फोन नम्बर से लेकर चुदाई तक का सफर

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उस समय मैंने बस उसका हाथ पकड़ रखा था और हम सेक्स की बात कर रहे थे पर काफी देर तक मेरी हिम्मत नहीं हुई कि आगे बढ़ कर कुछ कर सकूं. आखिर फिर मैंने हिम्मत कर के उसकी चूचियों को ऊपर से दबाना चालू किया. फिर मैंने उसके शर्ट के अन्दर अपना हाथ डाल दिया और उसके स्तन दबाने लगा. फिर हम घर आ गये और घर आकर गये हमने फोन पर भी सेक्स किया…

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार! मेरा नाम अन्नू है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरे लिंग की लम्बाई 6 इन्च है और मैं कानपुर का रहने वाला हूँ. दोस्तों आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ.

बात दो साल पहले की है जब मेरी उम्र 19 साल थी और मैं बीकॉम में पढ़ता था. मेरी कक्षा में कई लड़कियाँ थी पर वहां कुछ लड़कियों का एक ग्रुप था, जिसमें तीन लड़कियाँ थी. उनमें से एक का नाम सपना, दूसरी का नाम सिमरन और तीसरी का नाम प्रियंका था. उन तीनों में से सपना मुझे बहुत पसन्द थी. दोस्तों, उसका साइज (38-34-38) थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी मैं उसे हमेशा चोदने के सपने देखता था.

एक दिन वो और मैं इत्तेफाक से कक्षा में बगल बैठ में गये. दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि हमारे कालेज में पहचान पत्र लाना अनिवार्य था तो उसने भी अपना पहचान पत्र अपने गले में पहन रखा था और उस पर उसका मोबाइल नंबर भी लिखा था तो मैंने चुपके से उसका नम्बर अपने पास लिख लिया और फ़िर बाद में मैंने उसे मेसेज किया.

मैसेज करते समय मैं बहुत डरा हुआ था लेकिन उसने मुझे वापस मैसेज किया पूछा – तुम कौन हो?

तो मैंने उसे अपने बारे में नहीं बताया. इसके बाद फिर मैंने उसे एक और मैसेज कर दिया और फिर मैं उसे पूरे दिन मैसेज करता रहा और फिर मैं तीन दिन तक उसे मैसेज करता रहा और वो हर बार मुझसे एक ही सवाल करती – तुम कौन हो?

लेकिन मैंने उसे नहीं बताया. फिर एक दिन अचानक से मेरे में हिम्मत जागी और मैंने उसे काल कर दिया. उसने फोन रिसीव किया तो उस दिन पहली बार मैंने फोन पर उसकी आवाज सुनी. तब मैंने उसको अपना नाम बताया. फिर धीरे – धीरे हमारे बीच दोस्ती हो गई और फिर दो दिन बाद मैंने फोन पर ही उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया.

उसने सोचने लिए मुझसे कुछ वक़्त मांगा और फिर अगले दिन उसने फोन करके मुझे ‘आई लव यू टू’ बोल दिया. इसके बाद फिर हमारे बीच पहली मुलाकात हुई और फिर हम लोग रोज मिलने लगे.

एक दिन हम एक होटल में बैठ कर लन्च कर रहे थे तब मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो उसने अपना दूसरा हाथ मेरे हाथ पर रख दिया। फिर हम वहाँ से अपने अपने घर चले गये।

रात को मैंने उसे खूब बात की और फिर मैंने सेक्स की बात करने लगा तो वो भी बिना हिचक के मुझसे सेक्स पर बात करने लगी. फिर तो हम पूरा पूरा दिन सेक्स वाली बात करने लगे और फिर एक रात मैंने उसे व्हाट्सएप एक ब्लू फिल्म की क्लिप भेज दी. जिसे बिना किसी हिचक के उसने देखा और फिर हमारे बीच उस फिल्म के बारे में बात हुई.

