Maa Sex Kahani बारिश में माँ के साथ जंगल यात्रा

दोस्तों एक बात तो सत्य है की एक आदमी और औरत का रिश्ता सिर्फ चूत और लन्ड का होता है।
अब आगे
दोस्तों जैसा कि मैंने पिछली कहानी में बताया कि मेरे पापा का 1 महीने का टूर लग गया था ऑफिस के काम के लिए। इस बात को लेकर मैं बहुत खुश था। हालांकि मम्मी उस दिन के बाद से मुझसे अच्छे से बात नहीं कर रही थी।। आखिर क्या सोच रही थी वह। मैं भी नहीं समझ पा रहा था जब भी मैं उनके सामने जाता था या कुछ उनसे बात करता था तो वह ऐसा व्यवहार करती थी जैसे मैं कोई बाहर का आदमी हूं। उस दिन के बाद से मां का व्यवहार बदल गया था। लेकिन मैं हिम्मत नहीं हारना चाहता था। मैं समझ गया था कि जब तक मैं मम्मी का दिल नहीं जीत लूंगा तब तक मैं उनको हाथ नहीं लगा पाऊंगा। इस 1 महीने में मुझे यह सारा काम करना था। अब मैं दिमाग लगाने लगा कि आखिर मैं ऐसा क्या करूं की मम्मी मेरी हो जाए हमेशा हमेशा के लिए। मेरे दिमाग में एक विचार आया कि क्यों ना मम्मी को पहले से डिलीट किया जाए उसके बाद उनको प्रपोज करूं।
मैं समझ गया था कि मम्मी उन औरतों में से नहीं है जो इतनी आसानी से मानेगी । लेकिन मैं भी उनका ही लड़का था इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं था। अब मेरे दिमाग में यह आया की लोग कहते हैं की औरत अगर मोटा लन्ड देख ले तो वह पिघल जाती है। मम्मी ने भी मेरा मोटा लन्ड देख लिया तो क्या वह अंदर से पिघल गई थी। अगर पिघल गई थी तो वह चीज मुझे नजर क्यों नहीं आ रही थी। क्या वह समाज को लेकर डर रही थी कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो समाज हमारे बारे में क्या सोचेगा। क्या बात कर रही थी अगर पापा को चल पता चला तो इसका अंजाम क्या होगा। मम्मी क्या यह डर स्वाभाविक था।
अब मैं फिर से कोशिश करना चाहता था कि मम्मी को अपने खड़े लन्ड के दर्शन फिर से कराऊं। जब तक बात पिघल नहीं जाती तब तक मैं अपना मोटा लन्ड मम्मी को दिखाता रहूंगा।
और एक बात की कसम तो मैंने भी खा ली थी कि मम्मी को चोद कर रहूंगा इसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े।
दोस्तों जैसा कि आपको बताया था कि पापा 1 महीने के लिए बाहर चले गए। अगले दिन से ही मैंने प्लान बनाना शुरू कर दिया। मां बहुत कम बात कर रही थी। लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। क्योंकि मेरे ऊपर हवस सवार थी। मैं मां को प्यार से चोदना चाहता था जबरदस्ती नहीं। और हां प्यार से चोद कर उन्हें इतना दर्द देना चाहता था जितना कभी उनको पापा से ना मिला हो। एक-दो दिन बाद सुबह का समय था मैं सुबह 3:00 से उठा था और मम्मी झाड़ू पोछा लगाती थी। मुझे 5 मिनट पहले पता चल गया कि मम्मी मेरे कमरे में झाड़ू लगाने वाली है। मैंने अपनी पोजीशन तैयार कर ली मेरा मुंह दरवाजे की तरफ ही था और आंख बंद करके लेट गया। मैं चादर ओढ़े हुए था। लेकिन बीच में थोड़ा चादर मैंने खोल लिया ताकि मेरा लन्ड नीचे लटक सके। दोस्तों मम्मी के नाम पर मेरा ल** बिल्कुल तन जाता था। नशे टाइट हो जाती थी। यही सब मैं मम्मी को दिखाना चाहता था ताकि वह मेरी और आकर्षित हो। मम्मी मेरे कमरे में प्रवेश की अचानक मैंने देखा कि मेरा चादर बीच से हटा हुआ है और मेरा लन्ड निकला हुआ है। मुझे चादर के अंदर से हल्का हल्का दिख रहा था। मम्मी की नजर 5 सेकंड के लिए मेरे लन्ड पर पड़ी।



लेकिन ऐसा लगा कि उनकी आंखों में फिर से गुस्सा भर गया और वह बिना कुछ कहे और किए वहां से चली गई। मुझे आज फिर लग गया था कि मुझे कस के डांट पड़ने वाली है।
लेकिन अब मेरी भी स्थिति कन्ट्रोल के बाहर हो रहा थी । मैं किसी भी तरह से मम्मी को चोदना चाहता था। और अब मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता था। मैं आर पार की लड़ाई के लिए तैयार था। मेरा लन्ड खड़ा ही था और मैं उठकर जहां मम्मी बैठी थी वहां चला गया। मम्मी ड्राइंग रूम में कुर्सी पर बैठी थी मैं जाकर उनके पीछे खड़ा हो गया। मेरा लन्ड अभी भी पूरे उफान पर था। मैं अंडरवियर पहने था लेकिन ऐसा लग रहा था कि अंडरवियर काटकर मेरा लन्ड बाहर आ जाएगा। मेरे लन्ड* से मां का कंधा छू गया ।अचानक ऐसा लगा कि मां को करंट लग गया है वह उठ कर खड़ी हुई और मुझे देखने लगी। पहले मुझे देख फिर उनकी नजर नीचे मेरे लन्ड* पर चली गई। वह बोल पड़ी यह सब क्या हो रहा है तुम्हें जरा की अक्ल नहीं है तुम यह सब कैसी हरकत कर रहे हो ।पहले तो कभी तुमने ऐसा नहीं किया मैं तुम्हारी मम्मी हूं क्या तुम यह सब भूल गए हो। मेरी आंखों में आंसू भर आए। लेकिन आज मैंने तय कर लिया था कि मां को प्रपोज करके मानूँगा कुछ भी हो। मेरा लन्ड अभी भी पूरे उफान पर था और मां की नजर थोड़ी थोड़ी देर में मेरे लन्ड* पर जा रहे थी ।अजीब सा गुस्सा उनके सर पर सवार था। मैंने कुछ नहीं देखा और बस उनका हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया। और मैं कसकर उनका हाथ पकड़े रहा उनका हाथ जैसे ही मेरे लन्ड पर पड़ा मेरे लन्ड* में और ताकत आ गई और मैंने मम्मी का हाथ कस के दबा दिया मम्मी छुड़ाने की कोशिश करने लगी। मैंने थोड़ी देर बाद में हाथ छोड़ दिया और तुरंत उनके पैरों में गिर गया। मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं आपसे प्यार करने लगा हूं यही सच्चाई है और अगर आप ने मुझे स्वीकार नहीं किया तो मैं सुसाइड कर लूंगा। इतना सुनते ही मम्मी ने एक जोरदार थप्पड़ लगाया और कहां कि तू पागल हो गया है कोई अपनी मां से ऐसी बातें करता है। फिर मैंने जवाब दिया हां नहीं करता है लेकिन मैंने आपको अपनी प्रेमिका मान लिया है अब आप मेरी मां नहीं रही। मां मेरी बातों को सुनती रही मैंने बोलना जारी रखा। मैंने मां से कहा कि मां क्या आप मेरी इतनी इच्छा पूरी नहीं कर सकती। आपने मेरा सब कुछ देख लिया है और मैंने आपका सब कुछ देख लिया है। तो क्या हम लोग एक नहीं हो सकते। इतने पर मां रोते-रोते फिर से कुर्सी पर बैठ गई और कहने लगी कि तू यह बता मैं तेरे पापा को क्या जवाब दूंगी। मैंने कहा मां पापा को कभी इस बारे में पता नहीं चलेगा मैं आपसे वादा करता हूं। मम्मी ने कहा यह सब संभव नहीं है बेटा मैं तुम्हारी मां हूं यह कैसे हो सकता है। मैंने कहा मम्मी आप एक औरत ही हो। क्या मेरे लन्ड में कोई कमी है यह देखो यह सिर्फ आपका दीवाना है और इतना कहते ही मैंने ना अंडरवियर उतार दिया और मोटा तगड़ा लन्ड मां के सामने झूलने लगा


