बिना सिंदूर का सुहाग-2

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(Bina Sindur Ka Suhag-2)

प्रेषिका : अर्चना शर्मा

फिर 6 दिन बाद मैं कॉलेज गई तो वो गेट के बाहर मेरा इंतज़ार कर रहा था .

मैं बिना कुछ बोले उसकी बाईक पर बैठ गई. वो सीधे अपने घर ले गया और पूछा- आज भी करवओगी या नहीं .?

मैं बोली- आज पूरी तरह तैयार हूँ . तुम कंडोम ले आये?

वो बोला- हाँ ले आया .

फिर हम घर के अन्दर घुसे और उसने गेट बंद कर दिया.

वो जाते ही पहले मुझे किस करने लगा. हमने पहले किस किया फिर उसने मेरे बूब्स दबाये . फिर उसने बहुत देर नहीं की और मुझे पूरा नंगा कर दिया .अब मैं सिर्फ पैंटी में थी . उसने काफी देर तक मेरे बूब्स को मसला.मुझे मजा आने लगा. फिर उसने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत को चाटने लगा .

शायद उसे मुझे चोदने की बहुत जल्दी थी इसलिए उसने अपने कपड़े उतार दिए और कहा- जानू, क्या अब मैं तुम्हारी चूत में अपना लंड डालूँ.?

मैं बोली- डालो .

फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और मेरी चूत के सामने अपना जिमी( लंड) रखा और एक बार में आधा जिमी मेरी चूत में घुसा दिया. एक साथ घुसने से मैं तो मर ही गई और चिल्लाने लगी- जान, निकालो अपना जिमी ! मैं तो मर गई। वो बोला- कुछ देर की बात है, फिर तो बहुत मजे आने वाले हैं.

मैं बोली- नहीं, मुझे तो बहुत दर्द हो रहा है, खून भी निकल रहा है, यार तुम निकाल दो .

लेकिन वो निकालने कहाँ वाला था अब वो तीसरा मौका नहीं गंवाने वला था . उसने तो मुझे मारने की कसम खा रखी हो, ऐसे कर रहा था ! मैं चिल्ला रही थी लेकिन उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा, वो अपना पूरा पाँच इंच लम्बा मेरी चूत में डाल कर रगड़ने लगा.

मेरे मुँह से आवाजें आने लगी- आह्ह्ह ओह्ह्ह मर गय्य्ई आह्ह ...

थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा.. मैं बोली- जानू, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी..

फिर करीब दस मिनट बाद मेरा पानी आ गया तो मैं बोली- अब बस करो ..

वो नहीं रुका जब तक कि उसका पानी नहीं निकल गया .

पाँच मिनट बाद उसका भी पानी छुट गया ..

अब वो भी शांत होकर मेरे पास लेट गया .

फिर थोड़ी देर बाद अपनी भाभी के कमरे में ले जाकर बोला- यह लो, भाभी की साड़ी पहन लो . मुझे साड़ी पहन कर करने में मजा आता है।

मैंने मना कर दिया तो बोला- चलो, साड़ी नहीं पहनी आती तो सूट पहन लो . यह रही भाभी की ड्रेसिंग ! इससे तैयार हो जाना .

और गेट बंद करके चला गया ..

मुझे तो बहुत गुस्सा आ रहा था . मैं सोच रही थी कि मुझे जींस में ही क्यों नहीं चोद देता है . एक बार तो चोद चुका है, फिर क्या दिक्कत है .. मुझे पहले तैयार होने को कहता है . मैं तैयार नहीं हुई ..

करीब दस मिनट बाद तरुण वापिस आया और बोला- तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ?..कब होगी? मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है. ऐसा बोलते हुए.वो जबरदस्ती मुझे सूट पहनने लगा ..और कहा- अभी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है ..

फिर मुझे लगा क्यों ना उसके सामने साड़ी पहन कर जाऊँ .जिससे वो खुश हो जाये ! फिर मैंने भाभी की साड़ी ली और उसे पहन कर तैयार होने लगी.

फिर मैं ख़ुशी ख़ुशी तैयार होने लगी .

उसे पहनने में करीब बीस मिनट लग गए, तरुण फिर आया, मैं बोली- अभी टाइम लगेगा.

मैं बोली- जानू, मैं ऐसा तैयार होकर आउंगी. तो तुम देखते ही रह जाओगे !

फिर मैं .लिपस्टिक .काजल ..चूड़ा वो सब जो दुल्हन पहनती है, वो मैंने पहना .. मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

मैंने अपने आप को देखा तो बिलकुल दुल्हन लग रही थी.

फिर जब मैं पूरी तरह तैयार हो गई तो दरवाज़ा खोल कर बाहर आई तो तरुण भी शेरवानी पहन कर तैयार था।

मैं शर्माते हुए बोली- आप बहुत सुन्दर लग रहे हैं.

वो बोला- जान, तुम तो सूट पहन कर आने वाली थी फिर साड़ी .? इसमें तो तुम बिलकुल अप्सरा लगा रही हो. मेरा दिल खुश कर दिया तुमने !

फिर हम लोग एक दूसरे को चूमते हुए बिस्तर पर आ गए.

उसने कहा- जान, घूँघट तो करो ! फिर मैं उसे उठाऊंगा !

मैंने ऐसा ही किया और अपने सर पर घूँघट रख लिया.

