वो चिल्ला कर बोली- मादरचोद, लुल्ली ही सहलानी है न.. तो उधर बैठ कर सहलाता रह ना.. भैन का लौड़ा ठीक से चुदने भी नहीं देता..
वो ऐसा बोली और उसने जोर से अपने हाथ से मुझे धक्का दे दिया।
मैं दूर को सरक गया।
मेरी बीवी डॉक्टर साहब के लंड से मजा लेते हुए बोली- जान.. आह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… फट जाएगी मेरी चूत.. धीरे पेलो ना..
डॉक्टर साहब तो फुल टाइट थे, उनके लंड के धक्कों की आवाज ‘फट फट..’ आ रही थी.. ये आवाज अब और बढ़ गई थी, डॉक्टर साहब बोले- चोद लेने दो आज बेगम.. रोको मत..
फिर उन्होंने नेहा की टाँगों को अपने कंधों पर रख लीं और नेहा की चूत में लंड के धक्के देने चालू कर दिए।
नेहा का शरीर ढीला पड़ने लगा था, वो बोली- निकाल लो प्लीज..
डॉक्टर साहब कहाँ सुनने वाले थे, तब भी डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया।
अब डॉक्टर साहब ने नेहा को घोड़ी बनने को कहा।
नेहा बोली- ऐसे ही डाउन हो जाओ यार.. आज चूत में बहुत दर्द हो रहा है।
डॉक्टर साहब ने नेहा को पलट दिया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया, साथ ही उसके पेट के नीचे से हाथ डाल कर उसे घोड़ी बना दिया।
फिर डॉक्टर साहब धक्के पर धक्का मारने लगे, साथ साथ वे अपने हाथों से नेहा की गोरी गांड पर से ‘चटाक-चटाक’ चांटा मारने लगे।
जबरदस्त धक्के लगना चालू हो गए थे।
मैं समझ गया कि नेहा झड़ चुकी है, चूत के पानी छोड़ने के कारण लंड की चोट से ‘फट.. फट..’ की आवाज धीरे-धीरे तेज होने लगी। नेहा ‘ओह्ह्ह.. ऊह्ह्ह्ह..’ करती जा रही थी।
काफी देर तक धक्के लगाने के बाद डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया। नेहा बिल्कुल ढीली पड़ चुकी थी।
डॉक्टर साहब ने नेहा को साइड से लिटा कर लंड फिर से चूत में डाल दिया और धक्के देने लगे।
नेहा बोली- आज तो तुम बस छोड़ दो यार.. प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।
डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया और बिस्तर के नीचे खड़ा करके नेहा को घोड़ी बना कर उसके पीछे से लंड डाल कर उसको चोदने लगे।
मेरी आंखों के सामने डॉक्टर साहब मेरी बीवी नेहा को ताबड़तोड़ चोद रहे थे और नेहा की चूत में दर्द बढ़ गया था।
अब आगे..
डॉक्टर साहब बोल रहे थे- इतने दिन बाद अपनी चूत चोदने दोगी.. तो क्या होगा।
नेहा बोले जा रही थी- धीरे चोदो.. यार.. दर्द हो रहा है.. प्लीज सचिन, लंड पेट में अन्दर तक जा रहा है।
नेहा ने एकदम हाथ फैला दिए। डॉक्टर साहब नेहा के मम्मों को भी दोनों हाथों से मसले जा रहे थे।
मैं दूर से देख रहा था कि डॉक्टर साहब का मोटा लंड नेहा की चूत में धकापेल चल रहा था। डॉक्टर साहब का इतना मोटा लंड सटासट नेहा की चूत में ऐसे जा रहा था जैसे कोई पिस्टन इंजन में तेजी से शंटिंग कर रहा हो।
मेरी तो गांड ही फट गई मैंने सपने में भी इतने मोटे लंड के बारे में नहीं सोच पा रहा था।
अभी मैं डॉक्टर साहब के मोटे लंड को देखते हुए अपनी डंडी पर हाथ चला ही रहा था कि नेहा का हाथ मेरे ऊपर आ गया उसने देखा कि मैं अपना लंड सहला रहा हूँ.. तो जोर से बोली- साले उधर नहीं खिसक सकता.. भोसड़ी के, मेरी चुदाई क्या देख रहा है।
मेरे मुँह से निकल गया- और कितना सरकूँ?
वो चिल्ला कर बोली- मादरचोद, लुल्ली ही सहलानी है न.. तो उधर बैठ कर सहलाता रह ना.. भैन का लौड़ा ठीक से चुदने भी नहीं देता..
वो ऐसा बोली और उसने जोर से अपने हाथ से मुझे धक्का दे दिया।
मैं दूर को सरक गया।
मेरी बीवी डॉक्टर साहब के लंड से मजा लेते हुए बोली- जान.. आह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… फट जाएगी मेरी चूत.. धीरे पेलो ना..
डॉक्टर साहब तो फुल टाइट थे, उनके लंड के धक्कों की आवाज ‘फट फट..’ आ रही थी.. ये आवाज अब और बढ़ गई थी, डॉक्टर साहब बोले- चोद लेने दो आज बेगम.. रोको मत..
फिर उन्होंने नेहा की टाँगों को अपने कंधों पर रख लीं और नेहा की चूत में लंड के धक्के देने चालू कर दिए।
नेहा का शरीर ढीला पड़ने लगा था, वो बोली- निकाल लो प्लीज..
डॉक्टर साहब कहाँ सुनने वाले थे, तब भी डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया।
अब डॉक्टर साहब ने नेहा को घोड़ी बनने को कहा।
नेहा बोली- ऐसे ही डाउन हो जाओ यार.. आज चूत में बहुत दर्द हो रहा है।
डॉक्टर साहब ने नेहा को पलट दिया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया, साथ ही उसके पेट के नीचे से हाथ डाल कर उसे घोड़ी बना दिया।
फिर डॉक्टर साहब धक्के पर धक्का मारने लगे, साथ साथ वे अपने हाथों से नेहा की गोरी गांड पर से ‘चटाक-चटाक’ चांटा मारने लगे।
जबरदस्त धक्के लगना चालू हो गए थे।
मैं समझ गया कि नेहा झड़ चुकी है, चूत के पानी छोड़ने के कारण लंड की चोट से ‘फट.. फट..’ की आवाज धीरे-धीरे तेज होने लगी। नेहा ‘ओह्ह्ह.. ऊह्ह्ह्ह..’ करती जा रही थी।
काफी देर तक धक्के लगाने के बाद डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया। नेहा बिल्कुल ढीली पड़ चुकी थी।
डॉक्टर साहब ने नेहा को साइड से लिटा कर लंड फिर से चूत में डाल दिया और धक्के देने लगे।
नेहा बोली- आज तो तुम बस छोड़ दो यार.. प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।
डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया और बिस्तर के नीचे खड़ा करके नेहा को घोड़ी बना कर उसके पीछे से लंड डाल कर उसको चोदने लगे।