लन्ड ऊपर उठकर मां को सलामी देने लगा। माँ अपनी आंखें बंद कर ली लेकिन मैंने मौके का फायदा उठाकर फिर से उनका हाथ अपने ल** पर रख दिया। तो आंख बंद करें रही लेकिन अब की बार उन्होंने लन्ड के ऊपर से हाथ नहीं हटाया और चुपचाप बुत बनी बैठी रही। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। तो क्या मेरी जीत इतनी जल्दी हो गई थी क्या मा ने हार मान ली थी। मां का हाथ अभी भी वहीं पर था और मैंने मां के हाथों के ऊपर हाथ रख कर अपने लन्ड को आगे पीछे करवाने लगा। मां अभी भी स्थिर थी और वह कोई रिएक्शन नहीं दे रही थी। मेरा जोश बढ़ता जा रहा था । अब माँ न कुछ बोल रही थी और ना मैं ।अब सिर्फ मेरा हाथ चल रहा था वह भी मां के साथ अपने लंबे लण्ड पर। मैं धीरे-धीरे करके हाथों की स्पीड बढ़ाने लगा क्योंकि मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। दोस्तों मेरा स्टेमिना गजब का है मैं अपने आप निकालता हूं तब भी मुझे 10 से 15 मिनट लग जाता है। मैंने ठान लिया था कि आज माँ के हाथ से निकलेगा। माँ जोरो से हाथ चलाने लगा। माँ ने अभी भी कोई रिएक्शन नहीं दिया और चुपचाप बैठी रही। वह एक दो बार चुपचाप मेरे ल** को देखी और अभी भी वह कुछ नहीं बोल रही थी मेरे हाथों की स्पीड इतनी तेज हो गई तो से कोई भूचाल आ गया होगा। मेरे हाथों की स्पीड से उनका पूरा शरीर हिल रहा था । लगभग 10 मिनट हो गए थे। अब शायद मां को भी अंदाजा हो गया था कि उनका लड़का एक असली मर्द है। उनको भी ऐसा लग रहा था कि घर में भूचाल आ गया है। उनका शरीर ऐसे हिल रहा था जैसे कोई उनको चोद रहा है। दोस्तों थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ हटा लिया लेकिन मैंने देखा मां का हाथ उसी स्पीड से चल रहा था जैसे मैं अपने लन्ड को हिला रहा था। वह आंखें बंद कर ली थी। लेकिन ऐसा लग रहा था कि मुझसे भी ज्यादा स्पीड में मेरे ल** को हिला रही हैं और और 15 से 20 मिनट के बाद मेरे ल** से पिचकारी छूट गई और लगभग 2 से 3 मीटर की दूरी पर जाकर पूरा कमरा गीला कर दिया।मेरे मुह से लव यू मोम शब्द निकल गए।। हर जगह सफेद सफेद लिक्विड फैल गया था और थोड़ा लिक्विड मां के हाथ में भी लग गया। जैसे ही मेरा निकला मैंने मां की गर्दन को कस के दबा दिया और उनके झुककर उनके होठों पर किस कर ली। उसके बाद में भी मा.ने कोई रिएक्शन नहीं दिया।
 
