सुबह मुझसे पहले पूजा जगी और मुझे सोता हुआ छोड़ कर वो फ्रेश हो गई और फिर लगभग 8 बजे मुझे उठाई.....और इस वक्त भी वो नंगी ही थी.....हम आव देखे ना ताव सीधा उसको बिस्तर एम खीच लिए और फिर शुरू हुआ सुबह का मस्त नाश्ता पानी.......पूजा भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.......और सुबह सुबह का लंड कितना अकड़ा हुआ रहता है वो लौंडे लपाटे जानते ही है.......कुछ ही मिनटों में पूजा की चूत में मेरा लौड़ा सैर कर रहा था और कसम से तीन दिनों से पूजा की चुदायी चालू थी पर उसकी चूत जस की तस अपनी कसावट को बनाए हुए थी........आज मैने पूजा की चुचियों को जरा ज्यादा ही बेदर्दी से चूस और चाट रहा था साथ ही काट भी रहा था......पर दर्द होने के बावजूद वो मुझे मना नही कर रही थी बल्कि मेरे सर को और जोर से पकड़ के अपनी चूची पे दबा रही थी......और अपना लंड पूजा की चूत में एक पिस्टन के जैसे अंदर बाहर हो रहा था......वो आह उम्म्म्म आह ओफ्फो आह मां ईईईईईईईई कर रही थी......चोदते चोदते मैने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसको अपने सीने से लगा कर जो कमर उछाल उछाल कर उसकी चूत में धक्के लगाए है......वो ताकतवर झटके सिर्फ और सिर्फ पूजा ही जानती है.......और कुछ ही पलों में पूजा को मैंने अपने ऊपर से हटा कर वापिस उसको नीचे लिटा दिया और अपना वीर्य उसके बदन पे छोड़ने ही जा रहा था की वो मुझे कमर से खीच कर अपने छाती तक ले आया और मेरे वीर्य उगलने वाले लौड़े को अपने मुंह में ले लिया.......और बाप रे वो फीलिंग कसम से गजब का एहसास था वो.......और अगले ही पल मैं छूट गया और अपना सारा रस पूजा के मुंह में उड़ेल दिया जिसे वो एक जूस के जैसे पी गई......पर गधी को तुरंत खासी भी आने लगी.....हम हांफ भी रहे थे और हसने भी लगे और उसको उठा कर उसकी पीठ सहलाए और बोले की ये क्यों किया तुमने जब तुमको आइडिया नही है तो......तो खासते खासते बोली मेरा मन था वैसे भी इन दिनों में आपने एक बार भी मुझे इसको चूसने नही बोला जबकि आपने मुझे इस सुख से रूबरू ही करवाया था मेरा चूस कर......तो मैं क्यों ना करती पर जब देखा की आप मेरे को ना चूसता देख खुद के थूक से अपने आप को गीला करते है तब ही हम कोशिश में लगे थे और वो अभी मैने एक झटके में कर लिया......और मेरा जो वहम था की अजीब लगेगा या फिर गंदा लगेगा वो यू गायब हो गया......बिकॉज ईट वास वेरी टेस्टी स्ट्रॉबेरी आइसक्रीम से भी ज्यादा......... और फिर झुक कर मेरे लौड़े पे एक गीली चुम्मी कर दी......

हम बोले वाह रे जनेजा और उसको अपने आलिंगन में समेट लिए.....वो भी हस्ते हुए बोली आई लव यू मेरे जान आई लव यू सो मच........फिर बिस्तर से उठ कर हम बेड सही करने लगे जबकि पूजा कल को फैलाए हुए गीले कपड़ो को समेट कर बैग के पास रख दी क्युकी आज हमने हमारी पैकिंग भी करनी थी.......फिर हमदोनो आज आखिरी बार साथ में नहाए फिर सोचा की ना जाने अगला मौका कब मिलेगा......फिर मैं बाजार गया वहा से खाना ही पैक करवा के ले आया और रूम में ही हमदोनो ने एक दूसरे को अपने अपने हाथो से खिलाया........जैसे जैसे समय बीत रहा था वो मायूस होती दिखाई पड़ रही थी मुझे.....और फिर हम परसो के लाए हुए पांच में से चार बचे हुए चॉकलेट उसको दिए ये बोल कर की ये सब चॉकलेट अपने पास रख ले अपने पहले डेट का तोहफा समझ कर.....वो मुझको साथ में ले कर बैठी और सब चोक्लेट्स को फाड़ कर मेरे को बोली की एक एक बाइट लीजिए इनमे से फिर मैं इसको अपने पास रखूंगी....हम एक चॉकलेट को कोने से काट कर बोले की क्यों ऐसा क्यू वो दूसरा चॉकलेट हमको थमाते हुए बोली वो इसलिए कि जब आपके इन होठों की याद आयेगी तो आपका जूठा वाला ये चॉकलेट हम खा लेंगे..... और सोचेंगे की आपके होठों को चूम लिया.......हम बोले तुम चूमती कम खाती ज्यादा है........वो मुक्का दिखा कर बोली हा क्यू नही खाऊं मेरा हक बनता है.......फिर एकाएक वो मुझसे बोली की आप मेरे को ना रोने वाली कसम वापिस ले लीजिए प्लीज प्लीज.....वरना मुझसे सच्ची में कोई गलती हो जायेगी और हम रो देंगे वैसे भी आपसे जब वहा पहुंच कर अलग होऊंगी तो पक्का रो दूंगी इसलिए प्लीज ये मेरी एक बात मान लीजिए ना प्लीज.....हम उसको अपने गले से लगाते हुए बोले गधी कहिंकी रोएगी क्यू यहां से जाने के बाद हम मर जायेंगे क्या.....वो तुरंत हमसे अलग हुई और बोली की मरे आपके दुश्मन....और दुबारा ये बात बोले ना मेरे सामने तो देख लेना हम ही आपके नजरो से ओझल हो जायेंगे फिर ढूंढते रहना किसी और को.....और देख लेना हमसे ज्यादा कोई प्यार आपको कर पाए तो......हम उसके सर पे टपली मारते हुए बोले बस बस मेरी रानी समझ गए हम यू आर द वन एंड ओनली हु लव्स मी सो मच.........और एक चुम्मा उसके पेशानी पर कर दिए.......वो आखिरी बचे चॉकलेट को फाड़ी और हमको दी हम उसका एक कोना खाते इससे पहले वो उसको खाई और फिर मुझको दी.....हम उसको खाए और फिर पूजा चॉकलेट मुंह में लिए मेरे को मेरे होठों पे चूमने लगी और मेरा और उसके मुंह का चॉकलेट एक दूसरे में घुलने लगा और क्या बताऊं क्या चॉकलेटी किस था वो.....मजा ही आ गया.....चूमते चूमते पूजा को हम अपने गोद में बैठा लिए......और उसके चूतड़ों को फैला फैला कर उसकी गांड़ की छेद में उंगली से कुरेदने लगे जिससे वो किस भी करते समय उम्म्म उह्ह जैसी आवाजे निकालने लगी..... हमदोनो का किस तब तक चला जब तक हमारे मुंह की चॉकलेट खतम नही हो गई......किस करने के बाद वो बोली की आपका मन है क्या मेरे पीछे डालने का...... हम उसको छेड़ते हुए बोले की कहा पीछे डालू उस जगह का नाम नहीं है क्या साफ साफ बताओ ना.......वो हस कर मुंह नीचे कर के बोली मेरे गांड़ में और कहा......हम बोले की तो इसमें शर्माने वाली कौन सी बात है भला.....और ये तुम्हारी ही गांड़ है हम थोड़े ना अपने साथ ले के चले जायेंगे....ये कह कर एक करारा थप्पड़ उसकी चूतड पे बजाया.....वो एकदम से कराह के बोली जब हम ही पूरे के पूरे आपके है तो फिर मेरी गांड़ क्या मेरी चूत क्या सब कुछ आपका......मेरी जान......

फिर हम दुबारा से उसके चूतड पे एक थप्पड़ बजाए.....वो बोली कुछ नहीं बस वही कराह के रह गई..... हम बोले की तुझको बता दू की मुझे ना मारने में बड़ा मजा आता है चाहे वो चूत हो या गांड़ अब ये अलग बात है की लौड़ा से मारेंगे की थप्पड़ से......वो कसमसाती हुई बोली की आप जैसे मारो आपको किसी चीज की मनाही नही है........बस जो भी कीजिएगा प्यार से कीजिएगा क्युकी प्यार वाले दर्द में अलग ही मजा होता है.........

हम बोले की पगली काहिकी हम तुझे गुस्से में कभी मारेंगे भला ये बात सोचना भी पाप है.....भला तुझ जैसी फूल के खुशबू का आनंद लेने के बजाए कोई मसल कुचल सकता है क्या.......वो बोली की क्या पता अगर आप हमको छोड़ दिए तो पता नही मेरे पापा कैसे चंडाल के साथ मेरी शादी करा दे......

हम बोले की अब बस कर अभी से जला मत....अभी ये सब मत सोच ना तू.....फिर उसको गले लगा लिए इतने में हमारा फोन बजा उधर कॉल पे सुगंधा थी......हम पूजा को अपनी गोद में बिठाए हुए थे पर फिर भी कॉल रिसीव किए तो वो बोली की पूजा दी से बात करा दे ना कब निकल रहे हो दोनो.....हम बोले आज शाम को दोपहर वाली गाड़ी में सीट मिली ही नही बताया तो था तुझको.......फिर हम नाटक कर के पूजा दी को गोद में लिए ही गेट नॉक करने का आवाज किए और फिर पूजा बोली की क्या हुआ..... हम बोले फोन और फिर मेरी डार्लिंग नंगी बैठी मेरी गोद में अपनी बहन से बात करने लगी......सुगंधा पूछ रही थी की क्या कर रही है वो बोली सब पैक कर रहे थे समान वैगारह तू बता.....तो सुगंधा बोली की सुमित है क्या वहा......पूजा बोली की नही वो फोन दे के गया क्यू क्या हुआ बोल......सुगंधा बोली की नही आज तीन दिन से ऊपर हो गया ना उसके साथ तू वहा है तो यूंही पूछ लिया कैसा रहा उसके साथ का अनुभव......पूजा बोली की वो अलग ठहरा है हम अलग वो एग्जाम देने अलग अकेले गया बस मुझको एग्जाम दिलवाने साथ में गया था.....ट्रेन में भी उसकी सीट अलग मेरी अलग तू भी मां हद्द करती है अनुभव क्या रहेगा जैसा पटना में था वैसा यहां है सिंपल........

सुगंधा बोली की अच्छा मेरी मां बस कर हो गया.......अब बस तू ट्रेन पकड़ेगी तो फोन कर देना की बैठ गए है......सुबह कितने बजे आयेगी यहां वो इशारों में मुझसे पूछी तो हम सात बजे का टाइम उसको दिखलाए उंगली से........तो वो बोली.....फिर सुगंधा बोली की भाई चला जायेगा तुझको लाने तो वो बोली की बड़का ना वो लेने आएगा क्या तो नींद खुलेगा ही नही उसका और आएगा लेने.....आया तो ठीक वरना हमको रास्ता याद है वो भी हसने लगी बोली की ठीक ही कह रही है......और फिर दोनो बहनों में कुछ देर बात हुई इधर उधर की फिर कॉल कट गया.....तभी फोन में मैसेज आया की हमे सीट अलॉट हो गई है पर ये पता नही चल पाया की क्या मिला है कूप या केबिन......वो भगवान से मनाने लगी की कूप ही मिला हो अब वो तो स्टेशन जा के ही पता लगने वाला था.........
 
हमदोनो ने अपना अपना सब सामान पैक कर लिया था और केवल पहन कर जाने वाले कपड़े ही बाहर रखे थे........पूजा ने मेरे बैग में वो अपनी पहली रात वाली चादर देखी तो शर्मा कर बोली ये क्यों......और आपकी लाई हुई चादर कहा है तब उसका ध्यान बेड पे गया वो बोली भक्क ये क्यू किए है किस लिए......

हम वो चादर खोल कर दिखलाते हुए बोले की इसलिए.......उसपे खून और अपना सुख चुके वीर्य की निशानी थी वो फिर कुछ नही बोली हम मुस्कुराते हुए उस चादर को वापिस बैग में रख लिए.......फिर वो बोली की घर पे क्या बताइएगा.......हम उसको बोले की हा हम ये चादर सब को दिखाएंगे और कहेंगे कि पूजा अब मेरी है सिर्फ मेरी.......वो हस पड़ी.....हम बोले गधी इसको संभाल कर रखेंगे अपनी पहले मिलन की निशानी के तौर पे......फिर वो मेरे करीब आ कर मेरे गालों को चूमते हुए बोली अच्छा ठीक.......अभी तक हमदोनो नंगे ही थे......सब कुछ पैक कर लेने के बाद बिस्तर पे लेटे थे और वो मेरे आधे शरीर पे लेटी हुए थी मेरे ऊपर और हम उसके चूतड़ों को अपने हाथो से सहला रहे थे बीच बीच में हल्की हल्की थपकी लगा रहे थे और वो सिर्फ मुझे देखते ही जा रही थी........कुछ देर की खामोशी के बाद वो बोली की आज रात के बाद हमदोनो फिर अलग अलग हो जायेंगे ना........फिर कब रहेंगे ऐसे.....हम बोले जल्दी ही जानेमन......अगर पेपर अच्छा गया तो दुबारा देने आयेंगे ना हमलोग.....वो बोली की हा वो तो है पर अगर नही निकला तब.....तो हम बोले की कोई बात नही दुबारा से फॉर्म भरेंगे और इस बार दूर का डालेंगे सेंटर ताकि हम एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिता सके........

