हाय सेक्सी लड़कियों और ब्यूटिफुल महिलाओं.. मैं समर एक जिगोलो हूँ.. मैं अपनी सेवाएं दिल्ली में देता हूँ।
अन्तर्वासना पर यह मेरी कहानी जो मैं आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूँ। यह घटना उस वक्त की है जब मैंने जिगोलो बन कर अपनी सेवा पहली बार किसी को दी थी।
इससे पहले कि मैं घटना को आरम्भ करूँ, मैं अपने बारे में कुछ लिखना चाहता हूँ।
मैं 21 साल का एक नौजवान हूँ फिलहाल बी.टेक. कर रहा हूँ। मेरा कद 5’8” है रंग एकदम फेयर है। मेरे राकेट के बारे में क्या बताऊँ.. ये तो वे हसीनाएं ही अच्छे से बता सकती हैं जो इसकी सवारी का लुत्फ़ उठा चुकी हैं। मैं बस इतना कह सकता हूँ कि शायद भारत में इतना बड़ा साइज़ मेरे पास ही मिल सकेगा। यह कुदरत की देन है जिसका फायदा फिलहाल दिल्ली की चुदासी चूतों को मिल रहा है।
मुझे हमेशा से इस फील्ड में आने का बहुत मन था। जब से मैंने इसके बारे में सुना था.. तब से ही मेरा मन बन गया था।
लेकिन इस काम में घुसने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था।
मैंने तय किया कि मुझे उन एजेंसीज की मदद लेनी चाहिए जो इस तरह का व्यापार चलाती हैं।
लेकिन आप सभी को मालूम है इस तरह की दुकानें अधिकतर नकली हैं, वे धोखाधड़ी करने में लगी हैं।
खैर.. मेरी एक एजेन्सी से बात हुई, उन्होंने कहा कि आप 9000/- जमा करने के बाद कॉल करें.. हम फिर आपको इस काम पर लगा लेंगे।
मैंने वैसे ही किया। लेकिन कुछ नहीं हुआ और मेरे सारे पैसे भी चले गए।
पर जैसा कि आप लोग जानते हैं.. जब इंसान किसी चीज़ का मन बना लेता है तो उसे किसी भी कीमत पर करके ही छोड़ता है।
मैं निराश नहीं हुआ और कोशिश करता रहा। मैंने नेट की हेल्प ली और सर्च करके दिल्ली के कुछ जिगोलो पॉइंट खोजे। कुछ अच्छे रिज़ल्ट आए.. फिर मैंने वहाँ पिकअप पॉइंट पर जाने का तय किया।
एक दिन मैं शाम को दिल्ली के कनाट प्लेस पर गया.. वहाँ कुछ 3-4 पिकअप पॉइंट थे.. सो मैं वहाँ जाकर खड़ा हो गया। लगभग 7 बजे थे शाम गहरा गई थी क्योंकि ये बात नवंबर के अंतिम हफ्ते की थी सो उस टाइम तक मौसम जल्द ही अँधेरे वाला हो जाता था।
उस दिन ठंड भी अच्छी थी। मैंने सुना था कि हाथ पर रेड रिबन बांधना जिगोलो का सिंबल होता है.. सो मैंने भी अपने हाथ में रेड रिबन बाँध लिया था और खड़ा हो गया।
लेकिन कुछ नहीं हुआ और पहले दिन मैं निराश हो कर घर वापिस आ गया। दूसरे दिन दुबारा उसी पॉइंट पर गया और आज भी हाथ में रेड रिबन बाँध कर खड़ा हो गया।
बहुत देर वेट किया फिर एकदम से लगभग 8:30 एक ब्लैक कलर की होंडा सिटी बहुत स्लो स्पीड में मेरे आगे से निकली, उसे एक बहुत ही सुन्दर लेडी ड्राइव कर रही थी।
शायद उसने मुझे देखा पर कार आगे को चली गई। फिर उस लेडी ने कार बैक की और मेरे से कीर्ति नगर की साइड का रास्ता पूछा। मुझे पता नहीं था.. तो मैंने मना कर दिया।
फिर उसने कहा- गाड़ी में आ जाओ जल्दी..
