बीवी ने पांच लोड़ो से बलात्कार करवाया

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हैल्लो दोस्तों, में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ और मैंने भी आज तक आप लोगों की तरह कामुकता डॉट कॉम पर बहुत सारी सेक्सी कहानियों को पढ़कर बड़े मज़े लिए और एक पत्नी की चुदाई के किस्से वो भी पति की मोजुदगी में बहुत गुदगुदाते है, उनको सुनकर लंड खड़ा हो जाता है और ऐसे ही आप सभी की चूत और लंड भी गुदगुदाते ही होंगे। आपकी चूत रिसने लगती होगी और लंड तनकर खड़ा होकर चूत को ढूंढता होगा। दोस्तों में भी आज एक ऐसी ही सच्ची घटना को आप सभी के लिए लिख रहा हूँ। यह घटना आज से करीब बीस साल पहले की है जब मेरी उम्र 30-31 साल के करीब थी और में एक शादीशुदा आदमी हूँ, मेरी पत्नी जिसका नाम सुशीला है। वो उस समय करीब 26-27 साल की थी। दोस्तों मेरी पत्नी सुशीला दिखने में सुंदर गोरी उसका गदराया हुआ बदन था और वो बड़ी ही मस्त सेक्सी औरत है। वो बड़ी अच्छी ख़ासी मस्त माल थी, उसकी लम्बाई पांच फिट और उस समय उसके बदन का आकार 34-32-38 था। दोस्तों में एक मारवाड़ी व्यापारी हूँ और मेरा चाय और दूसरे सामानों के साथ जूतों की एक बहुत बड़ी दुकान है। मेरी लम्बाई 5.5 इंच है मेरा बदन भरा हुआ है। उस समय मेरा वजन 76 किलो और मेरा लंड थोड़े छोटे आकार का है जिसकी लम्बाई 1.5 और खड़ा होने पर मेरा लंड करीब 3.5 या 4 इंच का हो जाता है।

दोस्तों हमारी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी तरह से गुजर रही थी, मतलब कि सुशीला ने कभी भी मुझसे उसके लिए कोई भी शिकायत नहीं की, लेकिन उस एक घटना ने मेरी पूरी जिंदगी को बिल्कुल बदल दिया था और उस घटना के बाद मुझे पता चला कि वो कितने मोटे लंबे को लेकर ही बड़े मज़े अपनी चुदाई के करती है और वो सब मेरे कुछ भी इस तरह की बातें सोचने से बिल्कुल परे था, मुझे नहीं पता था कि उसको मोटे लंड की जरूरत है और तब मुझे पहली बार पता चला जब वो अपनी चुदाई उन लोगों से करवा रही थी और में उसको देखकर बड़ा चकित हो रहा था। मेरे मन में बहुत सारे नये नये सवाल जन्म ले रहे थे और अब में आप सभी को अपनी उस घटना को सुनाना शुरू करता हूँ।

एक रात को हम लोग हर दिन की तरह खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे, मैंने लाइट का स्विच बंद किया तो मुझे बैठक वाले कमरे से एक आवाज़ आई और में जैसे ही उस आवाज की तरफ वहां गया अचानक मुझे पीछे से किसी ने कसकर पकड़ लिया और फिर मुझे धक्का देकर ज़मीन पर गिरा दिया और उसके बाद किसी ने लाइट को जलाया, तो मैंने देखा कि तीन हट्टे कट्टे बंदे मेरे सामने खड़े हुए थे और चोथे बंदे ने मुझे दबोच रखा था। एक बंदे ने मुझे मुहं बंद रखने की धमकी दी वरना वो मुझे जान से मार देंगे यह बात कहने लगे थे और उसी ने अपने साथी से कहा कि इसे उठाकर सोफे पर पटक दो और उसने एक और बंदे से कहा कि तुम भीतर जाकर देखो कि घर में और कौन है? अब मेरा चेहरा चिंता की वजह से एकदम बहुत डरा सहमा हुआ था। तभी वो बंदा एक हाथ से मेरी पत्नी सुशीला को हमारे बेडरूम से खींचता हुआ बाहर ले आया और अपने दूसरे हाथ से उसने सुशीला का मुहं बंद किया हुआ था। दोस्तों उस समय मेरी पत्नी सुशीला ने कुर्ती और पेटिकोट पहन रखा था, उस वजह से उसके बदन के उभार स्पष्ट झलक रहे थे और उसके वो दोनों बूब्स कुर्ती के भीतर झूल रहे थे