मैं बिल्कुल निढाल हो गया था । मेरे लन्ड से सारा वीर्य निकल गया था लेकिन अभी भी मेरा लन्ड मम्मी के हाथों में था। उनकी आंखें बंद थी। उनके हाथ अभी भी मेरे लन्ड पर धीरे-धीरे चल रहे थे। अचानक पता नहीं मम्मी को क्या हुआ कि उनको होश आया और वाह लन्ड को झटक कर अंदर कमरे में चली गई। शायद उनको अंदाजा हो गया था कि मुझसे कुछ गलत हुआ है।
दोस्तों अब मैं यह स्टोरी मम्मी के शब्दों में आपको सुनाना चाहता हूं। अब केवल इस पेज पर स्टोरी का वर्णन मेरी मम्मी करेंगी।
प्रिय पाठको मैं कुशाल की मम्मी अब आगे की स्टोरी आपको बताऊंगी। हमारे जीवन की यह सबसे गलत घटना है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। मां बेटे का संबंध बहुत ही पवित्र होता है। पिछले कुछ दिनों से जो मेरे और कुशाल के बीच हो रहा था मैं इस से स्तब्ध थी। एक मां और बेटे के बीच में संबंध कैसे बन सकता है। उस दिन जो जंगल में हुआ मुझे लगा यह सब अचानक हो गया। लेकिन इसमें कुशाल का दिमाग लगा हुआ था । उसने फायदा उठाना चाहा अपनी मां की अकेली होने का। वह सब भूल चुका था मैं उसकी मां हूं और वह मेरा बेटा । उस रात को कुछ चीजें मुझे अच्छी लगी थी। उन अच्छी चीजों में से एक वह जो सबसे अंत में हुआ था की कुशल के लन्ड का ऊपरी हिस्सा मेरी चूत से रगड़ा था। और दोस्तों सबसे बड़ी बात यह है कि मेरे बेटे का लन्ड इतना बड़ा और मोटा है मुझे इस पर आश्चर्य हो रहा था। मैं ना चाहते हुए भी उसकी ओर आकर्षित होती जा रही थी। कुछ भी हो कुछ दिनों में उसने अपनी मजबूत पकड़ मेरे दिल में बना ली थी। दोस्तों एक औरत को क्या चाहिए एक अच्छा घर परिवार और मोटा लन्ड।
आज जब मेरे बेटे ने मेरा हाथ अपने ल** पर रखा तो मैंने इसका विरोध नहीं किया क्योंकि कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए जगह बन चुकी थी।
मैं पूरा समय आंख बंद किए रही और उसके लन्ड पर हाथ फिराती रही इसके बाद मैं तुरंत उठकर अपने कमरे में चली आई। अब आगे क्या होने वाला था इसका भगवान ही मालिक है क्योंकि 1 महीने के लिए कुशाल के पापा घर में नहीं है। घर में सिर्फ मैं और कुशाल और दोनों एक दूसरे की ओर आकर्षित हो चुके थे। लेकिन फिर भी मैं यह सब इग्नोर करना चाहती थी। शायद किसी तरह से यह सब होने से रुक जाए। मैं तो अपने आप को समझा रही थी लेकिन क्या कुशाल समझेगा इस बात को चलिए चलते हैं बताते हैं आपको आगे की कहानी।
मेरे पति के जाने के दो-तीन दिन बीत चुके थे। कुशाल हर तरह से मुझे सेड्यूस करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मैं हर समय इग्नोर कर रही थी। मैं भी एक औरत थी कब तक किया सब इग्नोर कर दी। मेरी बहुत ज्यादा उम्र भी नहीं थी बस जल्दी शादी हो गई और जल्दी बच्चा हो गया की वजह से यह स्थिति आज पैदा हुई। बच्चा जवानी में ही मां की उम्र का हो गया और उसको सोच कर सपने देखने लगा । लेकिन यह सब सोचकर में सिहर जाती थी कि अगर कुशाल का भारी-भरकम लन्ड मेरी चूत में चला गया। तो वह कैसा आनंद होगा । यह सोचकर मेरे रोए खड़े हो गए । एक रात की बात है मैं गाउन पहन के लेटी थी। कुशाल बाहर पढ़ रहा था। दोस्तों में सोने का नाटक करने लगी और अपने गाउन को थोड़ा ऊपर कर लिया मतलब जांघ तक। मैं देखना चाहती थी कि अब मेरा बेटा क्या करेगा। करीब 1 घंटे के बाद मेरा बेटा पढ़ाई खत्म करके कमरे में आया। उसने जो नजारा देखा वह देखता ही रह गया मैं छुपी आंखों से थोड़ा बहुत देख रही थी उसकी आंखों से नींद गायब हो गई थी शायद मैंने गाउन थोड़ा ज्यादा ही ऊपर कर दिया था इसमें मेरी पेंटी दिख रही थी। यह तो मैंने वही स्थिति कर ली थी कि आ बैल मुझे मार। मुझे मुझे लगा मैंने गलत किया मुझे गाउन इतना ऊपर नहीं करना चाहिए था अब मैं उसको सही भी नहीं कर सकती थी नहीं तो कुशाल समझ जाता कि मैं जाग रही हूं और मैंने जानबूझकर ऐसा किया। मैं मजबूर होकर वैसी लेटी रही। कुशाल केवल अंडरवियर और बनियान में था। पता नहीं उसको क्या हुआ कि इसमें बनियान निकाल कर फेंक दी और अब वह केवल अंडर वियर में था। उसके अंडरवियर का उभार देखने लायक था।


ऐसा लग रहा था कि अंडरवियर के अंदर कोई भारी-भरकम चीज छुपी हो। कुशाल का हाथ लन्ड पर था और मेरी नजरें कुशाल के हाथ पर। मेरी नजरें उसकी हरकत पर थी क्या करेगा वह। वह आकर मेरे सिर के पास बैठ गया । मैं कुछ नहीं कर पा रही थी क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि कुशाल जाने कि मैंने जानबूझकर गाउन को ऊपर किया है। मैंने देखा अब कुशाल ने अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया और मेरे बगल में बिल्कुल नंगा ल** नाच रहा था वो भी मेरे बेटे का। दोस्तों यह सब कुछ बहुत जल्दी-जल्दी हो रहा था ऐसा लग नहीं रहा था कि मैं ज्यादा दिन कुशाल से दूर रह पाऊंगी । ऐसा लग रहा था कि मैं जल्द ही उसकी बाहों में समा जाऊंगी। उसने फिर से मेरा हाथ ल** पर रख दिया। दोस्तों पहली बार मुझे ऐसा लग रहा था कि मैंने असली मर्द के ल** को पकड़ा है मेरा हाथ उसके ल** के ऊपर था और छूने से पता चल रहा था कि यह कितना बड़ा और मोटा है।। मैं चुपचाप लेटी रही और उसकी अगली हरकत का इंतजार करती रही। थोड़ी देर बाद उसको पता नहीं क्या हुआ कि वह मेरे बगल में आकर लेट गया । अब मुझे लगने लगा था कि आज की रात को ही मेरा काम तमाम हो जाएगा।..................लेकिन मैं थकी हुई थी इसलिए सो गई।इसके बाद क्या हुआ मुझे याद नही।
अगले पेज पर यह स्टोरी कुशाल अपने शब्दों में सुनाएगा।
 
चूत देखकर मेरे मन मे में तरंगे उठने लगी।बस यही लग रहा था कब मैं अपना लन्ड इस प्यारी चूत में प्रवेश करूँ।कैसा लगेगा जब एक बेटा अपनी ही माँ के छेद में लन्ड घुसायेगा।अभी तक मैन सिर्फ कहानियां पढ़ी थी आज शायद सच हो जाये।मेरा रोम रोम प्रफुल्लित हो उठा था।
लेकिन माँ सो रही थी या सोने का नाटक कर रही मैं समझ नही पा रहा था।मैं अपने काम मे लगा था।मैंने माँ को पलट दिया ।मेरा मन माँ की गांड देखने का था और पीछे से भी लण्ड चूत में घुसाने का रास्ता होता है ये तो आपको मालूम ही है।



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दोस्तों अब ऐसी गांड जिस माँ की हो शायद ही कोई बेटा हो जो देखना और चोदना न चाहे।माँ की गांड इतनी बड़ी थी कि शायद भगवान ने मेरे लण्ड के लिए ही बनाई थी।पता नही पापा इस गांड को भोग पाए है कि नही।लेकिन बेटा जरूर भोगेगा।मैं ऊपर आ गया और गांड के ऊपर ही लेट गया।मेरा लण्ड मैन टांगो के बीच घुसेड़ दिया और फिर से जाकर माँ की चूत में जा लगा।एक दम डंडे जैसा टाइट ।एक दम से हल्की सी माँ की सिसकारी निकली।


