भाभी की चोली के चक्कर में बहन की चोली खुली

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भाभी के चोली के चक्कर में मौसेरी बहन की चोली दिखी

भाभी की चोली का हुक खोलने के लिए मैं सदियों से बेताब था कि, एक रोज मेरी तकदीर कुछ ऐसे खुली की मौसेरी बहन की चूंचियां नंगी दिख गयीं। वो गर्मी की छुट्टीयों में मेरे घर आयी हुई थी और मैं भाभी की चुदाई के चक्कर में पड़ा हुआ था। अचानक से ही मेरी नजर गेस्ट रुम में सोयी मेरी मौसेरी बहन पूजा के उपर पड़ गयीं। पूजा नाईटी पहन के सोई थी, उसने अंदर चोली पहनी थी, पर नाईटी का गला बड़ा होने के चलते वो सरक के चोली का दीदार करा रही थी। काली चोली में सफेद चूंचियां, मैं भाभी की चूंचियों को भूल गया। मैने ध्यान से देखा तो मेरा मन जाके उन्हें छू लेने को करने लगा।

मैंने चूत दबाके चोदने की अपनी इच्छा को अपने अंदर जगते देखा और फिर मैं पूजा के पास चला गया। उसकी नाईटी घुटनों तक चढी हुई थी और उसने पैर मोड़ कर उठाए हुए थे, जिससे कि नीचे से मैं उसकी चड्ढी झांक सकता था। मैने उसकी नाईटी के नीचे झांका तो सफेद पैंटी उसकी बुर से चिपकी हुई थी। दोनों फांकें चूत की पैंटी के उपर से चिपके होने के चलते आकार में आके एकदम मस्त नजर आ रहीं थीं।

मैने उसकी चूत के आकार का अंदाजा लगाया, और सोचा, वो एक बित्ते की थी, एक बित्त्ते की चूत और गहराई लगभग दस इंच रही होगी। वो खाए पिए परिवार की लौंडिया होगी और उसकी गांड मोटी थी। मैं समझ गया था कि आज मुझे चूत मिलने वाली है। बस मैने अपने मन से नैतिकता के डर को किनारे रखा और दरवाजे की किल्ली लगा दी। अपने सारे कपड़े उतार कर लंड को ठेहुका कर मतलब कि खड़ा करके उसके बगल में लेट गया।

अंजाने में चोली खोली

पूजा ने करवट बदली तो उसका एक हाथ सीधा मेरे लंड पर चला गया। किस्मत मुझपे मेहरबान थी और मैने अपनी आंखें बंद करके मजा लेना शुरु कर दिया। उसने लंड को पकड़ के ऐसे थाम रखा था जैसे कि उसने कोई गियर थाम रखा हो। थोड़ी देर में उसने करवट बदल के दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया। अब वो मेरे करीब आ गयी थी। उसे अहसास नहीं था कि क्या कर रही है वो अब मेरे लौड़े को मसल रही थी। मैं चुप चाप था मैं उसके चोली को घूर रहा था जिसमें उसके गोरे गोरे कबूतर बंद थे और बाहर निकलने को छटपटा रहे थे।

मैने उसके चूंचों को पकड़ने के लिए अपने हाथ बढाने चाहे पर रुक गया, अगर उसे अच्छा न लगा तो। वो मुझे बहुत ईज्जत से भैया कहती थी। मैं जब्त करके रखा अपनी भावनाओं को और तभी उसने अपनी आंख खोल दी। मैने अपनी आंखें बंद कर रखीं थी, जैसे कि मैं कुछ जानता ही न था। वो उठ कर बैठ गयी और अवाक रह गयी। मुझे नंगा देख और दोनों हाथों से खड़े लंड को पकड़े देख वो दंग थी। पर वो भागी नहीं। उसने मेरे लंड को पकड़ के चूसना शुरु कर दिया। आह्ह मैं चुप चाप लंड में होने वाली सनसनी को सहता रहा।