और उसके वो भारी कूल्हें पेटिकोट से साफ नजर आ रहे थे। फिर मैंने उनसे कहा कि घर में जो कुछ भी है तुम वो सब ले जाओ, लेकिन मेरी पत्नी सुशीला को छोड़ दो, तब उनका एक साथी बोला सरदार इससे मस्त माल हमें इस घर में तो क्या पूरे शहर में भी नहीं मिलेगा, देखो यह तो एकदम सेक्सी मस्त माल है यह हमें आज भरपूर मज़ा देगा, यह शब्द कहकर उसने सुशीला के कूल्हें पर एक ज़ोर का चाबुक जैसा थप्पड़ मार दिया, जिसकी वजह से सुशीला ज़ोर से चीखते हुए बोली आईईईईइ प्लीज तुम मुझे छोड़ दो। फिर सरदार ने तेज ऊँची आवाज में हुआ कहा कि तूने अगर ज्यादा शोर मचाया तो आज तुम दोनों को हम जान से मार देंगे और सरदार ने इतना कहते हुए अपने साथी के चंगुल से सुशीला को आज़ाद किया और अब सुशीला मेरी तरफ बढ़ने ही लगी थी कि तभी सरदार ने उसको वहीं पर रोक दिया और वो अब उसके गोरे सेक्सी बदन को ऊपर से नीचे तक अपनी भूखी नज़र से देखने लगा था।

अब सरदार ने अपने एक साथी की तरफ इशारा करते हुए उससे सुशीला के कपड़े उतारने को कहा, लेकिन सुशीला ने कहा कि में यह सब नहीं होने दूंगी। में अपने कपड़े तुम लोगों के सामने नहीं उतारूंगी चाहे तुम मुझे जान से खत्म कर दो। दोस्तों अब मुझे अपनी पत्नी की बहादुरी पर बहुत नाज़ हुआ और में उसके मुहं से वो शब्द सुनकर मन ही मन बड़ा खुश हुआ, लेकिन सरदार के उस एक झन्नाटेदार थप्पड़ की वजह से सुशीला की आखों में तारे नज़र आने लगे थे और वो एकदम चकराकर नीचे गिर पड़ी। अब सरदार ने उसको ज़मीन से बाल पकड़कर खींचा और अपने साथियो को उसके कपड़े उतारने के लिए कहा। उनमे से कहा एक आदमी ने एक झटके में ही सुशीला की उस कुर्ती को पकड़कर उसके सर की तरफ खींचा और उसको ऊपर करके उतारकर बाहर कर दिया था, जिसकी वजह से अब सुशीला सिर्फ़ ब्रा पेटिकोट में थी। अब एक आदमी ने उसके पेटिकोट का नाड़ा भी खींचा और उस पेटिकोट को भी नीचे कर दिया था, मेरी पत्नी अधिकतर समय पेटीकोट के भीतर पेंटी नहीं पहनती थी, इसलिए अब वो पेटीकोट के उतरते ही उन लोगों के सामने सिर्फ़ ब्रा में थी और लाइट के उजाले में उसकी गोरी भरी हुई जांघे मस्त चमक रही थी और उसकी छाती को देखकर ऐसा लगता था कि अभी ब्रा को फाड़कर उसके बूब्स तुरंत बाहर आ जाएगें। अब सरदार ने आगे बढ़कर उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिसकी वजह से सुशीला एकदम बिना कपड़ो के नंगी होकर हम पांच मर्दो के बीच में अकेली खड़ी हुई थी और फिर सरदार ने उसके पूरे गोरे सेक्सी बदन को कुछ देर अपनी आखों में भरते हुए मुझसे कहा कि ओ ढीले मारवाड़ी तेरे जैसे लंगूर के हाथ में ऐसा मस्त गदराया हुआ माल कहाँ से आ गया? दोस्तों में उसको क्या जवाब देता? इसलिए में चुपचाप बैठा रहा। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब सरदार ने मुझसे खड़े होने को कहा और मेरा पजामा खोलकर अपना लंड उसको दिखाने के लिए कहा, जिससे में हमेशा सुशीला की चुदाई किया करता था। फिर में उस काम को करने के लिए थोड़ा सा हिचकिचाया, लेकिन सरदार को मेरी तरफ बढ़ते हुए मुझे घूरकर देखकर कहा उतारता है कि नहीं या में ही कुछ करूं? में उसके मुहं से वो बात सुनकर बहुत सहम गया था इसलिए मैंने झट से अपने पजामे का नाड़ा ढीला कर दिया और इसलिए मेरा पजामा नीचे आकर गिर पड़ा। मैंने अपने दोनों पैर पजामे से बाहर निकाल दिए। अब में बनियान अंडरवियर में उनके सामने खड़ा