किसी के बहाने किसी और को लुटा

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नमस्कार दोस्तों,

मैं रिक्की बहल आज आपको एक मस्तानी चुत की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ और उम्मीद करूँगा की आपको खूब पसंद आयगी | मैं अपनी की पोस्टर बनाने वाली फैक्ट्री या यूँ कहो कंपनी में काम करता था | वहीँ एक दिन मेरे पास शेरुना नाम की अमीर शहज़ादी आई और उसे कुछ पेंटिंग चाहिए थे अपने ही ऑफिस में सजाने के लिए | मैंने उसे बेवकूफ बनाया और एक नालकी ही पेंटिंग २० लाख में बेच डाली जिसके बाद जब सभी को पता चला की उसके द्वारा ख़रीदा हुआ माल नकली है तो उसकी कंपनी ने उसे निकाल दिया जिसके बाद उसने मुझे कई जासूसों के साथ दूंधने की कोशिश की पर मैं अपना काम छोड़ चूका था | उसने मेरे कई फोन नो. पर बात करने की कोशिश की पर मैं सब - कुछ छोड़ - छाड के गोवा नाम के शहर में जा चूका था |

कुछ महीनो बाद मैं वहीँ के समुन्द्र के किनारे आराम कर रहा था तभी मैंने अचानक उसी अमीर लड़की को देखा जिसे मैंने बेवकूफ बनाया था | मैंने तभी उसे जाकर पूछा की उसे तो कंपनी से निकाल दिया गया था तो फिर आज वो वापस से इतनी अमीर कैसे हो गयी | मेरा सवाल पर उसने हंस कर जवाब दिया और कहा की उसने किसी अमीर लड़के को पकड़ फ़ौरन ही शादी कर ली और आज तक उसके पैसों को उडा रही है | मैं उसके चालक पण की दात देता ही के वो हलके - फुल्के दारू के नशे में आते हुए मुझसे कहने लगी की उसने पहली बार मुझ जैसा लड़का देखा जो चेहरे से इतना खूबसूरत होकर दिमाक से होशियार और उसके बाद तो हम दोनों की बात आगे ही बढती चली गयी |

उसके बाद हम वहीँ समुन्द्र के किनारे रेत में आगे बढते चले गए और मेरा ध्यान उसकी अद्नंगे तन पर भी जाने लगा क्यूनी दोस्तों उसने बिकनी पहनी हुई थी और वो किसी नंगी लड़की की तरह लग रही थी | कुछ दूर चल कर जब हम दोनों थकक गए ओ वहीँ रूककर बात करने लगे और मुझे अपने बारे में बताते हुए मेरे करीब आकर बैठ गयी जिसपर मैंने पने एक हाथ उसकी कमर पर लपेट लिया और उसने मुझे एक कामुक मुस्कान दि | कुछ देर बाद करते हुए अचानक मेरे हाथ उसके ब्रा की गाँठ पर पहुंचा और मैंने उसकी पीठ की तरफ से उसकी ब्रा को खोल दिए जिससे उसके नंगे चुचे मेरे सामने ही आ गए | अब जैसे उसने अपने उप्पर ध्यान दिया तो मैंने उसके होंठों अपने काबू में ले लिया |

मैंने अब जब उसके होठों को कसके अपने होठों से चूसने लगा तो वो भी बिलकुल मस्त वाले मुद् में आ गयी और उसने अपनी रुमाल सी पैंटी को उतार दिया और मेरे हाथ को पकड़ अपनी चुत पर रख लिया | मैंने पहले तो कई देर उसकी चुत को यूँही मसला और फिर अपने लंड को निकाल उसके मुंह में भी डाल दिया और वो चूसने लगी | कुछ देर बाद जब वो भी अपनी चुत में ऊँगली कर रही थी तो मैंने भी अपने लंड को उसकी चुत में आगे - पीछे करना शुरू कर दिया | वो मस्त वाली सिसकियाँ ले रही थी और साथ ही अपनी चुत को अपनी जाँघों के सहारे मेरे लंड की और भी धकेल रही थी ताकि मेरा लंड और गहरा उसकी चुत में जा सके | मैं वहाँ समुन्द्र किमारे उसकी चुत दिनभर पेली और आज तक वो अपने अमीर पति से छिपकर मुझसे चुदने आती है |
 
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