मेरा लंड बढ के आठ इंच का हो चुका था, सुपाड़ा फूल कर मोटा। पूजा ने उसे किस करना शूरु कर दिया था और गले में अंदर तक ठेल लिया था। अब मैने अपनी आंखें खोल लीं। वो शरमा गयी और उसने लन्ड छोड़ दिया। मैं बैठ गया और उसे उठा कर अपने गोद में बिठा लिया, उसके चोली को पकड़ के खोलने लगा और उसे किस करने लगा। वो पागल होने लगी थी, उसने मेरे जीभ को अपने दांतों से लगभग चबाते हुए किस करना शुरु कर दिया था।

मैने अपने हाथों से उसका मेक्सी उठाया और सफेद चड्ढी फाड़ कर रंगीन कंवारी चूत को आजाद कर दिया। अब मैने उसे पलंग पर लिटा दिया। नाईटी खोल दी। चोली में से एक चूंची निकाल कर मसलने लगा। दोनों हाथों से दबाते हुए मैने उसे किस करना जारी रखा। दोनों हाथों से चूंची दबाने से वो कहने लगी, आह्ह भैया धीरे धीरे दबाओ, उफ्फ मुझे कुछ हो रहा है। मैने पूछा कहां और क्या हो रहा है? तो बोली नीचे कुछ हो रहा है। मैने कहा कहां तो वो शरमा गयी। मैने पूछा चूत में कुछ हो रहा है क्या बेबी वो बोली छि: आप कितना गंदा बोलते हो। मैने उंगली से चूत को सहलाते हुए पूछा इसमें कुछ् हो रहा है क्या? तो वो बोली हां अच्छा लग रहा है।

चोली खोल रसपान और स्तनपान किया

अब मैने उसकी चोली से दूसरी चूंचि निकाल कर पीना शुरु कर दिया था। जैसे ही अपनी मुह में पूरे चूंचे को अंदर करते हुए दांतों से दबाता तो वो आह्ह! आह्ह! कर उठती। मजे से मैने उसके स्तनपान के बाद उसकी टांगे फैला कर उसकी चूत को चूसना शुरु कर दिया। किसी आईसक्रीम की तरह मैने च्च्च्चपड़ सपड़ करके उसका रस लेना शुरु किया और वो मजे से सिस्कारियां लेती रही। उसकी चोली मैंने किनारे रख दी थी।

चूत का रसपान करने के बाद मैने पूजा की गांड तले तकिया रख दिया। उसकी चूत अब उपर की तरफ उभर आयी। स्पष्ट खुली और चुदवाने की दावत देती चूत को चोदने का निमंत्रण पाकर मैं एकदम मस्त हो चुका था। मैने चूत मारने के लिए उसके चूत में थूक दिया। और अपने लंड पर थूक का अच्छे से मसाज किया। थूक बेस्ट लुब्रिकेंट होती है। धीरे से उसकी चूत की गुलाबी फांके खोल कर छोटे छेद पर सुपाड़े को रख कर मैने अपने होटों से उसके होंट भींच लिये और धक्का लगाना शुरु किया।

वो मुझे अपने से दूर ठेलने लगी। मैने जरा सी जबरद्स्ती से काम लेते हुए एक ही झटके में लंड को अंदर ठोक दिया। वो चिहुंक गयी और जोर से मुझे पकड़ लिया। वो रो रही थी, आंखों में पहली चुदाई का दर्द और सील टूटने से बहता खून दोनों ही उसके लिए पहले अनुभव थे। अब मैने अपनी स्पीड बढाई और वो ताल और लय से चुदाई में मेरा साथ दे रही थी। जम कर अपनी मौसेरी बहन पूजा की चूत का भोग करने के बाद मैने उसे अपनी प्रेमिका का दर्जा दे दिया। उसकी वो काली चोली आज भी मेरे पास सौगात के रुप में रखी हुई है जिसे वो देकर गयी थी। आज भी उसकी शादी हो गयी पर उसकी वो चोली मुझे याद दिलाती है ह्मारे रिश्ते की।
 
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