वो एकदम से पीछे हटा और फिर मेरे पास आता हुआ बोला- आज हमारी सुहागरात है ! जिसे हम बहुत यादगार बना देंगे .

मैं बोली- पहले आप शुरू तो करो साजन, फिर ही तो इसे यादगार बनायेंगे ..

वो बोला- इतनी भी क्या जल्दी ? अभी तो बहुत समय पड़ा है, आराम से करेंगे .

मैं बोली- जैसे सजन बोले वैसा ही होगा..

फिर वो मेरे करीब आया और मेरा घूँघट उठाने लगा..

उठाते ही बोला- क्या तो सुन्दर अप्सरा लग रही हो !

मैं कुछ नहीं बोली .

फिर उसने मेरे स्तन दबाना शुरू कर दिए. मुझे इस तरह दबाने में बहुत मजे आ रहे थे.

मैंने भी आहें भरना शुरू कर दिया- ओह्ह आह्ह ..

फिर उसने मुझे एक लम्बा किस दिया .. मैंने भी उसका साथ दिया..

थोड़ी देर बाद उसने मेरा ब्लाउज उतारा और मेरी ब्रा में से ही स्तन दबाता रहा ..

फिर उसने मेरी ब्रा को उतारा और मेरे स्तनों को आजाद कर दिया ..

अब मेरे खड़े निप्पल साफ दिखई दे रहे थे .जिसे तरुण ने मुँह में लेकर आनंददायक बना दिया.

उसे मेरे बूब्स बहुत पसंद आये और उसने उन्हें काफी देर तक मसला .जिससे मैं गर्म हो गई .. मैं इतनी गर्म हो चुकी थी कि मेरी चूत का पानी बाहर आने को आतुर हो चुका था . मैंने तरुण से कहा- जान, मेरा पानी आने वाला है !

तो उसने पेटीकोट के अंदर मुँह डाल कर मेरी पैंटी में से ही मेरा पानी चूसना शुरू कर दिया. इससे मुझे काफी अच्छा लग रहा था.

फिर थोड़ी देर बाद वो पेटीकोट से निकला और मेरे साड़ी उतारने लगा .अब मैं सिर्फ पैंटी में थी।

जब वो मेरी पैंटी उतारने वाला था तो मैंने कहा- अब मैं तुम्हें नंगा करुंगी .

फिर मैंने उसकी शेरवानी उतार फेंकी ! उसने अंदर कुछ नहीं पहना था .मैं उसे चूमने लगी.. मैंने उसके सीने पर बहुत देर तक किस किये.

फिर मैंने उसका पायजामा उतार दिया .अब वो अंडरवियर में था, वो बोला- मेरा जिमी मुँह में लोगी ?

मैंने मना कर दिया.

फिर मैंने उसकी अंडरवियर को एक बार में खींच कर निकाल दिया और उसके जिमी के साथ खेलने लगी. जब मैं जिमी के साथ खेल रही थी तो उसने भी मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत से खेलने लगा. मुझे उसकी इस हरकत से काफी मजा आया और मैंने उसे एक किस कर दिया..

अब मुझे चूत चुदवाने की इच्छा हो रही थी, मैंने तरुण को कहा- जान, अब रहा नहीं जाता ! प्लीज अब मेरी चूत में वापिस अपना जिमी डाल दो..

तरुण बोला- जैसी आपकी इच्छा .

फिर उसने मुझे एक लम्बा किस दिया और बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत के पास अपना लंड ले आया और चूत में लंड को घुसाने लगा.

अब वो आराम से घुसा रहा था ..अब मुझे थोड़ा दर्द हुआ जिसे मैंने सहन कर लिया .

फिर मुझे भी मजा आने लगा तो मैंने कहा- जान, अब स्पीड तेज़ कर दो .

तो वो बोला- अभी करता हूँ जान .

फिर मुझे एक किस किया और उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

थोड़ी देर बाद उठा और बोला- अब तुम घोडी बन जाओ !

मैंने मना किया तो बोला- एक बार करके तो देखो .

फिर मैं घोड़ी बनी.

उसने मुझे घोड़ी में चुदाई की जिसमें मुझे बहुत मजा आया .

थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए.

फिर मैंने बोला- यार, अब बाथरूम में चल कर नहाते हैं.

उसे मेरा विचार पसंद आया और वो मेरे लिए एक गाऊन ले आया और खुद अंडरवियर में ही आ गया। फिर हमने बाथरूम का फव्वारा चालू किया और हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए नहाने लगे.

कभी वो मेरे बूब्स दबा देता, कभी मैं उसका जिमी दबा देती.

इस तरह हम लोग मजे करने लगे.

वो बोला- जान, तुमने मांग नहीं भरी ?

मैं बोली- नही !

तो बोला- सिंदूर लाओ ! मैं भर देता हूँ .

मैं बोली- ऐसे ही ठीक है ..

वो बोला- बिना सिंदूर का सुहाग?

फिर उसने मेरा गाऊन उतारा और मेरी चूत में हाथ डाल कर मस्ती करने लगा . मुझे इस से बहुत मजा आ रहा था.

फिर उसने अपनी अंडरवियर उतारी और मेरी चूत में डाल कर मुझे दोनों हाथों से उठा कर चूमते हुए चोदने लगा ..

कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए .

इस तरह हमने कई बार चुदाई की और बहुत मजा आया...

मुझे मेल करें ...
 
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