वो मेरे सीने को चूमते हुए बोली पर ऐसा कब तक करेंगे हम मेरी जान.......हम बोले जब तक सिलेक्शन ना हो जाए मेरी जान......फिर दोनो ठहाके लगा के हस पड़े.......उसके बाद हम बोले की चलो तैयार हो जाते है पैदल ही स्टेशन चल पड़ेंगे हाथो में हाथ लिए क्यू क्या बोलती है......वो बोली हाथो में हाथ क्यू आप मेरे को अपनी गोद में ले के चल पड़िए........हम बोले की वाह वाह क्या आइडिया है मालूम चला हमारे होटल से स्टेशन पहुंचने की खबर विथ फोटो कल अखबार के जरिए हमसे पहले पटना पहुंच जाएगी.........वो हस दी बोले गंदे ये क्यू नही कहते की हमको उठा कर चल नही पाएंगे उतनी दूर.....हम बोले कभी आजमा लेना मौका मिले तो निराश नही करेंगे......
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फिर वो उठी और मेरे को भी जबरदस्ती बोली की फिर से नहाएंगे एक साथ चलिए.....हम बोले की अभी तो नहाए थे थोड़ी देर पहले.....वो बोली की हा पर अभी मेरा मन है इसलिए चलिए.......अब फिर पता नही कब हमलोग ऐसे नहाएंगे......उह्ह्हु चलिए ना.....हम दोनो ने फिर साथ में नहाए और नतीजतन एक बार फिर मेरा लौड़ा पूजा की चूत के अंदर भ्रमण कर के आया और इस बार पूजा घुटनों पे बैठ के अंतिम क्षणों में मेरे लौड़े को पूरे मन से चूसी और वीर्य दुबारा से गटक गई पर इस बार वो ना खासी ना ही एक बूंद बर्बाद की.....हम मजाक में बोले की देखना कही अपना लल्ला ना आ जाए.....वो मेरे लंड को चूमते हुए खड़ी हो कर बोली की आ भी गया तो कोई बात नही मेरी जान......

हम भी बोले की हा फिर चल पड़ेंगे किसी और शहर में अपना एक सुंदर सा प्यारा सा घर बना कर रहेंगे अपने लल्ले के साथ......इसपर वो कुछ नही बोली क्युकी आगे क्या होगा ये न वो जानती थी ना ही हम......पूजा एक बार फिर मेरे गले लग कर बोली की अगर मैं आज या कल रोई तो प्लीज आप मुझे माफ करना प्लीज और ये बोलते हुए भी उसका गला रूंध सा गया हम थप्पड़ के स्टाइल में हाथ दिखा कर बोले खबरदार जो अपनी पिपड़ी बजाई तो......वो रुंधे हुए गले से ही हस पड़ी और अपने आंखों के कोनो को साफ करते हुए बोली गंदे आदमी......एकदम बेदर्द इंसान है आप......वो इतना बोली ही थी की एक हाथ से उसके एक निप्पल को उमेठे और एक हाथ नीचे ले जा कर उसकी चूत पे एक हल्की वाली थप्पड़ लगा डाली.....वो चिहुंक कर बोली आआह्ह्हह बदमाश गुंडे कही के.....हम बोले ज्यादा मत बोलो वरना पीछे से घुसपैठ अभी ही हो जायेगी.....वो बोली आप गंदे हो बड़े वाले.....हम फिर उसको अपने आप से चिपकाते हुए उसके चूतड़ों को अपने हाथो से मसलते हुए बोले बहुत चालाक हो बालिके तुम.....परंतु हम भी कम नहीं है अपनी.....जान को तकलीफ में घर नही भेज सकते ना और वैसे भी जब तू ही मेरी है पूरी की पूरी तो फिर सब कुछ मेरा है जब मन होगा तन घुसपैठ हों जाएगी......वो बोली की कभी कभी सीजफायर भी हो जाता है उस वक्त.....हम बोले उसी वक्त तो होगी ना पीछे से घुसपैठ.....फिर हम दोनों हस पड़े और वो मेरे गले लग गई जोर से......

फिर हम कमरे में आए और पूजा को कपड़े पहनाने का बोले वो बोली की पहले बाल बना लेती हु ना पर हम बोले की नही अभी तू मैं जैसा कह रहा हु वो करो.......उसके बाद हम कमरे के बेड के नीचे से एक थैली निकाले और उसको देख के पूजा बोली की ये क्या है.....हम बोले की तू चुप रह ना बस देखती जा.....उस थैली में पूजा के लिए नया काजल नया लिपिस्टिक नई बिंदी कुछ चूड़ियां.....एक परफ्यूम एक आर्टिफिशियल चांदी की पायल और एक कान की बाली या झुमका कह ले और एक मस्त नई ब्रा और एक सलवार सूट ये सब था.....वो सब कुछ देख कर चौकन्नी थी की हम ये सब कब लिए......वो बस चुप चाप खड़ी थी फिर एक एक कर के उसको हम जो चीज पहना सकते थे पहनाए पहले उसके सलवार सूट से मैचिंग रंग की ब्रा फिर समीज फिर सलवार..... फिर उसके कानो की पुरानी बालियो को खोल कर नई वाली पहनाए फिर उसके पैरो में नीचे बैठ कर पायल पहनाया और उठते वक्त उसकी चिकनी चूत पर एक जोरदार चुम्मी ले ली.....फिर उसके माथे पे एक छोटी सी बिंदी चिपकाई और बाकी श्रृंगार वाला समान उसके सुपुर्द करते हुए बोले की ले अब वो बाल बनाए और तैयार हो जाए अच्छे से.....आज मेरी बिन ब्याही दुल्हन विदा हो जायेगी ना.....तो उसका बेरोजगार दूल्हा इतना कुछ तो देने की क्षमता तो रखता ही है........

वो अब अपने आंसुओ को अब बहने से रोक नही पाई और वही टेबल के पास कुर्सी पे बैठ के अपने हाथो से अपना चेहरा छुपा कर रोने लगी......इस बार हम भी उसको नही रोके और तकरीबन दो मिनट बाद उसको धीरे से उठाया वो अभी भी सिसक रही थी और चेहरा नीचे किए हुए थी.......

हम हंसाने के मकसद से उसको सिसकता देख बोले की अरे लगता है तेरे इंजन में तेल खतम हो गया है इसलिए इतना हिचक रही है वो मुस्कुराते हुए एक मुक्का मेरे सीने में मारी और हमको देखने लगी.....हम आंसुओ से उसके गीले आंखो को चूम लिए और बोले की देख मेरे जीवन से एक दिन तूने कम कर दिया है.....वो अपना हाथ मेरे मुंह पे रखते हुए ना में गर्दन हिलाई और चुप रही अब उसका सिसकना भी कम हो रहा था.....हम बोले की अब चलो बहुत दुख दे दिए हम तुमको अब तैयार हो जा फटाफट.....स्टेशन निकलते है......और ये बोल के हम अपने बैग की तरफ जाने लगे तो वो मेरा हाथ पकड़ के रोनी सी आवाज में बोली की इतना प्यार और हसी दे कर बोलते है दुख दिए है.....आप कब हमको दुख दिए है भला.........हम बोले की दुख ही तो दिए है जो आज से ले कर पता नही कितने दिनों तक तुम्हे अपने अंदर ले कर चलना होगा मन में हर वक्त एक डर रहेगा की कही मैं तुमसे अलग ना हो जाऊ......और यही डर मेरे अंदर भी रहेगा.....ये दुख नही दिए तो क्या दिए हम तुमको.....बतलाना जरा वो बोली की नही ये दुख नही बल्कि ये तो एक इंतजार जैसे समय की शुरुवात है जो एक ना एक दिन खतम होनी ही है मेरा दिल कहता है ये..........हम उसके चेहरे को अपने हाथो मे ले कर बोले की आज की दुनिया में दिल से ज्यादा लोग दिमाग लगाते है जान और दिमाग वालो से दिल वाले हमेशा हारते आए है........

वो बोली की वो सब वक्त पे छोड़ती हु मै जो नियति में होगा वो हो कर ही रहेगा पर हम आपके हो चुके और अब कोई नही...........

हम उसके होठों को चूमते हुए बोले की अच्छा अब इन लबों पे लिपिस्टिक लगा ले ना मेरी जान कब से तरस रहा हु तेरी आंखों में काजल और और होठों पे लाली देखने को......जा अब और मैं भी तैयार हो जाऊ.....
फिर हम तैयार हो के नीचे रिसेप्शन पे गए और सब ड्यूज पैसा वैगारह दे के फ्री हुए और बोल दिया की अभी हमलोग निकल रहे है.......वापिस जब ऊपर रूम में आया तो पूजा एक अलग ही रौशनी सी बिखेर रही थी.....क्या खूबसूरत लग रही थी वो और वो भीनी भीनी खुशबू जो उसके बदन से आ रही थी ........उफ्फ बता नही सकते.......खैर हम उसको फिर से उसके होठों पे एक हल्की सी चुम्मी चिपकाए तो वो बोली की अरे क्या हुआ आप तो लाली खाने को उत्साहित थे अभी क्या हुआ.....हम बोले की अरे कितनी सुंदर दिख रही है तू पता भी है तुझे........और ये बोल कर उसके पिशानी पे चूम लिए और बोले की अब चलते है.....

एकाएक वो मेरे हाथो को जोर से दबा कर बोली पक्का....हम बोले हा मेरी जान चलना तो होगा ही पर अभी भी हमारे पास एक रात है अगली सुबह भी है पगली.....चलो अब चलते है शाम के 6 बज चुके थे और साढ़े सात बजे की गाड़ी थी......खैर हम भारी मन से होटल से बाहर आए और एक दूसरे का हाथ पकड़ के चलने लगे स्टेशन पहुंचने में हमे तकरीबन 25 मिनट लगने वाले थे...... हमदोनो सिर्फ चले जा रहे थे कोई कुछ नही बोल रहा था मेरा भी मन भारी भारी सा हो चला था.......कुछ दूर तय करने के बाद मुझे एक स्टूडियो दिखा जिसमे फोटो खींची जाती है मैं पूजा को बोला की वहा चल.....वो कुछ समझ पाती इससे पहले ही हमदोनो उस दुकान में थे.....वहा मैने उस दुकानवाले से पूछा की फोटो खिंचवाना है पर चाहिए तुरंत वो बोला की हा हो जायेगा.....पूजा और मैने अपना अपना बैग वही रखा और अन्दर स्टूडियो में गए जहा पूजा को मैंने अपने आगे खड़ा कर के उसको अपनी आलिंगन में ले कर एक फोटो क्लिक करवा ली और बाहर आ गए......कुछ पांच मिनट में ही हमारी फोटो हमारे हाथो में थी दुकानदार ने 50 रुपए ही लिए और बोला हैप्पी मैरिड लाइफ तो बोथ ऑफ यू.....थैंक्यू.....

हमदोनो एक पल के लिए बड़े खुश हुए और वो फोटो मैने अपने बैग में किताब में रखी और फिर स्टेशन की तरफ चल दिए......खैर अच्छा हुआ की गाड़ी दस मिनट लेट थी वरना लौड़े लगने के पूरे पूरे चांसेज थे.....स्टेशन पे गाड़ी आई और हम अपने फर्स्ट ऐसी में चढ़े....फिर टिकट में एलोटेड सीट नंबर से पता चला की हमे कूप नही केबिन मिला है.....तो साला हमदोनो थोड़े मायूस से हो गए.....मैं पूजा को बोला की तू अभी यही बैठ मैं अभी आया कुछ खाने को ले कर रात के लिए.....वही स्टेशन पर ही गरम गरम बिरयानी पैक करवाई एक स्ट्रॉबेरी आइसक्रीम और गुलाब जामुन लिया फिर मैंने टीटी को ढूंढा और उससे अपनी समस्या बताई वो बोला की कूप खाली है आप अपनी टिकट ले के कूप में बैठिए हम आ कर अलॉट कर देंगे......सच में इतनी खुशी हुई ना की क्या बताऊं....

की साला तभी गाड़ी में सिटी बजा दी....हम बोले ले बेहेंचोद दौड़ना पड़ेगा इधर पूजा घबरा गई बुरे तरीके से की मैं कही स्टेशन के बाहर ना चला गया होऊ......और वो पहली बोगी के गेट पे आ कर देखने लगी मुझे लगता है मैं अगर उसको नही दिखता तो वो ट्रेन से उतर ही जाती......फिर मैने उसको आवाज दी पूजा आ रहे है हम.....वो मेरे को देखी फिर उसके जान में जान आई......फाइनली हमदोनो गाड़ी में थे और केबिन में जाने के बाद वहा और भी लोग थे जो कूप के लिए लगे थे मुझसे पूछे की टीटी आपको दिखा क्या.....हम बोले जी नही.....और फिर पूजा को बोला की चलो अपना कूप अलॉट हो गया है.....उस बंदे का मुंह देखने लायक था.......

और ये सुन कर पूजा भी खुश हो गई....और हम जैसे ही कूप में पहुंचे उसने मुझे अपने गले से लगा लिया......वो बोली की कैसे किया तो मैंने बोला की टीटी से मिल के करवाया........वो बोली वाह मेरे होशियार जानेमन.....इसीलिए तो हम कहते है आई लव यू......अब ट्रेन निकल पड़ी थी और हम दोनो अपने कूप में बैठे थे............
 
कूप में बैठने के बाद पूजा ने मेरा और अपना बैग संभाल कर रख दिया और बेडरोल जो वहा रखा था उसको डबल डबल कर के एक मस्त गद्दे जैसा बना दिया सीट पर हालांकि सीट पहले से ही आरामदायक थी पर अब और मस्त हो गई थी.....फिर वो बोली की खाना अभी ही निकाल दे या थोड़ी देर बाद हम बोले की अभी रहने देते है टीटी के आ कर जाने के बाद खायेंगे फिलहाल तू उसमे से अपनी इस क्रीम निकाल कर खा ले वरना पिघल जायेगी......वो बोली की आप मेरे लिए इस क्रीम लाए फिर हम बोले गुलाब जामुन भी है पगली फिर उसको बोला की परदे लगा दे और चिटकनी भी इधर मैंने कंबल खोल लिया था और फिर पूजा को बोला चल अभी मेरे पास आ बहुत देर से तेरे होंठो को चखा ही नही मैने.....वो भी मुस्कुराती हुई मेरे पास आ गई और फिर हम दोनो कंबल में घुसे और तुरंत ही मैंने उसके होठों को चूसने लगा......कसम से लिपिस्टिक लगाने के बाद होठों के रसपान का अलग ही मजा है बेहेंचोद उसपे ऊपर से स्ट्रॉबेरी का बोनस आए हाए.......उसकी पूरी होठों की लिपिस्टिक खा गया मैं......वो बोली की बाप रे क्या हो गया था आपको......हम बोले कुछ नही मेरी जान अभी कुछ ज्यादा मीठी लग रही थी तुम.....ये कह कर मैने उसकी एक चूची को सूट के ऊपर से ही मसल दिया वो कसमसा कर बोली......आह जान उतार दू सूट क्या.......हम बोले नही पगली अभी नही.........वो बोली क्यों हम बोले अभी हम कहा है जान तो वो बोली ट्रेन में....तो हम बोले फिर.....तो वो बोली आपको इनके रस पीने है ना तो फिर ऐसे कैसे पिलाऊ आपनी जान को.....हम बोले उसके लिए पूरी रात है पूरी रात क्या पूरा जिंदगी है......और सुन तू मेरी है और तेरी इज्जत सम्मान की जिम्मेदारी मेरी इसलिए निश्चिंत हो कर रह मेरे साथ.....तुझपे कभी कोई आंच नही आने देंगे गधी और हा जब मुझको प्यास ना भी लगी होगी और माहोल वैसा रहेगा ना तो तू सिर्फ और सिर्फ मेरे दिए हुए गहनों में रहा करेगी कपड़ो में नही समझी......बिकॉज आई लव यू एंड यू आर ऑल माइन........वो मुस्कुराई और बोली यस आई नो डैट्स वाई आई लव यू टू........

