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Cousin bahan ki chut chudai ki.

हेलो फ्रेंड, मैं राहुल कपूर आपके सामने अपनी एक रियल स्टोरी लिख रहा हु. उससे पहले मैं अपने बारे में बता दू. मैं पुणे में रहता हु और मेडिकल इंजीनियरिंग हु. मेरी ऐज २६ साल है और मेरे लंड का साइज़ ५ इंच लम्बा है और ३ इंच मोटा है. ये स्टोरी मेरे और मेरे चाचा जी की बेटी के सुनैना की है. उसका फिगर मस्त है. तो बात यहाँ से शुरू हुई. उस वक्त मैं २१ का था और मैं अपनी इंजीनियरिंग कर रहा था. मेरे चाचा की फॅमिली में, उनकी वाइफ और उनकी २ बेटिया थी, जो की हमारे घर के बिलकुल साथ वाले घर रहते थे. पहले हम सभी इकठ्ठे ही रहते थेम बट उस समय हम छोटे थे, तो सेक्स की जानकारी नहीं थी. और बाद में, हम सब अलग - अलग रहने लगे. सब ठीक ही चल रहा था. चाचा जी की दोनों बेटिया होशियार थी बट बड़ी वाली जिसका नाम सुनैना है ज्यादा होशियार थी. बट धीरे - धीरे जब वो बड़ी होती गयी, तो उसका शरीर ज्यादा फूलने लगा और किसी हेरोइन ही कम नहीं लगती थी.

धीरे - धीरे मेरी उसमे रूचि होने लगी और किसी ना किसी बहाने से उनके घर जाकर उसे देखता था. ये बात उसे पता था. एकदिन मैंने उसे छत पर किसी से बात करते हुए सुना. वो अपने पिता जी के मोबाइल से किसी से रात को बात कर रही थी. और मैं चुपके से उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया. जब उसकी बात ख़तम हो गयी, तो वो पीछे मुड़ी और मुझे एकदम से पीछे देख कर घबरा गयी. उसके फेस से पसीना बहने लगा. मैंने पूछा, किस्से बात कर रही थी इतनी रात को. उसने कहा - अपनी फ्रेंड से. मैंने कहा - मेरी बात करवा दो उससे. तो वो डर गयी और सब कुछ बता दिया, कि वो अपने एक क्लासमेट लड़के से बात कर रही थी और रोने लगी, कि प्लीज पापा को मत बताना. मैंने उसे दिलासा दिया और कहा, इसमें छुपाने वाली क्या बात है? तो वो थोड़ा ठीक हुई. फिर वो मुझसे सारी बातें शेयर करने लगी. जब भी उसे अपने बॉयफ्रेंड से बात करनी होती, तो वो मेरे फ़ोन से बात कर लेती थी. एकदम मैं घर में अकेला था और वो आई और मेरे फ़ोन से बातें करने लगी. वो मेरे साथ ही बैठ गयी थी. मैं भी उसकी बातें सुन रहा था.

उस दिन उसने रेड कलर का सूट पहना हुआ था उस चुन्नी नहीं डाली हुई थी. तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया. वो अपने में बातें करने में मस्त थी. मैं उसके पास ही बैठा था, तो धीरे से उसकी जांघो पर हाथ फेरने लगा. उसने कुछ नहीं कहा और मुझे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. उसके लिए मेरे मन में कुछ - कुछ होने लगा. फिर धीरे - धीरे मैं उसके पेट पर अपनी ऊँगली घुमाने लगा. ऐसा करते हुए, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. वो फ़ोन पर बातें कर रही थी. मेरे शरीर में ऐसा लग रहा था, कि करंट दौड़ रहा हु. मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो फ़ोन पर बात करने में मशगुल थी और मैंने तभी अचानक से मौके का फायदा उठाते हुए, उसके बूब्स को दबा दिया. वो हडबडा गयी और एकदम से उठ गयी. मैंने उसका हाथ पकड़ा और बैठने को कहा. उसने फ़ोन काट दिया और मुझे दे दिया. वो जाने के लिए कहने लगी. मैंने उसे कहा, कि मैं तेरे इतने काम आता हु, तू मेरा एक काम कर दे. तू उसने पूछा - क्या? तो मैंने उससे एक किस मांगी. वो नहीं मानी और फिर बहुत कहने पर वो मान गयी एक किस के लिए.

फिर मैंने उसको अपने करीब खीचा और उसके चेहरे को पकड़ लिया और उसके होठो पर अपने होठो को रख दिया. मैंने एक ५ मिनट की लम्बी किस की और उसके बाद वो चली गयी. ऐसे ही जब वो मेरे से फ़ोन लेने आती, तो मैं उसको किस करता और ऐसे करते - करते हमे काफी समय बीत गया. हम दोनों का ही काम चल रहा था. मुझे किस मिल जाती थी और उसको बॉयफ्रेंड से बात करने के लिए फ़ोन. लेकिन, अब मुझे किस से कुछ ज्यादा चाहिए था. उसको किस करते समय, मेरा लंड मेरे कण्ट्रोल से बाहर हो जाता था और मुझे उसके जाने के बाद, बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मार कर काम चलाना पड़ता था.

