हैलो दोस्तो, कैसे हो आप सभी.. मैं अन्तर्वासना का 5 साल पुराना पाठक हूँ। मैंने यहाँ पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। मुझको उम्मीद है कि सबको मेरी कहानी पसंद आएगी।
मेरा नाम गौरव है। मैं पंजाब के अमृतसर शहर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 वर्ष है। मैं बी.ए के प्रथम वर्ष का छात्र हूँ। हमारे घर में मैं, मम्मी-पापा और एक मेरा छोटा भाई है।
मैं दिखने में सामान्य हूँ। मेरा लंड 6 इंच का है। मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया।
मैं जो कहानी बताने जा रहा हूँ, वो एक साल पहले की है।
हमारे घर के सामने एक घर है। उस घर के मकान-मालिक ने वह मकान किराए के लिए रखा था, वो खुद कहीं और रहता था।
एक दिन वो किसी लड़की को मकान दिखाने के लिए लाया।
मैं उस वक़्त बाज़ार से सामान लेकर घर आ रहा था।
मकान-मालिक ने मुझे आवाज़ लगा कर बुलाया।
वो मुझसे बोला- अब से यह लड़की आपकी नई पड़ोसन है।
मैंने उस लड़की की तरफ देखा तो क्या बला की खूबसूरत थी.. एकदम गोरी थी। उसकी उम्र 28 वर्ष के करीब थी। उसका फिगर 34-30-34 के करीब होगा। मैं उसे देखता ही रह गया।
तभी मकान मालिक ने मुझे उससे मिलवाया.. उसने उस लड़की का नाम नाम कोमल बताया।
मकान मालिक कोमल से बोला- अगर कोई मदद चाहिए होगी.. तो गौरव को बता देना।
कोमल हँस कर बोली- कोई बात नहीं, जरूर बता दूँगी।
मैंने भी हँस कर जवाब दिया और वहाँ से घर चला गया।
फिर कुछ मिनट बाद हमारे घर की बेल बजी और मम्मी ने दरवाज़ा खोला तो देखा कि कोमल थी।
मम्मी जी ने उसे अन्दर बुलाया तो उसने अपना परिचय देते हुए बोला- मुझे गौऱव की थोड़ी सी मदद चाहिए।
मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई.. मैं बाहर आया.. तो मम्मी बोलीं- बेटा कोमल को तुम्हारी मदद चाहिए।
मैं कोमल के साथ उसके घर में गया.. तो उसने मुझे बल्ब पकड़ाया और कहा- इसे दीवार पर लगा दो.. मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा है।
मैंने कहा- कोई बात नहीं।
मैंने वो बल्ब लगा दिया और कुछ थोड़ा सा सामान रखने में मदद की।
जब मैं घर आने लगा.. तो उसने कहा- जरा रुक जाओ.. हम बैठ कर चाय पीते हैं।
मैं रुक गया.. कुछ देर बाद वो चाय बना कर लाई.. तो हम दोनों चाय पीने लगे।
उसने अपने बारे में बताया कि वो रेलवे में जॉब करती है.. और एक उच्च पद पर है, वो चंडीगढ़ के पास के गाँव की रहने वाली है।
बात करते वक़्त पता चला कि उसके पति की मृत्यु अभी एक वर्ष पहले ही हुई है।
फिर उसने मेरे बारे में पूछा- तुम क्या करते हो?