फिर वो बोली की कल कितने बजे आप आओगे हम बोले अरे कल क्यू मिलेंगे कल नही कम से कम एक दिन की तो छुट्टी बनती है ना......ये सुनते ही वो एक जोरदार चिकोटी काट ली मेरे बाह पर और बोली गंदे गंदे गंदे.....हम इतने बुरे है की अब आपको हमसे छुट्टी चाहिए.....हम हस्ते हुए उसको फिर से आलिंगन में लेते हुए बोले अरे अरे अरे मेरी जान तो रूठ गई मुझसे.....आयेंगे ना कल शाम में इसी वक्त के आस पास आऊंगा और एक बात जब हम आयेंगे तो फोन फान नही करेंगे डायरेक्ट आयेंगे और अगर आपकी किस्मत सही रही तो मेरे से मिल पाओगे वरना हम चले जायेंगे......वो बोली मतलब......हम बोले मतलब ये कि हम शाम में अकाउंट्स वाले कोचिंग से निकल कर आपके अब्बू के दुकान पे आयेंगे विथ सुगंधा और आपका काम ये रहेगा की आप अपने पापा के पास सुबह में ही ट्रेन से जाने के बाद जाएंगी और ये जताएंगी की हमदोनो को बैंक में जॉब लेना है तो हर शाम कुछ देर साथ में पढ़ाई करनी होगी......क्युकी हमदोनो को जो जानकारी है वो हमदोनो के लिए कारगर साबित होगी जब हमदोनो रेगुलर रिवीजन में रहेंगे तब.........और ये बात आप सुगंधा से और अपनी माता श्री से भी कर के उनको कम से कम कॉन्फिडेंस में ले लीजिएगा और रही बात आपके भाई की तो वो तो दुकान पे ही व्यस्त रहेगा और वहा से फ्री हुआ तो आपने दोस्तो में......घर तो उसके लिए धर्मशाला है.......वो बोली कुछ नहीं बस हक्की बक्की सी मुझे देखे जा रही थी.......हम उसको हिलाए और पूछे क्या हुआ सुनी की नही सुनी हम क्या बोले.......वो जोर से हस्ते हुए एकदम खुशी से मेरे गले लग गई और बोली की जान आपको पता है आपने कितना बड़ा बोझ मेरे मन से उतार दिए है हा.....हे भगवान हम तो सोच सोच के मरे जा रहे थे आपने तो एक चुटकी में सब प्रोब्लम को सॉल्व कर दिया......और तीन चार पप्पी मेरे चेहरे पे चिपका डाली......वो इतना ज्यादा खुश थी की उसका कोई हिसाब नही था.........वो बोली आपको पता है सुगंधा कोचिंग से आने के बाद शाम को 7 से 9 कढ़ाई बुनाई का कोर्स सीखने जाती है और हर तीसरे या चौथे दिन मम्मी भी उसके साथ जाती है जब तक सुगंधा क्लास में होती है मम्मी सब्जी और बाकी जरूरत का समान ले आती है फिर दोनो साथ में ही आती है इस दरमियान हम घर पे होते है और पापा भाई दुकान पे.......तो हम बोले वाह फिर तो हर तीसरे चौथे दिन आपकी छड़ी से पिटाई होगी वो भी इस स्पेशल छड़ी से......हम अपने लंड की तरफ इशारा कर के बोले......वो एकदम बलखा के बोली मुझे आपकी हर सजा मंजूर है.....शर्त ये है की उसमे आप कोई रहम नहीं करेंगे.....और ऐसा कह कर वो मेरे गले लग गई........की तभी टीटी बाबू डोर पे नॉक किए......हम टिकट अपने पैकेट से निकाल कर उनके मुखातिब हुए जबकि इधर पूजा खाना निकालने लगी.......टीटी ने टिकट पे बकायदा पेन से लिख दिया सीट ट्रांसफर्ड तो कूप फ्रॉम केबिन........और बाबू साहब हैप्पी जर्नी कह के निकल लिए.......शायद वो भी हमे नया नया जोड़ा ही समझ रहा था.....इतने में पूजा मेरे कंधो पे अपने दोनो हाथो से घेरा बनाती हुई बोली की क्या इरादा है खाना कैसे खायेंगे सुलतान.....उसका इशारा कपड़ो की तरफ था.....हम बोले ऐसे ही खायेंगे मेरी शहजादी अभी ये सब नही वो सब रात 11 बजे के बाद अभी तो 9 ही बजे है.........

फिर हमने खाना खाया और जो भी वेस्ट था पैकेट वगैरह वो पूजा डस्टबिन में फेक दी और मेरे साथ बेसिन से हाथ धो कर आ गई और फिर हमने कूप के परदे वगैरह लगा दिए अच्छे से और फिर हम अपने बैग से एक टीशर्ट और हाफ पैंट में आ गए.....हमको ऐसा करते देख पूजा हमसे पूछी हम क्या पहने......तब हम बोले रुको हम देते है और अपने बैग से एक वन पीस नाइटी देते हुए बोले की ये पहनो.....वो देख के पूजा एकदम शॉक में पूछी ये कब लिए आप......वो मैरून कलर की नाइटी थी जो केवल जांघो तक आती पूजा के और ऊपर से एक ब्रा जैसा था मतलब कुल मिला कर वो कपड़ो में ढकी होते हुए भी नंगी रहती.......वो बोली और कितने सरप्राइज़ मिलेंगे आज हमको.......हम बोले की जीवन भर मिलेंगे डू यू हैव एनी प्रोब्लम.....वो कंबल से बाहर आ कर बोली नही मेरी जान आप सरप्राइज़ दो या प्यार या मार या कुछ भी मुझे सब मंजूर है मेरी जान........और वो बोली की इसको आप पहनाइएगा.....हम बोले ऑफकोर्स पर पर पर एक सलीके से.....चलो पहले बर्थ पे चलो.....और हम कूप का लाइट बुझा दिए और कंबल के अंदर ही उसको पहले सलवार उतरवाए और समीज को भी कंधो से सरका कर धीरे धीरे टाइम ले कर उतरवाए और लास्ट में उसकी ब्रा और फिर उसके हाथो की चूड़ियां क्युकी उनके टूटने का डर था.........और ब्रा उतरते ही उसकी चूची को पहले मसले हम.....वो बोली आह जान ऐसे ही रहती हु ना मैं.........हम बोले की नही जान मेरा ऐसे नही लो ये पहनो अब.....फिर वो मुंह बना कर उसको अपने पैरो के साइड से डाल ली और फिर हम भी अपनी जान को अपने पैरो के बीच अपने सीने तक लिटा कर खिड़की का सपोर्ट ले कर बैठ गए और ऊपर गले तक कंबल ले लिए......कंबल में घुसते ही एच अपना पैंट उतार दिए और पूजा की नाइटी को उसकी चुचियों के ऊपर गले तक खीच दिए जिससे वो नंगी हो चुकी थी पर सिर्फ मेरे साथ कंबल में.......वो बोली की वेरी स्मार्ट......और हम उसके चूतड़ों पर पहले दो तीन थप्पड़ लगाए और वो आह आह करती रही....फिर अगले ही पल वो कंबल में घुस कर मेरे लौड़े को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी.....हम अब आउट ऑफ कंट्रोल होने लगे थे पर फिर भी ध्यान रखना था हर चीज का......फिर जब मुझे लगा की अब और नही होगा तो पूजा को अपनी तरफ खींचे और उसको इस तरह से अपने ऊपर लिटाए की उसकी मुनिया सीधे मेरे खड़े लौड़े पे आ गई और अगले ही पल मेरा लौड़ा उसकी चूत में घुस गया था और फिर कूप में तकरीबन 15 मिनट में ही हम दोनो अपने अपने चरम पे पहुंच गए और मैने पूजा को सीधा नीचे धकेला और मेरे लंड को वो अपने हाथो में ले कर उसको ऊपर नीचे करने लगी और फिर मेरा वीर्य निकलने तक उसको चाट चाट के साफ कर दिया......इस थकाने वाली चुदायी से हम दोनो थक से गए क्युकी इसमें काफी उठा पटक हो गई थी और खुल कर करने में संकोच भी था इसलिए हम फैसला किया की अब ये आज के आखिरी मिलन था हमारा अब फिर पटना में करेंगे.......पूजा ने भी हामी भरी और बोली की कल से रोज मैं पूरी कोशिश करूंगी की आपकी छड़ी से पिटाई हो जाए मेरी......अभी वो पीठ के बल मेरे ऊपर लेटी थी और नाइटी उसके गर्दन से बाहर हो कर सीट पे पड़ी थी.....मैने ये पिटाई वाली बात सुन कर उसकी चूत पर एक चमाट लगाई तो वो कराहती हुई अपने टांगो को खोल दी जिससे उसकी चूत खुल गई और अभी चूदी चुदायी चूत पे फिर से एक चमाट......क्या तड़पी थी वो.....आह मेरी जान......धीरे धीरे.....आह ओफ्फो......हम बोले ये वाली पिटाई चाहिए की अभी कुछ देर पहले वाली......और अभी मेरे हाथ उसके निप्पल और चुचियों के मर्दन में लगे थे......वो बोली जिस पिटाई से आपको मन भरे वो वाली पिटाई मुझे मंजूर वैसे मुझे दोनो पिटाई पसंद है.......ये सुनते ही उसके निप्पल को उमेठ दिया एक बार फिर से वो अपने पूरे बदन को हवा में उठा कर कराहने लगी......और आंखे बंद किए बोलती रही आह जान धीरे धीरे आह.....मार दिए आप तो आह आह.....फिर उसके उठे हुए चेहरे को हम चूमने लगे.....और बोले की सुनो मेरी बात याद है ना हमको बाल नही पसंद कही भी सिवाय आपके सर के.....और अपने सर के बाल भी बढ़ाइए आप..... कम से कम कमर तक लाइए.......और आज के बाद घर में रहो या बाहर कही मेरे साथ या बिना मेरे साथ.....काजल चूड़ी और बिंदी ये तीनो चीजे मेरे को आपके बदन पे चाहिए ही चाहिए......क्या समझी वो बोली की बाल तो आप ही निकालिएगा एक बार और कम से कम फिर हम सिख कर उसको साफ कर लिया करेंगे और मेरी जान अब तो आप रोज देखिएगा ना हमको तो फिर हम कोई कमी थोड़े रहने देंगे..........हम बोले हा वो तो है.....पर अगर हम ना आ पाए किसी दिन किसी कारण से तो उस दिन भी.....वो बोली फिर उस दिन तो हम आपके पास आ जायेंगे.....ये बात सुन कर एक हाथ से हम उसका नाईटी उसको वापिस उसी तरह गर्दन के साइड से डाले और फिर उसके कानो को अपने मुंह में ले कर कभी उसके गर्दन पे तो कभी उसके चेहरे को घुमा कर चूमते रहे और बदले में वो मेरा हाथ अपने चुचियों पर तो कभी अपनी चूत पर ले जाती रही और फिर हम दोनो की आंख लग गई.......

सुबह तकरीबन 5 साढ़े 5 के करीब मेरी आंख खुली वो इसलिए क्युकी पूजा मेरे ऊपर ही सो रही थी और मेरा एक पैर मुड़ा हुआ था वो उसमे झुनझुनी सी आ गई जोर की फिर मैने पूजा को देखा वो लगभग नंगी ही सो रही थी पर अच्छी बात ये थी की वो कंबल में ढकी हुई थी.....और अभी भी हल्का अंधेरा था बाहर इसलिए हम पूजा को उठाए तो वो जागते ही पहले मेरे होठों को चूम के गुड मॉर्निंग जान बोली.....हम भी गुड मॉर्निंग मेरी डार्लिंग.....और उसके चूतड़ों को दबा कर बोले चलो अब चेंज कर लो फिर बैठते है फ्रेश हो कर.......वो बोली अभी क्यू पहले देखिए तो गाड़ी क्या पता लेट हो......हम बोले की वो सब जाने दो बाद में देख लेंगे पहले आप मेरा जान मेरा प्राण सही से कपड़े पहन लो......आओ चलो उठो.....वो बोली पक्का पहन लूं हम उसके चेहरे को चूमते हुए बोले हा मेरा जान शाम को फिर तो आऊंगा ना और भगवान करे आज ही माता श्री सब्जी लाने चली जाए......वो बोली जरूर अगर नही भी हुआ तो हम कुछ जुगाड लगा लेंगे.....और फिर एक चुम्मी का सेशन चला अपने बीच और फिर पूजा ने अपने घर वाले पुराने कपड़े पहन लिए एक कुर्ती नुमा टॉप मेरी लाई हुई ब्रा और एक लूज पायजामी टाइप की जींस.....वो भी बिना पैंटी के......

और फिर हम बारी बारी से फ्रेश हो कर अपने बर्थ पर आ गए और उसी तरह कंबल में घुसे पड़े रहे की कही अगर चाय वाला आए तो पी कर पटना उतरा जायेगा......गाड़ी अपनी रफ्तार से चल रही थी लग रहा था की समय से उतर जायेंगे हमलोग पटना और पूजा मना रही थी की काश गाड़ी चार पांच घण्टे लेट हो जाए......पर इस बार भगवान ने उसकी नही सुनी या ये कह लीजिए इंडियन रेलवे टाइमली रन कर रही थी........गाड़ी पटना जंक्शन घुस रही थी और पूजा का चेहरा देखने लायक था.....वो तो ऐसे कर रही थी आज तो हम दोनो जुदा हो जायेंगे और दुबारा मिलेंगे ही नही........