फिर एक दिन फोन पर बात करते समय हम दोनों ने निश्चित किया कि क्यों न हम भी सेक्स करें. फिर हमने अगले दिन कैफे जाने का निश्चय किया और उसकी स्कूटी से कैफे पहुँच गये. वहाँ हम एक कैबिन में गये जो बहुत तंग था. वहाँ दो कुर्सी रखी थी. हम उस पर बैठ गए और आपस में बात करने लगे.

उस समय मैंने बस उसका हाथ पकड़ रखा था और हम सेक्स की बात कर रहे थे पर काफी देर तक मेरी हिम्मत नहीं हुई कि आगे बढ़ कर कुछ कर सकूं. आखिर फिर मैंने हिम्मत कर के उसकी चूचियों को ऊपर से दबाना चालू किया. फिर मैंने उसके शर्ट के अन्दर अपना हाथ डाल दिया और उसके स्तन दबाने लगा. फिर हम घर आ गये और घर आकर गये हमने फोन पर भी सेक्स किया.

चूँकि हम दोनों एक ही कोचिंग में पढ़ने जाते थे और एक साथ बैठते थे तो अगले दिन मैंने मौका देख कर चुपके से उसकी चूचियां दबा दी. जिसमें उसे भी काफी मजा आया.
जब हमारी छुट्टी हुई तो हम दोनों सबके जाने के बाद ऊपर से नीचे आने लगे.

उस समय सीढ़ी पर कोई भी नहीं था तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया और चूमने लगा फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और उसका टॉप ऊपर करके उसकी चूचियाँ चूसने लगा. जिससे वो भी मस्त हो गई. लेकिन फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपने पर काबू किया और हम अपने घर आ गये. लेकिन मेरे दिमाग में तो अभी भी उसकी चूचियाँ ही घूम रही थी.

अगले दिन कोचिंग में मैंने हाथ सीट के नीचे करके उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और उसकी बुर में उंगली करने के लिए हाथ आगे किया तो मैंने देखा कि उसकी बुर तो गीली हो गई है. फिर मैंने उंगली अन्दर डाली तो वो थोड़ा उचक गई. फ़िर मैंने अपना हाथ बाहर निकाला और अपनी पैन्ट की चैन खोल के अपना लिंग भी दिखाया. वो तो मेरा लिंग देख कर घबरा गई और कहने लगी – इतना बड़ा!

फिर उसने उसे अपने हाथ से पकड़ा और हल्के से दबा दिया. जब उसने मेरा लन्ड छुआ तो मेरे शरीर में खलबली मच गई. फिर मैंने अपना लिंग अन्दर कर लिया और उसने भी अपनी जीन्स बन्द की और फिर हम घर आ गये. उस दिन फोन पर बात दौरान कहने लगी – मुझे तुम्हारा लन्ड अपनी बुर में लेना है.

मैंने भी कहा – मुझे भी जल्दी है यह सब करने की.

फिर एक दिन मैंने उससे कहा – क्या तुम्हारा मन चुदवाने का नहीं करता?

तो बोली – करता तो है, पर मुझे लगता है कि कहीं तुम गुस्सा हो गए तो?

मैंने कहा – मैं गुस्सा क्यों होऊँगा भला? मेरा खुद ही बहुत मन करता है लेकिन मेरा घर तो खाली रहता ही नहीं है.

तो उसने कहा – कोई बात नहीं. मैं इंतजाम करती हूँ. तुम मुझे मेरे घर में ही चोद लेना.

फ़िर उसने अपने घर में बताया – मेरा एक दोस्त है, उसे एक सब्जेक्ट में दिक्कत है तो वो मुझसे पढ़ने हमारे घर आयेगा.

तो उसकी मम्मी ने कहा – ठीक है, बुला लेना.

फिर उस दिन शाम को मैं डरते – डरते उसके घर पहुँचा तो उसने गेट खोला. उसकी मम्मी भी वहीं थी. मैंने उनको नमस्ते की और फिर हम सोफ़े पर बैठ गए और बात करने लगे. उसने किताबें भी निकाल ली जिससे उसकी मम्मी को हमारे इरादों का पता ना चले.