हुआ था और अब उन्होंने मुझसे मेरी बनियान अंडरवियर भी उतारने के लिए कहा जिसको मैंने झट से नीचे उतार दिया और अब में एकदम नंगा उनके सामने खड़ा हुआ था। डर और शरम की वजह से मेरा लंड जो ढीले रहने पर 1.5 इंच रहता था वो सिकुड़कर केवल 1 इंच का रह गया था, मतलब कि वो मेरी बढ़ी हुई झांटो में बड़ी मुश्किल से नज़र आ रहा था और फिर तभी सरदार ने मेरे लंड को देखकर ज़ोर से ठहाका लगा दिया और वो कहने लगा कि इस अंगूठे से भी छोटे लंड से में अपनी पत्नी को अभी तक चोद रहा था और उसके साथ साथ उसके वो सभी साथी भी ज़ोर ज़ोर से ठहाके लगाकर हंसने लगे थे और में शरम की वजह से ज़मीन में गड़ा जा रहा था। अब उसने अपनी पेंट की चेन को खोलते हुए मुझसे कहा कि देख साले भड़वे लंड इसको कहते है और उसने यह कहकर अपना लंड बाहर निकाल दिया जो किसी सर्प जैसा लंबा मोटा था और मुझे उसके लंड का आकार देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ, क्योंकि उस शिथिल अवस्था में भी उसके लंड की लंबाई 5 थी और उसकी मोटाई 2.5 थी उसने कहा कि लगता है तुम्हारी बीवी की अभी तक ढंग से चुदाई नहीं हुई है और वो लोग आज यही काम करने वाले है। अब मैंने अपनी पत्नी पर नज़र डाली तो पाया कि वो अपनी चकित फटी हुई आँखो से सरदार का लंड देख रही थी। सरदार ने आगे बढ़कर मुझे अपने घुटनों पर बैठते हुए अपना लंड मेरे मुहं के पास लाकर उसको मुहं में लेकर चूसने को कहा।

दोस्तों में मरता क्या ना करता, अगर वो आज मेरी गांड भी मारता तो मुझे उससे वो मरवानी पड़ती। अब मैंने उसके लंड को अपने मुहं में भरकर चूसना शुरू किया और कुछ ही देर में उसका लंड कड़क हो गया और उसका आकार बढ़कर करीब 7 इंच हो गया और मोटाई भी उसी तरह बढ़ गयी और उसका वो लंड मेरे मुहं में पूरा समा ही नहीं रहा था। फिर कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं से एक झटके में छुड़ा लिया और वो अब सुशीला के पास जाकर उसके बूब्स को दबाने लगा था। एक हाथ से उसने उसका बूब्स पकड़कर अपने मुहं में भर लिया और वो चूसने दबाने लगा था और वो अपने एक हाथ को सुशीला की चूत पर ले गया और उसने मेरी पत्नी की चूत में अपनी ऊँगली को डाल दिया, जिसकी वजह से उसकी ऊँगली गीली हो गई और अब उसने अपनी ऊँगली को चूत से बाहर निकालकर मुझे दिखाकर कहा कि यह देखो यह खुद ही मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए बड़ी उतावली हो रही है, इसलिए आज हम इसका बलत्कार नहीं कर रहे है, बल्कि यह खुद ही अपनी चुदाई हमसे करवा रही है। अब मैंने अपनी पत्नी की तरफ अपनी शिकायती नजरों से देखा, लेकिन उसने नजरे मिलते ही तुरंत अपनी आखों को बंद कर लिया। अब सरदार ने मेरी पत्नी की चूत के दाने को मसलना शुरू किया और उस वजह से सुशीला के मुहं से मस्त सिसकियाँ निकलने लगी थी और फिर सरदार ने उसको उल्टी तरफ घुमाकर उसको अपने घुटनों के बल कर दिया, क्योंकि वो मेरी पत्नी को डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता था। अब उसने अपने तने हुए लंड को मेरी पत्नी की चूत के दरवाजे पर रखकर अपने लंड के टोपे से उसके दाने को रगड़ना सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से जोश में आकर अब सुशीला के मुहं से वो एक जोरदार आवाज निकल रही वो ज़ोर ज़ोर से उफ्फ्फ्फ़ स्सीईईईईई कर रही थी। अब उसने अपने मूसल जैसे मोटे लंड को हल्का सा धक्का देकर