ट्रेन से उतरने से पहले वो बोली आप शाम में आ जाना प्लीज भूलिएगा नही......और लगभग 20 मिनट तक मेरे गले से सीने से लगी कंबल में ही सिमटी रही फिर हम बोले की उतर जाते है जान नही तो हम लोग पटना से आगे निकल जायेंगे......वो बोली गंदे कहिके....और फिर एक जोरदार किस मेरे होठों पे करने लगी और पूरे मन से किस करने के बाद हम एक दूसरे का हाथ पकड़े गाड़ी से उतर गए.....और फिर बाहर आ कर ऑटो ले कर पहले उसको उसके घर के पास छोड़ा और जब वो हाथ छुड़ा कर जाने लगी तो रोने लगी और उसको देख के मेरा भी दिल भर आया.....हम उसको वापिस से हाथ पकड़ के रोक लिए और बोले की रोना बंद कर पहले वरना शाम को नही आऊंगा......वो बोली हमको डांट रहे है बोल रहे है मत रो और खुद अंदर ही अंदर रो रहे है......हम थप्पड़ का इशारा कर के दूसरी तरफ देखने लगे और वो हाथ छुड़ा कर भागते हुए चली गई जबकि हम उसको जाते हुए देखते रहे......गधी को ना ही चाय पिला पाए ना ही आंसू पोंछ पाए ना रोने से मना कर पाए.............

और मन मसोस्ते हुए वापिस चल दिए पैदल ही की कही घर पहुंच के वो कॉल करे.......और हुआ भी ऐसा ही पूजा ने तुरंत कॉल किया और बोली आई लव यू मेरे जान बहुत अजीब लग रहा है आपके बिना......जल्दी आइएगा शाम को प्लीज आई विल बी वेटिंग...... हम बोले रोना बंद कर पहले और सुनो अभी आराम से फ्रेश हो ले मेरे दिए हुए साजो समान को पहले अपने निगरानी में सही जगह पे रख लो और फिर आराम से कॉल करना मेरे कारण प्रोब्लम में मत आ जाना पगली जा अब.....और सुन आई लव यू मेरा जान आई लव यू सो मच.....उम्म्माह.....फोन पे ही चुम्मा दे दिया.....उधर से उसने भी जवानी कार्यवाही की और फोन कट गया.........हम दोनो अपने अपने घर आ चुके थे......और आते के साथ मेरा ध्यान माधुरी पे गया की अब क्या करू कैसे उसका सामना करू ये तो अब नियति ही तय करेगी..........
 
आज सबसे पहले मुझे माधुरी से मिलना था क्युकी रांची जाने से पहले हम उससे मिल भी नही पाए थे सिर्फ फोन पर बता कर चले गए दे और साला रांची जाने के बाद जो हुआ वो तो गजब ही था.......खैर हम घर से दुकान गए और पापा से कुछ पैसे लिए फिर वहा से हम माधुरी के स्कूल जाने के लिए निकले क्युकी लंच टाइम में हम उससे मिल सकते थे......जब हम स्कूल पहुंच कर माधुरी का वेट कर रहे थे की तभी मेरा एक पुराना दोस्त जिसका घर स्कूल के पास ही था वो मिला......
वो बोला कहा था भाई कब से नही मिला हम फिर उससे बोले हा यार थोड़ा पढ़ाई और बाकी सब कामों में उलझे हुए थे और अभी कुछ काम से बाहर गया था तो वापिस आने के बाद सोचा की आज मैडम से मिल आऊ.....तो वो बोला भक्क् साला मजाक मत कर बोल अभी तू किसके साथ है और साले माधुरी को तूने छोड़ दिया और बताया भी नही कब हुआ ये दुखद घटना......हम बोले की चुतिया हो गया क्या.....अभी ऐसा कुछ भी नही हुआ है भाई......वो बोला नहीं बे झूट मत बोल माधुरी पिछले कई महीनों से अपने क्लास के एक लौंडे के साथ घूम रही है हम बोले लौड़े ज्यादा नही उड़ रहा तू वो बोला की तू स्कूल में पता कर ले ना भोसडी के......हम बोले की कैसे मान ले की तू सही बोल रहा है.....वो बोला अबे जा ना तेरा काट गई है वो समझा.....पिछले साल की फेयरवेल पार्टी में ही दोनो के चर्चे थे पता नही साथ में कोई एक्ट परफॉर्म किया था......हम बोले भोसडी के वो एक्ट नही डांस था जो उसने अपनी एक सहेली के साथ किया था नाकी किसी लौंडे के साथ.......वो बोला भाई हम मजाक नही कर रहे बाद बाकी मान या ना मान तेरी मर्जी.......

हम बोले चल अगर ऐसा कुछ है भी तो हम माधुरी से ही पूछ लेंगे तू मुझे उस लड़के का नाम बता....वो बोला की तू शाम में मिल मैं बताता हु उससे......फिर वो चला गया.....और ये बात जानते हुए कि कुछ गडबड है फिर भी हम माधुरी से मिले और मिल कर उसको सब कुछ समझाए की क्या दिक्कत थी जिस कारण हम उससे बात कर नही पाए.........लड़ाई तो होनी ही थी सो हुई भी पर अभी हमारा दिमाग उस लौंडे पे था पता नही सच था भी या नहीं पर जानकारी तो लेनी ही थी........
माधुरी से मिलने के बाद हम घर आए और मां को बोला की आज से थोड़ा लेट आयेंगे घर क्युकी बैंकिंग के लिए हम उधर ही एक जगह जायेंगे तो इसलिए परेशान ना होना........और अपने घर से हम कोचिंग के लिए निकल पड़े.....वहा सुगंधा भी आई और फिर मास्टर जी ने बैंक वाले एग्जाम के बारे में पूछा की कैसा रहा हम फिर बताए सब कुछ और फिर पढ़ने के बाद जब छुट्टी हुई तो सुगंधा मुझसे बोले की आज तू मेरे घर चलेगा ना हम बोले की हा वो पूजा दी ने बोला होगा तुझे......तो वो बोली की हा बतलाई थी और फिर उसके साथ चलते चलते हम बढ़ने लगे फिर रास्ते में उसने पूछा की पूजा दी परेशान तो नही की ना वहा हम बोले वो क्या परेशान करेंगी वो तो टिकट न मिलने को ले कर ही परेशान हो गई थी.......पर फाइनली जुगाड हो गया और हम घर आ पाए......वो बोली की कही घूमे नही तुमलोग हम बोले की एग्जाम देने गए थे छुट्टी मनाने नही......
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वो बोली ये भी सही है.....अच्छा अभी तो हम ऑलरेडी बहुत से कोर्सेस में बिजी है अगले साल देखती हु फिर मैं भी घुसूंगी बैंकिंग लाइन में......हम बोले की सोचना भी मत तू और बैंकिंग......बैंकिंग का बेड़ा गर्क हो जायेगा.....वो बोली की मारबू दू मुक्का समझले.....तू तो लग रहा है जैसे बड़का विद्वान है एकदम......हम मन ही मन बोले की साली दोनो बहिन को मुक्का ही मारने आता है..... और हम हस दिए वो बोली दांत क्या चिहाड़ रहा है......हम बोले की तू नही समझेगी रे चल चल.....तभी हम दोनो उसके घर के पास उसके पापा के दुकान पे पहुंचे जहा उसका बाप और भाई दोनो अपनी अपनी गांड़ घिसने में लगे हुए थे......किराने की दुकान थी अच्छी खासी सेलिंग थी रोज की......पापा को देख के मैने उनको प्रणाम किया और उसका भाई मुझसे बोले घूम आए रांची और मेरी पगलिया बहिन तो दिन भर कही गई नही होगी खाली पढ़ी होगी या तो सुत्तल होगी .......हम बोले की हा भाई परीक्षा के टेंशन से अभी रूबरू नही न हुए हो मालूम चलेगा बाद में......उसके पापा बोले की ई साला बिजनेस माइंडेड है इसको नौकरी नहीं करना है......हम बोले ये भी बढ़िया है......इतने देर में सुगंधा अपने दुकान से घर जा चुकी थी......फिर अंकल को बोले की जा रहे है घर अंकल आज से पूजा दी और हम साथ में पढ़ेंगे थोड़ा.....वो बोले हा बेटा जा कुछ खायेगा तो बोल हम भिजवाते है इससे......हम बोले नही अंकल कभी और किसी दिन......और बोल के चल दिए घर के पास पहुंचे तो देखे की पूजा अपने घर से बाहर निकल कर खड़ी है और वो पूरी तैयार थी आंखो में काजल बाल बने हुए हाथ में एक दो चूड़ियां और लाइट लिपिस्टिक था उसके होंठो पर और वो मेरा ही वेट कर रही था क्युकी सुगंधा घर आ चुकी थी........मेरे पास आने के बाद वो मेरा हाथ पकड़ कर घर में आई और मेन गेट खुला था......हम बोले की पगली सुगंधा देखी तो.....वो बोली की कुछ नही होगा आप ना बस चलो पता भी है कैसे काटे है ये कुछ घंटे मैने तभी हम उसके चूची को दबा दिए वो आह कर के बोली बस कुछ देर और बाबा फिर आप आराम से पीना इनको....तभी हम उसके चूतड़ों को दबा दिए.....उफ्फ नही मानिएगा......आप हम बोले नही......फिर दोनो कोई ऐसे ही अंदर आ गए एकदम शरीफ बन के और वो हमको सोफे पे बिठा कर पानी लाने गई......जब वो मुड़ी तो मैने एक हल्की सी चपत उसके चूतड़ों पर लगा दी.....वो मुड़ के देखी और चुम्मे का इशारा करते हुए चली गई.....और सामने से उसकी मां आ रही थी.......

अब पूजा के घर के बारे में बताता हु थोड़ा घर घुसने के लिए एक गलियारा जैसा है उसके बाद मेन डोर उसके बाद पहला कमरा जिसमे बैठने की व्यवस्था थी सोफे लगे थे पुराने से.....फिर वहा से जुड़ता हुआ एक कमरा जिसमे एक बेड था उसपर पूजा और सुगंधा सोती थी उसके सामने एक फोल्डिंग बेड रखा था जिसपे राहुल सोता है और उसी कमरे से लगा हुआ एक और कमरा जिसमे उसके पापा मम्मी सोते थे आज उनके कमरे के आगे किचन और किचन के अपोजिट में बाथरूम था और बाथरूम के बगल में ठीक वैसा ही लंबा गलियारा जैसा जहा पे एक नल था जो अक्सर बर्तन या कपड़े धोने टाइम यूज होता था.....पुराने डिजाइन का घर था काफी.....खैर आंटी आई और हम उनको भी प्रणाम किए फिर वो रांची के सफर और परीक्षा के बारे में पूछी और फिर मेरे से मेरे घर और बाकी चीजों की जानकारी लेने लगी....

तभी पूजा और सुगंधा दोनो साथ में आई सुगंधा अपने दूसरे क्लास जाने के लिए रेडी थी और उसके हाथ में एक एक्स्ट्रा झोला था हम समझ गए की इसकी मम्मी इसके साथ ही जायेगी.....जबकि पूजा हमको पानी का ग्लास पकड़ाते हुए वही बैठ गई.....फिर वो अपनी मम्मी से बोली कुछ और चीजों के बारे में जो उनको ले कर आना था और पल भर में दोनो मां बेटी घर से जा चुके थे और अब हम और पूजा ही बचे थे पूजा तसल्ली करने के लिए उनको गलियारे तक छोड़ कर वापिस आई और आते ही मेन दरवाजा बंद की जब तक हम उसको पीछे से अपने आलिंगन में ले के जोर से घूम गए और वो भी बहुत ज्यादा खुश थी.......फिर उसको उसके कमरे में ले कर आ गए और बेड पे बिठाए और खुद भी बैठे......वो खड़ी हुई और मेरे जोर से गले लग गई........और बोली आई मिस्ड यू सो मच हम बोले मि टू.....फिर हम बोले सुंदर लग रही है मेरी जान......वो शर्मा के खड़ी रही.....और हम उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसके चूची को पकड़ के बोले अब इनका रस पिला भी दो और कितना वेट करवाओगी......रांची में होते तो अभी तक पता नही कितने बार इनका रस पी चुके होते......वो बिना एक पल गवाए अपना कुर्ता उतार दी और हम उसके ब्रा को बिना उतारे उसकी चुचियों को बाहर निकाल दिए वो बोली कुछ नहीं बस अपना हाथ पीछे ले जा कर ब्रा को भी उतार दी......और बोली अब आराम से पीजिए....और फिर उसको खड़े करके ही उसकी चूचियों का रस पीने लगे और बेदर्दी जैसे मसलने लगे....वो खड़ी हो कर कराहती रही.....फिर हम एक हाथ से उसकी पयजामी को नीचे खींचे और नीचे से वो नंगी थी बिना पैंटी के......और फिर पूजा ने पायजामि को अपने पैरो से अलग कर दिया और वो पूरी नंगी खड़ी थी मेरी बाहों में.......फिर उसको बेड पे लिटा दीए और खुद के लौड़े को बाहर निकाल कर उसके हाथो पकड़ा दिए वो वापिस से उठी और उकड़ू बैठ कर मेरे लौड़े को मुंह में ले लिया......आह कसम से क्या फीलिंग होती है वो.....और हम पूजा की गांड़ के छेद को कुरेदने लगे और उसमे अपनी उंगली डालने लगे......वो कसमसाती हुई मेरा लौड़ा चूसे जा रही थी.....फिर हम उसको सीधा किए और उसकी चूत पे हमला बोले.....वो फिर से अपने बदन को हवा में उठाने लगी और उत्तेजना में मेरे सिर के बालो को नोचने लगी....कुछ देर चूसम चुसाई के बाद मेरा लौड़ा फिर उसकी चूत में समा गया था और फिर हमदोनो अपने प्यार के समागम में तकरीबन 45 मिनट तक मिलन करते रहे......फिर थक के चूर हो कर बैठे रहे बिस्तर पे वो नंगी थी जबकि हम टीशर्ट में और अपने जींस में थे जो की आधा खुला हुआ था.......पूजा को चुदने से ज्यादा मेरे साथ होने से खुशी थी......पढ़ना तो दूर की बात है सुगंधा और मम्मी को गए हुए लगभग 1 घंटा से ज्यादा वक्त हो चला था और वो अभी भी नंगी मेरे साथ लेटी हुई बाते कर रही थी की ट्रेन से आने के बाद वो क्या क्या की कैसे सब से बात की वैगरह वगैरह........तब हम बोले की अब चलो कपड़े सही कर लेते है कोई कभी भी आ जायेगा.......पर उससे पहले एक कप चाय पिला दो जानेमन......वो नंगी ही उठी और किचन में चली गई.......हम उसको सामने से देख रहे थे काम करते हुए और उसके चूतड़ों को देख कर हम खुद को रोक नहीं पाए और घुस गए किचन में और उसके साथ अठखेलियां करते हुए अपने चाय में कप को वही खाली किया और फिर वापिस कमरे में आ कर वो अपने कपड़े पहनी पर ब्रा मैने माना किया की मेरे जाने के बाद पहन लेना.....अभी रहने दो......वो बोली की अच्छा धीरे धीरे आप मेरे को नंगी रहने बोलने लगिएगा.......हम बोले की इस बात में कोई शक नही जान.....जब आप मेरे हो जाओगे तो फिर तो नंगी रहना ही होगा....और वो मेरे गोद में आ कर बैठ गई और बोली की आपकी हर हुकुम मेरे सर आंखों पर मेरे आका.....
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हमदोनो हस दिए....इस वक्त पूजा की पायजामा उसके घुटने तक थी और कुर्ता में से दोनो चूचियां बाहर थी......चेहरा मेरे तरफ कर में एक बच्चे के तरह मेरी गोद में लेट सी गई थी.......तभी गलियारे में सुगंधा और मम्मी की आवाज हुई और हम एक दूसरे से अलग हो गए और दरवाजे पे नॉक होने से पहले एक मस्त चुम्बन में लीन थे हम लोग.....
 