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अब पक्का हो गया था कि माँ जग रही थी लेकिन कुछ बोल नही रही थी।अपने बेटे के लन्ड के सामने शायद उन्होंने भी सरेंडर कर दिया था और चुप चाप लन्ड का मजा ले रही थी।
लन्ड का टॉप फिर से चुत में जा सटा।दोस्तो चुप बहुत ही गर्म लग रही थी।ऐसा लग रहा जैसे कोई भट्टी हो।अब कन्फर्म था कि मम्मी जग रही थी।और मजा ले रही थी।वो भी मादरजात नंगी और मैं भी।मैं सोच रहा था अगर पापा इस दृश्य को देख ले तो मुझे गोली ही मार देते।खैर छोड़ो उनका माल आज मेरे नीचे दबा पड़ा था।मैंने हल्का झटका मारा तो मेरे लन्ड का आधा सुपड़ा उनकी चूत में जा घुसा।
दोस्तों अचानक पता नही क्या हुआ कि माँ का ज़मीर जग गया और वह मेरे लण्ड से अपनी चूत निकालने लगी और उठ कर खड़ी हो गई।वह मेरे विकराल लण्ड को देखकर चौक गई और चीख पड़ी तू पागल हो गया है।इतना बड़ा है तो कही भी घुसा देगा क्या।



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आने दे तेरे पापा को अबकी बार मैं तुझको नही छोड़ूंगी।और उनकी एक नजर मेरे लन्ड पर ही थी।कितना बड़ा हो गया है तू।मैं तो बच्चा ही समझ रही थी।तू तो मॉन्स्टर निकला।मैं फिर से माँ के पैरों में गिर पड़ा।और रोने लगा माँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।अब मुझे मत तड़पाओ।मै वादा करता हूँ मैं तुम्हे जीवन भर प्यार दूंगा।और उठकर गले लग गया।माँ ने कमर से थोड़ी दूरी बना ली ताकि लण्ड उनको टच न करे।
पता नही क्या हो गया था माँ को ।एकदम से बदल गई थी।लेकिन मैं अब बिना चोदे नही मानने वाला था।भले ही पापा को बता दे।मैने मां को उठाकर बेड पर पटक दिया।और वो आश्चर्य चकित हो गई।उम्मीद नही थी कि मैं ऐसा करूँगा।वो रोने लगी कहने लगी बेटा मैं माँ हु तुम्हारी।लेकिन उनकी नजर मेरे लन्ड से नही हट रही थी।शायद उनको भी डर था कि इतना विशाल लन्ड उनके अंदर जा पायेगा या नही।

रोते रोते उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली।और बेड पर नंगी लेट कर कुछ सोचने लगी।
वो बेड पर उल्टी लेटी हुई थी।
 
हेलो दोस्तों
अब आगे
दोस्तों मेरी माँ आंख बंद बन्द थी।गांड मेरी तरफ थी।मैं उस समय एक भूखा शेर की तरह थे।मेरा लन्ड माँ गाँड़ की तरफ इशारा कर रहा था कि चल चोद डाल।
लेकिन मैं माँ की गाँड़ नही चुत मारना चाहता था।क्योकि इतना मोटा लन्ड उनकी गांड झेल नही पाती।मैं धीरे से बेड पर चढ़ गया।माँ अभी भी शांत थी।वो जान रही थी कि मैं उनके ऊपर चढ़ाई करने जा रहा हूँ।अगर मना करेगी तो भी मैं मानने वाला नहीं था।माँ भी समझ गई थी कि नंगी गांड को देखकर उनके बेटे का लन्ड रुकने वाला नही है।अचानक वो उठकर बैठ गई और बोल पड़ी।देख बेटा यह सब गलत है।मैं मानती हूं कि तू ताकतवर है।लेकिन इसका मतलब यह नही है कि तू अपनी माँ के साथ गलत करे।कुदरत के कुछ नियम होते हैं।मुझे मालूम है कि बात बहुत आगे बढ़ गई है और तू मानने वाला नही है।इसलिए मैं एक बात कहना चाहती हूं।लेकिन माँ की नजर बार बार मेरे लन्ड पर आकर रुक जाती थी।माँ ने बोलना जारी रखा।कि ठीक है मैं तुझसे सिर्फ एक बार सेक्स करना चाहूँगी।वो भी तब जब तू एक दिन के लिए मेरा पति बनेगा।दोस्तों बारिश फिर हल्की हल्की शुरू हो गई थी।अब तो माँ मुझसे एक दिन के लिए शादी करने को भी तैयार हो गई थी।लेकिन माँ ने एक शर्त रखी।कि दोबारा हम लोगो मे सेक्स तभी होगा जब मुझे लगेगा कि तुम इस मामले में अपने पापा से आगे हो।अगर तुम मुझे खुश कर पाए तभी हम लोग भविष्य में सेक्स करेंगे।मैं खुश हो गया और हामी भर ली।मैने भी कहा कि ठीक अपनी इस बात को भूलना मत लेकिन अगर मैने आपको खुश कर दिया तो यह शादी एक दिन की नही जन्म जन्मांतर तक चलेगी।माँ ने थोड़ा संकोच किया और कहा ठीक मंजूर है।मैं जाकर सिंदूर ले आया और माँ की मांग में भर दिया।माँ बरबस मुझे देखती रही।शादी तो बहुत होती है लेकिन नंगी माँ और नंगा बेटे की कभी नही।जैसे ही माँ के सिंदूर लगाया।उनकी आँखे झुक गई।ऐसा लग रहा था कि अब माँ ने अपने आपको मुझे समर्पित कर दिया है।मैंने माँ को उठाकर गले लगा लिया।माँ ने एक इच्छा और जाहिर की कि वह चाहती थी कि जैसे सब कुछ बारिश में शुरू हुआ था वैसे ही बारिश में दोबारा सब शुरू हो।दोस्तो मेरे घर के आस पास घर नही बने थे।छत पर एक रूम बना था और आंगन था।आँगन खुला था तो पानी आँगन में आ रहा था।बस यही मजा माँ को चाहिए था शायद की मैं उनको खुले में चोदू।मैंने माँ को अपनी गोद मे उठाया और ऊपर की तरफ चलने लगजब माँ को ऊपर ले जा रहा था तो माँ की आंखे बंद थी क्योंकि मेरा लन्ड बार बार माँ की गाँड़ से टकरा रहा था।दोस्तो इतना तो माँ भी समझ गई कि चुदाई भयंकर होने वाली है।इसलिए उनके माथे पर पसीना भी आने लगा था।मैंने माँ को ले जाकर ऊपर वाले बेड पर आहिस्ता से लिटा दिया।माँ कहने लगी एक बात बोलू बेटा मैंने कहा हा बोलो।माँ कहने लगी कभी इस बात को अपने दोस्तों में या किसी को मत बताना नही तो हम लोग समाज मे जी नही पाएंगे।और इतना कहते कहते उनका हाथ मेरे लन्ड पर आ गया।और धीरे धीरे आहिस्ते आहिस्ते वो लन्ड को सहलाने लगी।