अंदर कर दिया, जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा भीतर चला गया और उस दर्द की वजह से सुशीला के मुहं से ज़ोर से एक मतवाली आह निकल गई और उसने अपने कूल्हों को आगे पीछे करना शुरू कर दिया और सरदार का लंड धीरे धीरे करके अब एकदम भीतर चला गया। अब मेरी पत्नी उसके साथ मज़े लेने लगी थी और मुझे अपनी बीवी के उस मज़े पर बहुत गुस्सा आ रहा था, क्योंकि वो भी अब उसका अपनी चुदाई में पूरा पूरा साथ देने लगी थी और बड़े मज़े से अपनी गांड को उठा उठाकर मस्त हो रही थी। मुझे उसके चेहरे को देखकर सब कुछ पता चल रहा था। अब सुशीला के मुहं से करहाने आवाज निकली, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैंने देखा कि वो अब खुद अपने दोनों कूल्हों को आगे पीछे करने लगी और अब सरदार ने कहा कि देखो में इसको नहीं यह खुद ही मेरे लंड से अपनी चूत को चोदकर इसको ठंडा कर रही है।

अब दूसरे बंदे भी मेरी पत्नी का जोश देखकर ज्यादा चुप नहीं बैठे और वो भी अब मैदान में कूदने को तैयार थे इसलिए अब एक बंदे ने अपने सरदार से भी बड़े लंड को मेरी बीवी के मुहं के पास ले जाकर उसके मुहं में लेकर उससे वो लंड चूसने के लिए कहा और अब मेरी पत्नी उसके लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी थी और अब सरदार भी अपनी तरफ से उसकी चूत में अपने लंड से फकाफक धक्के लगाए जा रहा था उसके आंड सीधे मेरी पत्नी के कुल्हें पर जाकर किसी ढोलक की तरह मस्त आवाज के साथ थाप लगा रहे और मेरी बीवी के मुहं से जोरदार चीख निकल रही थी जैसे उसके मुहं से सीटियाँ बज रही हो। अब सरदार अपना लंड पूरा बाहर निकालकर ज़ोर से धकेलता जा रहा था जिसकी वजह से मेरी बीवी के मुहं से हल्की सी चीख निकली जा रही थी क्योंकि उसके एक साथी बंदे का लंड मेरी पत्नी के मुहं में पूरा भरा हुआ था। अब सरदार ने अपने हाथ को आगे हाथ बढ़ाकर मेरी बीवी के बूब्स पकड़ को लिए और वो ज़ोर ज़ोर से उनको एक एक करके मसलने लगा था और अब सरदार के धक्को की स्पीड बहुत तेज हो गई और उसने कुछ देर धक्के देने के बाद मेरी पत्नी की चूत में ज़ोर से अपने लंड की पिचकारी को छोड़ दिया था, जिसकी वजह से मेरी पत्नी की दोनों आखें मस्ती से बंद हो गई थी। अब सरदार ने मुझे अपने पास बुलाकर मुझसे उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटकर साफ करने को कहा और में वैसा ही करने लगा था। मैंने चूत को चाटकर चमका दिया था और अब तीसरा बंदा जिसका लंड सर आसमान की तरफ उठाए खड़ा हुआ था, वो आगे आया और सरदार ने मेरे हाथ में उसका लंड पकड़ा दिया और मुझे वो लंड मेरी पत्नी की चूत में डालने के लिए कहा, उसका लंड इतना मोटा था कि वो मेरी पकड़ में भी बड़ी मुश्किल से आ रहा था। फिर मैंने उसके लंड को अपनी पत्नी की चूत के दरवाजे पर रख दिया और उसने मुझे ताना मारते हुए धन्यवाद दिया तो वो बोला देख तेरी पत्नी कितनी चुदाई के लिए प्यासी है, तूने अब तक इसकी दमदार चुदाई नहीं की, ध्यान से देख यह चूत कैसे मेरे लंड लेने के लिए फड़क रही है और फिर उसने इतना कहते हुए एक ज़ोर का धक्का लगा दिया जिसकी वजह से उसका लंड पूरा का पूरा मेरी पत्नी की गीली चूत की जड़ में समा गया और अब मेरी पत्नी ज़ोर ज़ोर से आनंद से सिसकियाँ भर रही थी और अब जो बंदा जिसका लंड मेरी पत्नी चूस रही थी उसके मुहं से अचानक उफ्फ्फ की आवाज निकली और उसने अपना गाढ़ा गाढ़ा सफेद रंग का वीर्य मेरी पत्नी के मुहं में निकाल दिया था जिसको मेरी पत्नी बड़े मज़े ले लेकर पीने लगी थी। फिर भी कुछ वीर्य उसके मुहं से बाहर आकर उसके गालों पर आकर बहने लगा था और उसके दूर हटते ही चोथा बंदा जिसका लंड सबसे बड़ा था अब वो सामने आ गया और उसने तीसरे बंदी की जगह ले ली थी और उसने मेरी पत्नी के मुहं में अपना लंड डाल दिया था, वो अब उसके लंड को भी चूसने लगी थी।