सुगंधा और उसकी मम्मी के घर में आने के बाद हम वही बैठे रहे जबकि पूजा अंदर गई उनके द्वारा लाए गए सामान को रखने.....

मेरे बगल में सुगंधा आ कर बैठी और बोली क्या क्या किए यार हमको भी बताओ......हम मन में बोले किए क्या तेरी बहन को अच्छे से बजाया साली साहिबा.......थोड़ी और देर से आते तो एक और बार बजा देता......पर उसे बोले कुछ नही अभी तो बहुत टाइम लगेगा समझने में सब कुछ......फिर हम बोले चल अब चलते है कल मिलेंगे.....वो बोली अरे बैठ ना समोसे लाए है खा कर जाना हम बोले नही फिर कभी .....और जाने लगे तब पूजा आई और बोली की खा के जाना ना रुको......तब तक आंटी भी आ कर बोली की हा बेटा खा ले फिर चले जाना ना......तो हम रुक गए और फिर सब ने समोसे खाए और फिर पूजा मेरा प्लेट देख के किचन में चली गई और हम सुगंधा से पूछे की हाथ कहा धोते है वो गधी अभी तक अपनी मां से गप्पे लगाते आराम से खा ही रही थी वो बोली वहा आगे जिधर पूजा दी गई है.....हम गए किचन में और फटाक से पूजा को बाहों में ले कर किस कर के उसकी चूचियों को दबाते हुए बोले.....सुन अगर मेरा मन हुआ तो रात में आऊंगा तू मोबाइल पे ध्यान रखना और हा मेरे जाने के बाद उदास नही हो जाना समझी वो हमको चूमते हुए बोली ठीक है मेरी जान पर मिलेंगे कैसे वो तू मुझपे छोड़ दे ना जान मेरी अभी से खुश रहना उदास नही समझी और जा के ब्रा पहन ले किसी और को दबाने का मत देना ये मेरे है...वो बोली आपके ही है और आपके ही रहेंगे समझे माय लव उम्म्माह........और फिर उसकी चुचियों को छोड़ कर उसके पायजामा में हाथ घुसा कर चूतड और चूत दोनो को सहलाए और वापिस सुगंधा और आंटी के पास आ कर विदा ले के निकल लिए.......और तेज तेज कदमों से चलते हुए पहुंचे अपने उस स्कूल फ्रेंड के पास.....और बोले बता बेटा कौन है वो लौंडा.....वो बोला की अरे नही यार जुगाड नही हो पाया कुछ वरना जरूर दिखलाता तुझे......हम बोले भोसडी के अगली बार से झूट मत बोलियो वो बोला भाग बेटीचोद साला प्यार में अंधा हुआ पड़ा है.....हम बोले हा है और इस बात का गुमान है जा पहले भोसडी किसी एक को पटा कर दिखा......और वहा से निकल लिए.....रात में 8 बज रहे थे पर अभी तक माधुरी ने कोई कॉल कोई मैसेज नही किया था और हम इधर से कुछ कर नही सकते थे उसका खुद का मोबाइल था नही वो अपने पापा या कभी अपनी मां के मोबाइल से बात या मैसेज करती थी.....खैर घर पहुंचे तो पूजा ने मेरे मोबाइल पर 14 मैसेज कर रखे थे और सब में एक ही बात आई मिस यू आई लव यू......हम बोले बेहेंचोद पगला गई है......अभी हम माधुरी और पूजा के बीच में सैंडविच बन कर रह गए थे......एक थी की मेरे प्यार के लिए पागल हो रखी थी और एक थी की साली झगड़ के गई तो बात तक नहीं की.......देखते है अभी नियति क्या क्या सोच कर रखी है सुमित के बारे में.......
 
घर में आज मन नही लग रहा था......ध्यान पूजा और माधुरी पे ही था......हम अपने कमरे में लेट कर पूजा के साथ बिताए हुए पलों को याद कर रहे थे.....साला जिंदगी इन चार दिनों में कहा से कहा आ गई थी........सोचते सोचते अचानक से मन हुआ की पूजा से मिला जाए पर सवाल था कैसे.....क्युकी माधुरी तो कुछ कर नही रही थी.....अब अपना बावला मन माने भी तो कैसे वैसे भी माधुरी के मुकाबले पूजा का पलड़ा कुछ ही समय में काफी भारी हो गया था......अभी हम कुछ सोच ही रहे थे की कैसे कैसे करू की तभी मेरे उसी दोस्त का कॉल आया जिसने उस लड़के के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था.....मैने फोन उठाया और वो बोला अबे लौड़े जल्दी से स्कूल के पीछे वाली गली में आ जा तेरी माल खड़ी है अपने लौंडे के साथ.....हम तुरंत वहा पहुंचे.....और अपने दोस्त के पास ना जा कर सीधा उसी गली में गए ताकि वो क्या कह रहा है सच या झूठ खुद से देख लू......गली में अंधेरा था और मुझे यकीन था की माधुरी नही हो सकती क्युकी उसका इस समय घर से निकलना नामुमकिन था.....पर फिर भी मैं गया......वहा एक कोने में हमको एक लड़का और लड़की खड़े दिखे और लड़की का हाथ लड़का पकड़ कर कुछ बात कर रहा था और लड़की हड़बड़ाई हुई थी जैसे जाने के लिए कह रही हो और लड़का मना कर रहा हो.....हम वही करीब में खड़े हो कर बस उस लड़की का पलटने का इंतजार करने लगे.....और कुछ ही देर में लड़के ने लड़की को अपने गले से लगा कर गाल पे किस किया और फिर लड़की उससे झटके से हाथ छुड़ा कर मुड़ के भागी.....और हम उस लड़की को देख के समझ गए की ये माधुरी ही है.....और मैने उसे वही रास्ते में रोक दिया......और बोला वाह अच्छा खासा गुस्सा मेरा किसी और पे निकाल रही हो......माधुरी हमको देख के जैसे एकदम जम सी गई थी.....उसको रुका देख में वो लड़का भी वहा आ गया और इससे पहले की वो हमको देख के कुछ बोलता माधुरी दौड़ती हुई चली गई......शायद वो कोई सामान लेने आई थी.....और फोन से इसे मिलने बुला लिया.......वो लड़का हमसे पूछा की तू कौन......हम उसको बोले तेरी माशूका का यार......और इतना बोल के उसको पूछा सुमित के बारे में पूछ लेना अपनी माशूका से समझा........और चल दिया वहा से.......

सही कहा गया है की आपका किया कराया इसी धरती पर इसी जन्म में आपको वापिस मिलेगा.....पर हमारी गलती का परिणाम इतनी जल्दी...... वाह प्रभु....फिर हम आधे रास्ते से मुड़े और वापिस उस लौंडे के पास गए और उससे पूछा की कब से हो साथ उसके वो बोला तुझसे मतलब.....हम बोले देख भाई ज्यादा अकड़ मत वरना एक कॉल करूंगा ना ******* सिंह को तो कल स्कूल में सारी हेकड़ी गांड़ के रास्ते बाहर निकाल दी जायेगी समझा.......इसी स्कूल से पासआउट हु अगाड़ी पिछाड़ी सब से वाकिफ हु...........

****** सिंह का नाम सुनते ही साले की अकल ठिकाने आ गई......वो बोला भईया पांच महीने से साथ हु पहले मैं दिल्ली में रहता था वहा से परिवार के साथ यहां आया हु तो इसी स्कूल में नाम लिखवाया और फिर कुछ महीने बाद मेरी माधुरी से दोस्ती हो गई और फिर रिलेशनशिप में आ गए हम......

इसके बाद कुछ पूछने का मतलब ही नहीं बनता था.......सो हम वहा से निकल गए और विडंबना ये देखिए की माधुरी ने अभी तक कोई कॉल नही किया नाही कोई मैसेज किया......ये सब क्यों हुआ क्या आखिर मुझे माधुरी पिछले पांच महीनों से धोखा दे रही थी और हम चुतीये बनते रहे......की तभी मेरा फोन बजा मेरे उसी दोस्त का था......हम फोन उठा कर बोले बाद में बात करता हु भाई.....वो आगे कुछ बोलता इससे पहले ही हम फोन काट दिए.....सच में अंदर से दिल दुखी था की आखिर क्यों पूजा के साथ मेरा संबंध तो आज बना है पर पिछले पांच महीने से हम धोखे में थे.......

पर क्यू एक बार तो बात करना बनता है की आखिर क्यों क्यू क्यू.........ये सब सोचते हुए हम घर आ गए.....सोचा था पूजा के पास जाऊंगा पर अभी मेरा मन खट्टा हो गया था कुछ समझ में ही नही आ रहा था......तभी मेरा फोन घनघनाया देखा तो अपनी पूजा थी........कॉल रिसीव किए तो उधर से बोली एक बार भी कॉल नही किए ना मैसेज क्या हुआ......हम बोले कुछ नही ऐसे ही थक गया था आज वो जैसे फटाक से पकड़ ली मेरे बोलने के लहजे को और बोली क्या हुआ क्यू परेशान है कुछ हुआ है क्या आपके साथ......हम मन ही मन सोचे की साला ये इसको कैसे भनक लग गया की हम परेशान है और कुछ हुआ है हम बोले नही बस थक गया हूं बाबा और कुछ नही.......वो बोली तो फिर आ जाइए मेरे पास सब थकान दूर कर देंगे......हम बोले अच्छा कहा आ जाए तुम्हारे रूम में हम्मम बताओ ना कहा आ जाए......वो बोली अरे गुस्सा क्यों कर रहे है पक्का आपके साथ कुछ हुआ है.....आप चिढ़े हुए लग रहे है......हम एक लंबा सास छोड़ते हुए बोले की नही गुस्सा नही है हम बोले तो थक गए है थोड़ा....... तो वो बोली ठीक है आप सोइए अगर मन करे तो कॉल कीजिएगा हम जागे रहेंगे......और इससे पहले कुछ बोलते उसके सिसकने की आवाज आई और फोन कट गया........

अब हम बोले ये क्या तमाशा है यार भक्क़ रोने लगी बेकार में......और फोन एक कोने फेक दिए और सिर पकड़ कर बैठ गए...........कुछ देर बाद हम उठे और दबे पाव अपने घर की छत से होते हुए बाहर निकले और फिर फटाक से पूजा के घर के पास पहुंच गए और उसको कॉल लगाए......एंड येस आई वास राइट वो गधी रो रही थी......सुबकने की आवाज साफ साफ हम सुन लिए थे और नाक बहने लगी थी जैसा अक्सर रोने के वक्त होता है......वो बोली बोलिए मन ठीक हुआ आपका.......हम बोले वही ठीक करने तो अपनी जान के पास आया हु.......वो ये सुन कर हड़बड़ा कर बोली की कहा है आप......हम बोले की बस घर से बाहर खड़े है साइड में......वो बोली आप भी ना एकदम पागल है.....हम सोचे आप मजाक में बोले रहे होंगे.......

हम बोले तो ठीक है लौट जाते है बाय और फिर फोन काट दिए......और वो बेचारी एकदम बेचैन हो कर जुगाड लगाने लगी एकदम धीरे धीरे अपने घर से बाहर आई और मेरे को ढूंढते हुए अपने गलियारे में निकली तभी हम अंधेरे में उसको पकड़ लिए इससे पहले वो चिल्लाती हम बोले तुम रोई क्यू.......वो पीछे मुड़ी और एक करारा मुक्का मेरे सीने पे मारी......बोली गंदे मेरा जान ले लिए थे अभी आप.......बाप रे मेरी धड़कन देखिए कितनी तेज हो रखी है......और हम उसके माथे पे आए पसीने को अपने टीशर्ट के कोने से पोंछे और बोले हो गया अब खुश हम आ गए......वो बोली कुछ नहीं सिर्फ मेरे गले लग गई.......और अपने आंख के आसू पोंछते हुए बोली हम पकड़ लिए थे आपकी आवाज से की आप परेशान है और आपको परेशान देख के हम खुद को रोक नही पाए.......

हम बोले की बताए तो की थक गया था कर तुम मानी ही नही......इसके बाद जो पूजा बोली वो मेरे लिए किसी झटके से कम नहीं था.....