मेरे मुह से सिसकिया निकल रही थी।आह आह आह माँ आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह और धीरे धीरे।मैने माँ को उल्टा कर दिया और उनके मुह की तरफ आ गया और मैंने माँ से इशारा किया।पहले तो मना किया फिर काफी देर बाद वो मान गईं।मैं लन्ड मुह में लेने को कह रहा था ।उन्होंने कहा कि कभी पापा का नही लिया तो तुमारा कैसे लूं।फिर मेरे लिए मान गई।इसी से लग रहा था कि मेरे लन्ड ने गहरी जगह बना ली है माँ के दिल मे।मैने लण्ड का सूपड़ा माँ के मुह में रख दिया बिल्कुल इस तरह


उनकी आंखे बहुत प्यार से मुझे देख रही थी।शायद कह रही हो कि इतना बड़ा मैं अपने मुंह मे नही ले पाऊंगी।
दोस्तो बारिश का मौसम हो और मन चाही प्रेयशी हो तो सोचो चोदने में कितना आनन्द आएगा।
मेरे साथ सब यही हो रहा था।एक तो बारिश दूसरे मेरे खड़ा लन्ड और तीसरा मेरी सुंदर अच्छे फिगर वाली माँ।मजा आ रहा था।मैं अब धीरे धीरे अपनी माँ के मुंह को चोद रहा था।माँ ऐसा लग रहा था कि वो इस पल को एन्जॉय कर रही थी। उनकी आंखें कुछ और ही कह रही थी। ऐसा लग रहा था कि उनकी आंखें कह रही थी आज की रात अपनी मां को मत छोड़ना। जो खुशी उनके बाप नहीं दे पाए आज बेटा देगा। धीरे-धीरे ऐसा लग रहा था कि उनकी हिचक निकल रही थी। दोस्तों आप तो जानते ही हैं कि हर औरत को जवान लन्ड की जरूरत पड़ती है। और लन्ड अगर अपने बेटे का हो औरत भी खूब मजा लेना चाहती है। जवान लन्ड* हर औरत को अच्छा लगता है। और मेरी मां को तो ऐसा लन्ड मिल गया था जिसकी ख्वाहिश हर औरत को होती है। वह चाहती है कि उसके पति का लन्ड मोटा लंबा और दमदार हो। मैंने अपने पापा का लन्ड तो नहीं देखा था लेकिन इस बात की गारंटी ले सकता हूं कि मेरे इतना बड़ा नहीं होगा नहीं तो मां मुझ पर इतनी जल्दी नहीं फिसलती। मां का इतनी जल्दी से फिसलना बता रहा था कि पापा का लन्ड काफी छोटा होगा। लेकिन यह बात मैं बाद में पूछूंगा लेकिन पूछूंगा जरूर। दोस्तों मेरा लन्ड मेरे मां के मुंह के अंदर बहुत ज्यादा नहीं जा पा रहा था लेकिन जितना जा पा रहा था इतना खूब मजा दे रहा था। लन्ड के टोपे पर मां की जुबान और लिप्स दोनों चल रहे थे अब तो मुझे ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ रही थी। ऐसा लग रहा था कि मेरी पत्नी मेरे साथ है और मुझे खुश करने की हर कोशिश कर रही है। हां पत्नी ही थी अभी कुछ देर पहले मैंने उससे शादी भी की थी। दोस्तों ऐसा नसीब बहुत कम लोगों को मिलता है कि किसी को अपनी खूबसूरत मां को चोदने का अवसर प्राप्त हो। मुझे यह मौका मिला क्योंकि मैंने इसके लिए प्रयास किया। अगर मैं प्रयास ना करता तो शायद सब कुछ नॉर्मल चल रहा होता। इसलिए दोस्तों अगर तुम्हारी मां सुंदर है तो एक बार कोशिश जरूर करना। एक बात ध्यान रखना चूत* और लन्ड में कोई रिश्ता नहीं होता। केवल चुदाई* का रिश्ता होता है। और अगर जिसका लन्ड मेरे जितना मोटा और लंबा हो वह जरूर अपनी मां और बहनों के ऊपर ट्राई करें मैं वादा करता हूं कि उसका वार कभी खाली नहीं जाएगा। दोस्तों अब आगे की स्टोरी पर आते हैं। लगभग 10 मिनट तक मैं मां के मुंह में अपना लन्ड* अंदर बाहर करता रहा। मां अपने लिप्स और जुबान से मेरे लन्ड को सहला रही थी ऐसा लग रहा था कि वह एकदम से गर्म हो रही हैं और उनके चेहरे पर लाली छा रही है। दोस्तों उनकी सांसे गर्म होने लगी थी। जैसे हर औरत गर्म होने पर सिर्फ लन्ड* मांगती है बिल्कुल वैसे ही लग रहा था अब मां को सिर्फ लन्ड की जरूरत है हालांकि वह कहे नहीं पा रही थी। लेकिन मैं समझ गया था इसलिए मैंने मां की मुंह से अपना लन्ड निकाल कर उनके बराबर में जाकर लेट गया। मैं मां के दूध पर अपना मुंह रख कर जुबान से उनको चाटने लगा। दोस्तों मैं मां को इतना गर्म करना चाहता था कि वह खुद मेरा लन्ड पकड़ कर कहीं बेटा मुझे चोद अब रहा नहीं जाता। लेकिन मां शर्म के मारे अभी भी कुछ नहीं कह पा रही थी थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि मां का हाथ फिर से मेरे लन्ड पर आ गया। अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी मां के हाथ लगातार मेरे लन्ड* के आसपास तैर रहे थे। दोस्तों मैं मां को चोदना चाहता था लेकिन इतनी आसानी से नहीं उनको तड़पा तड़पा कर। और यह भी पूछना चाहता था -किस का लन्ड बेहतर है मेरा या पापा का। सारी सच्चाई सुनने के बाद ही मैं उनको चोदना चाहता था। दोस्तों बारिश ने भी रफ्तार पकड़ ली थी। वासना हम दोनों के ऊपर हावी हो गई थी। दोस्तों एक बात तो तय थी मुझे अपने आप पर विश्वास था कि मैं अगर मां को चोदने लगा तो कम से कम एक घंटा चोदूगा।
 