तो मैंने उसे अपने बारे में बताया। बातें करते हुए कब 2 घंटे बीत गए, हमें पता ही नहीं चला।
फिर मैं अपने घर आ गया।
ऐसे ही कुछ महीने बीत गए, वो हमारे साथ काफी हद तक घुल-मिल चुकी थी।
एक दिन मैं रात के वक़्त 9 बजे के करीब अपने घर के बाहर घूम रहा था तब गली में कोई नहीं था। तो मैं घूमते-घूमते कोमल के घर के पास गया और देखा कि उसके कमरे की खिड़की खुली थी। उस खिड़की के सामने शीशा था और उसके साथ बिस्तर था।
मेरा नाम गौरव है। मैं पंजाब के अमृतसर शहर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 वर्ष है। मैं बी.ए के प्रथम वर्ष का छात्र हूँ। हमारे घर में मैं, मम्मी-पापा और एक मेरा छोटा भाई है।
मैं दिखने में सामान्य हूँ। मेरा लंड 6 इंच का है। मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया।
मैं जो कहानी बताने जा रहा हूँ, वो एक साल पहले की है।
हमारे घर के सामने एक घर है। उस घर के मकान-मालिक ने वह मकान किराए के लिए रखा था, वो खुद कहीं और रहता था।
एक दिन वो किसी लड़की को मकान दिखाने के लिए लाया।
मैं उस वक़्त बाज़ार से सामान लेकर घर आ रहा था।
मकान-मालिक ने मुझे आवाज़ लगा कर बुलाया।
वो मुझसे बोला- अब से यह लड़की आपकी नई पड़ोसन है।
मैंने उस लड़की की तरफ देखा तो क्या बला की खूबसूरत थी.. एकदम गोरी थी। उसकी उम्र 28 वर्ष के करीब थी। उसका फिगर 34-30-34 के करीब होगा। मैं उसे देखता ही रह गया।
तभी मकान मालिक ने मुझे उससे मिलवाया.. उसने उस लड़की का नाम नाम कोमल बताया।
मकान मालिक कोमल से बोला- अगर कोई मदद चाहिए होगी.. तो गौरव को बता देना।
कोमल हँस कर बोली- कोई बात नहीं, जरूर बता दूँगी।
मैंने भी हँस कर जवाब दिया और वहाँ से घर चला गया।
फिर कुछ मिनट बाद हमारे घर की बेल बजी और मम्मी ने दरवाज़ा खोला तो देखा कि कोमल थी।
मम्मी जी ने उसे अन्दर बुलाया तो उसने अपना परिचय देते हुए बोला- मुझे गौऱव की थोड़ी सी मदद चाहिए।
मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई.. मैं बाहर आया.. तो मम्मी बोलीं- बेटा कोमल को तुम्हारी मदद चाहिए।
मैं कोमल के साथ उसके घर में गया.. तो उसने मुझे बल्ब पकड़ाया और कहा- इसे दीवार पर लगा दो.. मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा है।
मैंने कहा- कोई बात नहीं।
मैंने वो बल्ब लगा दिया और कुछ थोड़ा सा सामान रखने में मदद की।
जब मैं घर आने लगा.. तो उसने कहा- जरा रुक जाओ.. हम बैठ कर चाय पीते हैं।
मैं रुक गया.. कुछ देर बाद वो चाय बना कर लाई.. तो हम दोनों चाय पीने लगे।
उसने अपने बारे में बताया कि वो रेलवे में जॉब करती है.. और एक उच्च पद पर है, वो चंडीगढ़ के पास के गाँव की रहने वाली है।
बात करते वक़्त पता चला कि उसके पति की मृत्यु अभी एक वर्ष पहले ही हुई है।
फिर उसने मेरे बारे में पूछा- तुम क्या करते हो?
तो मैंने उसे अपने बारे में बताया। बातें करते हुए कब 2 घंटे बीत गए, हमें पता ही नहीं चला।
फिर मैं अपने घर आ गया।
ऐसे ही कुछ महीने बीत गए, वो हमारे साथ काफी हद तक घुल-मिल चुकी थी।
एक दिन मैं रात के वक़्त 9 बजे के करीब अपने घर के बाहर घूम रहा था तब गली में कोई नहीं था। तो मैं घूमते-घूमते कोमल के घर के पास गया और देखा कि उसके कमरे की खिड़की खुली थी। उस खिड़की के सामने शीशा था और उसके साथ बिस्तर था।