हम जानते है की आपके जिंदगी में माधुरी नाम की लड़की पहले से थी और आपका उससे रिश्ता बहुत पुराना है.....फिर भी आप मेरे साथ रिश्ते में आए और मुझे कितनी खुशियां दी बल्कि जब मैने आपको खुश देखा तो मैं भी खुशी खुशी सब कुछ जानते हुए भी आपके साथ रही क्युकी मेरी जिंदगी में आप पहले वो इंसान थे जिसको एक झटके में मैं अपना सब कुछ दे बैठी आपके पास होने से आपके साथ होने से ही हम अपने आप को पूरा महसूस कर पा रहे थे........जान मेरे ट्रेन में मेरा वो चैन का फसाना और आगे जो कुछ हुआ वो सब हम जान बूझ कर तो किए नही बस एक भरोसा सा था आपके ऊपर जो आपने अपने आप को रोक कर रखा और ये साबित किया की जिस्म की मोहब्बत से बढ़ कर भी कोई मोहब्बत कर सकता है जो अंतरात्मा से होती है.....जब उस दिन आप मेरे बदन पे अपने होठों से पहली बार छुआ तो वो लम्हे को हम समझते है की आप कितने मजबूर हो कर वो कदम उठाए थे वरना आप जैसा लड़का आज के जमाने में मिलना बहुत मुश्किल है......पर मेरी ही बदकिस्मती है की मैं जाने अंजाने अपनी खोटी किस्मत के हाथो एक कटपुतली की तरह आप दोनो के बीच आ गई......और हो ना हो आप मुझे और माधुरी को ले कर ही परेशान थे इसलिए आपके मुझे ऐसे बेरुखी से जवाब दिया.......आई एम सॉरी जान उस सुबह जब मैं आपसे पहले उठ गई थी तो मैंने आपके फोन में माधुरी का मेसेज पढ़ा और मुझे आप बिछड़ते हुए दिखाई देने लगे क्युकी पटना आने के बाद मैं जानती थी की आप अपना प्यार बांट पाओगे या नही पर मेरा कुछ दिन के प्यार के आगे उसकी पुरानी मोहब्बत का मुकाबला कैसे कर पाती पर में कुछ नही कर पाई सिर्फ मैने उसको गुस्से में कहिए या बेअकली में उसको मैने ब्लॉक कर दिया था आपके फोन में.......आई एम सॉरी स्वीटहार्ट आई एम सॉरी.......और साला हम सोच रहे थे की माधुरी मुझसे गुस्सा हो कर बैठी है ओह बेहेंचोद तो ये मसला था.........

फिर वो बोली कि जान मेरे आज के बाद मैं कभी भी आपके प्यार में आड़े नही आऊंगी सोचिएगा की कोई पगली मिली थी यूंही रास्ते में जो हवा के झोके के साथ गुजर गई.......और ये कह कर वो रोती हुई अपने घर में भाग गई......मेरा तो ये सब सुन के दिमाग जैसे बंद पड़ गया था.......फिर अगले ही पल हम पूजा को आवाज दे दिए......वो वापिस तो नही आई पर हम उसके फोन पे मैसेज किए की जब तक तुम बाहर आ कर हमसे मिलेगी नही हम जायेंगे नही और ये मेरी जिद है......और तुमको हमारे प्यार की कसम है तुम्हे आना ही होगा.......क्युकी मुझे डर था की कही वो जज्बात में आ कर कुछ उल्टा पुल्टा कदम ना उठा ले........ऐसा वो करती तो नही ही कर फिर भी ऐसे हालात में इंसान क्या क्या नहीं सोच लेता है........

तकरीबन एक घंटे बाद वो वैसे ही दरवाजा खोल कर बाहर झांकी और हम वही जमीन पे बैठे थे ये देख कर वो दौड़ कर मेरे पास आई और बोली की ये क्या है अब और क्यू है बोली तो थी की नही आऊंगी मैं आपके प्यार के बीच.......

हम उसको पहले अपने गले से लगाए और बोले की तुझको हम्पे रत्ती भर भी भरोसा नही रहा ना अब......बिना कुछ सोचे समझे बस ऐसे ही रिश्ता तोड़ कर चली गई........

वो गले लगे हुए रोते हुए बोली की मेरा और आपका रिश्ता कभी नही टूटेगा भले कुछ भी हो जाए......पर मैं वो अभागन हु जिसको प्यार तो इतना मिला की उसकी कोई सीमा नही पर कुछ ही समय के लिए.......

पर हम करते भी तो क्या आप ही बताइए कहा वो कहा मैं.....हम एक हल्का सा तमाचा उसके गालों पे लगाए और बोले की तू सिर्फ मुझे एक बात बता.......तू मुझे मेरे पास्ट के साथ अपना पाएगी या नही......हा या ना

वो बोली हा क्यू नही पर हम आपको बांट नही पाएंगे......इसलिए मैं आपसे दूर चले जाने का फैसला ली थी.....हम उसको गले लगा कर बोले की बस हो गया ना मैं तेरा.........बात खतम.......अभी तू जा अच्छे मन से सो जा कल हम सुबह आयेंगे तेरे पास तू अपने कॉलेज का बहाना बना कर मेरे को चौराहे पे मिलना बाकी बाते कल........अभी तू जा वरना दिक्कत हो जायेगी जा........

वो बोली की सुनिए हम एक बात पूछे.....हम बोले की हा बाबा पूछ........वो बोली की आप मेरे ही रहोगे ना पक्का ना......हम बोले हा मेरा जान हा.......
वो पक्का पक्का

हम बोले हा पक्का पक्का

वो कुछ बोली नहीं बस अब दोनो को कल सुबह का इंतजार रहेगा बेसब्री से......और फिर वो जाने लगी तो हम बोले की ऐसे ही जा रही है......वो पीछे मुड़ कर देखी तो फिर से उसकी आंखों में आंसू थे हम बोले की अब तू हमको मार के ही दम लेना कसम दिए थे ना.........वो दौड़ में वापिस आई और गले लगते हुए बोली की मेरा प्यार एक कसम का मोहताज नही हो सकता जान.......जहा पे आंसू आने होंगे वो आयेंगे ही मैं नही रोक पा रही थी ना अब पक्का नही रोऊंगी......प्रोमिस.....और फिर एक हल्का सा चुम्बन मेरे गालों पे दे कर अंदर चली गई.......

हम जानते थे की पूजा अभी दुखी है पर वक्त नहीं था सब कुछ अभी ही करने का अब कल सुबह देखते है क्या लाती है..........
 
सुबह हम घर से जल्दी निकले और सीधा पूजा से मिलने के लिए जा रहे थे और जब हम अपने मुहल्ले से बाहर निकले तो कुछ दूरी पे माधुरी मेरा वेट कर रही थी........हम उसको देखे और इग्नोर कर के आगे बढ़ने लगे फिर वो मेरे पीछे पीछे आई और बोली की प्लीज एक बार बात तो सुन लीजिए मेरी हम बोले की सुनो हम तुमको कुछ नही कह रहे है तुम आज से अपने रास्ते हम अपने बल्कि आज से नही कल रात से ही........और एक बात और दुबारा हमसे कॉन्टैक्ट नाही करना तो बेहतर है क्युकी हम नही चाहते की जो गुस्सा हम अपने अंदर दबा रखे है वो बाहर आए क्युकी फिर बात बहुत बिगड़ जाएगी और संभालने से भी नही संभलेगी सो प्लीज तुम अब हमसे दूर ही रहो........

वो मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश की पर हम झटक कर बोले की एक बार में समझ में नहीं आता क्या.....और जाने लगे तो वो बोली की एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए.....हम चलने लगे और वो साथ साथ चलने लगी......और एक ही बात दोहराए जा रही थी......मेरी बात सुन लीजिए बात सुन लीजिए......हम बोले रोड पे तमाशा मत करो और जहा जा रही थी जाओ और हमको भी जाने दो.........वो बोली की हमसे गलती हो गया पता नही पर जो हुआ वो हमसे अंजाने में हो गया........ऐसा सिचुएशन बन गया था की हम नही चाहते हुए भी उसमे फस गए.......मेरी फ्रेंड्स में शर्त लगी थी की सुमित के होते हुए तू किसी और को पटा सकती है की नही......और शर्त के कारण अपनी झूठी शान बचाने के चक्कर में हम रोहित को स्कूल में थोड़ा थोड़ा बात करना शुरू किए और फिर वो मेरे साथ ऐसा जाल बुना की हम फस गए......और ये सब कुछ खत्म करने के लिए ही हम कब से लगे पड़े थे की कैसे भी उससे छुटकारा पा लू और ये सब होता उससे पहले ही आप हमलोग को देख लिए........हम घूमे और बोले की शर्त शर्त में ही वो तुमको चूम रहा था और तुम चूमने दे रही थी......वो बोली नहीं वो सब अचानक से वो किया इससे पहले हम दोनो में ऐसा कुछ नही हुआ है..........हम बोले की अब तुम्हारा कोई झूट नही चलेगा मेरे सामने और कोशिश बेकार है की हम तुम्हारे पास वापिस आ जायेंगे.........वो बोली की प्लीज गलती हो गई माफ कर दीजिए ना प्लीज और रोने लगी........अब साला मेरा इतने दिनो का साथ था उसके साथ चलते चलते हम खुद को रोक रहे थे पर ये भी जानते थे की जो एक बार धोखा दे दे वो बार बार देगी........पर ठान लिया था की अब पूजा के साथ रहना है कम से कम वो तो खुश रहेगी मेरे साथ......और धोखा नही देगी ये बात तो तय थी पर उसके साथ की राह भी कम मुश्किल नहीं होने वाली थी......पर अब जो था वो था.......

माधुरी को बोले भरोसा साथ सब उन पांच महीनों में तुमने खुद अपने हाथो से खतम किया है जिसको वापिस नही पा सकती तुम अब.......धोखा और शक जिसके मन में एक बार समा गया तो वो दुबारा कभी नही निकलता और हम ऐसे इंसान के साथ इतने सालो से थे.......और इतने दिनो में कभी भी तुमने मेरे को किसी और लड़की के तरफ झुकते नहीं देखा होगा........इस बात पर वो कुछ नही बोली बस अपनी डबडबाई आंखों से मेरे को देखती रही.........फिर हम बोले क्या पता तुम्हारी थोड़ी सी बेवफाई का असर हम्मे भी आ गया हो......तुम्हारे बाद बेवफाई का जाम हम भी चख के देखेंगे कैसा नशा होता है उसमे जो की वफादार प्यार पर भारी पड़ जाता है........

मेरे बात कहने के लहजे से वो समझ गई की अब हम वापिस नही आ सकते.......पर अंदर अंदर हम खुद में खुद को दोषी मान रहे थे.......की पूजा के पास आने के कारण क्या हम अपने इतने सालो के प्यार को खो दिए......पर अब जो होना था वो हो चुका था.......माधुरी वही खड़ी थी और हम आगे बढ़ते चले गए.........

घड़ी में जब टाइम देखा तो काफी समय माधुरी के चक्कर में निकल गया था इसलिए फटाक से ऑटो लिया और चल पड़ा ....

रास्ते में सोचा की अभी जो कुछ भी हुआ उसको भूल कर एक नई शुरुआत करते है......वैसे भी बदलाव जिंदगी का नियम है अब ये अलग बात है की मेरे केस में ये बदलाव बहुत अजीब तरीके से हुआ......ये सब बाते सोचते सोचते हम पूजा के घर के पास चौराहे पे पहुंचे तो वो वही खड़ी थी......हम उसके पास गए और मुस्कुराते हुए बोले की सॉरी लेट हो गया......वो बोली की कोई बात नही सिर्फ 5 मिनट लेट हो आप मुझे आए हुए ज्यादा टाइम नही हुआ है......फिर वो बोली की कहा चलना है हमे.....हम बोले कुछ नही सिर्फ उसका हाथ पकड़े और चल दिए......आगे जा कर ऑटो लिया और फिर वहा से वापिस अपने घर के तरफ आए......और पूजा को एक जगह खड़ा करा कर बोला की यही रुकना हम आते है......और अपने घर के पास आया और बगल वाले मकान में घुस कर छत से अपने घर में जा कर देखा .........तो देखा की मां तैयार है......हम कल रात में ही मां को पापा से बात करते हुए सुन लिए थे की आज वो मौसी के यहा जायेगी.........इसलिए पूजा को हम अपने घर ले आए.....बस उनको देख के कन्फर्म करना था......और फिर वापिस उसी रास्ते से हम रोड पे गए और पूजा को साथ लिए अपने घर आ गए.......पूजा दी सोची थी हम कही और जायेंगे घूमने या कही और पर अपने घर ले आयेंगे ये वो नही सोची थी मेरी मां को देख कर पूजा एकदम शॉक में थी की आखिर घर क्यू ले कर आए........मेरी मां पूजा को देखी तो पहचानी नही बोली सुमित ये कौन है बेटा तो हम बोले पूजा दी है मां हम वापिस आ रहे थे ना तो इनको देखा तो अपने घर ले आया..........मां अभी जाने की तैयारी में थी पर वो बोली अच्छा किया और मां पूजा दी को बोली की आ बेटा यहां बैठ हम तेरे लिए कुछ लाते है और मां अंदर चली गई और हम पूजा को चुप रहने का इशारा कर के मां के पास गए तो मां बोली की बेटा बता देता तो आज तेरी मौसी के यहा नही जाती मैं.....हम बोले की कोई बात नही आप आराम से जाओ ये कुछ देर बैठेंगी और फिर चली जायेंगी वो तो उनको देख के हम अपने घर ले आए.......मां बोली की ठीक है पर कुछ खिला कर भेजना बेटा ऐसे नही.......हम बोले हा मां तुम आराम से जाओ और फिर मां पूजा दी के लिए पानी ले कर आई और बोली की बेटा आज तो हम इसकी मौसी के वहा जा रहे है अगर जानती की तुम आयेगी तो कल चली जाती इसपर पूजा बोली की नही आंटी कोई बात नही आप आराम से जाइए बिना किसी दिक्कत के ये तो अपना ही घर है जब मन होगा तब आ जायेंगे वैसे भी आपके हाथ का मटर पनीर खाना है सुने है आप बहुत बढ़िया बनाती है.......मां बोली की अरे अगर शाम तक रुकेगी तो आज ही बना देंगे.......फिर पूजा बोली की नही आंटी आज नही फिर कभी और........