दोस्तों यकीन नही हो रहा था कुछ दिन पहले जो औरत मुझ पर अपना रौब दिखाती रहती थी आज वो मेरे लन्ड के नीचे आने के लिए तड़प रही थी।माँ का हाथ बहुत ही आहिस्ते से मेरे लन्ड पर चल रहा था।आखिरकार बात करने का अच्छा मौका था।मैंने पूंछ ही लिया ।माँ एक बात पूछू, माँ ने कहा हा बिल्कुल।मैंने कहा माँ मेरे और पापा के लन्ड में क्या अंतर है।माँ ने कोई जवाब नही दिया।मैने फिर पूछा।माँ ने हिचकते हुए कहा-बहुत ज्यादा।मैंने फिर पूछा कितना माँ ने कहा आधे का।मैंने आश्चर्य चकित हो गया और कहा तब तो बहुत छोटा है।माँ ने कहा मैंने तो उनके बाद व पहले किसी का देखा ही नही था बस तेरा देखा है।वो भी इतना बड़ा कि चौक गई थी पहली बार मे ही देखकर।अब वो भी प्रश्न करने लगी।माँ-अच्छा एक बात बताओ तुम्हारे दिमाग मे ये आईडिया कैसे आया कि अपनी माँ को ही पटाया जाए।मैंने कहा मुझे आपका फिगर बहुत अच्छा लगता था और मुझे आपके अलावा कोई पसन्द ही नही आ रहा था।कई बार मैंने आपको नहाते हुए छुप छुप कर देखा था।इसलिए मेरे मन मे आपको पटाने के विचार आया।
मैंने फिर पूंछा माँ पापा का लन्ड छोटा है तो क्या वो आपकी चुत में जगह बना पाए है।माँ सोचने लगी और कहा मैंने कभी इस बारे में नही सोचा लेकिन जब से तुम्हारा देखा है तब से जरूर सोच रही हूं कि मेरे लिए ये काफी बड़ा है।
इतना कहते ही माँ ने मेरे लन्ड को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कस के दबा दिया।मेरी सिसकारी निकल गई औऱ उठ कर बैठ गई



ऐसा लग रहा था वो गरम हो रही थी और फिर से मेरा लन्ड मुह में लेने जा रही थी।उन्होंने अपने लिप्स मेरे लन्ड पर रख दिये और लन्ड का सूपड़ा चूसने लगीं।मुश्किल से आ रहा उनके मुह में लेकिन हार नही मानने वाली थी।आखिर माँ किसकी थी।आखिर कर सुपड़ा उन्होंने अपने मुह के अंदर कर ही लिया।मैं सिस्कार उठा।
आहआह आह आह ऊह माँ आआआआआआ
आधा लन्ड उन्होंने अपने मुँह के अंदर कर लिया था।



माँ आंख बंद कर ली थीं।और उस पल
को खूब एन्जॉय कर रही थी।मैं भी खड़े होकर पूरा साथ दे रहा था।मैंने पूंछा कभी पापा का पिया तो इशारो में मना कर दिया।मैं खुश हो गया।और हौले हौले उनके मुँह में झटके लगाने लगा।माँ कुछ बोले नही पा रही थी बस गूँ गूँ की आवाज आ रही थी।मैं तो ऐसा लग रहा था कि स्वर्ग में हूँ।मेरी सारी इसे खिंची जा रही थी।आनंद से सराबोर था।अभी तो सबसे बड़ा काम चुत चोदना बांकी था।मैंने माँ को इशारा किया कि अभी बहुत काम बाकी है।वो थोड़ा मुस्कराई और लन्ड मुह से निकाल कर शर्मा कर पेट के भल लेट गईं।दोस्तो क्या बताऊँ माँ की गांड के बारे में एक दम मस्त थी गोरी चिकनी और चौड़ी।मैंआकर माँ की गाँड़ के पास बैठ गया।



दोस्तों अब माँ कोई पर्दा नही कर रही थी।मेरा मन कर रहा था कि पीछे से ही माँ के अंदर घुसाउ।लेकिन मैं इतना निर्दयी नही था।मैं दर्द नही देना चाहता था।मैं उनके चुतड पर किस करने लगा।और अपने लन्ड को सहलाने लगा।कभी माँ की गांड देख रहा था तो कभी अपना लन्ड।सोच रहा था ये गांड में कैसे घुसेगा।लेकिन फिलहाल तो मेरा निशाना चूत पर था।मैं माँ के ऊपर लेट गया और मेरा लन्ड माँ के गांड के बीच से होते हुए चूत से जा टकराया।माँ की चीख निकल गई।माँ ने कहा पीछे से न करना वरना बहुत दर्द होगा ।मैंने कहा ठीक है माँ और उनको सीधा कर दिया।फिर क्या नजारा था।मैं उनके दूध के ऊपर लेटा था।मेरा लन्ड उनकी चूत के ऊपर दस्तक दे रहा था।उनकी चुत भी थोड़ी गीली लग रही थी।मेरा टोपा माँ की चूत में जाकर फिट हो गया।दोस्तो माँ ऐसे चिल्ललाई जैसे कोई पहली बार उनको चोद रहा था।कहने लगी बहुत बड़ा और मोटा है कैसे जाएगा और उनके आसूं निकल आये।केवल टोपा से ये हाल था पूरा जाएगा तो क्या होगा।माँ का हलक सूखने लगा था सिर्फ टोपे से ही।अब मैं अपना टोपा अंदर न ले जाकर उनकी चूत पर ही रगड़ने लगा।अब वो बोल पड़ी बेटा बहुत मजा आ रहा है।ऐसे ही करो।आह आह। ऊह आ आह आह आ आआआआआआआआआआ
ओह्ह ओह्ह
कितना मजा आ रहा है
उफ्फ कितना अच्छा बेटा है मेरा।तू तो अपने बाप का बाप है इस मामले में ।मैं खुश हो गई मेरे पतिदेव अब से मैं तेरी हूँ।
आह आ आआआआआ
मैं लन्ड को रगड़े जा रहा था।
और अचानक से एक झटका मारा तो मेरा आधे से कम लन्ड माँ की चूत में समा गया।



माँ का मुह खुल गया और बहुत ही जोर से चिल्लाई पागल है क्या तू आराम से कर ऐसे मैं मर जाऊंगी।उनकी आंखें ऊपर टँग गई थी लेकिन मैं लन्ड बाहर नही निकलने वाला था।
अब वो सिर्फ ऊह ऊह ऊह ऊह कर रही थी।बोली ऐसा लग रहा जैसे कोई मिर्ची पाउडर डाल दिया हो।
दोस्तो अब मैं पीछे हटने वाला नही था।मैंने देखा कि माँ की चूत से थोड़ा खून आ गया था।लेकिन मैंने लन्ड बाहर नही निकाला।उतना ही लन्ड उनकी चूत में जाकर कस गया था जैसे किसी ने चूड़ी कस दी थी।माँ ने कहा बेटा थोड़ा बाहर निकाल ।मै कुछ नही बोला।मैंने सोचा लिया था कम से कम इतनी जगह तो बना दूँ जितना अंदर घुस गया था।मैंने थोड़ा पीछे खिंचा और फिर उतना ही अंदर कर दिया।माँ को फिर झटका लग गया।वो फिर बोल पड़ी बाहर निकाल थोड़ी देर के लिए नही तो मारूंगी तुझे।मैं चिल्लाकर बोला चुप कर अब तो मेरी बीवी है।ज्यादा बोलेगी तो पूरा अंदर डाल दूंगा और गाँड़ तक फट जाएगी।मेरे इतना बोलते ही माँ रोने लगी।कहने लगी अगर तू मेरी इज्जत नही करेगा तो आज ये आखरी बार होगा हम लोगो के बीच।मैं सोचने लगा और माँ को सॉरी बोला।मैंने कहा माँ गलती से बोल गया।अब वही करूँगा जो आप बोलेगी।और उनके कहने के अनुसार मैने अपना लन्ड धीरे से बाहर खिंच लिया ।अब जाकर उन्होंने चैन की सास ली.
माँ ने एक जोरदार थप्पड़ लगाया।मैं सन्न रह गया।मैं समझ नही पाया ये क्या हो गया।मेरा लन्ड ढीला पड़ गया एक तमाचे से।
 