एक दिन वो मेरे पास आई और बोली - मुझे कुछ पैसे चाहिए. मैंने कहा - क्यों? तो बोली - मुझे अपने बॉयफ्रेंड के लिए गिफ्ट लेनी है. उसके बर्थडे है. और मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं है. मेरी आँखों में एकदन से चमक आ गयी और मैं ने मौका देखते हुए कहा, कि पैसे तो मैं दे दूंगा. बट मेरे को क्या मिलेगा? तो उसने कहा - मैं आपको क्या दे सकती हु? मैंने उससे कहा - एक बार तुझे बिना कपड़ो के देखना चाहता हु मैं. इस पर वो मना करने लगी और बोली - ये नहीं. बाकी जो तुम बोलो. मैं तुम्हारी बहन हु. फिर मैंने कहा - पैसे चाहिए तो ऐसे करना होगा. तो वो चली गयी और एक घंटे बाद आई और बोली - ठीक है बट रात को, जब सब सो जायेंगे. मैं छत पर आउंगी और तब तुम देख लेना. मई उस समय का बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार करने लगा और आखिर वो टाइम आ ही गया. जब रात को मैं उसे बिना कपड़े के देखना था. वो पिंक कलर की मेक्सी पहनी थी और ऊपर आ कर बोली - मुझे शरम आ रही है. तुम जल्दी से देखो. मैंने कहा - जल्दी कुछ नहीं होगा. मैं आराम से देखूंगा.. तो वो कहने लगी, जैसे तुम कहो.

पहले मैंने उसे किस किया और फिर धीरे - धीरे वो भी मुझे रेस्पोंसे देने लगी. किस करते - करते मैंने उसका एक बूब दबा दिया. वो आहे भरने लगी, जैसे वो भी ये ही सोच कर आई हो, कि ये सब ही करना है. फिर मैंने धीरे - धीरे अपना हाथ उसकी पेंटी में घुसा दिया. उसकी चूत में एक भी बाल नहीं था. एकदम क्लीन थी और गीली हो गयी थी. फिर मैंने उसे अपना लंड पकडाया, तो वो एकदम से डर गयी. फिर वो मेरे लंड को धीरे से ऊपर - नीचे करने लगी. मैंने उसे अपने लंड को मुह में लेने के लिए बोला, पर उसने मना कर दिया. लेकिन बाद में उसने मेरे लंड को अपने मुह में रख लिया. फर्स्ट टाइम था, जो मेरे लंड की कोई सकिंग कर रहा था. मैं तो एकदम से सातवे आसमान में पहुच गया था. वो आहे. अहहाह अहहः उआम्मामा कर रही थी. तभी एकदम से मेरा छुट गया. उसका मुह मेरे वीर्य से भर गया और उसने उलटी कर दी. फिर मैंने उसको अपने बनियान से साफ़ किया और हम थोड़ी देर ऐसे ही बैठे रहे फिर मैंने उसे मेक्सी उतारने को कहा. उसने चुपचाप मेक्सी उतार दी. पहले मैंने उसके बूब्स को पकड़ा और उसके अपने मुह में डाल कर चूसने लगा.

उसने अपनी आँखे बंद कर ली और अहः अहहाह अहहाह अहहाह करके आहे भरने लगी. फिर मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर लगाया और फिर १ ऊँगली उनकी चूत में घुसा दी. वो एकदम से उछल पड़ी. मुझे पता चल गया था, कि वो एकदम कवारी थी, वर्जिन थी. फिर मैंने उसे अपना लंड उसकी चूत पर लेने को कहा. तो मना करने लगी. बट मैंने उसे ज्यादा पैसे के बारे में कहा, तो वो मान गयी. फिर मैं छत पर लेट गया और उसको अपने ऊपर आने को कहा और अपने लंड पर बैठने को बोला. वो अपनी चूत पर मेरे लंड को सेट करके मेरे लंड पर बैठ गयी. पहले तो वो बहुत मना करने लगी, लेकिन फिर मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और लंड उसकी चूत पर रखा. चूत टाइट होने की वजह से लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मैंने थूक से लंड मसला और उसकी चूत पर रखा और फिर जोर से एक झटका मारा. लंड पहले झटके में ही आधा अन्दर चले गया. जिस से उसकी चीख निकल गयी. वो रोने लगी. मैंने उसे समझाया, कि फर्स्ट टाइम ऐसा करने में थोड़ी दर्द होती है. फिर थोड़ी देर रुकने के बाद, मैंने धीरे - धीरे धक्के लगाने शुरू किये. इस बार उसका दर्द कम हुआ और वो भी मेरा साथ दे कर मज़े लेने लगी.

वो बोलने लगी अहः अहहाह अहहः ओओओओं वोऊह्होहोहो फक मी भैया. इससे मैं और भी जोश में आ गे और उसे जोर - जोर से चोदने लगा. मैंने उसे २५ मिनट जम कर चोदा. और फिर मेरा कम निकल गया. जा मैंने लंड उसकी चूत से बाहर निकाला, तो मेरे लंड पर खून लगा हुआ था. और उस से अच्छे से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था. बट मैं बहुत खुश था. मैंने उसे ५०० रुपये दिए और नीचे आ गया. फिर उसको कभी भी पेसो की जरुरत होती, तो वो मुझसे ही मांगती और मैं उसको चोद कर उसको पैसे दे देता. अब उसकी शादी हो चुकी है और मैं उसको चोद नहीं पाता हु. लेकिन, उसकी चूत को चोदने के बाद, मेरे लंड को चुदाई की ठरक लग गयी और मैं अब हर जगह असंतुष्ट चूत की चुदाई की तलाश में रहता हु और मौका मिलते ही उसकी जमकर चुदाई कर देता हु.
 
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