उसके बाद मां चली गई और हम दोनो घर में अकेले थे...... मेन गेट बंद कर के वापिस कमरे में आया तो पूजा वैसे ही बैठी थी........
हम उसके पास गए और बोलना शुरू किए फिर माधुरी के साथ कैसे कैसे क्या हुआ सब कुछ उसको बता दिए एक साथ और ये भी बतलाए की हम पटना आने के बाद माधुरी के बारे में बतलाने वाले थे पर उससे पहले माधुरी ने मेरे साथ जो किया वो हो गया और फिर जो हमदोनो में हुआ वो जानती ही हो.......वो फिर से रोने लगी अभी वो मेरे और माधुरी के रिश्ता टूटने का कारण खुद को मानने लगी और बोली की सब मेरे कारण हुआ है......हम उसको कंधो से पकड़ के उठाए और जोर से झकझोरते हुए बोले बंद करो ये कहना बार बार की सब की जिम्मेदार तुम हो......क्या मेरी गलती नही है अगर हम अपने ऊपर काबू रखे होते तो क्या तुम आज यहां होती......बताओ बताओ.....या फिर उस दिन कमरे में तुम मेरे साथ ऐसा कुछ करने वाली थी नही ना जो हुआ उसमे अगर देखा जाए तो गलती मेरी है ना की तुम्हारी.......

फिर उसको हम बोले की रोना बंद कर दे अब जान मेरा और देख तू अपने ससुराल में आई है पहली बार.....कुछ तो खुश हो ले वरना क्या पहली बार आई है और ऐसे ही रोते रोते जायेगी......अच्छा चल आज दोपहर का खाना हम बनाते है मेरे हाथो से बना खाना खा के जाना आज.......इस वक्त सेक्स पे हमारा ध्यान बिलकुल नहीं था क्युकी वो सब एक अलग समय पे अच्छा लगता है पर अभी हमको पूजा को संभालना था और खुद को भी क्युकी बात चाहे जो भी हो दर्द तो हो रहा था हमको तकलीफ थी .........

खैर मैंने कपड़े चेंज किए और पूजा को किचन के द्वार पे बैठा कर रखा और सब खाना मैने बनाया और एक ही थाली में परोस कर मैने उसको खुद से खिलाया......और खुद भी खाया और गधी मेरे खाना खिलाने टाइम भी रो रही थी.....आंखे गीली थी उसकी......हम पूछे की बंद कर दे रोना अब जान मेरा आई एम ऑल योर्स नाउ हमारे बीच अब कोई नही है बी हैप्पी.......

और फिर हंसाने के लिए बोले की या इसलिए रो रही है की खाना खराब है और तू मजबूरी में खाए जा रही है.......वो रोते रोते हस दी और मेरे हाथ से थाली ले कर मेज पे रखी और मेरे गोद में आ कर बैठी और मेरे गालों पे एक किस करते हुए बोली की आप जितना प्यार हमको दे रहे है उससे कही ज्यादा प्यार उसको दिए होंगे फिर भी आपके साथ धोका कोई कैसे कर सकता है.......पर हम अपने प्यार की कसम अपने सर की कसम खा कर कहते है आज की मेरे प्यार में कभी भी कमी नहीं आने देंगे हम......ये मेरा वादा है आपसे.....और फिर हम उसके चेहरे को पकड़ कर बोले की हमको पता है तेरे लिए हम क्या मायने रखते है सो ये सब करने की कोई जरूरत नहीं.......समझी चल अब खाना खा ले नही तो ठंडी हो जायेगी फिर हमने खाना खाया और इस बार पूजा ने भी अपने हाथो से मुझे खाना खिलाया......
फिर मैने उसको अपना पूरा घर दिखलाया और साथ साथ उसके घर से अपने घर आने के हर शॉर्टकट और मेरे घर में आने के लिए जुगाड सब कुछ वो मुझसे पूछी बोली की कभी मेरा मन कर गया तो मैं आऊंगी मैं आपनी जान से मिलने......और फिर शाम वाली कोचिंग के लिए हम तैयार हुए फिर हम और पूजा दोनो साथ निकले ......रास्ते में मैने उसको अपनी उस दिन वाली बाकी रह गई चाय पिलाई और फिर कुछ देर बाद एक आइसक्रीम खिलाया और फिर हम पहुंच गए अपने कोचिंग वाले रास्ते में.....वहा से वो अपने घर चली गई मेरे को आने का बोल के जबकि हम कोचिंग............पर अभी एक और सियप्पा होना बाकी था

सियाप्पे की मां की चूत ये खतम ही नही हो रहे.....
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आज सुबह से ले कर भागा दौड़ी में बहुत थक गया था पर सुकून तो अब भी नही मिला था माधुरी के धोखे का दर्द अभी भी मेरे सीने में था......पर साथ ही साथ पूजा के आने से एक सुकून भी था जिंदगी में की कोई तो है जो मेरे साथ है.....मैं कोचिंग पहुंचा और फिर बाकी लोग भी पहुंचे साथ में सुगंधा भी थी....आज सुगंधा मेरे साथ बैठी थी.......पढ़ने के बाद जब हम साथ में ही निकले उसके घर के लिए तो वो बोली की आज का क्या प्लान है.....हम बोले प्लान क्या है पढ़ के निकले है पढ़ने जा रहे है वो आंखे घुमा के बोली हे भगवान कभी तो कुछ और सोच लिया कर.......हम बोले क्या सोच ले कुछ अलग में जैसे की तू ही बता......वो बोली की इस सन्डे हम तू और पूजा दी कही चलते है ना घूमने......हम बोले उसको जा पहले पप्पा से पूछ के आ फिर चलते है......बाबू दौड़ा दौड़ा के पिटेगा तुझको भी और हमको भी......क्युकी पूजा दी अभी सीरियस हो के पढ़ रही है बच्चा वो फालतू के टाइम बरबाद करने के लिए नही जायेगी......कुछ सोच लिया कर......वो बोली हा पापा से हम पूछ लेंगे इस सन्डे हम तीनो चल रहे है बस हम बोले देखा जायेगा........और साला अब ठंड आ गई है मेरे को भी जैकेट स्वेटर निकालना पड़ेगा....वरना बुरे बीमार पड़ेंगे.....सच में ठंड आ गई है यार और फिर हम उसके पापा के दुकान के पास रुके और हम अंकल को नमस्ते बोल के निकल लिए जबकि सुगंधा वही खड़ी रही........

हम जब पूजा के घर पहुंचे उसके गलियारे में पूजा खड़ी थी मेरा वेट कर रही थी......हम उसके पास गए तो बो बोली की आज मम्मी घर में ही है इसलिए........और इतना कह के वो हमसे लिपट के हमको मेरे होठों पे चूमने लगी और कसम से सोचा नहीं था की पूजा अभी हमको ऐसे खुले में चूमेगी.......कुछ पलों के बाद वो अपनी अधूरी बात पूरी करते हुए बोली अंदर वाला चुम्मा यही.....और अगर मौका मिला तो अंदर अपने रस भी पिलाऊंगी....उसका इशारा चुचियों की तरफ था.........हम फिर उसका हाथ पकड़ के चलते हुए बोले की वो मेरे ही है जान जब मेरा मन होगा मौका होगा आई विल टेक देम आउट एंड सक देम.......और एक हाथ से उसकी चूची को दबा दिए......और हम महसूस किए की वो ब्रा नही पहन रखी थी.....हम बोले अरे ब्रा नही पहनी हो वो हस के हाथ छुड़ा में भाग गई...

इधर मेरा लौड़ा टावर की तरह टाइट हो गया था उसको अपने पैंट में एडजस्ट कर के........हम नॉर्मल होके एकदम घुसे अंदर ताकि उसकी मां को कोई अजीब हरकत नजर में ना आ जाए........उनको भी नमस्ते किए फिर पूजा मेरे साथ किताब ले के बैठी और आंटी बोली के बेटा सुगंधा नही आई तुम्हारे साथ हम बोले की वो दुकान पर रुक गई थी आती ही होगी.......फिर वो बोली आज खाना खा के जाना हम बोले की हम रोज आयेंगे आंटी तो रोज खाना खायेंगे......पूजा बोली तो क्या हो गया.....फिर धीरे से बोली बड़े दामाद जो ठहरे....
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हम अपना गला साफ करते हुए धीरे से बोले की काश ऐसा हो जाए......तब आंटी बोली की क्या हो जायेगा खा लेना......हम बोले अच्छा ठीक है पर जिस दिन खाने का मन होगा हम खुद बोल के अपने पसंद की सब्जी बनवा के खायेंगे.....सब हस दिए और इतने में सुगंधा घर आई और बोली किस बात ले हसा जा रहा है हमको भी बतलाओ........

हम बोले तेरे को भगाने का बात हो रहा है आंटी कह रही है की सुग्गू बहुत खाती है इसको भगाओ इसके ससुराल वही अपने ससुराल वालो को खायेगी......वो बोली अरे हम कहा खाते है ज्यादा ये गलत बात है....आंटी हस कर बोली अरे वो मजाक से बोला तुझको तू भी ना अब जल्दी जा दूसरे क्लास का टाइम हो रहा है.....सुगंधा बोली की मां इस सन्डे हम तीनो ना घूमने जायेंगे पापा से हम पूछे तो बोले की जा बच्चा जी ले अपनी जिंदगी......

हम बोले तू जायेगी हम दोनो नही.......इतने में पूजा दी बोली की सन्डे को हमको एक फ्रेंड से मिलने जाना है उसका सेकंड स्टेज का बैंक एग्जाम क्लियर हो गया है इंटरव्यू है अगले महीने उससे जा के मिलेंगे पहले की क्या क्या की है वो कैसे कैसे तैयारी की..........

हम बोले वाह यार काश हमलोग का भी जॉब जल्दी से कन्फर्म हो जाए तो मजा ही आ जाए.....इतने में आंटी बोली अरे सब अच्छा होगा भगवान है ना.....और मेहनत तो सब कर ही रहे हो.........और रहा बात सन्डे का तो सब साथ में घूम आना कोई दिक्कत नही है इतने में सुगंधा बोलीशाम में तो जाना है.....सुगंधा बोली की वैसे भी शाम को जायेंगे हम लोग प्लीज चल ना दी क्या यार.......फिर पूजा दी हमसे आंख मिला कर पूछी हम हामी भर दिए....

दरअसल गांधी मैदान में मेला लगा था वही जाने का मन था उसको.....फिर ये तय हुआ की हमलोग सन्डे को जा रहे है......और फिर सुगंधा चली गई अपने कोचिंग........

इधर आंटी किचन में गई अपना खाना का तैयारी करने उनके जाते ही पूजा ने जल्दी से पर्दा गिरा दिया कमरे का और हम खड़े हो गए थे और पूजा को अपने बाहों में उठा कर एकदम पागलों वाला किस करने लगे......और उसको उसी तरह अपने गोद में ले कर सोफे पे बैठ गए और पूजा ने फटाक से अपना टॉप को ऊपर गर्दन तक उठा दी और उसकी दोनो चुचियों पे हम मुंह लगा दिए और वो सिसकने लगी......पर ये काफी खतरनाक था आंटी कभी भी इधर आ सकती थी.....हम जितना चूस सकते थे उनको चूसे और जब पूजा से बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो मेरे सर पकड़ के बोली सुनिए आह इस्सासस्स आह फिर हम उसके चुचियों को छोड़ दिए और फिर वो मेरे गोद से उतर के अपनी चुचियों को ढक के मेरे बगल में बैठ गई हम तुरंत उसके कमर में हाथ डाल कर उसको खुद से चिपका लिए......वो मेरा हाथ पकड़ के बोली आई लव यू......और फिर एक चुम्मा मेरे होठों पे.......

फिर हम दोनो थोड़ी देर इधर उधर से पढ़े क्युकी प्यार अपनी जगह और पढ़ाई अपनी.....इसलिए वो भी जरूरी था......

तभी आंटी पूजा को आवाज दी वो उनके पास गई और आंटी ने उसको कुछ काम दिया जो वो पांच मिनट में कर के दो कप चाय ले के आई......हम बोले की कल जैसे पिलाएगी या दूर दूर से वो बोली फिफ्टी फिफ्टी.....

फिर मुझको चाय पिलाने के लिए वो किचन की तरफ देखते हुए मेरे गोद में बैठ कर पिलाती और फिर खड़ी हो जाती और फिर बैठ कर पिलाती बीच में कुछ खटपट होती तो वो अपने जगह पे बैठ जाती.......उसके बाद अब मेरे जाने का समय हो चला था वो बोली की आज रात भी आइएगा क्या......हम बोले की आज से मैसेज में बात करेंगे ना तब देखेंगे उस वक्त का उसी वक्त वो बोली की ठीक है पर अगर आप आते तो हम आपकी दी हुई वो नाइटी पहन कर आपके पास आते......हम उसकी चूची को पकड़ कर बोले अच्छा ब्लैकमेल......वो दर्द और मजे के मिले जुले असर में आंखे बंद कर के सर हवा में कर के बोली नही जान ब्लैकमेल नही आपसे मिलने की तड़प में आपको घुस का लालच दे रहे थे......और अगर मन हो तो घुसा भी लीजिएगा......हम बोले की फिर भी जान मेरा उसी वक्त देखा जायेगा.....

फिलहाल तुम अपनी मुनिया का हाल दिखला दो देखे तो सही उसकी चोट ठीक हुई या नहीं.....वो मेरे कंधे पकड़ के खड़ी हो गई और बोली की खुद देख लीजिए ना जान.......और फिर अगले ही पल उसकी पायजामी को घुटने से भी नीचे कर दिया और उसकी चूत पे मुंह लगा दिया झरने के माफिक बह रही थी......आराम से दो मिनट तक अंदर जीभ घुसा घुसा कर चूसे और पूजा जितना हो सकती थी अपनी पैरो को फैला रही थी फिर हम उसको घुमा कर उसको सोफे पे लिटा दीए और पैरो को हवा में कर में खुद घुटनों पे बैठ कर उसकी खुली हुई चूत से के कर गांड़ के छेद तक जीभ घुमाने लगे......और फिर कुछ सेकंड में ही पूजा छूट पड़ी और उसका सारा रस पी गए पर मेरा मुंह भीग गया था जिसको हम अपने हाथो से साफ कर दिए जबकि पूजा अपनी सासो को काबू में करने तक वैसे ही पड़ी रही.....फिर हम उसको उठाए और वो तुरंत मेरे गोद में चढ़ कर मेरे होठों को खाने लगी.....अभी वो बहुत गरम हो गई थी पर क्या ही कर सकते थे........समय वैसा था नही.....बेचारी को हमको छोड़ने का मन बिलकुल नहीं था और मेरा भी मन नही था......फिर उसकी चूत को एक और बार चूमे और चूतड़ों को दबाते हुए उसकी पयजमी ऊपर कर दिए वो जोर से मेरे हाथ को पकड़ ली जैसे मना कर रही हो की अभी नही पर......