मैं उदास होकर बेड के एक किनारे पर लेट गया। मैं कुछ बोल नहीं रहा था मैं दूसरी करवट लिए था और मां सीधी करवट लेटी हुई थी । मैं कुछ बोल नहीं रहा था। लगभग आधे घंटे बाद मां का हाथ फिर से मेरे ऊपर आया और बोली कि नाराज हो क्या। उन्होंने कहा तुम्हारी भी गलती है ऐसे इतनी तेजी से अंदर डालोगे तुम्हें मर जाऊंगी फिर किसको चोदोगे। मैं अब तुम्हारी हूं तुम जैसे चाहो वैसे मुझसे प्यार करो लेकिन इतनी बेदर्द तरीके से करोगे तो मैं कैसे करवा पाऊंगी। मां का हाथ फिर से मेरे ल** पर आ गया और उनका हाथ मेरे ल** पर लगते ही बिल्कुल सीधा हो गया उनकी हंसी निकल गई कि देखो कैसे मुरझा गया था। और वह फिर से मेरे ल** को सहलाने लगी। मैं मां की तरफ मुड़ गया और बोला कि ठीक है ना अब कभी ऐसी गलती नहीं होगी। मैं उठा और मां की टांगों के बीच चला गया। मैंने सोचा जितना मां को दर्द हुआ है मैं उतना प्यार कर लूं और मैंने यह सोच कर रखना मुंह उनकी च** पर रख दिया और कुत्ते की तरह उनकी च** चाटने लगा मन इतना बोला ही था कि यह क्या कर रहा है उसके बाद उनके मुंह से आह आह आह की आवाज आने लगी। वो कहने लगी बस बेटा ऐसे ही तेरे पापा ने कभी ऐसा नहीं किया तो मेरा प्यारा बेटा है ऐसे ही चाटो।आह आह आह की आवाज बहुत तेजी से कमरे में गूंजने लगी। अब मां की च** फिर से पूरी गीली हो गई थी और मां पहले से और गर्म हो चुकी थी। मैंने आंखों ही आंखों में मां से परमिशन मांगी। मां थोड़ी दरी लेकिन उन्होंने परमिशन दे दी फिर मैंने मां के घुटने मोड़ दिए और उनके दोनों टांगों के बीच में खड़ा हो गया और अपना ल** सेट करने लगा। इससे पहले फिर से मैं अपना ल** मां की च** के ऊपर घुमाने लगा । इससे मां एकदम मस्त हो गई और कहने लगी बेटा सब्र नहीं हो रहा है फिर से डालो अंदर। मैंने कहा जो आज्ञा मां।
मैंने फिर से ल** का आगे का भाग अंदर किया लेकिन इस बार इतनी प्रॉब्लम नहीं हुई आगे का हिस्सा चूत* की दीवारों को छूता हुआ अंदर तक पहुंच गया।
इस बार मां के मुंह से फिर सिसकारी निकली लेकिन अबकी बार यह सिसकारी दर्द वाली नहीं थी। वह मजा लेने लगी थी। मैंने ल** निकाल कर मां की जांघों पर रख दिया मां आश्चर्यचकित हो गई और बोलने लगी है भगवान इतना बड़ा।