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन वो इतने गजब का माल लग रही थी कि बस मैं लपक के गाड़ी के अन्दर घुस गया।
वो गाड़ी चलाने लगी।
अन्तर्वासना पर यह मेरी कहानी जो मैं आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूँ। यह घटना उस वक्त की है जब मैंने जिगोलो बन कर अपनी सेवा पहली बार किसी को दी थी।
इससे पहले कि मैं घटना को आरम्भ करूँ, मैं अपने बारे में कुछ लिखना चाहता हूँ।
मैं 21 साल का एक नौजवान हूँ फिलहाल बी.टेक. कर रहा हूँ। मेरा कद 5’8” है रंग एकदम फेयर है। मेरे राकेट के बारे में क्या बताऊँ.. ये तो वे हसीनाएं ही अच्छे से बता सकती हैं जो इसकी सवारी का लुत्फ़ उठा चुकी हैं। मैं बस इतना कह सकता हूँ कि शायद भारत में इतना बड़ा साइज़ मेरे पास ही मिल सकेगा। यह कुदरत की देन है जिसका फायदा फिलहाल दिल्ली की चुदासी चूतों को मिल रहा है।
मुझे हमेशा से इस फील्ड में आने का बहुत मन था। जब से मैंने इसके बारे में सुना था.. तब से ही मेरा मन बन गया था।
लेकिन इस काम में घुसने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था।
मैंने तय किया कि मुझे उन एजेंसीज की मदद लेनी चाहिए जो इस तरह का व्यापार चलाती हैं।
लेकिन आप सभी को मालूम है इस तरह की दुकानें अधिकतर नकली हैं, वे धोखाधड़ी करने में लगी हैं।
खैर.. मेरी एक एजेन्सी से बात हुई, उन्होंने कहा कि आप 9000/- जमा करने के बाद कॉल करें.. हम फिर आपको इस काम पर लगा लेंगे।
मैंने वैसे ही किया। लेकिन कुछ नहीं हुआ और मेरे सारे पैसे भी चले गए।
पर जैसा कि आप लोग जानते हैं.. जब इंसान किसी चीज़ का मन बना लेता है तो उसे किसी भी कीमत पर करके ही छोड़ता है।
मैं निराश नहीं हुआ और कोशिश करता रहा। मैंने नेट की हेल्प ली और सर्च करके दिल्ली के कुछ जिगोलो पॉइंट खोजे। कुछ अच्छे रिज़ल्ट आए.. फिर मैंने वहाँ पिकअप पॉइंट पर जाने का तय किया।
एक दिन मैं शाम को दिल्ली के कनाट प्लेस पर गया.. वहाँ कुछ 3-4 पिकअप पॉइंट थे.. सो मैं वहाँ जाकर खड़ा हो गया। लगभग 7 बजे थे शाम गहरा गई थी क्योंकि ये बात नवंबर के अंतिम हफ्ते की थी सो उस टाइम तक मौसम जल्द ही अँधेरे वाला हो जाता था।
उस दिन ठंड भी अच्छी थी। मैंने सुना था कि हाथ पर रेड रिबन बांधना जिगोलो का सिंबल होता है.. सो मैंने भी अपने हाथ में रेड रिबन बाँध लिया था और खड़ा हो गया।
लेकिन कुछ नहीं हुआ और पहले दिन मैं निराश हो कर घर वापिस आ गया। दूसरे दिन दुबारा उसी पॉइंट पर गया और आज भी हाथ में रेड रिबन बाँध कर खड़ा हो गया।
बहुत देर वेट किया फिर एकदम से लगभग 8:30 एक ब्लैक कलर की होंडा सिटी बहुत स्लो स्पीड में मेरे आगे से निकली, उसे एक बहुत ही सुन्दर लेडी ड्राइव कर रही थी।
शायद उसने मुझे देखा पर कार आगे को चली गई। फिर उस लेडी ने कार बैक की और मेरे से कीर्ति नगर की साइड का रास्ता पूछा। मुझे पता नहीं था.. तो मैंने मना कर दिया।
फिर उसने कहा- गाड़ी में आ जाओ जल्दी..
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन वो इतने गजब का माल लग रही थी कि बस मैं लपक के गाड़ी के अन्दर घुस गया।
वो गाड़ी चलाने लगी।