पर कोई बात नही फिर आंटी को हम आवाज दिए वो कमरे में आई और हम बोले की जाते है आंटी कल आयेंगे.....पूजा दी बोली आते है मां बाहर गलियारे से..........और फिर गलियारे में पूजा एकदम शरीफ की तरह चल कर छोड़ने आई क्युकी पीछे दरवाजे पे आंटी खड़ी थी.......

और फिर हम निकल गए थे अपने घर की तरफ.....ठंड लगने लगा था.......तभी पूजा का मेसेज आया जिसमे लिखा था ठंड आ गई है और आप हमको छोड़ कर चले गए गंदे......हम बोले रात में आ कर गर्मी ले लूंगा आपकी.....फिर वो बोली इंतजार रहेगा....अभी जाते है मां काम दे रही है आप घर पहुंच कर मैसेज कर देना.......आई लव यू एंड मिस यू सो मच......
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घर पहुचने के बाद हम खाना खाए और फिर कमरे मे बैठे ये सोच रहे थे की साल जिंदगी भी क्या क्या खेल रचती है.............अभी रात के 10 बज रहे थे और सोचा की आज पूजा से मिलने नहीं जाऊंगा बहुत भाग दौड़ हो जा रहा है और इस चक्कर मे तबीयत नहीं खराब करनी है इसलिए पूजा को मैसेज किया की आज रात का क्या सोची है वो.........पाच मिनट बाद मैसेज आया किस बारे मे ...........ये मैसेज पढ़ कर हमको लगा की कोई और होगा इसलिए हम कॉल लगाए और उधर से सुगंधा उठा कर बोली क्या हुआ बोल किस बारे मे सोचना था तो हम बोले की मैसेज किसी और को कर रहा था गलती से तेरे पे चला गया .............वो बोली की अरे तू बताया नहीं कभी कौन है वो हम बोले चल अभी दिमाग मत लगा तू ज्यादा इन मामलों मे वरना तेरी तबीयत खराब हो जाएगी तो वो बोली चल ना ज्यादा भाव मत खा हम बोले की मेरी मर्जी इतने मे पूजा की आवाज आई और बोली की किस बात पे झगड़ रही है तू सुमित से..............इसपे सुगंधा बोली की सुमित की कोई महिला मित्र है जिसको वो मैसेज कर रहा था की रात का क्या सोची है..............

पूजा मन हि मन जान गई की हम उसको ही मैसेज किए थे पर वो सुगंधा ने पढ़ लिया है इसलिए वो बात को पलटते हुए बोली कि ये सब छोड़ तुझे उससे क्या मतलब है की कौन है कौन नहीं तू उससे ये बता संडे को क्या क्या करेंगे हम लोग तो वो फिर बोली की अरे वो सब तो ठीक है पहले ये मामला तो जान ले की कौन है लड़का पुछ रहा था की रात का क्या सोची है................हम बोले की सुन सुन हम उससे मिलने जाने वाले थे पर बहुत थक गए है तेरा बकवास सुन सुन के इसलिए आज नहीं जा रहे कही हम और संडे का संडे को देखेंगे ठीक है और अभी से फोन भी बंद कर रहे है ताकि तू शांति से सोने दे हमको वो बोली की बेटा अभी तो तू नहीं बताएगा पर कल हम तुझसे निकलवा लेंगे कल छुट्टी के बाद हम घर पे ही है मैडम किसी की शादी मे कही जा रही है तीन दिन इसलिए हम संडे को घूमने के लिए बोले थे समझ और अगर मन किया तो कल भी कही चला जाएगा शाम को कुछ खाने फिर पूजा दी बोली की नहीं पढ़ना है यार फिर सुगंधा बोली की अरे मेरी पढ़ाकू बहिन पढ़ने के बाद फिर वो हस दी बोली ठीक है चल अब फोन हमको दे और जा मा बुलाया रही है वो पूजा को फोन दे कर गई और पूजा हमको बोली की प्लीज आइएगा न ........हम बोले की आज रहने देते है जान बहुत थक गया हु वो बोली मेरे पास आइए न सब थकान दूर कर देंगे हम बोले की तुम ही दूर कर दो आ कर वो बोली अगर मेरे बस मे होता तो आपको बोलने की जरूरत नहीं पड़ती क्युकी अभी आप मेरी दीवानगी से वाकिफ नहीं है हम क्या चीज है आपको समय के साथ पता चलेगा ..............

हम बोले की बाप रे लग रहा है काफी कुछ हम नहीं जानते है तुम्हारे बारे मे सब पता कर लेना चाहिए था वो बोली की आपसे ज्यादा हमको कोई जान भी नहीं पाएगा कभी भी क्युकी आप मेरे सब कुछ हो अब हम बोले की हा हमको पता है बच्चा अच्छा आज नहीं आ पाऊँगा कसम से बहुत थक गया हु प्लीज कोई दिक्कत नहीं न तो वो बोली की कोई बात नहीं आप आराम कीजिए............पर पर पर एक बात हम दोनों बात करेंगे हम हास के बोले की अरे पगली जब बात करेंगे तो जागूँगा ही न इससे अच्छा हम तुमसे आ कर मिल न ले वो भी बोली क्या करे हम फिर आप ही बताओ हम बोले अच्छा सुनो सुबह मे चार बजे के आस पास आएंगे हम तुम फोन अपने पास रखना वरना पता चल सुगंध हमसे मिलने आ गई वो बोली की नहीं ध्यान रखूंगी आप आइएगा जरूर ..................

हम बोले की अच्छा सुन क्या पहन कर आएगी तो वो बोली जो बोली थी आपको हम बोले की पक्का सेफ रहेगा क्युकी ये बहुत खतरनाक साबित हो सकता है ऐसा करना नाईटी की कोली जरूरत नहीं तुम ऐसे ही आ जाना वो बोली की अच्छा ठीक है आप बस आ जाओ..................

फिर हम सो गए वैसे भी रात के 11 बजने वाले थे अब इंतेजार था अगली सुबह का सुबह मेरी नींद जब खुली तो सुबह के 7 बज रहे थे और मेरे सर मे जबरदस्त दर्द हो रहा था और फीवर जैसा लग रहा था ...........हम बोले की वाह काफी जल्दी नींद खुली है साला तबीयत और तमाशा कर दिया है

और हम पूजा को फोन किए तो सुगंध ही उठाई हम मन मे बोली की इस लौड़ी को कोई काम नहीं रहता क्या .............वो बोली की क्या बात है भोरे भोरे फोन हम बोले की मेरा तबीयत ठीक नहीं लग रहा है तो आज हम नहीं आएंगे काही न ही क्लास और नहीं तेरे घर वो बोली अरे क्या हो गया कल तो तू ठीक था हम बोले की तेरा नजर लग गया हमको कल रात मिलने नहीं न जा पाए और हस दिए वो बोली की भाग न बड़ा आया हम काहे लिए तेरे को नजर लगाएंगे इतने मे वो आवाज दे कर पूजा को बुला ली और बोली की सुमित आज नहीं आएगा उसका तबीयत गड़बड़ है पूजा उसको दिखने के लिए बोली की अच्छा कोई बात नहीं हम बाद मे बात कर लेंगे उससे अभी हाथ बिजी है काम मे .............
अंदर ही अंदर पूजा का सब ध्यान हमपे था की आखिर क्या हो गया हमको.............इधर हम फोन काट दिए और वापिस से लेट गए की शायद थोड़ी देर आराम करने के बाद आराम आ जाए ...............पर अब आराम तो पूजा ही देगी क्युकी मेरा भी सारा ध्यान पूजा पे था .............

उधर पूजा अपने घर मे बोली की आज वो कॉलेज जाएगी और उधर से ही मार्केट भी जाएगी कुछ कुछ समान लेना है तो आंटी बोली तुम दोनों बहन का कुछ न कुछ घटा हुआ ही रहता है हमेशा ....................
फिर सब ऐसे ही बाते करते करते अपना अपना काम खतम किया और पूजा निकाल गई मेरे पास आने के लिए जबकि सुगंधा अपनी एक सहेली को अपने घर पे ही बुला कर बैठक लगा ली.............

इधर हम सोते ही रह गए मा आ कर पुछ कर भी गई और बोली की उठ कर दवाई ले ले ठीक हो जाएगा तू हम बोले की अभी नहीं मा उठेंगे तब ले आएंगे फिलहाल हमको सोने दो पर फिर भी वो बोली की नहीं ले आ न पर हम कहा मानने वाले थे सोये रह गए फिर जब पूजा मेरे घर आई तो ममी उसको ही बोल के मेरा दवाई मँगवा दी फिर जब पूजा मेरे कमरे मे मा के साथ आई तब हम जागे और एकदम शॉक मे सब को देखने लगे मा बोली की तू तो जागा नहीं हम पूजा से ही दवाई मँगवाए है तेरे लिए तू उठ और मुह धो के पहले दवा खा तब तक हम तुमदोनों के लिए कुछ खाने को बना देते है गरम गरम और मा चली गई और उनके जाते ही पूजा मेरे बिस्तर पे आ कर बैठ गई और फटाक से हमको गले लगा लिया हम भी उसके गले लग गए और बोले की सॉरी हम आ नहीं पाए तो वो बोली कोई बात नहीं आपकी तबीयत ठीक रहती तो आप आते जरूर हमको पता है और फिर एक चुंबन मेरे होंठों पे कर दी हम बोले की ध्यान रखना ममी कभी भी आ सकती है और मेरी तबीयत ठीक नहीं है इन्फेक्शन हो जाएगा वो बोली भक चुप और फिर से हमको चूमने लागि......................
 
चूमने में बाद वो बोली की आप नही आए तो क्या हुआ आपकी तबियत खराब है ये सुन कर हम रह पाते क्या इसलिए आ गए आपके पास.......फिर वो दरवाजे की तरफ देख कर अपनी कुर्ती के ऊपर में बटन खोली और ब्रा में से अपनी चुचियों को पूरी तरह से बाहर निकाल कर बोली लीजिए पहले इनको चूसिए आपकी तबियत यू ठीक हो जाएगी.....और हम उनपे चूम लिए और हाथो से दबा कर पूजा को अपनी बाहों में ले लिए और उसके लेगिंग्स के ऊपर से उसकी चूत को सहला कर बोले की बहुत निडर हो गई हो तुम......तो वो बोली की कल ही बोली थी की अभी आप मेरी दीवानगी से वाकिफ नहीं है........हम बोले की अच्छा ठीक है अब इनको अंदर कर लो जब मां धूप में बैठने जायेगी ना ऊपर छत पे फिर इनका रसपान अच्छे से करूंगा फिलहाल हम थोड़ा अपना हुलिया ठीक कर लेते है.....वो मेरा हाथ पकड़ में अपने लेगिंग्स में डालती हुई बोली पहले ये चेक कर लीजिए ना.......अंदर हाथ लगाया तो चूत एकदम चिकनी थी.....हम तुरत उसकी चूत को नंगा किए और देख कर बोले वाह क्या मस्त लाल लाल हो रही है है.......खुद से किया तो वो बोली हा जैसे आप उस दिन किए थे ना वैसे ही किए बस पीछे वाला ठीक नही हो पाया......अच्छे से क्लियर एकदम क्युकी हाथ दर्द करने कहा था......हम उसकी चूत पे एक चपत लगाते हुए बोले की कोई बात नही हम कर देंगे वो.......और इतना कह कर उठ गए और बाथरूम गए तब तक वो अपना हुलिया ठीक कर ली और मेरा बिस्तर भी झाड़ के वापिस से बिछा दी......फिर हम कमरे में आए और मां को आवाज दिए तो वो आई और हमदोनो के लिए खाना ले कर आई और बोली की खाना खा के पहले दवाई ले फिर कुछ और बात चीत पढ़ाई में लगना......पहले तबियत देख अपनी.......इधर पूजा खाना शुरू कर दी थी......हमे खाना दे कर मां चली गई और पूजा अपनी थाली मेरे में उझल दी और फिर खुद के हाथो में थाली ले कर मेरे गोद में बैठ गई.....और बिंदास खिलाने लगी......हम बोले की मां आई फिर.....तो वो बोली की हमे ऐसे दिखेंगी और शादी करवा देंगी..........हम बोले वाह बहुत बढ़िया......फिर हमदोनो ने खाना खाया फिर मैने दवाई लि और वो बोली की आप आराम करिए हम चलते है और वो मां को आवाज दे के बोली की आंटी खाना अच्छा था फिर आऊंगी तो फिर खाऊंगी.....अभी जाती हु मै.....और वो चली गई और हम कमरे का दरवाजा बंद कर के मां को बोले की मां हम आराम करेंगे आप भी थोड़ी देर आराम कर लीजिए......मां भी अपने कमरे में चली गई और हम ये सोचने लगे कि पूजा इतने आराम से चली गई इतना अचानक से पता नही इसको भी इसके बहन का असर करने लगा है अब......की तभी मेरे दरवाजे पे हल्का सा नॉक हुआ हम उठे और जब दरवाजा खोला तो सामने पूजा दी और वो धड़ाक से कमरे में घुसी और हम अपना दरवाजा बंद कर लिए.....और वो खुशी से झूम कर मेरे गले लग कर कूदते हुए बोली की पहली कोशिश में हम सफल हो गए देखे.....आ गए ना आपके पास सबको चकमा दे के हम भी बोले की क्या लड़की है यार ये......अब मैं और पूजा अपने कमरे में लगभग शाम में 4 बजे तक रहने वाले थे......
 
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