मैंने कहा हां मां यह सिर्फ आपके लिए है। इस लन्ड पर केवल आपका अधिकार है। उन्होंने कहा ठीक है लेकिन धीरे-धीरे अंदर डालना यह तो बच्चेदानी तक पहुंच जाएगा। जिस बच्चेदानी से तू निकला था इतना सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैं जाकर अंदर से वैसलीन ले गया। मां वैसलीन देखकर खुश हो गई और कहने लगी तू तो बहुत समझदार हो गया है। मैंने कहा हां आपका बेटा हूं। मैंने पूरी वैसलीन निकाल कर अपने ल** पर लगा ली। क्योंकि अब पीछे हटने का कोई प्लान नहीं था ना ही मां का और ना मेरा । अब मैंने फिर से शुरुआत की इसे थोड़ा लन्ड मां की चूत* के अंदर घुसेड दिया।
अब मैं कुछ बोल नहीं रही थी वह भी इस बड़े ल** को अपने अंदर महसूस करना चाह रही थी। उन्होंने यह भी कह दिया था की चाहो तो पूरा अंदर डाल दो लेकिन आराम से डालना मुझे दर्द ना हो मैंने कहा ठीक है ना मैं आपको बिल्कुल दर्द नहीं दूंगा बस आपको मजा दूंगा इतना कहकर मैंने एक जोरदार झटका मारा और मेरा आधा लन्ड चूत में समा गया।
मां की चीख निकल गई वह बोली तू पागल हो गया है ऐसे कोई नहीं करता है ऐसे तो अंदर करेगा तो खून ही खून मिलेगा। इतना कहकर वह मेरे सर पर हाथ रख ली और फिर बोली बेटा यह सब मैं तुम्हारी खुशी के लिए कर रही हूं मैं नहीं चाहती तुम्हें अपने पहले प्यार से सेक्स का मजा ना मिले। जैसे ही उन्होंने इतना कहा मैंने अपना ल** पूरा बाहर निकाल कर फिर से 1 झटका मारा फिर से आधा ल** वही पर जाकर अटक गया। मां जोर से चिल्लाने लगी बहुत मजा आया बेटा बस इतना ही करना कि आगे मत ले जाना बहुत मजा आ रहा है बहुत अच्छा लग रहा है तू मेरा प्यारा बेटा है चोद अपनी मां को । ऐसा मजा अभी तेरे पापा ने नहीं दिया तूने मुझे धन्य कर दिया मार अपनी मां चूत।आह आह आह आह ओह्ह
ऊहऊह ऊह ऊह
वाह वाह
ओह गॉड वह गॉड
यही शब्द तेरी मां की मुंह से निकल रहे थे। दोस्तों में केवल आधा ल** ही अंदर ले जा रहा था क्योंकि आधी लड के लिए जगह बन गई थी। दोस्तों मैं आधे ल** को ही बाहर अंदर करने लगा। मां को बहुत मजा आ रहा था। उनके मुंह से शब्द सुनकर मुझे और जोश चढ़ रहा था।
मां-आह आह उइ माँ ओह्ह
वाओ चोद डाल
aahhhhhhhh
ahhhhhhh
ohhhhhhhhhhh
फ़क me
fuck me
fuck me
ohhhhhhhooooooooooo
मेरे इतना जोश बढ़ गया कि एक जोरदार झटका मारा और पूरा का पूरा लन्ड* मां की चूत** में समा गया। मां बिल्कुल समझ गई उन्हें ऐसा लगा था कोई चीज उनके बच्चेदानी से जाकर टकरा गई। उन्होंने मेरे सर के बाल पकड़ लिए और कहां कि तू इतना बेदर्द कैसे हो गया एक ही झटके में इतना बड़ा नहीं है मूसल जैसा लड मेरे अंदर प्रवेश करा दिया कितना कुत्ता है तू।
अब रुकना मत । लेकिन धीरे-धीरे करना तुझे अपने मां की कसम है। मैंने मां के कहे अनुसार धीरे-धरे अंदर बाहर करने लगा। दोस्तों मां को तो आनंद आ रहा था लेकिन मुझे जो आनंद आ रहा था मैं आपको बता नहीं सकता ऐसा लग रहा था कि मां की चूत* बहुत दिनों से भूखी है उससे बहुत दिनों से लन्ड* नहीं मिला है मेरा लन्ड चला जा रहा था इतनी गर्मी थी मां की चूत में मां के मुंह से तो सिसकारियां निकल रही थी लेकिन मेरे मुंह से भी आ ही निकल रही थी।
मैं अब लगातार अपने काम पर लगा हुआ था। मां की फिर आवाजें गूंजने लगी बेटा तूने मुझे खुश कर दिया आज तू तो मादरचोद* बन गया। अपनी मां के मुंह से ऐसा शब्द सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया और मैं ताबड़तोड़ झटके मारने लगा। मां की आवाजें घर में गूंज रही थी
घप घप घप की आवाज आ रही थी।मछली की तरह माँ मेरे लन्ड के नीचे तड़प रही थी।
घप घप घप घप ohhhhhhhhhhhhh
aahhhhhhhhh
ohhhhhh
chod
madarchod
hey god
उईईईईईईईईई
ohhhhhhhhhh
और जोर से चोद डार्लिंग लव यू ।उनके शब्द मेरी रफ्तार बढ़ रहे थे।
और जोर से मादरचोद।
दोस्तो मेरा लन्ड ऐसा प्रहार कर रहा था जैसा फिल्मो में आप देखते हो और वो कुतिया की तरह चुद रही थी
मेरे मुँह से जोर जोर से आह आह आह ओह्ह
लव यु डार्लिंग
लव यु मेरी कुतिया
माँ बोली चोद अपनी कुतिया को
चोद डाल अपनी माँ को
दोस्तों इतना कहते-कहते मुझे ऐसा लगा की मां झड़ने वाली है वह बोली बेटा निकालना मत अपनी स्पीड बढ़ा और तेज और तेज और तेज और तेज और जोर से और जोर से और तीन और जोर से ओह माय गॉड और जोर से और जोर से इतना कहते कहते मां झड़ गई। लेकिन मेरा पारा अभी भी चढ़ा हुआ था। मेरी स्पीड अभी कम नहीं हुई थी मां ने कहा बेटा थोड़ा रुक जाओ बस 5 मिनट के बाद फिर करना। लेकिन मैं रुकने वाला नहीं था मैं लगा रहा मैंने फिर से रिक्वेस्ट की कि बेटा रुक जाओ फिर मैंने कहा ठीक है ना 5 मिनट के लिए मैं तुम्हें छोड़ रहा हूं। और मैंने अपना ल** बाहर निकाल लिया दोस्तों मैंने अपना ल** बाहर निकाला था क्योंकि अब मुझे पोजीशन चेंज करनी थी तब मैं मां को पीछे से चोदना चाहता था। 5 मिनट लिखने में ज्यादा समय नहीं लगा। अपने दिमाग को उल्टा कर दिया और उनको घोड़ी बना दिया। पहले थोड़ी देर तक मैंने उनकी पूछा थी ताकि को फिर से गर्म हो और मैं 5 मिनट तक उनकी चुपचाप तरह तब तक मैंने उनके हाथ में अपना ल** दे दिया मां ठंडी पड़ चुकी थी लेकिन मैं फिर से आग जलाने जा रहा था उनके अंदर मेरी च** चाटते चाटते वह फिर से गर्म होने लगी और पीछे से मैंने अपना लन्ड उनकी चूत* के अंदर प्रवेश कराया। दोस्तों पीछे से आधा ल** मां की च** में घुस गया और उसके बाद उनको दर्द होने लगा लेकिन अब मैं उनका दर्द देखने वाला नहीं था मैंने एक जोरदार झटका मारा और पूरा का पूरा ल** उनकी च** में जा चुका मां जोरदार तरीके से चिल्लाई। दोस्तों बारिश इतनी तेज हो रही थी कि बाहर आवाज नहीं जा पा रही थी । मैंने फिर से झटके लगाने शुरू कर दिए। अबकी बार मैं पूछा था उनकी गांड बार-बार मेरी जांघों से टकरा रही थी जिससे मुझे और जोश मिल रहा था । फिर से तेज झटके लगाने लगा। अच्छे से उनको धीरे-धीरे मजा आने लगी थी। बीच में वह बोली कि तेरा स्टेमिना तो बहुत गजब का है। मैंने कहा हां मां अब तो रोज तुमको दिखाऊंगा इतना कहकर मैंने कहा आई प्राउड ऑफ यू। और फिर से मां के कराने की आवाज शुरू हो गई। पूरे कमरे में छप्प छप्प की आबादी गूंज रही थी। मां पूरी तरीके से इंजॉय कर रही थी। उनकी आवाजें



aahhhhhhhh
ohhhhhh
awesome
मय son
यू डिजर्व माय vagina
आज तुमने मेरी प्यास मिटा दी तो तुम्हारे बाप वर्षों से नहीं कर पाए थे। अपनी मां को मसल डालो आज और तेज और जोर से और जोर से बेटा और तेज बेटा मसल डालो आज
अब मेरा भी निकलने वाला था इसलिए मैंने स्पीड बढ़ा दी दोस्तों मैं बता दूं आपको स्पीड इतनी थी कि अच्छे अच्छे की गांड फट जाए। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था इतना भारी लड मां ने कैसे सहन किया। और इतना सोचते सोचते मेरे अंदर का ज्वालामुखी फूट पड़ा और सारा ज्वालामुखी मैंने अपनी मां की चूत में ही उड़ेल दिया गरम-गरम लावा माँ को और गर्म कर दिया और मैं निढाल होकर मां के ऊपर गिर पड़ा। मैं मां के पेट से चिपका हुआ घंटों तक पडा रहा और ऐसे ही सो गया। सुबह उठा तो देखा मां और मैं एकदम नंगे एक दूसरे से चिपके हुए लेटे थे । सुबह उठकर हम दोनों ने फिर एक बार सेक्स किया और अक्सर मैं अपनी मां के साथ सेक्स करता हूं अब माँ मेरे ल** की आदि हो गई है।

। मैं अपनी कहानी को यहीं खत्म कर रहा हूं। अगर कभी मैंने कोई नया काम अपनी मां के साथ किया तो आपके सामने दोबारा लेकर आऊंगा। धन्यवाद
 
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