फिर उसकी मम्मी दूसरे कमरे में चली गई और मैंने तुरंत ही अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और काफ़ी देर तक हम एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे. तभी हमें लगा कि उसकी मम्मी आ रही है तो हम पढ़ने का नाटक करने लगे.

उसकी मम्मी आई और कहने लगी – हमारे पड़ोस के घर में किसी की मौत हो गई है, मैं वहीं जा रही हूँ, एक डेढ़ घन्टे में वापस आ जाऊँगी. इतना कह कर उसकी मम्मी चली गई और उनके जाते ही मैं सपना के होंठ फिर से चूसने लगा और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी.

होंठ चूसने के बाद मैंने उसे सोफ़े पर लिटा दिया और धीरे से उसका टॉप ऊपर किया और ब्रा के ऊपर से ही सपना की चूचियाँ दबाने लगा. अब वो और गर्म हो गई थी और कामुक आवाजें भी निकाल रही थी. फिर मैंने धीरे से पलट कर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और अब उसकी चूचियों को आजाद कर दिया. उन्हें देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी जीन्स उतार दी और अपना लन्ड उसकी चूचियों के बीच रख कर रगड़ने लगा.

फिर उसने मेरा लन्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं अपने लन्ड को उसके मुँह में अन्दर – बाहर कर रहा था तो उसकी आँखों में आँसू आ गये.

फिर मैं उसके ऊपर से हटा और मैंने उसका लोअर उतार दिया. उसने लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी. मैंने समय ना गंवाते हुए उसकी पैंटी भी उतार दी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. फिर मैंने अपने भी कपड़े उतार दिये और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखी और अपने होंठों को उसकी चूत में टिका कर मैं उसकी चूत चाटने लगा. उसकी चूत से पानी निकल रहा था और वो आह आह करते हुए मेरे सिर को अपनी चूत में घुसा रही थी.

अब मेरा लन्ड भी पूरी तरह तन चका था और सपना की चूत में जाने के लिए बेचैन हो उठा. फिर मैं उठा और सपना को देखा उसने अपनी आँखें बन्द कर रखी थी. फिर मैंने अपना लन्ड उसकी चू्त पर रख दिया और अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर एक धक्का दिया तो मेरा आधा लन्ड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया. लेकिन इतने में ही उसकी चीख निकल गई तो मैंने तुरन्त ही अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया जिससे उसकी आवाज अंदर ही अंदर दब कर रह गई.

फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और धक्का दिया और मेरा पूरा लन्ड सपना की चूत में घुसता चला गया और मैंने तेजी से अपने लौड़े को अन्दर – बाहर करना शुरू कर दिया तो मैंने देखा कि अब सपना अपने चूतड़ उठा – उठा कर चुदवा रही है, तो मेरी स्पीड और बढ़ गई.

मैं उसे चोदता रहा तभी मैंने देखा कि वो पानी छोड़ चुकी है और अब मैं भी वीर्य छोड़ने वाला था तो मैंने उससे पूछा – कहाँ निकालूँ?

वो कुछ बताती इसके पहले ही मेरा वीर्य सपना की चूत में ही निकल गया. जिससे उसकी चूत मेरे गर्म वीर्य से भर गई. अब वह पूरा संतुष्ट थी. इसके बाद फिर मैंने उसे बाथरूम में ले जाकर दोबारा चोदा.

तो दोस्तों, यह है मेरी पहली चुदाई की कहानी. दोस्तों, अगर आपको मेरी यह कहानी पसंद आई हो तो मुझे ईमेल करना मत भूलना. अगर इस बार आप लोगों का प्यार मुझे मिला तो आगे भी मैं अपने जीवन की ऐसी ही चुदाई भारी घटना आपको सुनाऊँगा. मेरी मेल आईडी
 
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