अब जो बंदा मेरी पत्नी की चूत में अपने लंड को डालकर उसकी चुदाई कर रहा था वो अब जोश में आकर अपनी पूरी ताक़त से धक्के लगा रहा था और मेरी पत्नी के गोल गोल कूल्हों को उसने अपनी मुठ्ठी में भर लिया था और वो अपनी तरफ से बहुत दम लगाकर बड़े ज़ोर से धक्के लगा रहा था। कुछ देर के बाद वो भी झड़ गया और उसने अपना वीर्य भी मेरी पत्नी की चूत में निकाल दिया था, जिसकी वजह से अब मेरी पत्नी की चूत पूरी तरह से वीर्य से भरकर वीर्य की झील हो गयी थी और उसके ठंडे होते ही वो अब अलग हो गया और चोथे बंदे ने मेरी पत्नी के मुहं को आज़ाद करके उसको बिस्तर पर पीठ के बल लेटाकर उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और ठीक पोज़िशन में उसने मुझे उसके लंड को चूत का रास्ता दिखने के लिए कहा तो मैंने झुककर उसके लंड का टोपा अपनी पत्नी की चूत के दरवाजे पर रख दिया और फिर उसने एक ज़ोर का धक्का मार दिया जिसकी वजह से उसका आधा से ज़्यादा लंड एक ही झटके में मेरी पत्नी की चूत के भीतर चला गया और उधर मेरी पत्नी ने अपने दोनों हाथों को उसकी पीठ पर ले जाकर अपनी तरफ से नीचे ज़ोर से धक्का लगा दिया जिसकी वजह से उस बंदे का बचा हुआ लंड भी एकदम जड़ तक समा गया। अब मेरी पत्नी के मुहं से उस तेज धक्के की वजह से ऊउईईईईईई की बड़ी हल्की आवाज निकली, लेकिन उसके बाद वो अपने दोनों होंठो को अपने मुहं के अंदर लेकर चुपचाप पड़ी रही और फिर उस बंदे ने अपने दोनों हाथ मेरी पत्नी के कूल्हों के नीचे ले जाकर उनका तकिया बना दिया और अब उसने ज़ोर ज़ोर से लगातार धक्के देकर उसकी चूत का बाजा बजाना शुरू कर दिया था, वो बड़ी तेज गति से अपने लंड को चूत के अंदर बाहर कर रहा था। दोस्तों मैंने देखा कि मेरी पत्नी तो अब चुदाई के उस आनंद की वजह से बिल्कुल पागल हो गई थी और वो अपने मुहं से बड़ी ही जोश भरी अजीब सी उफ्फ्फ्फ़ आईईईई स्स्स्सीईईईई माँ मर गई आवाज़े निकाल रही थी। दोस्तों इस बंदे ने चुदाई के लिए पूरे बीस मिनट का समय लिया था और वो भी आख़िर आह्ह्ह्ह ऊफफ्फ्फ्फ़ करके उसके ऊपर ही ढेर हो गया और उसने अपने ढेर सारे गाड़े वीर्य के पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और मेरी पत्नी इस दौरान कई बार अपनी चूत का पानी निकाल चुकी थी। दोस्तों मुझे उनकी चुदाई खत्म हो जाने के बाद उन सभी के लंड और मेरी पत्नी की चूत को अपनी जीभ से चाटकर साफ करना पड़ा और थोड़ी ही देर के बाद वो सभी हम दोनों को उसी हालत में पूरा नंगा छोड़कर अब वहां से चले गये और वो अपने साथ में कुछ भी सामान नहीं ले गये, क्योंकि उनको मेरी पत्नी की चूत को चोदने का मौका जो मिल गया था और इसलिए उन लोगो ने मेरी पत्नी और मेरे साथ उनको जो कुछ भी करना था वो अपनी मर्जी से सभी काम करके चले गए। वो मेरी पत्नी का बलात्कार नहीं हुआ था वो मेरी इज़्ज़त का फालूदा निकालकर चले गए थे ।।
 
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